राहुल और अंकिता बहुत ही खुशहाल दंपति थे। दोनों ही मल्टी नैशनल कंपनी में काम करते थे। अंकिता अपने ऑफिस के काम को लेकर बहुत ही मेहनती थी l उसकी काबलियत को देखते हुए कंपनी ने उसे दो साल के अंदर ही एक बड़ा घर गाड़ी और प्रमोशन भी दे दिया । इस बीच उसका काम भी बहुत बढ़ गया l जिस वज़ह से वह घर पर कम ध्यान महीने में एक बार विदेश दौरा जिसका पूरा खर्च कंपनी ही उठाती थी l वह अपने कैरियर में खूब तरक्की कर रही थी l पर निजी जिंदगी में पिछड़ रही थी यह सोचकर की आगे बहुत मौके मिल जायेंगे माँ बनना तो उसके हाथ में हैं l उसे लगता था माँ बनना उसकी तरक्की की राह में बहुत बड़ा रोड़ा है l उसने खुद की महत्वकांक्षा को पूरा करने के लिए राहुल के पिता बनने के सपने को न जाने कितनी बार कुचल दिया l जिसकी वज़ह से पति पत्नी मे भी कई बार इस बात को लेकर बहस हो जाती l जिस वज़ह से अब राहुल ने भी इस विषय में उससे बात करना छोड दिया था l

Full Novel

1

Bunch of Stories - नया मौका - 1

राहुल और अंकिता बहुत ही खुशहाल दंपति थे। दोनों ही मल्टी नैशनल कंपनी में काम करते थे। अंकिता अपने के काम को लेकर बहुत ही मेहनती थी l उसकी काबलियत को देखते हुए कंपनी ने उसे दो साल के अंदर ही एक बड़ा घर गाड़ी और प्रमोशन भी दे दिया । इस बीच उसका काम भी बहुत बढ़ गया l जिस वज़ह से वह घर पर कम ध्यान महीने में एक बार विदेश दौरा जिसका पूरा खर्च कंपनी ही उठाती थी l वह अपने कैरियर में खूब तरक्की कर रही थी l पर निजी जिंदगी में पिछड़ रही थी ...Read More

2

Bunch of Stories - 2

नैना अपने माता-पिता की बहुत ही लाडली बेटी हैं। आज के युवाओं की तरह उसे भी सोशल मीडिया मे इंट्रेस्ट है l दिन भर मोबाइल में लगी रहती l ऐसे ही किसी दिन सोशल मीडिया पर उसकी मुलाकात आदर्श नाम के लड़के से हो जाती है और वह ऑनलाइन प्रेम के चक्कर में पड़ जाती हैं । चैटिंग करते-करते उसे आदर्श नाम के लड़के से प्रेम हो जाता है अब वह दिन रात उसी से चैटिंग करती रहती । एक दिन इस बात की भनक उसके माता-पिता को लग गई । उन्होंने उसे समझाया कि " ऑनलाइन प्रेम में ...Read More

3

Bunch of Stories - 3 - भागता हुआ जीवन

संदीप अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था। बचपन से ही काफी लाड प्यार में पला था। उसके माता-पिता उसकी इच्छा पूरी करते थे। बचपन से ही थोड़ा शरारती था। और उसे रफ़्तार से तो बड़ा ही प्रेम था ,चाहे वह जिंदगी की हो या गाड़ी चलाने की । वह हर काम जल्दी बाजी में करता था। जब वह 8 साल का हुआ उसने अपने पिता से बर्थ डे गिफ्ट में साइकिल की डिमांड कर दी। माता-पिता ने भी उसकी ख्वाहिश पूरी कर दी। वह जब भी साइकिल चलाता खूब तेज चलाता जिस चक्कर में खुद भी गिरता और अपने ...Read More

4

Bunch of Stories - 4 - क्रोध का ज्वालामुखी

आजकल बच्चों में ऑनलाइन गेम खेलने का पागलपन बहुत ही ज्यादा सवार हैं । ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर मे पैसे की शर्त भी लगाते हैं कई बार जीत भी जाते हैं तो कई बार शर्त में पैसे हार भी जाते हैं । ऑनलाइन गेम्स में कई बार ऐसे कार्य दिए जाते हैं जिसे बच्चे करने पर मजबूर हो जाते हैं वे यह नहीं समझ पाते हैं कि गेम्स के माध्यम से उनके दिमाग से खेला जा रहा है।ऑनलाइन गेम्स की वज़ह से बच्चे तनाव, जिद्दीपन ,आक्रमक, गुस्सैल व्यवहार के शिकार हो जाते हैं। वे अपने में ही खोए रहते ...Read More

5

Bunch of Stories - 5 - घर की याद

मृदुल और आध्या दो भाई बहन थे। मृदुल की उम्र 10 साल और आध्या की 6 साल थी । बचपन से ही बहुत शरारती था इसलिए वो अक्सर ही डांट खाता था । जैसे-जैसे वह बड़ा होता गया उसकी शरारतें बढ़ती गई । वह रोज कुछ ना कुछ ऐसा करता जिसकी वजह से उसके माता-पिता उसे डांटते। अब तो हालात ऐसे हो गए थे कि उसकी शिकायतें आस- पड़ोस , और विद्यालय से भी आने लगी थी। उसके माता-पिता उसे बहुत समझाते पर वह उनकी बात बिल्कुल भी नहीं सुनता। न ही अपनी पढ़ाई पर ध्यान देता जिस कारण ...Read More

6

Bunch of Stories - 6 - अंधेरे में साये का डर

सर्दियों की रात थी। तृष्णा अपने कोचिंग से लौट रही थी। उस वक़्त सिर्फ 8 ही बजे थे । ऑटो स्टैंड पर उतरकर अपने घर की ओर पैदल चल दी। उसके घर की ओर जाने वाले रास्ते पर इस समय एक दो लोग ही दिख रहे थे। कड़ाके की ठंड की वज़ह से सब लोग अपने घरों में सिमट गए थे। रास्ता थोड़ा सुनसान सा था। तृष्णा को चलते चलते आभास हुआ,जैसे अंधेरे में कोई साया उसका पीछा कर रहा हो। जब उसने पीछे मुड़ कर देखा तो कोई नहीं था। फिर वो आगे बढ़ गयी।लेकिन थोड़ी देर बाद ...Read More

7

Bunch of Stories - 7 - जिम्मेदार

शर्मिला की दो बेटियां थी। वह अपनी दोनों बेटियों से बहुत प्यार करती थी। बेटियों की अच्छी परवरिश के गांव से आकर शहर में बस गयी। उसके पति अधिकतर नौकरी के चलते घर से बाहर रहते थे। शर्मीला की दोनों बेटियाँ पढ़ाई ,खेल कूद में अव्वल थी। वह उन्हें खुद ही पढ़ाती थी। उनके पिता को भी उन पर बहुत गर्व था। वह भी अपनी पत्नी की प्रशंसा करते नहीं थकते थे। लेकिन एक घटना ने शर्मीला की जिंदगी पर हजारों सवाल खड़े कर दिए। शर्मीला की छोटी बेटी 10 साल की थी। उसके पति उस समय दूसरे शहर ...Read More

8

Bunch of Stories - 8 - महिला सशक्तिकरण (उपहास)

नंदिनी और राघव की शादी को 5 साल हो गए थे। बहुत मन्नत और कोशिशों के बाद उनके घर की किलकारी गुंजी। 5 साल के लंबे इंतजार के बाद उनकी बेटी मन्नत का जन्म हुआ। मन्नत बहुत ही सुन्दर, नटखट थी। जैसे जैसे बड़ी होती गयी उसकी सुंदरता में निखार आता गया। पढ़ाई में, पेंटिंग, खेलकूद में भी बहुत तेज थी। वह माता-पिता की बहुत लाडली थी। जब वह 13 साल की हुई की हुई। तभी से उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा। कभी उसके वक्ष को छूना ,कभी उसके अंगों को सहलाना । पहले तो उसे ...Read More

9

Bunch of Stories - 9 - दोस्ताना

️तू हिंदू ,मैं मुसलमान ️️हम दोनों का दोस्ताना हर धर्म से हैं महान ️️️️अल्फाज और संस्कार की मुलाकात आठवीं में हुई थी l तभी से वे दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे l उन दोनों का उठना बैठना, खेलना, घूमना सब साथ में ही होता था l उनकी दोस्ती से उनके परिवार को भी कोई ऐतराज नहीं था lअल्फाज के कुछ मुस्लिम दोस्त उसे संस्कार के खिलाफ भड़काते थे लेकिन अल्फाज को उनकी किसी बात से कोई फर्क़ नहीं पड़ता था बल्कि वह उल्टा उनको धमका देता " खबरदार! अगर तुमने मेरे दोस्त को कुछ बोला, या कोई ...Read More

10

Bunch of Stories - 10 - जिंदगी के चौराहे पर ....(फैसला)

जिन्दगी के चौराहे पर खड़े ओंकारनाथ और उनकी धर्मपत्नी पुरानी बीती बातों को याद करते हुए सोचते हैं कैसे साल बीत गए l इसी घर के आँगन में पढ़ते खेलते दोनों बच्चे बड़े हो गए दोनों अपने काम धंधे में लग गए l भला चंगे परिवार की बेटियाँ देखकर दोनों बेटों की शादी कर दी l आज पूरे घर मे पोते पोतीयो की हँसने खेलने और धमा चौकड़ी की आवाज सुनाई देती हैं l पर उनका जीवन तो जैसे एक कमरे में सिमट कर रह गया था l उनके बेटे माधव और अर्जुन जो उनकी एक आवाज पर,जी पिताजी, ...Read More

11

Bunch of Stories - 11 - ये कौन प्यार हैं ?

पार्क में बैठे दो लव बर्ड्स आपस में बातें कर रहे थे तभी अचानक न जाने दोनों के बीच क्या हुआ जो लड़के ने लड़की को खींचकर थप्पड जड दिया lउसके थप्पड की गुंज दूर तक सुनाई दी जिससे पार्क में बैठे लोगों का ध्यान उन दोनों की तरफ चला गया ,पर इस पर भी वो लड़का रुका नहीं ,उसे थप्पड पर थप्पड मारे जा रहा है और लोग दूर से खड़े तमाशा देख रहे l लड़की अब भी उससे कह रही हैं, "सॉरी बाबु , सॉरी सोना प्लीज़ मान जाओ न अब कभी भी तुमसे बिना कुछ पूछे ...Read More