एक आदमी ने सामने एक औरत के बाल पकड़े हुए थे और वो औरत दर्द से करहाराही थी।छोड़ो दो मुझे मत मारो तुम्हे पैसे चाहिए है ना। यह लो पैसे लिकेन मुझे छोड़ दो। यह तुम्हारा भी तो बच्चा है। उसके लिए छोड़ दो। वो आदमी उसे धक्का देते हुए। पैसे गिनते हुए जा रहा हु मे। यह कहेके. वो वहा से चला जाता है। और वही औरत उठते हुए अपने पेट पे हाथ रखकर मेरा बच्चा तू चिंता मत करो मे हु तेरे साथ। यह कहेके वो अपने असू पाउच लेती है। यह है पंखुरी और जो इसे मर रहा था वो था उसका पति केशव जो की उसे खूब मरता था. क्युकी पंखुरी काम करती थी। और केशव उसे पैसे लेने के लिए मरता था। पंखुरी 9 मंथ प्रेग्नेंट थी। उसको कभी भी बच्चा हो सकता था। लिकेन केशव यह बात समझता ही नहीं था। वो बस उसे मरता रहता था।
औरत एक शक्ति - भाग 1
एक औरत, एक बेटी, एक पत्नी, एक माँ सब रिश्तो को अच्छे से निभाती है लेकिन एक माँ और का रिश्ता सब रिश्तो से ऊपर होता है एक औरत हर रिश्ते में चुप रह सकती है लेकिन ज़ब बात उसके बच्चे पर अति है तब वो बर्दाश नहीं कर पाती | हमारी यह कहानी एक औरत के संघर्ष आपने बच्चे के लिए कुछ करने कि कोशिश |और एक आत्मनिर्भर बनने का पड़ाव है | कि औरत एक शक्ति है जो कही नहीं झुकती है | ...Read More
औरत एक शक्ति - भाग 2
पंखुरी और गजरी एक बिस्कुट फैक्ट्री मे काम करती है.दोनों वहा पैकिंग करा करते थे। दोनों जब वहा पाउचके काम पर लग जाते है। पंखुरी अब ज्यादा काम नहीं कर पा रही वो जल्दी ही थक जाती थी। पंखुरी रूककर बैठ जाती है और पानी पीने लगती है।तो वहा पर उस फैक्ट्री का मनजेर आता है. अभी आये हुए वक़्त हुआ नहीं और लगी आराम फरमाने। यह कहेके वो उसके पास आते हुए तुम छोटे लोगो का यही प्रॉब्लम है । जाम काम मांगे आते है तो कितनी मिन्नत करते है। और जब काम मिल जाता है तो आराम ...Read More
औरत एक शक्ति - भाग 3
पंखुरी दर्द मे तड़प रही थी। डॉक्टर उसे अंदर लेकर जाता है। गजरी बाहर बैठी भगवान से प्राथना कर थी। की सब ठीक हो जाए बस.। करीब एक घंटे बाद डॉक्टर बाहर अति हैगजरी उनको देखकर खड़ी हो जाती है। क्या हुआ डॉक्टर पंखुरी ठीक तो है ना।डॉक्टर,, जी वो ठीक है। मुबारक़ हो बेटी हुई है।गजरी खुश होते हुए पंखुरी कैसी है।डॉक्टर,, वो ठीक है नार्मल डिलीवरी हुई है। कल आप लेजा सकती है।गजरी, मे मिल सकती हुडॉक्टर,, हा मिल लीजिएयह कहेके वो डॉक्टर वहा से चलि जाती है।गजरी भी अंदर अति है। तो पंखुरी लेटी हुई थी. ...Read More
औरत एक शक्ति - भाग 4
शिव्या को घर आये हुए एक हफ्ता हो गया था.। इस बीच केशव के बेहेवियर मे कोई अंतर नहीं था। उसका रोज का घर आना और पीके तमाशा करना। लिकेन आज तो उसने हद ही कर दी थी। पंखुरी सुबह काम पर जाती तो शिव्या को गीता के पास छोड़ जाती थी। और शाम को जब वापिस अति तो शिव्या को लेती और अपने काम निपटाकर शिव्या के साथ खेलती थी।ऐसे ही हस्ते खेलते हुए दिन बीत रहे थे। लिकेन हर दिन एक से नहीं होते। शायद वो दिन आज था. आज पंखुरी की छुट्टी थी इसलिए वो घर ...Read More