कैदी

(2)
  • 33.6k
  • 4
  • 17k

जेल के रोशनदान से आती सुबह की पहली किरण की छुयन मूक हो जाया करती थी वो अपनी जिन यादों को दवा कर रखा था वे यादे इस समय जिवंत हो जाया करती थी पहली बार जब सानवी ने सुना कि उसे जेल हो गयी है तो जेल में कदम रखते ही उसका मन हो रहा था कि अपने गले में फांसी का फंदा डाल कर लटक जाये क्योंकि उसे कहां मालूम था कि सरकारी जेल में महिला कैदी की कमी नहीं है और कोर्ट मेंअपनी सुनवाईमे इतन बूढी हो गई है स्त्रीयों के बाड़ में आते ही आश्चर्य चकित हो गयी थी अनगिनत महिलाएं बूढी से लेकर बच्चिय तक देख सुन कर सानव नेने फांसी लगान का फैसला तत्याग दिया और बडी़ आदालत से निकलते निकलते कितने साल पार हो जायेगे और हुआ भी वही और देखते देखते चार साल और बीत गये बीच में एक दो जमानत के लिए कोशिश की गई परंतु विफल रहा एन जी ओ की दीदी मधू ने अभी भी कोशिश जारी रखी हुई है परंतु रिहाई की आशा धुमिल हो गयी थी

Full Novel

1

कैदी - 1

जेल के रोशनदान से आती सुबह की पहली किरण की छुयन मूक हो जाया करती थी वो अपनी जिन को दवा कर रखा था वे यादे इस समय जिवंत हो जाया करती थी| पहली बार जब सानवी ने सुना कि उसे जेल हो गयी है तो जेल में कदम रखते ही उसका मन हो रहा था कि अपने गले में फांसी का फंदा डाल कर लटक जाये | क्योंकि उसे कहां मालूम था कि सरकारी जेल में महिला कैदी की कमी नहीं है और कोर्ट मेंअपनी सुनवाई मे इतन बूढी हो गई है स्त्रीयों के बाड़ में आते ही आश्चर्य ...Read More

2

कैदी - 2

और सारे कैदी बाहर निकलने लगे सानवी और सीमा बाहर आ गयी थी आज जिस अपराध की दोषी सानव में सजा काट रही थी उस अपराध की नींव बर्षों पहले रख दी गई थी उसके बंदींगरह का सफर तो उसी दिन शूरू हो गया था जब ओडिसा में सब परिवार के साथ शिवपूरी में आई थी और शिवपूरी मध्य प्रदेश का एक शहर है यह एक हिल स्टेशन है यहां का सौदर्य अनुपम है यही एक छोटे से गांव में सानव सूस परिवार के साथ आई थी और ओडिसा के एक छोटे से गांव मलकुपूर से एक गरीब परिवार ...Read More

3

कैदी - 3

और इस गांव की लडकीयां और औरते को जो लोग एस यां दो साल के लिए खरीद कर ले जब उन लडकीयां यां औरतों को जब कोई बच्चा पैदा होता को उस बच्च को कोई गांव का मर्दो उस बच्चे को अपनाने को तैयार नही होते क्योंकि उनका मानना है कि ये बच्चा किसका हमें कैसे पता होगा लडकी को कोई दूसरा मर्द खरीदने के लिए आता तो लडकी को अपने नवजात शिशु को अपने माता-पिता के साथ छोड़ कर जाना पड़ता और और कोई एक आध मर्द जो दरियादिली का होता तो वो अगर लडका हैं तो ही अपनाने ...Read More

4

कैदी - 4

और इस मंडी में कुआरी और बेसहारा लडकों के लिए लगाई जाती बैसे तो मनोहरलाल कहने के लिए एक व्यक्ति और उसके चार बच्चे भी थे लेकिन कहते हैं कि बंदर कभी गुलाटी मारना नही भूलता बस यही हाल मनोहरलाल का था बैसे जाती से ब्राह्मण व्यपार के बणीया बहुत हबशी और क्रूर किस्म का इंसान हैं और अब मनोहरलाल एस व्यपारी के साथ साथ एक दलाल भी बन चुका था लेकिन जाती वर्चस्व का झूठा अंहकार आज जीवत था और बहुत जल्द तो राजनीति में कदम रखने वाला था और इसी वयवस्था के कारण मनोहरलाल का इस गांव ...Read More

5

कैदी - 5

0 चंदन ने कहा अगर मेरे साथ किसी ने भी चालबाजी करने की कोशिश की तो मैं सबको जान मार दूंगा और साथ में तेरे भाई को भी तो सानवी ने कहा क्या राजेश का नाम सुनते ही चंदन सानवी के पास दो कदम दूर छिटक कर खडा़ हो सानवी ने कहा क्या हुआ प्यार का भूत उतर गया तो चंदन ने कहा हा तुम अपने भाई की बात मान ले लेकिन तु ऐसा कर राजेश की होने से पहले तुम एक रात के लिए मेरी बन जा तो सानवी ने हैरानी से कहा क्या तुम तु पागल तो नही हो ...Read More

6

कैदी - 6

और सानव कोको अब यह महसूस हो रहा है कि जैसे उसका शरीर भाड़े पर ली जमीन की तरह जिसका मालिक जमीन लौटाने से पहले पूरी तरह से दोहन कर लेना चाहता हो कभी-कभी तो मालिक खुद रौदंता कभी उसके रिश्तेदार और कभी-कभी मालिक के घर में आये हुए महमान ऐसा रौदते जैसे कोई बच्चा अपने पंसद के खिलोने को खेलने के बाद तोड मरोड़ कर फैंक देता है और घर की औरतो से किसी बात की उम्मीद करना ही बेकार था ऐसे घिनौने काम के लिए इस घर की औरतें पुरषों से कही आगे थी क्योंकि वे नही ...Read More

7

कैदी - 7

और अभी दोनों बहने चांदनी की बेटी की तरफ पालने में लगी गयी थी लेकिन तब फिर से सानव देदेखा की हमरे घर में चंदन् फिर आने जाने लगा है तो सानवी को अपने माता-पिता के लछन कुछ ठीक दिखाई नही दे रहे थे तो सानवी ने पूछा क्या तुम ही हमारे नये खरीददार हो क्याचंदन ने सानवी के जाने के बाद शादी कर ली थी क्योंकि इतने दिनों बाद सानवी चंदन को देख कर हैरान हुई थी तुम यहां सानवी ने चंदन से कहा तो चंदन ने बडी़ बेशर्म सेसे कहा मै यहां तेरे लिए नही बल्कि चांदनी ...Read More

8

कैदी - 8

और सानव ने अपनी बहन चांदनी को से कहा ये शादी चंदन के बेटे के कोई संजीवनी बूटी जो करके ही चंदन का बेटे की तबीयत में सुधार आ जायेगा और सानवी के घर बालो ने सानवी और चांदनी को बेचने की बात पता चली तो इस बार सानव ने पूपूरी तरह से तैयार थी अपनों के बिरूध खडे़ होने के लिए क्योंकि पिछली बार अपने लडी़ जंग सानवी हार गयी थी इस बार सानवी ने अपने आप बचाने के लिए मजबूत कर कर लिया था क्योंकि इस गांव की पुलिस और पचांयत दोनों अमीरयादों के हाथ बिक चुकी ...Read More

9

कैदी - 9

फिर बारी सानवी के भाईयों पर कपडा़ डालने की कि जो दोनों ही सानव और चांदनी के दलाल बने थे और फिर सानवी की भाभी पर चादर डाली गई जो एक बच्चे ना होने पर ना जाने कहां कहां मन्नत पाठ पूजा की कहां कहां नही गई एक बच्च कोको जन्म देने के लिये मगर जब उसने एक लडकी को जन्म दिया तो बहुत खुश थी की चलो बैठे विठाये एक मुफ्त की आमदनी का जरिया मिल गया था सानवी की भाभी तो खुली आंखो से सपने देखन लगी थी और उस नन्ही सी परि की बोली लगान वाला ...Read More

10

कैदी - 10

और सानवी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था और पुलिस ने सानव कोको हिरासत में लिया कर जेल दिया और कोर्ट में भी सानवी अपनी परिवार की हत्या उसी ने की है और सानवी ने जज को सबकुछ सच सच बता दिया अपने माता-पिता भाईयों का सच और राजेश और मदिंर के पूजारी सब की पोलपट्टी खलने से ले कर सब को जहर देने की बात सब बता दिया और सानवी ने कहा अगर वो अपनी बहन चांदनी के साथ भाग भी तो भी उसके माता-पिता यां भाईयों मे कोई भी उन्हे कहीं से भी ढूंढ निकालते और ...Read More

11

कैदी - 11 - आखिरी भाग

और जब एन जी ओ वाली दीदी ने कहा कि तुमने तुम ने मुझे ये तो पूछा ही नहीं आज आदालत में क्या फैसला सुनाया तो सानव ने कहा दीदीदी इसमे पूछने बाली कौनस बाबा वोमुझे आपका चेहरा देखकर ही पता चल गया था कि इस बार भी मेरी रिहाई का फैसला मेरे हक में नहीं आया हैं और फिर एन जी ओ वाली दीदी ने कहा चांदनी का यो पहला बाला पति था वो ही उसकी बेटी का असली बाप हैं और सानव नेने कुछ सोचते हुए कहा दीदी आप चांदनी को यहां बूला देती लेकिन इस बात ...Read More