दोस्ती भी कितनी अजीब चीज है न, कब, कहां, और किससे हो जाए कुछ पता नही। मेरी और अंतरा की दोस्ती भी कुछ ऐसे ही हुई थी। जानते है कहां एक सिंगिंग ऐप पर… गाते गाते पता नहीं हम दोनो कब दोस्त बन गए। गाने का मुझे बहुत शौक था। समय निकाल कर गाने बजाने में ही लगी रहती। लता दीदी, आशा भोसले , श्रेया घोषाल के गानों से तो मेरी पूरी प्लेलिस्ट भरी पड़ी थी। कभी शमशाद बेगम के कुछ नगमों का भी लुत्फ उठाती और उन्हें भी इत्मीनान से गाती। कभी “मेरे पिया गए रंगून” तो कभी "कभी आर कभी पार लगा तीर ऐ नज़र”
अंतरा - भाग 1
दोस्ती भी कितनी अजीब चीज है न, कब, कहां, और किससे हो जाए कुछ पता नही। मेरी और अंतरा दोस्ती भी कुछ ऐसे ही हुई थी। जानते है कहां एक सिंगिंग ऐप पर… गाते गाते पता नहीं हम दोनो कब दोस्त बन गए। ...Read More
अंतरा - भाग 2
जैसे ही गाना खत्म हुआ हम घर के दरवाजे पर थे। ये लीजिए आप का घर आ गया अंतरा। ने ब्रेक लगाया। और वो दोनों कार से निकले। जैसे ही को बाहर आए एक तेज गड़गड़ाहट के साथ तेज बरसात शुरू हो गई। अंतरा तेजी से भागकर घर के दरवाजे का लॉक खोलने लगी। दरवाजा खोलकर अंतरा ने में डॉक्टर मृदुल को अंदर आने का इशारा किया। अरे आ जाइए डॉक्टर साहब। डॉक्टर कुछ हिचकिचाट से बोले। नहीं नही नो प्रोब्लम मैं चलता हूं। अंतरा मुस्कुराई और बोली अरे कम से कम मौसम की पहली बारिश की पहली चाय ...Read More