एक दुआ

(26)
  • 81.6k
  • 5
  • 44.5k

यह इश्क की बात है यहाँ रूह से रिश्ता बनता है, मिले या न मिले पर अपना तो अपना ही रहता है । आज भी बहुत तेज बारिश हो रही थी और इसके रुकने का तो जरा भी नाम नहीं। कई दिनों से लगातार बादल बारिश थे और आज तो बहुत भयंकर बारिश हो रही थी साथ ही ओले भी गिर रहे थे, मिलन ने आज ही उससे मिलने आने का भी वायदा किया था । पर इस बारिश में घर से वो तो निकल कर भी नहीं जा पाएगी, मिलन का ही फोन आया था सुनो मैं आज आ रहा हूँ । यह सुनते ही उसकी बहती हुई आँखें एकदम ख़ुशी से चमक गयी थी “क्या सच में ? हाँ बिलकुल सच, लेकिन सिर्फ आज शाम को केवल चार घंटे के लिए ही आना हो पायेगा। ओह्ह, इतनी दूर से सिर्फ चार घंटे के लिए क्यों आ रहे हो ? थकन भी नहीं उतरेगी और तुम्हें वापस जाना होगा । हाँ कल ऑफिस में अर्जेन्ट मीटिंग है इसलिए वापस जाना भी बेहद जरुरी है। मिलन ने कहा। हम्म । बस इतना ही कह पायी थी वो ! मिलन आ रहे हैं ! यह क्या कम है ! उनका आना किसी त्यौहार सा ही लगा था उसे। उनके जाने के बाद एक दिन भी न तो उसने सही से कुछ ना खाया था और न नींद भर सोई थी । आंखों से दर्द इतनी बुरी तरह से बहता रहा, उधर आसमा ने भी उसके साथ साथ बरसना जारी रखा था । बिना मौसम के भी इतनी बारिश न जाने क्यों हो रही थी ? क्या मेरी आँखों से बहता हुआ पानी आसमा तक भी पहुँच गया था जो वह भी दर्द बहाने लगा था ।

Full Novel

1

एक दुआ - 1

सीमा असीम सक्सेना 1, यह इश्क की बात है यहाँ रूह से रिश्ता बनता है, मिले या न मिले अपना तो अपना ही रहता है । आज भी बहुत तेज बारिश हो रही थी और इसके रुकने का तो जरा भी नाम नहीं। कई दिनों से लगातार बादल बारिश थे और आज तो बहुत भयंकर बारिश हो रही थी साथ ही ओले भी गिर रहे थे, मिलन ने आज ही उससे मिलने आने का भी वायदा किया था । पर इस बारिश में घर से वो तो निकल कर भी नहीं जा पाएगी, मिलन का ही फोन आया था ...Read More

2

एक दुआ - 2

2 “कहाँ हो आप मिलन जी ?” जब वहाँ पहुँच कर वे वहां पर नहीं दिखे तो उसने घबरा फोन पर पूछा । “मैं अभी बैंक में आया हूँ ! आप कहाँ हो ?” “मैं यहाँ पहुँच गयी हूँ ।” “अरे आप आ गयी ?” “जी ! आना ही पड़ा जब आपने इतने हक से कहा ।” “अभी तो मना कर रही थी ।” “अब जब आप इतना डांट कर बोलोगे तब कोई भी हो डर ही जाएगा और फिर तो आना ही पडेगा न ।” ”ठीक है तुम रुको, मैं अभी काम निबटा कर एक घंटे में पहुँचता ...Read More

3

एक दुआ - 3

3 वो खोई हुई थी कि उनकी आवाज से उसकी तन्द्रा टूट गयी, “सुनो तुम कैसे आयी हो ? गाड़ी कहाँ है तुम्हारी ?” “जी मैं तो औटो बुक करके आयी थी ।” “हम्म । अब यहाँ कहाँ से मिलेगा ?”वे बोले । “मुझे पता नहीं, मैं पहली बार इस तरफ आयी हूँ ।” “अच्छा तुम अभी रुको,मैं अभी देखता हूँ।“ और अपने ड्राइवर को बुलाकर कहा, जाओ जरा मैडम को छोड़ कर आओ, जहाँ तक यह कहें ।” “अरे रहने दीजिये न, मैं चली जाउंगी।” “क्या चली जाओगी ? यहाँ से जाने का तो कोई भी साधन नहीं ...Read More

4

एक दुआ - 4

4 ग्रुप के सभी सदस्य अपने नाटक की रिहर्सल कर रहे थे और वे सबकी रिहर्सल को बड़े ध्यान देख रहे थे । करीब एक घंटे के बाद मैंम ने चाय लाने के लिए एक लड़के को भेजा । वो चाय और बिस्किट लेकर आ गया । दो लड़कियों ने मिलकर चाय और बिस्किट पूरे ग्रुप में बाँट दी मिलन को भी दी तो उनहोंने चाय तो ले ली पर बिस्किट के लिए मना कर दिया । “अरे आपने बिस्किट क्यों नहीं लिए ? ले लीजिये न सर ।“ विशी ने कहा तो वह एकदम से चौंक गये । ...Read More

5

एक दुआ - 5

5 “ओहह !” आज घर पर फिर से डांट पड़ेगी, पैदल जाने में और बीस मिनट निकल जायेंगे, यहाँ कोई रिक्शा और ऑटो भी नहीं चलता है ! क्या करूँ ? फोन करके किसी को बुला लूँ लेकिन फोन करने से भी कोई फायदा नहीं होगा ! वही जवाब मिलेगा अब तुम खुद ही आ जाओ, या जैसे मन करे वैसे अभी समय भी क्या हुआ है ? हे भगवन, इस नाटक ने तो जैसे जान ही ले ली है यहाँ पर मैम और घर पर भैया ! क्या करूँ ? हर बार मना कर देती हूँ, नहीं करना ...Read More

6

एक दुआ - 6

6 “मुझे लग रहा है कि तेरे जीजू की गाड़ी का हॉर्न बजा ?” “ओहह तो दीदी आप यूं मुझसे बातें करने का बहाना कर रही थी जबकि आपका मन जीजू में अटका हुआ है तभी आपको सुनाई दे गया और मुझे बिलकुल पता ही नहीं चला ?” “अच्छा चुपचाप जाकर गेट खोलकर आ, कोई मस्ती नहीं !” दीदी ने उसे प्यार से एक चपत लगाते हुए कहा । विशी जल्दी से गेट की तरफ दौड़ी आखिर उसके प्यारे जीजू आये हैं तो उसे सबसे ज्यादा खुशी हो रही थी ! जीजू अपनी बड़ी सी कार से नीचे उतरे ...Read More

7

एक दुआ - 7

7 “क्या आ रहा हूँ ? मुझसे नाराज है न, चल यार सॉरी माफ कर दे अब कभी यह नहीं छेड़ूगा ! मुझे नहीं पता था कि तुझे इतना दर्द है जो खत्म होने में नहीं आ रहा है ।” जीजू ने भाई को उठाते हुए कहा । “नहीं नहीं जीजा जी, माफी की क्या बात है ! कोई दर्द वाली ऐसी बात नहीं है ! चलो मैं आ रहा हूँ ।” भाई जीजा जी की बात सुन एकदम से उठ कर बैठ गए थे। “माफ कर दे यार, जीजा जी ने जल्दी से भाई को गले से लगा ...Read More

8

एक दुआ - 8

8 “जीजू आप बहुत खराब हो, मुझे सिर्फ एक टेड़ी दे कर खुश कर दिया ।” विशी नाराज होती बोली । “तुझे तो नई कार दूंगा ! सीधे शोरूम से लाकर ।” जीजू कहते हुए मुस्कुराए ! “फिर ठीक है !” “लेकिन तुम्हारी शादी के समय पर !” “तो आप रहने ही दो ! मुझे एक कार के लिए शादी करनी होगी ! यह कहाँ का न्याय है !” “आप लोग फिर शादी की बातें करने लगे ! चलो पहले खाना खा लो फिर रात भर बहस करना ।” दीदी ने बीच में ही बात को काटते हुए कहा ...Read More

9

एक दुआ - 9

9 दीदी मम्मी के कमरे में उनकी अलमारी की साफ सफाई कर रही थी ! कितने करीने से सब हैंगर में तह बनाकर लगाई फिर ब्लाउज और पेटीकोट को तह बनाकर लाइन से लगाया जिससे मम्मी को निकालने में कोई परेशानी न हो । फिर चादरें, तौलिया और रुमाल आदि समान भी सही से रख दिया ! कितना काम करती हैं दीदी घर के एक एक काम अपने हाथों से करने में एकदम से सिद्ध हस्त हैं एक मैं हूँ जो हर वक्त सोचती विचारती रहती हूँ आलसी की तरह पड़ी रहती हूँ,, मूर्ख कहीं की । उसने खुद ...Read More

10

एक दुआ - 10

10 “ठीक है आज का लंच हम लोग बाहर खाएँगे ।” “कहाँ चलना है, मतलब किस रेस्टोरेन्ट में ?” फूड कोर्ट चलते हैं दीदी, वहाँ का खाना बहुत स्वादिष्ट होता है!” भाई के बोलने से पहले ही विशी बोल पड़ी । “चलो डन ! मैंने भी बहुत नाम सुना है ओशियन का आज खा कर भी देख लेंगे !” भाई ने कहा । “दीदी आप भी तो बताओ कहाँ चलना है ?” विशी ने पूछा । “जो तुम दोनों की पसंद, वही मेरी भी ।” “शहर का सबसे अच्छा बफे सिस्टम वाला रेस्टोरेन्ट है चाहें जितना खाओ, जो भी ...Read More

11

एक दुआ - 11

11 “तेरी भी बड़ी प्यारी बहन है ! क्या कर रही है आजकल ?” “यह जॉब कर रही है मेरे पास मुंबई में ही है !” “चलो फिर तो सही है, दोनों साथ साथ हो और तेरा भाई ? “भाई यहाँ पापा के साथ उनका काम देख रहा है, तुझे तो पता ही होगा कि मम्मी नहीं रही ?” “अरे कब ? मुझे नहीं पता ?” दीदी आश्चर्य और दुख भरी भाषा में बोली । “तीन साल हो गए ! यार तुझे पता भी कैसे होगा हम लोगों का अब कोंटेक्ट ही नहीं रहा !” “ओहह हाँ ! चलो ...Read More

12

एक दुआ - 12

12 अब मम्मी को इंतजार था कि भैया जल्दी से आ जायेँ ! आज तो विशी भी चाह रही कि भैया जल्दी से आ जाएँ तो वो भी मजे लेकर मम्मी का बनाया खाना खाये ! अब भैया पहले जैसे नहीं लग रहे वे बदल गए हैं और उनका व्यवहार भी तो कितना अच्छा हो गया है ! अब भैया बिल्कुल अपने जैसे लगने लगे हैं ! हे ईश्वर मेरे भैया को हमेशा ही इतना अच्छा बनाए रखना ! दो तीन दिनों से मुझे डांटा भी नहीं और न ही ज़ोर से कुछ कहा ! दीदी आती हैं तो ...Read More

13

एक दुआ - 13

13 “कहाँ हो विशी ? तुम आजकल रिहर्सल पर नहीं आ रही हो ?” मिलन ने बड़ी जल्दी जल्दी कहे। “मैं घर में ही हूँ आजकल मेरी दीदी आई हुई थी न बस इसलिए नहीं आ सकी !” शुभी अचानक से मिलन का फोन आया देख थोड़ा घबरा भी गयी थी ! मन में कहीं खुशी भी हो रही थी और कहीं थोड़ी घबराहट भी । “अरे वाह ! कोई बात नहीं बस बता देती, यहाँ पर मैडम बहुत नाराज हो रही थी तो मैंने सोचा कि चलो फोन करके पूछ लिया जाए !” “ओहह ! क्या आज शाम ...Read More

14

एक दुआ - 14

14 हाल के अंदर एकदम से शांति छा गयी ! मानों कोई सुई भी गिरेगी तो तेज आवाज होगी सतीश सर आ गये थे और वे सबको रिहर्सल के लिए हाल के पीछे खुले में लेकर चले गये । हर एक को उसके रोल के हिसाब से डायरेक्ट करते हैं न जाने इतना हुनर इनके अंदर आया कहाँ से ? बच्चे, बड़े, बूढ़े सभी की एक्टिंग परफेक्ट करते हैं। कभी थकते नहीं, बराबर खड़े रहते हैं । चाहें कितनी भी देर रिहर्सल चले, वे कभी कुर्सी पर नहीं बैठते हैं । आज विशी भी बड़ा मन लगाकर काम कर ...Read More

15

एक दुआ - 15

15 विशी चैनल बदल कर अपने कमरे में आ गयी । लैपटॉप ऑन करके, कुछ और काम न करके पर यू ट्यूब पर सॉन्ग लगा के सुनने लगी । “जिंदगी प्यार का गीत है जिसे हर दिल को गाना पड़ेगा ..... प्यार कितना प्यारा शब्द है । यह हर किसी की जिंदगी में आता है लेकिन कोई इसका फायदा उठा लेता है और कोई निशाना बन जाता है । जैसे भैया के साथ हुआ । सच में प्यार पर किसी का ज़ोर नहीं, कब कहाँ किस के साथ हमें प्यार हो जाता है पता ही नहीं चलता । विशी ...Read More

16

एक दुआ - 16

16 “वाह विशी, आज तो तूने कमाल कर दिया मौसमी का जूस और मेरा फेवरेट पाश्ता ! आज तो मेरा दिन बना दिया छुटकी ।“ “अच्छा बना है न भैया ?” “हाँ बहुत अच्छा । मुझे आज जल्दी काम पर जाना है तुझे कहीं जाना हो तो बता दे मैं छोड़ दूंगा ।” “नहीं भैया, मैं अब कहीं भी जाने का होगा तो रिक्शे में जाऊँगी । आपको परेशान नहीं किया करूंगी ।” “ऐसा क्यों ? पहले तो मेरी खुशामदें करती थी अब इतना आत्म विश्वास आ गया। पता है मैं आज बहुत खुश हूँ क्योंकि मैं खुद चाहता ...Read More

17

एक दुआ - 17

17 उसे लगा, हम किसी के बारे में कोई भी राय नहीं बना सकते, अगर हम उसके साथ थोड़ा न बिता लें और थोड़ी देर खुलकर बात न कर लें। सही में किसी को बरतने के बाद ही उसे जाना समझा जा सकता है । गाड़ी को बैक करके ड्राईवर ने यू टर्न लिया और फ़र्स्ट गियर में चलाने लगा । मेन मार्केट होने की बजह से रोड पर काफी भीड़ थी । विशी ने मिलन की तरफ देखा वे चुपचाप उसे ही देख रहे थे, जब दोनों की नजरें मिली तो विशी ने हल्के से मुस्कुरा दिया और ...Read More

18

एक दुआ - 18

18 “विशी बेटा अब आप समझदार हो गयी हैं ?” मैडम बड़े अच्छे से उसे गले लगाते हुए बोली मिलन अब तक जा चुके थे उनको जल्दी ऑफिस जाना था इसलिए ड्राइवर ने तेजी से गाड़ी को खाली सड़क पर दौड़ा दिया । “विशी आप किसके साथ आई थी ? मुझे तो यह मिलन सर की गाड़ी लग रही थी ?” मैडम उसकी तरफ बड़े ध्यान से देखते हुए बोली, मानों उनके शब्दों में कटाक्ष सा था और नजरों में उसके प्रति शक । “जी मैडम मैं पैदल आ रही थी न, तो रास्ते में मिल गए और गाड़ी ...Read More

19

एक दुआ - 19

19 हे भगवान यह लड़की कब बड़ी होगी चीनी, गुड़, दूध । मम्मी बड़े गुस्से में गुड़ लाने को कर चली गयी । “विशी गलत बात है देखो आज मम्मी को भी तुझ पर गुस्सा आ गया ?” भैया ने कहा । “सॉरी भैया, क्या करूँ मुझे यह दाल खा ही नहीं मिलती है ।” “अब छोड़ो यह सब और चुपचाप से खाना खा लो ।” मम्मी गुड़, चीनी और दूध लेकर आ गयी थी । आज विशी ने गुड़ से रोटी खाई और दूध चीनी से चावल खाये । उसके साथ भैया ने भी दूध चावल खाये, “सच ...Read More

20

एक दुआ - 20

20 “सुनो विशी अब दिल से हर काम को करो मेरी तरफ से तुम्हें सब तरह की आजादी है दिन हैं जी लो अपनी ज़िंदगी छुटकी॥” भैया ने आज एक बार फिर से उसे वही बातें कही जो वे पहले भी कह चुके थे । “चलो अब खाना खा लें मम्मी को आदत है न जल्दी खाने की तो आओ बैठो आकर।” विशी ने अपने हाथ धोये और गीले हाथों से ही टेबल पर आकर बैठ गयी । “हाथ तो पोंछ लो बेटा ।” मम्मी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा । उसने टेबल से नैपकिन उठाई और हाथ ...Read More

21

एक दुआ - 21

21 वो खाने की टेबल पर आई तो देखा सभी समान बड़े सलीके से सजा हुआ रखा था । केतली में चाय और एक में गरम दूध, हाट केस में ब्रेड, एक डिब्बे में कॉर्न फ़्लेक्स, साथ ही बट्टर और जैम का डिब्बा । साफ की हुई प्लेट, बाउल और चम्मच कप भी । उसकी आँखें भर आई । यह सारे काम हमेशा भैया उसके उठने से पहले कर देते हैं और एक वो है जिसे किसी तरह की कोई फिक्र ही नहीं । अपना ऑफिस, अपना काम, अपना प्ले और पढ़ना लिखना बस । अब मुझे अपनी आदतें ...Read More

22

एक दुआ - 22

22 “शहर से बाहर ? कहाँ गये हैं वे ? क्या हुआ उनको ?” एक साथ कई सवाल उसने डाले । “उनको इश्क हुआ है और कुछ नहीं ।” वो हंसा । “यार बता न मज़ाक मत कर ।” विशी थोड़ा परेशान हो उठी थी । “यार सुन वे शहर से बाहर इस लिए गये हैं क्योंकि उनकी ओफिशियल मीटिंग है।” “तो आज शाम तक वापस आ जायेंगे ?” “नहीं आ पाएंगे । अब तो कल ही आएंगे ।” “तो हमारा प्ले भी नहीं देख पाएंगे ?” “कैसे देखेंगे ?” अब विशी को बड़ा तेज गुस्सा आया वैसे तो ...Read More

23

एक दुआ - 23

23 घर का गेट उसके इंतजार में खुला हुआ पड़ा था । सच में जब हम घर में नहीं तो घर वालों के साथ घर भी इंतजार करता रहता है । भाई अभी तक खाने की मेज पर बैठे उसका इंतजार कर रहे थे, मम्मी शायद अपने कमरे में सोने चली गयी थी । सोर्री भैया । “सॉरी क्यों ?” “वो देर हो गयी न ?” “कोई नहीं, ऐसा ही होता है ।” “माँ ने खाना खा लिया ?” “नहीं, अभी नहीं।” “ओहह! अभी मैं सबके लिए खाना लगती हूँ ।”विशी ने खाने का पैकेट मेज पर रखा और ...Read More

24

एक दुआ - 24

24 भाई का ठेकेदारी का काम अच्छा चल रहा था लेकिन अचानक से क्या हुआ कि उनको हर काम घाटा होने लगा। बैंक के सारे पैसे खत्म हो गये, मम्मी के कुछ जेबर बिक गए लेकिन लोन खत्म नहीं हो रहा था आखिर पापा का बनाया हुआ घर बेचना पड गया, इस घर से सबके सपने जुड़े हुए थे । मम्मी ने खड़े होकर एक एक ईंट लगवाई थी । इतना कुछ हुआ फिर भी भाई ने उसकी कोचिंग क्लास नहीं छुड़ाई और न ही उसे सब कुछ बताया। वो थोड़ा समझ तो रही थी लेकिन लगातार अपनी पढ़ाई ...Read More

25

एक दुआ - 25

25 हाँ हाँ भैया चिंता क्यों करते हो वे बिलकुल सही हैं । अभी आराम कर रही होंगी दिन उन्हें काम भी बहुत करने पड़ते हैं न । हाँ यह तो है, तू ही मुझे काम वाली बाई नहीं रखने देती है, वरना मैं कोई काम माँ को न करने दूँ । भाई के चेहरे पर चिंता की लकीरें थी । कहाँ कोई ज्यादा काम होता है भैया, आप तो खामख्वाह चिंता करते रहते हैं । हाँ हाँ तू सही कह रही है बस तेरी शादी करने के बाद मैं दो नौकर रखूँगा और माँ को कोई काम नहीं ...Read More

26

एक दुआ - 26 - अंतिम भाग

26 सब कुछ कह कर वह थोड़ा तो हल्की हो जाएगी । उसके मन हर एक बात कहेगी कि बिताये उसके बिना दिन, कितने दुख उठाए, कितने सुख पाये? उसे सब कहना ही होगा नहीं तो वह मर नहीं जाएगी और उससे अभी मरना नहीं है उसे जीना है मिलन के लिए और हां मिलन के ही साथ जीना है | हे ईश्वर उसके मन से निकली अचानक के बाद क्या पूरी होगी ही ईश्वर उसकी सारी मनोकामना पूरी करते हो तो क्या आज यह गली में मनोकामना पूरी करोगे हाँ मिलन के साथ ही अब आगे का जीवन ...Read More