रिश्ते… दिल से दिल के

(30)
  • 119.9k
  • 6
  • 56.5k

विनीत जी खिड़की से बाहर गिरती हुई बर्फ को देख रहे थे। शिमला का वो नज़ारा बेहद दिलकश था उसे देखकर उनके चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान आ गई और वो बोले, "वादा किया था मैंने तुम्हें कि एक दिन तुम्हें यहां ज़रूर लेकर आऊंगा, पूरे शिमला का टूर करवाऊंगा। मैं तो यहां आ गया लेकिन तुम्हें साथ नहीं ला पाया, हमारा वो सपना सपना ही रह गया।" इसके साथ ही उनके ज़हन में कुछ आवाज़ें आईं… "विनीत जी! मुझे भी शिमला जाना है। आप मुझे ले चलिए न वहां प्लीज़।" "हां हां, ले चलूंगा पर पहले हमारे इस प्यारे से बेबी को इस दुनिया में तो आ जाने दो। फिर चलेंगे हम तीनों मिलकर शिमला घूमने।" "पक्का ना?" "हां, बाबा! पक्का" पूरे कमरे में एक खिलखिलाहट गूंज उठी।

1

रिश्ते… दिल से दिल के - 1

रिश्तों की डोर होती बड़ी प्यारी है इन्हीं पर तो टिकी दुनिया सारी है बस इतनी सी प्रार्थना है रब से दुआ है रिश्तों की कली मुरझाए ना खिल के टूटे कभी ना, रिश्ते… दिल से दिल के ...Read More

2

रिश्ते… दिल से दिल के - 2

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 2 [गरिमा जी की अक्कू के लिए चिंता] "मां…! मां…! कहां हैं आप? नीचे आइए।", सिल्वर कलर की महंगी और सुंदर सी साड़ी पहने चहरे पर एक गुरूर के साथ होठों पर रेड कलर की डार्क लिपस्टिक लगाए और खुले बालों के साथ एक रौबदार आवाज़ में 42 वर्षीय गरिमा जी ने आवाज़ लगाई। उनके चहरे पर एक रौब तो हमेशा ही रहता था पर आज गुस्सा भी था। उनकी आवाज़ सुनकर दामिनी जी(उम्र लगभग 60 साल) तेज़ी से नीचे आईं और बोलीं, "क्या हुआ, बेटा? तुम ऐसे ज़ोर–ज़ोर से मुझे आवाज़ क्यों ...Read More

3

रिश्ते… दिल से दिल के - 3

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 3 [प्रदिति को आया कॉल] प्रदिति और विनीत जी कुर्सियों पर बैठे हुए दुःख को बांट रहे थे तभी पीछे से एक 41–42 वर्षीय महिला वहां आईं और प्रदिति को आवाज़ लगाई तो प्रदिति और विनीत जी ने उनकी तरफ देखा और हल्का सा मुकुराए। वो उन दोनों के पास आईं और उनकी आंखों में आंसू देखकर बोलीं, "क्या हुआ? आप दोनों की आंखों में ये आंसू?" विनीत जी खड़े हुए और अपनी आंखों की नमी साफ करके बोले, "कुछ नहीं, बस ऐसे ही। दोनों बाप–बेटी कुछ पुरानी बातों में खो गए थे।" ...Read More

4

रिश्ते… दिल से दिल के - 4

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 4 [गरिमा जी छीनेंगी अपना हक] "दादी!", आकृति दामिनी जी को आवाज़ लगाते घर के अंदर आई। दामिनी जी सोफे पर हाथ बांधे बैठी हुई उसी को घूर रही थीं। आकृति उनके पास आई और गले लग गई, "दादी! देखो, मैं आ गई।" "तुम किसी की कोई बात सुनती क्यों नहीं हो?", दामिनी जी ने उसे घूरते हुए ही कहा तो वो बोली, "मैंने किसकी बात नहीं सुनी?" "तुम ये बताओ कि तुम सुनती कब हो? गरिमा ने तुम्हें कितनी बार कहा है कि उस लड़के से दूर रहा करो फिर भी तुम ...Read More

5

रिश्ते… दिल से दिल के - 5

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 5 [प्रदिति ने की मदद] ट्रेन आकर दिल्ली के स्टेशन पर रुकी। प्रदिति अपने सामान के साथ उतरकर चारों तरफ देखा और चहरे पर एक मुस्कान लेकर बोली, "मां! आ गई हूं आपके शहर। अब मैं अपनी पूरी जान लगा दूंगी आपको और पापा को मिलाने में। अब मैं अपने परिवार को फिर से जोड़कर रहूंगी।" फिर ऊपर की तरफ देखकर बोली, "हे महादेव! मेरी मदद करना। बस आपसे ही उम्मीद है।" कहकर वो अपने सामान के साथ आगे की तरफ चली गई। … "ये है आपका बेडरूम।" विनीत जी ने प्रदिति के ...Read More

6

रिश्ते… दिल से दिल के - 6

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 6 [गरिमा जी की नसीहत] गरिमा जी आंखें बंद करके प्रदिति के संगीत इतनी गुम हो गई थीं कि उन्हें पता ही नहीं चला कि कब प्रदिति का गाना खत्म हो गया। जब ड्राइवर ने उनको आवाज़ लगाई तो उन्होंने आंखें खोलकर देखा। उन्होंने ड्राइवर से पूछा, "क्या हुआ? क्या पता चला?" गरिमा जी के सवाल पर ड्राइवर बोला, "मैम! वो एक भिखारी है जो अपने घर को चलाने के लिए गा गाकर भीख मांगता है। आज ना जाने कैसे उसका गला खराब हो गया जिससे वो कुछ गा नहीं पाया। ये जो ...Read More

7

रिश्ते… दिल से दिल के - 7

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 7 [प्रदिति और आकृति की मुलाकात] आकृति और राहुल दोनों अपनी क्लास के पहुंचे ही थे कि एक प्यारी सी आवाज़ उनके कानों में पहुंची। उन्होंने अंदर जाकर देखा तो प्रदिति अपने गिटार के साथ आंखें बंद करके गाना गा रही थी और सारे स्टूडेंट्स उसको गौर से सुन रहे थे। आकृति और राहुल भी अपनी–अपनी सीट्स पर जाकर बैठ गए। "तेरी चाहतों में कितना तड़पे हैं सावन भी कितने तुझ बिन बरसे हैं ज़िंदगी में मेरी सारी जो भी कमी थी तेरे आ जाने से अब वो नहीं रही सदा ही रहना ...Read More

8

रिश्ते… दिल से दिल के - 8

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 8 [विराज का असली चहरा] विराज ने एक फ्लैट के आगे आकर बाइक उसके साथ ही प्रदिति ने भी ऑटो ड्राइवर को ऑटो रोकने के लिए कहा। विराज फ्लैट के अंदर चला गया। प्रदिति ने ऑटो ड्राइवर को पैसे दिए और फ्लैट की तरफ देखने लगी। फ्लैट देखने में बहुत ही सुंदर था। प्रदिति खुद से ही बोली, "ज़रूर इस फ्लैट में रहने के पैसे भी ये आकृति से ही लेता होगा।" वो विराज के पीछे ही चुपके से पीछे जाने लगी। विराज को किसी का एहसास हुआ तो उसने मुड़कर देखा लेकिन ...Read More

9

रिश्ते… दिल से दिल के - 9

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 9 [विराज की घिन्होनी हरकत] आकृति पार्टी में जाने के लिए अच्छे से हो चुकी थी। उसने खुद को आईने में निहारा और बोली, "हाए! कितनी सुंदर लग रही हूं मैं! आज तो विराज को फिर से मुझसे प्यार हो जायेगा।" कहकर वो बाहर निकलने वाली थी कि गरिमा जी उसके रास्ते में आ गईं और उसे रोकते हुए बोलीं, "ये इतना तैयार होकर कहां जा रही हो तुम?" "मैं आज एक पार्टी में जा रही हूं।" "किसके साथ?" "किसके साथ, मतलब? अकेले भी तो जा सकती हूं।" "अक्कू! सच–सच बताओ, उस लड़के ...Read More

10

रिश्ते… दिल से दिल के - 10

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 10 [प्रदिति पहुंची सहगल मेंशन] गरिमा जी हॉल में चहलकदमी कर रही थीं बार–बार दरवाज़े की तरफ देख रही थीं। दामिनी जी उनके पास खड़ी उनसे बोलीं, "गरिमा! बेटा, तुम चिंता क्यों कर रही हो? आज पहली बार थोड़े ही ना अक्कू बाहर गई है, आ जायेगी।" गरिमा जी घबराकर बोलीं, "मुझे बहुत डर लग रहा है मां? हां, वो पार्टीज़ में जाती रहती है पर आज मुझे बहुत ज़्यादा डर लग रहा है, वो मेरा फोन भी नहीं उठा रही है।" कहते हुए गरिमा जी फिर से चहलकदमी करने लगीं। तभी दामिनी ...Read More

11

रिश्ते… दिल से दिल के - 11

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 11 [प्रदिति रहेगी सहगल मेंशन में] सुबह की प्यारी भीनी धूप जब खिड़की प्रदिति के चहरे पर आई तो उसने अपनी आंखें खोलीं तो देखा कि आकृति अब भी उसे लिपटकर सो रही थी। उसे देखकर उसके चहरे पर एक बड़ी सी मुस्कान आ गई। उसने प्यार से उसका माथा चूमा और धीरे से उसके हाथ को अपने ऊपर से उठाकर बाथरूम की तरफ चली गई। … डाइनिंग टेबल पर नाश्ता बनकर तैयार हो चुका था और गरिमा जी और दामिनी जी उस पर बैठी हुई थीं। प्रदिति सीढ़ियों से नीचे आई तो ...Read More

12

रिश्ते… दिल से दिल के - 12

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 12 [पुलिस स्टेशन पहुंची गरिमा जी] गरिमा जी अपनी गाड़ी से बाहर उतरीं उन्होंने अपना चश्मा उतारकर पुलिस स्टेशन की तरफ देखा। फिर ड्राइवर से वहीं रुकने के लिए कहकर अंदर चली गईं। उनके पुलिस स्टेशन के अंदर कदम रखते ही सभी लोग अपनी जगह से खड़े हो गए। वहां के एसएचओ ने गरिमा जी को बैठने के लिए कुर्सी दी तो वो उस पर बैठ गईं। फिर अपनी दाईं ओर देखा जहां लॉकअप में विराज बंद था। उसे देखकर गरिमा जी की मुट्ठियां गुस्से से भिंच गईं पर उन्होंने खुद को कंट्रोल ...Read More

13

रिश्ते… दिल से दिल के - 13

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 13 [रिया की रची साज़िश] प्रदिति और आकृति दोनों कॉलेज पहुंच चुकी थीं। अपनी क्लास में चली गई थी और प्रदिति स्टाफ रूम में। कुछ देर बाद जब प्रदिति की क्लास का टाइम होने लगा तो वो स्टाफ रूम से बाहर आई वो क्लास में जा ही रही थी कि बीच में आकर एक लड़की ने उसका रास्ता रोक लिया। उसे देखकर प्रदिति की आंखें हैरानी से फैल गईं और वो बोली, "तुम? तुम यहां क्या कर रही हो?" उस लड़की ने गुस्से से प्रदिति से कहा, "तो, तुम्हीं वो लड़की हो ना ...Read More

14

रिश्ते… दिल से दिल के - 14

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 14 [दामिनी जी ने सुनी प्रदिति की बातें] गरिमा जी गुस्से से रिया तरफ बढ़ने को हुईं कि दूसरी तरफ से राहुल बोला, "ए बुढ़िया! खबरदार, जो आगे बढ़ी तो… अगर अपनी जगह से थोड़ा सा भी हिली तो तेरी इस बेटी की गर्दन धड़ से अलग कर दूंगा।" गरिमा जी दोनों तरफ देख रही थीं पर वो समझ नहीं पा रही थीं कि किधर जाएं? उन्होंने अपनी आंखें बंद कीं और सोचा कि क्या करें… आज उनके दिल में यही दुविधा चल रही थी कि किसे बचाएं… उसे जिसको उन्होंने जन्म दिया ...Read More

15

रिश्ते… दिल से दिल के - 15

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 15 [आकृति को पता चला अपने पिता का सच] "प्रदिति!", गरिमा जी के की आवाज़ जब छत पर आई तो प्रदिति और दामिनी जी दोनों हैरान और चिंतित हो गए। प्रदिति आवाज़ सुनकर टेंशन के साथ बोली, "ये आवाज़ तो… मां… मां की है।" दामिनी जी– "हां, बेटा! चलो, चलकर देखते हैं।" ये कहकर दोनों छत से नीचे चले गए। गरिमा जी की आवाज़ सुनकर आकृति भी अपने कमरे से बाहर आई और गरिमा जी से उसने पूछा, "क्या हुआ, मॉम? आप ऐसे चिल्ला क्यों रही हैं?" गरिमा जी ने कड़कती हुई आवाज़ ...Read More

16

रिश्ते… दिल से दिल के - 16

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 16 [विनीत जी गए घर छोड़कर] गरिमा जी रोते हुए सहगल मेंशन में उनकी आंखें आंसुओं को चाहकर भी रोक नहीं पा रही थीं। वो बड़े–बड़े कदमों से अपने कमरे की तरफ जाने वाली थीं कि दामिनी जी की आवाज़ पर रुक गईं, "गरिमा!" गरिमा जी ने अपने आंसुओं को पोंछा और दामिनी जी की तरफ देखा लेकिन दामिनी जी उनकी सूजी हुई आंखों को देखकर समझ चुकी थीं कि वो रो रही थीं। दामिनी जी उनके पास आईं और उनके गाल पर हाथ रखकर बोलीं, "तुम रो रही थी?" गरिमा जी दामिनी ...Read More

17

रिश्ते… दिल से दिल के - 17

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 17 [सहगल फैमिली की तकलीफ] गरिमा जी ने प्रदिति का हाथ पकड़कर जबरदस्ती घर से बाहर निकाला लेकिन दरवाज़े की चौखट से टकराने की वजह से वो खुद को संभाल नहीं पाई और गिरने को हुई कि किसी ने उसे थाम लिया जब उसने नज़रें उठाकर देखा तो उसके मुंह से धीरे से निकला, "पापा!" विनीत जी को प्रदिति को लेकर बहुत चिंता हो रही थी इसलिए वो शिमला से दिल्ली आ गए लेकिन जब वो उस घर में पहुंचे जहां प्रदिति पहले रुकी हुई थी तो उन्हें पता चला कि प्रदिति सहगल ...Read More

18

रिश्ते… दिल से दिल के - 18

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 18 [अतीत का राज़] "विनीत जी! ज़रा गाड़ी रोकिए।", गाड़ी चला रहे विनीत से जब रश्मि जी ने कहा तो विनीत जी ने गाड़ी रोककर उनकी तरफ देखा और सवाल किया, "क्या हुआ, रश्मि? तुमने ऐसे गाड़ी क्यों रुकवाई?" "वो… मुझे बहुत ज़ोर से भूख लगी है तो क्या हम उस रेस्टोरेंट में चलकर खाना खा सकते हैं?", रश्मि जी ने अपनी बाईं ओर रेस्टोरेंट की तरफ इशारा करके कहा। रश्मि जी को जब कोई भी तरीका नहीं सूझा कि कैसे प्रदिति और विनीत जी के दुःख को कम करें तो उन्होंने ये ...Read More

19

रिश्ते… दिल से दिल के - 19

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 19 [रॉकी गया लॉकअप में] "अरे, लेकिन तुम सब ही इसके खिलाफ आवाज़ उठाओगी तो इन जैसे लोगों की तो हिम्मत बढ़ेगी ही।" गरिमा जी उन सभी लड़कियों को समझा रही थीं कि वो सब उनके साथ कॉलेज के मैनेजमेंट से शिकायत करें, आखिर उनको भी तो पता चले कि उनके कॉलेज में कैसे गिरे हुए लोग हैं लेकिन उनमें से कोई भी तैयार ही नहीं थी। रश्मि जी ने भी उन सभी लड़कियों को समझाते हुए कहा, "गरिमा सही कह रही है, हमें उन लड़कों की शिकायत करनी चाहिए ताकि वो दोबारा ...Read More

20

रिश्ते… दिल से दिल के - 20

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 20 [गरिमा जी बनी दुल्हन और विनीत जी दूल्हा] शादी की सारी तैयारियां हो चुकी थीं। आखिरकार वो दिन आ ही गया था जिस दिन गरिमा जी और विनीत जी को शादी के पवित्र बंधन में बंधना था। गरिमा जी शादी के लाल जोड़े में बहुत प्यारी लग रही थीं आखिरकार दामिनी जी ने जो सजाया था अपनी प्यारी और लाडली बहू को। गरिमा जी के कान के नीचे काला टीका लगाते हुए दामिनी जी बोलीं, "किसी की नज़र ना लग जाए मेरी प्यारी बच्ची को।" गरिमा जी ने स्टूल से खड़े होकर ...Read More

21

रिश्ते… दिल से दिल के - 21

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 21 [#ViniMa की शादी] विनीत जी मंडप में दूल्हा बनकर बैठे हुए थे। तो जैसे कोई सपना ही पूरा होने वाला हो; उनके चहरे से मुस्कान हट ही नहीं आ रही थी तभी कुछ लड़कियां गरिमा जी को लेकर आईं, सभी ने जब उस तरफ देखा तो विनीत जी की नज़र भी उस तरफ चली गई और गरिमा जी को देखकर तो वो दंग रह गए… शादी के जोड़े में तो वो खूबसूरत लग ही रही थीं ऊपर से उनकी झुकी हुई नज़रें उनकी खूबसूरती को और भी बढ़ा रही थीं विनीत जी ...Read More

22

रिश्ते… दिल से दिल के - 22

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 22 [दर्द और तकलीफ की काली रात] जब बहुत देर तक गरिमा जी कमरे से बाहर नहीं आईं तो विनीत जी चिंतित होकर उनके कमरे की तरफ चले गए पर जब उन्होंने कमरे का दरवाज़ा खोला तो वहां सबकुछ बिखरा डला था और सबसे ज़्यादा हैरानी तो उन्हें तब हुई जब उन्होंने वहां बेहोश पड़ी रश्मि जी को देखा। वो भागकर उनके पास गए और उनके गालों को थपथपाकर उन्हें उठाने की कोशिश की पर वो नहीं उठीं तो उन्होंने उन के चहरे पर पानी के छींटें डाले जिससे रश्मि जी ने धीरे ...Read More

23

रिश्ते… दिल से दिल के - 23

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 23 [गरिमा जी की गंभीर हालत] जब विनीत जी ने दामिनी जी को बात बतायीं तो पहले तो वो जैसे किसी सदमे में ही चली गईं फिर उन्होंने खुद को संभाला और जल्दी से वो हॉस्पिटल के लिए निकल गईं। हॉस्पिटल में आकर जब उन्होंने विनीत जी को देखा तो उनका जितना भी धैर्य था उसने जवाब दे दिया… विनीत जी बिना किसी भाव के हॉस्पिटल की बेंच पर बैठे हुए थे। उनसे थोड़ी दूरी पर रश्मि जी भी ऐसी ही हालत में थी। दामिनी जी के आंसू तो रुकने का नाम ही ...Read More

24

रिश्ते… दिल से दिल के - 24

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 24 [गरिमा जी की डिलीवरी] आज उस हादसे को हुए लगभग नौ से महीने हो चुके थे। गरिमा जी की प्रेग्नेंसी का भी नौवां महीना चल रहा था। यूं तो अब तक नौ महीने गुज़र गए थे पर गरिमा जी की हालत में कोई सुधार नहीं आ रहा था बल्कि उनकी मानसिक हालत दिन ब दिन बिगड़ती जा रही थी। आज भी वो उस हादसे के बारे में सोचकर डर जातीं और चीजों को अस्त–व्यस्त करने लगतीं, वो खुद को और बाकियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करतीं तो डॉक्टर्स को उन्हें इंजेक्शन ...Read More

25

रिश्ते… दिल से दिल के - 25

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 25 [प्रदिति की यशोदा मां] विनीत जी ने एक डर और उम्मीद के कहा, "डॉक्टर! कोई तो तरीका होगा ना गरिमा की जान बचाने का?" डॉक्टर ने कुछ देर तक सोचा और फिर बोले, "अब तो बस एक ही तरीका है।" "क्या, डॉक्टर?", सभी एक साथ प्रश्नसूचक दृष्टि से उन्हें देखकर बोले। "अगर मिसेज सहगल की याददाश्त चली जाए तो उनकी जान बचाई जा सकती है।", डॉक्टर ने कहा तो सभी ने हैरानी से उनकी तरफ देखा। विनीत जी चौंककर बोले, "ये आप क्या कह रहे हैं, डॉक्टर? हमारी गरिमा को सबकुछ भूलना ...Read More

26

रिश्ते… दिल से दिल के - 26

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 26 [आकृति को भी पता चला सारा सच] गरिमा जी बेहोश हो गई और होश में लाने की कोशिशों के बाद भी होश में नहीं आ रही थीं तो उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया। दामिनी जी के विनीत जी को फोन करने पर वो भी प्रदिति के साथ हॉस्पिटल में ही आ गए। दामिनी जी ने उन्हें ये भी बता दिया कि रश्मि जी उन्हीं के साथ हैं ये बात सुनकर एक बार के लिए विनीत जी के दिमाग में सवाल भी आया कि रश्मि जी वहां कैसे पहुंच गईं पर ये सोचने ...Read More

27

रिश्ते… दिल से दिल के - 27

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 27 [गरिमा जी को आया होश] जब तक गरिमा जी को होश नहीं तब तक प्रदिति और आकृति मंदिर में बैठकर और विनीत जी, रश्मि जी और दामिनी जी गरिमा जी के रूम के बाहर बैठकर उनके लिए तपस्या करते रहे। बार–बार जब नर्सेज तेज़ी से निकलकर बाहर जाती तो उन तीनों की ही धड़कन रफ्तार पकड़ लेती। वो उससे पूछते तो हर बार एक ही जवाब मिलता कि अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। डॉक्टर्स की बहुत देर की मेहनत, पूरे परिवार की प्रार्थनाओं और भगवान के आशीर्वाद से कुछ घंटों बाद ...Read More

28

रिश्ते… दिल से दिल के - 28

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 28 [ए दिल लाया है बहार] हॉस्पिटल से गरिमा जी को डिस्चार्ज मिल था। उन्हें लेकर सभी लोग सहगल मेंशन आ गए थे। आज कितने ही सालों बाद विनीत जी ने अपने घर में कदम रखा था। एक बार के लिए तो उनके कदम ठिठक गए पर एक तरफ से दामिनी जी और दूसरी तरफ से गरिमा जी ने उनका हाथ पकड़कर उन्हें अंदर चलने के लिए कहा तो वो मुस्कुराकर अंदर चल दिए। अंदर जाने पर एक अलग ही सुख मिला उन्हें। सच में इंसान चाहे जहां भी रह ले लेकिन जैसा ...Read More

29

रिश्ते… दिल से दिल के - 29

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 29 [वाह, क्या खीर है!] अगली सुबह सभी की ज़िन्दगी में खुशहाली लेकर थी। प्रदिति ने अपने कमरे के बारे में जब पूछा तो आकृति ने ज़बरदस्ती उसका सारा सामान अपने कमरे में ही शिफ्ट करवा लिया था और बोला कि अब वो दोनों एक ही कमरे में रहेंगी। प्रदिति को तो जल्दी उठने की आदत थी लेकिन आकृति देर से ही उठती थी। प्रदिति नहाकर भी आ चुकी थी लेकिन आकृति अब भी नहीं जागी थी। प्रदिति ने घड़ी की तरफ देखा तो उसमें आठ बज रहे थे। प्रदिति ने आकृति को ...Read More

30

रिश्ते… दिल से दिल के - 30

रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 30 [क्या खा पायेंगी दामिनी जी खीर?] प्रदिति ने आंखें बंद कीं और धीरे से उन्हें खोलकर कहा, "हां, मम्मा! क्या हुआ उस दरिंदे के साथ? क्या उसे सज़ा नहीं मिली? क्या एक बार फिर उसने अपनी पैसे की धौंस जमाकर खुद को जेल से बाहर निकलवा लिया?" "नहीं, बेटा! जो उसके साथ हुआ उस पर तो खुद मैं भी यकीन नहीं कर पा रही हूं।", रश्मि जी ने दूसरी ओर मुड़कर कहा तो प्रदिति हैरानी से बोली, "लेकिन ऐसा क्या हुआ, मम्मा?" रश्मि जी ने दूसरी तरफ देखते हुए ही कहा, "जिस ...Read More