रवि एक रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स में सिक्योरिटी गार्ड की ड्यूटी करता है। यह एक बड़ी रहवासी सोसायटी है जो शहर के बाहरी हिस्से में है ।रवि तथा उसके दो अन्य साथी 24 घंटे शिफ्टवाईज ड्यूटी पर रहते हैं। सुरक्षा गार्ड की ड्यूटी बड़ी मुश्किल है। कौन जा रहा है और कौन आ रहा है, इसकी एंट्री गेट पर रखे रजिस्टर में करनी होती है। प्रायःरवि की ड्यूटी नाइट में ही लगती है।चाहे सर्दी हो या गर्मी या फिर मूसलाधार बारिश , इन सुरक्षाकर्मियों को अपनी ड्यूटी करनी होती है। कहने को तो वह सुरक्षा गार्ड है ।गश्त लगाता है,लेकि
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कहानियों का रचना संसार - 1 - कहानी बटुआ
रवि एक रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स में सिक्योरिटी गार्ड की ड्यूटी करता है। यह एक बड़ी रहवासी सोसायटी है जो शहर बाहरी हिस्से में है ।रवि तथा उसके दो अन्य साथी 24 घंटे शिफ्टवाईज ड्यूटी पर रहते हैं। सुरक्षा गार्ड की ड्यूटी बड़ी मुश्किल है। कौन जा रहा है और कौन आ रहा है, इसकी एंट्री गेट पर रखे रजिस्टर में करनी होती है। प्रायःरवि की ड्यूटी नाइट में ही लगती है।चाहे सर्दी हो या गर्मी या फिर मूसलाधार बारिश , इन सुरक्षाकर्मियों को अपनी ड्यूटी करनी होती है। कहने को तो वह सुरक्षा गार्ड है ।गश्त लगाता है,लेकिन सुरक्षा के ...Read More
कहानियों का रचना संसार - 2 - कहानी क्वारेंटीन
कहानी कहानी क्वॉरेंटाइन कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की खबरों से वृंदा परेशान रहने लगी है। उसका बेटा तुषार कंपनी की ओर से काम के सिलसिले में दुबई गया हुआ था कि 21 दिनों के लिए जैसे सब कुछ थम जाने की घोषणा हुई। बहू मालती पर इस खबर का कोई असर ही नहीं हुआ।मानो उसे पहले से ही आभास था कि ऐसा होने जा रहा है।-सुन रही हो बहू!लॉकडाउन के कारण तुषार भारत नहीं लौट पाएगा।-हाँ माँ जी! पर आप चिंता मत करो।वे कंपनी के होटल में ठहरे हैं और पूरी व्यवस्था है वहां।-फिर भी परदेस तो परदेस ...Read More
कहानियों का रचना संसार - 3 - कहानी नयी बहू
नयी बहू डोला परिछन के बाद नयी बहू के रूप में ससुराल पहुंचने वाली रामेश्वरी को ससुराल वालों ने हाथ लिया।मुंह दिखाई के लिए मोहल्ले की औरतों की भीड़ लग गई। यूनिवर्सिटी से एमएससी अंतिम वर्ष की परीक्षा दे चुकी रामेश्वरी के बारे में पहले से ही लोगों को ज्ञात था कि पढ़ी लिखी बहू आ रही है। सुंदर नाक, नक्श और गौरवर्णा रामेश्वरी को देखकर औरतें उसकी सास से कहती ‘बहुत चुनकर बहू लाई हो फूलबती' 'तुम्हारी बहू तो बड़ी सुंदर है' 'बातचीत में भी व्यावहारिक है।' अपनी बहू की ऐसी प्रशंसा सुनकर फूलवती खुश हो जाती। यह ...Read More
कहानियों का रचना संसार - 4 - राधे कृष्ण साथ तेरा मेरा
राधे कृष्ण साथ तेरा मेरा मथुरा जाते हुए श्री कृष्ण ने राधाजी से भेंट की।वृंदावन में कृष्ण के जाने पूर्व ही जैसे सब कुछ उदास हो गया हो। यहां के नर- नारी,वृंदावन की लताएं और यहां तक कि पेड़-पौधे सब उदास हैं।कालिंदी का जल भी मानो ठहर गया हो।आज वृंदावन और ब्रज क्षेत्र में श्री कृष्ण की सुमधुर बांसुरी की भी आवाज नहीं गूंज रही है,लेकिन इस नीरवता में भी एक अद्भुत राग है।श्रीकृष्ण भले यहां वापस न लौटने वाले हों,उनकी बांसुरी से निकली मोहक तान जो आज भी वायुमंडल में व्याप्त है और जिसने समस्त ब्रज वासियों को ...Read More
कहानियों का रचना संसार - 5 - माता सीता के बिना
माता सीता के बिना(ऐतिहासिक फिक्शन: भगवान राम ,भगवान विष्णु के अवतार होने के साथ-साथ भारत के प्रेरक इतिहास पुरुष हैं।यह कथा भारतीय इतिहास के भगवान राम व माता सीता के रामायण काल की है।) माता सीता अभी कुछ घंटों पहले ही धरती में समाई हैं।लव और कुश की रुलाई नहीं रुक रही है।महल में अपने निज कक्ष में आकर भी भगवान राम बार-बार लव-कुश को गले लगाते हैं।ढाढ़स बंधाते हैं लेकिन वे दोनों बार-बार ‘मां को वापस लाओ’ ‘मां तुम कहां चली गई’ ‘पिताश्री, हमें हमारे गुरु वाल्मीकि के आश्रम में छोड़ दो’ इस तरह की रट लगाए हुए ...Read More
कहानियों का रचना संसार - 6 - स्वयंसिद्धा
कहानी स्वयंसिद्धा हैदराबाद की पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में आज दीक्षांत परेड है और कविता की बांह में आज आईपीएस तमगा लगने वाला है। यह उपलब्धि कविता ने बड़े संघर्ष के बाद हासिल की है।पाँच साल पहले वह भी अन्य लड़कियों की ही तरह महाविद्यालय की एक सामान्य छात्रा थी ।उसके भी अपने सपने थे। वह अपने सुनहरे कैरियर के बारे में भी ख्वाब देखती थी। उसका सपना था कि वह देश के लिए एक भौतिक विज्ञानी की भूमिका निभाए और इसके लिए वह कॉलेज में विज्ञान विषय लेकर पढ़ रही थी। तब उसने यह नहीं सोचा था कि वह ...Read More