* जिंदगी किसी फिल्म से कम है क्या , किस मोड़ पर क्या होगा पता नहीं , अगर कुछ मिला नहीं इक क्षण पर कुछ घटा नहीं , मोड़ भी जिंदगी में रास्तों से ज़्यादा है , दुख चाहे कितने हों हसते रहने का खुद से वादा है , किरदार खुद का हो तो नकल करने से क्या , जिंदगी तुम्हारी है कहने दो लोगों का क्या , ये एक ही है इसका कोई रीमेक नहीं , जिंदगी मिली है तो जिओ, काटो इसे ये कोई केक नहीं , ऐसी फिल्म है जिंदगी जिसमें कोई ब्रेक नहीं , चलते रहने का नाम जिंदगी है , जीवन जीने का नाम जिंदगी है , इस फिल्म रूपी आत्मकथा का नाम जिंदगी है , हंगामा है ट्रैजडी है एक्शन है सस्पेंस है थ्रिल है , जिंदगी न हुई तो मानो एनसीसी की ड्रिल है क्या , ये जिंदगी किसी फिल्म से कम है क्या । । ।
शब्द नहीं एहसास है - 1
---- जिंदगी एक फिल्म ---- जिंदगी किसी फिल्म से कम है क्या , किस मोड़ पर क्या होगा नहीं , अगर कुछ मिला नहीं इक क्षण पर कुछ घटा नहीं , मोड़ भी जिंदगी में रास्तों से ज़्यादा है , दुख चाहे कितने हों हसते रहने का खुद से वादा है , किरदार खुद का हो तो नकल करने से क्या , जिंदगी तुम्हारी है कहने दो लोगों का क्या , ये एक ही है इसका कोई रीमेक नहीं , जिंदगी मिली है तो जिओ, काटो इसे ये कोई केक नहीं , ऐसी फिल्म है जिंदगी जिसमें कोई ब्रेक ...Read More
शब्द नहीं एहसास है - 2
----- आज भी इन्तेज़ार है -----जो सबको मिल जाता है अक्सर बचपन में उस दोस्त का मुझे आज भी है। स्कूल में जो तुम्हारे साथ बैठेसाथ आए और साथ घर जाएजो जी भर तुमसे बातें करें और जो चुप हो राहो तुम तो तुम्हारी खामोशी पढे जो डाँटे तुम्हें और मनाए भी जो रुलाये तुम्हें और हँसाये भी जो चुप्पी को समझना और तुम्हारी आँखों को पढ़ना जानता हो जो हो तुम्हारी हकीकत से वाकिफ़ और रग रग को पहचानता हो जो ये समझे की तुम्हारे लिए उसे किसी और के साथ बाँटना बड़ा मुश्किल सा काम है क्योंकि ...Read More