ये कहानी है एक लड़की जो प्रेम नगर देहरादून में रहती है जिसका नाम रिचा है वह एक अच्छी और रिच फैमिली से बिलोंगे करती है रिचा के पापा आलोक शर्मा पी.डब्ल्यू.डी. डिपार्टमेंट में सी.ई.ओ. है उसकी माँ ममता शर्मा एक हाउस वाइफ है एक बड़ा भाई नितिन शर्मा जिनका देहरादून में ही इलेक्ट्रॉनिक्स का बहुत बड़ा शोरूम है ओर एक छोटी बहन आयेशा शर्मा जो अपनी 12th की पढ़ाई कर रही है 20 साल की रिचा स्वभाव से बहुत ही खुश मिज़ाज और सुलझी हुई लड़की है दिखने में इतनी खूबसूरत है कि कोई भी इम्प्रेष हो जाये सादगी तो चेहरे में भर भर के दी है ऊपर वाले ने रिचा बचपन से ही डॉक्टर बनना चाहती थी तो रिचा NEET की तैयारी करती है आवर एग्ज़ाम देती है रिचा पढ़ाई में बहुत अच्छी है तो NEET का एग्ज़ाम पास कर लेती है उसके बाद एम.बी.बी.एस.में सेलेक्शन हो जाता है और गवर्मेंट दून मेडिकल कॉलेज में एड्मिसन हो जाता है जो उसके ही शहर में है
New Episodes : : Every Tuesday, Thursday & Saturday
जस्बात-ए-मोहब्बत - 1
ये कहानी है एक लड़की जो प्रेम नगर देहरादून में रहती है जिसका नाम रिचा है वह एक अच्छी रिच फैमिली से बिलोंगे करती है रिचा के पापा आलोक शर्मा पी.डब्ल्यू.डी. डिपार्टमेंट में सी.ई.ओ. है उसकी माँ ममता शर्मा एक हाउस वाइफ है एक बड़ा भाई नितिन शर्मा जिनका देहरादून में ही इलेक्ट्रॉनिक्स का बहुत बड़ा शोरूम है ओर एक छोटी बहन आयेशा शर्मा जो अपनी 12th की पढ़ाई कर रही है 20 साल की रिचा स्वभाव से बहुत ही खुश मिज़ाज और सुलझी हुई लड़की है दिखने में इतनी खूबसूरत है कि कोई भी इम्प्रेष हो जाये सादगी ...Read More
जस्बात-ए-मोहब्बत - 2
और अपने सब्जेक्ट पे ध्यान देने लगती है ऐसे ही कुछ दिन तक यही शिलशिला होता है एक दिन कुछ यूं होता है जब प्रोफ़ेसर क्लास में पढ़ा रहे होते है तो रिचा की नज़रे प्रोफ़ेसर अवस्थी पर होती है जिसे प्रोफ़ेसर अवस्थी भी नोटिस करते है आवर कहते है रिचा ध्यान कहा है तुम्हारा तो रिचा कुछ घबरा सी जाती है तभी प्रोफ़ेसर अवस्थी रिचा से वही सवाल करते है जो बोर्ड पे समझा रहे होते है रिचा उसका जवाब तो देती है पर कुछ सहमे हुए अंदाज़ में ओर फिर प्रोफ़ेसर अवस्थी की क्लास ख़त्म हो जाती ...Read More
जस्बात-ए-मोहब्बत - 3
कॉलेज का नेक्स्ट डे क्लास का फर्स्ट हाफ तो जैसे तैसे बीत ही जाता है लेकिन जब सेकंड हाफ प्रोफ़ेसर अवस्थी क्लास मे आते है रिचा के चेहरे पे एक अलग ही मुस्कान आ जाती है और रिचा प्रोफ़ेसर को एक टक देखने लगती है प्रोफ़ेसर अवस्थी अपनी क्लास शुरू करते है फिर भी रिचा का ध्यान प्रोफ़ेसर पर ही होता है तभी नयन्सी रिचा को कोनी से मारते हुये उसका ध्यान तोड़ती है इससे रिचा घबरा जाती है जिससे प्रोफेसर अवस्थी का ध्यान रिचा और नयन्सी पर जाता है प्रोफेसर दोनों की ओर देख कर कहते है ध्यान ...Read More
जस्बात-ए-मोहब्बत - 4
और रिचा को धीरे से उसके कान मे कहती है ओए ये क्या कर रही है रिचा घबरा जाती और नयन्सी से कहती है कुछ तो नहीं लेकिन रिचा और नयन्सी एक दूसरे से काफी क्लोज़ हो जाती है उनकी दोस्ती बहुत गहरी हो जाती है इस वजह से नयन्सी रिचा को छेड़ देती है ये कह कर की मैं समझ रही हूँ जो तू बार बार अवस्थी सर को देख रही है तो रिचा नयन्सी से कहती है चल हट पागल कुछ भी बोलती है मैं क्यू देखने लगी अवस्थी सर को ऐसा कुछ नहीं है ये कह ...Read More
जस्बात-ए-मोहब्बत - 5
कहते है दिल पे किसी का एख्तियार होता कहा है,करने से दुनिया मे प्यार होता कहा है,रिचा दिल ही प्रोफ़ेसर अवस्थी को पसंद करने लगती है ये बात रिचा मानती ही नहीं है और प्रोफ़ेसर अवस्थी कि क्लास शुरू हो जाती है प्रोफ़ेसर बोर्ड पर स्टूडेंट्स को पढ़ाते है रिचा थेओरी समझ तो रही होती है पर साथ ही साथ रिचा का ध्यान प्रोफ़ेसर कि ओर भी जाता है ये देख कर नयन्सी रिचा को छेड़ती है,हा,हा देखले अच्छे से, देख तू मान या न मान पर तू प्रोफ़ेसर अवस्थी को चाहने लगी है तो रिचा कहती है तू ...Read More
जस्बात-ए-मोहब्बत - 6
जैसे रिचा अवस्थी सर के साथ कैंटीन मे बैठे हों और उनके सिवा कैंटीन मे ओर कोई न हो फिर डोर नॉक करने की आवाज आती है तभी रिचा हड्बड़ा कर कहती है मम्मी आप हो,हाँ रिचा मैं हूँ क्या कर रही है इतनी देर से रूम मे तो रिचा झूट बोल देती है ,मम्मी मैं नहा रही थी अभी आई, रिचा दरवाजा खोलती है मम्मी से कहती है क्या हुआ मम्मी ,मम्मी की बच्ची मुझे रूम साफ करना है तू तो कर नहीं सकती तो मुझे तो करने दे,अरे माँ साफ तो है,हे भगवान मेरे कान बजे या ...Read More
जस्बात-ए-मोहब्बत - 7
ठीक है चलो और चारो कैंटीन चले जाते है कैंटीन मे बैठ कर चारो मस्ती करते है एक दूसरे टांग खिचते है नेहा कहती है रितु तेरा आकाश तो यहा है नहीं तो रितु कहती है तो क्या हुआ आ जाएगा कुछ दिन मे तो नयन्सी कहती है क्यू तुझे उसकी याद नहीं आ रही क्या,रितु कहती है चल न यार याद करके कोन सा मैंने देवदास बनना है फिर रितु कहती है नयन्सी तेरा वाला तो यही है न इसी कॉलेज मे,तो रिचा कहती है तुम यार एक दूसरे की टांगें खिचना बंद करों अब चलें हाल टिकिट ...Read More
जस्बात-ए-मोहब्बत - 8
और रिचा फ़्रेश होकर खाना खाने चली जाती और खाना खाकर जल्दी से रूम मे आ जाती है ओर है कि इतना अच्छा सपना काश माँ थोड़ी देर ओर सोने देती पर दिलो दिमाग मे अवस्थी सर ही रहेंगे तो मैं पढ़ाई कैसे करूंगी रिचा सोचती है नहीं रिचा तुझे किसी भी तरह से पढ़ाई मे ध्यान लगाना होगा और रिचा पढ़ाई करने लगती है सुबह रिचा लेट सो कर उठती है फ़्रेश होकर रूम से बाहर निकलती है और माँ से नाश्ता मांगती है माँ रिचा को नस्ता देती है रिचा अपना नस्ता ख़त्म करके माँ से कहती ...Read More
जस्बात-ए-मोहब्बत - 9
हैलो नयन्सी हो गई तू तैयार नयन्सी कहती है रिचा यार तू भी न मैं जानती हु तू बेचैन पर अभी बहुत टाइम है मेरी जान अच्छा मैं तैयार होके तुझे कॉल करती हूँ और नयन्सी कॉल काट देती है पर रिचा की बेचैनी इतनी बढ़ जाती है कि रिचा खुद को रोक नहीं पाती ओर घर से कॉलेज के लिए निकलती है माँ मैं जा रही हूँ, माँ कहती है बेटा इतनी जल्दी रिचा कहती है हा माँ वो मैं पहले नयन्सी के घर जा रही हूँ वही से दोनों साथ मे कॉलेज चले जाएंगे ये कह कर ...Read More
जस्बात-ऐ-मोहब्बत - 10
ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहता और कुछ ही दिन मे कॉलेज फर्स्ट इयर के पेपर भी खत्म हो है सेकंड इयर शुरू होने मे अभी कुछ दिन का वक़्त होता है रिचा किसी तरह से खुद के दिल पर काबू रखती है क्योंकि रिचा प्रोफ़ेसर अवस्थी को इतना चाहने लगती है की वो उन्हे देखे बिना एक दिन नहीं रह पाती पर अवस्थी सर को देखे हुये तीन दिन हो जाते है जिस वजह से रिचा उदास सी रहती है ऐसे मे रिचा हाल मे बैठ कर टीवी देखते हुये अपनी उदासी को अपनी फॅमिली से छुपाने की ...Read More
जस्बात-ऐ-मोहब्बत - 11
तो रिचा कही खोई खोई सी लगती है रिचा की माँ ये देख कर कहती है रिचा बेटा तू दिनों के लिए ऋषिकेश क्यूँ नहीं चली जाती अपनी बुआ के घर तुझे अच्छा भी लगेगा और घूमना भी जाएगा रिचा कहती है नहीं माँ मेरा कही जाने का मन नहीं है माँ कहती है लेकिन बेटा तू घर ही घर मे उदास सी बाठी रहती है घूम कर आएगी तो तेरा दिल भी बेहेल जाएगा रिचा कहती है ठीक है माँ मैं कल चली जाऊँगी ꠰ अगले दिन रिचा ऋषिकेश जाने की तैयारी करती है और माँ से कहती ...Read More
जस्बात-ऐ-मोहब्बत - 12
मैं ठीक हूँ तू कैसी,मैं भी ठीक हूँ, मामा जी मामी जी नहीं आई,रिचा के पापा कहते हैं नहीं वो नहीं आई मैं तो रिचा को छोडने आया था और अब मैं भी वापस देहारादून निकल रहा हूँ आप नहीं रुक रह है क्या भैया रिचा कि बुआ ने पूछा,नहीं सुनीता कल फिर वही ऑफिस तो मुझे जाना होगा सुनीता कहती है थोड़ी देर ओर रुक जाइए न भैया तो रिचा के पापा कहते है नहीं बहन काफी वक़्त हो गया है ओर फिर शाम भी हो रही है मैं निकलता हूँ ये कह कर रिचा के पापा निकल ...Read More
जस्बात-ऐ-मोहब्बत - 13
आरूशी रिचा को ऋषिकेश घुमाने ले जाती है तनु भी साथ मे जाती है शाम को घर लौटती है ही रिचा को ऋषिकेश मे कुछ दिन बीत जाते है रिचा का वहाँ मन नहीं लगने लगता तो रिचा देहारादून अपने घर वापस आ जाती है रिचा कि माँ उसे देख कर कहती है बेटा तू आ गई, अच्छा तू रूम मे चल फ्रेश हो जा मैं कॉफी लेकर आती हूँ तेरे लिए रिचा ओके माँ कह कर रूम मे चली जाती है ओर फ़्रेश होकर अपने बैड पर बैठी होती है तभी माँ कॉफी लेकर आती है ओर कहती ...Read More
जस्बात-ऐ-मोहब्बत - 14
रिचा चौक जाती है पापा आप, आप कब आए रिचा के पापा कहते है गुड़िया मैं तो अभी आया पर तू इतनी गहरी सोच मे कहा खोई हुई थी,पापा वो कल से कॉलेज शुरू हो रहे है ना वही सोच रही थी अच्छा चल तेरे लिए एक सरप्राइज़ है रिचा सुनते ही उछल पड़ती है क्या पापा,तू अपने रूम से बाहर तो चाल मेरी गुड़िया ओर रिचा अपने प[आपा के साथ हाल मे आती है रिचा टेबल पर रखा केक देख कर ख़ुशी से झूम उठती है वाओ रेल वेल्वेट केक थैंक यू पापा तो रिचा के पापा कहते ...Read More
जस्बात-ऐ-मोहब्बत - 15
रितु कि बच्ची तुम दोनों कोन सा कैंटीन मे बैठने के लिए कॉलेज जल्दी आई हो अब ये तो भी पता है कि क्यूँ आई हो तो नेहा कहती है अबे बस करो ना यार कॉफी फ़िनिश करो चलो क्लास चलते है नयन्सी कहती है चलते है ना यार थोड़ी देर मे तो तीनों पूरे कैंटीन मे नज़रे घुमाती है तभी रितु कहती है ओहो नयन्सी ईशान हाँ,तो नयन्सी कहती है अबे चल ना कुछ भी बोलती रहती है तो नेहा कहती है कुछ भी क्या यार क्यूँ ईशान तेरा बॉयफ्रेंड नहीं रहा क्या तो नयन्सी कहती है यार ...Read More
जस्बात-ऐ-मोहब्बत - 16
तभी प्रोफेसर अवस्थी कैंटीन से उठ कर चले जाते हैं रिचा ये देख कर मन ही मन सोचने लगती अवस्थी सर यू अचानक से क्यूँ जाने लगे कि तभी नेहा कहती है यार सेकंड हाफ शुरू होने वाला है क्लास चले तो चारों क्लास चली जाती हैं क्लास मे सभी एक दूसरे से यानि कि अपने अपने ग्रुप मे बातें कर रहे होते हैं तभी प्रोफेसर अवस्थी क्लास मे आते हैं क्योकि सेकंड हाफ के जस्ट बाद माइक्रोबायोलॉजि की क्लास जो की प्रोफेसर अवस्थी की ही सेकंड क्लास है रिचा दिल ही दिल में बहुत खुश होती है और ...Read More