नमस्कार दोस्तों मैं मुस्ताक अली शायर आप सभी का स्वागत करता हूं। सन 1940 में कोलकाता के रहने वाले नवाज हुसैन के घर एक लड़का पैदा होता है। नवाज हुसैन की यह तीसरी संतान थी। नवाज हुसैन को पहले दो लड़कियां थी। फरजाना और यास्मीन उनके नाम थे। लड़का पैदा होने से नवाज हुसैन और उसका सारा परिवार बहुत कुछ होता है। नवाज हुसैन एक साधारण परिवार से होता है। वह खेती कर कर अपना और अपने परिवार का गुजारा करता है। नवाज हुसैन की बीवी बसेरा दूसरों के घर पर बर्तन मांजने का काम करती थी जैसे तैसे दोनों मिल मिलकर अपने पूरे परिवार का गुजारा करते लड़का पैदा होना उनके लिए एक राहत की बात थी।
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जिन्नजादी - भाग 1
जिन्नजादी 1नमस्कार दोस्तों मैं मुस्ताक अली शायर आप सभी का स्वागत करता हूं।सन 1940 में कोलकाता के रहने वालेनवाज के घर एक लड़का पैदा होता है।नवाज हुसैन की यह तीसरी संतान थी।नवाज हुसैन को पहले दो लड़कियां थी।फरजाना और यास्मीन उनके नाम थे।लड़का पैदा होने से नवाज हुसैन और उसका सारा परिवार बहुत कुछ होता है।नवाज हुसैन एक साधारण परिवार से होता है।वह खेती कर कर अपना और अपने परिवार का गुजारा करता है।नवाज हुसैन की बीवी बसेरादूसरों के घर पर बर्तन मांजने का काम करती थीजैसे तैसे दोनों मिल मिलकर अपने पूरे परिवार का गुजारा करतेलड़का पैदा होना ...Read More
जिन्नजादी - भाग 2
नवाज हुसैन की दोनों बेटियां अब शादी के काबिल हो चुकी थी।नवाज उसे अपने बेटे युसूफ अली कोदोनों बहनों शादी की बात कहता है।नवाज हुसैन और युसूफ अलीफरजाना और यास्मीन के लिएरिश्ते तलाश करने लगते है।थोड़े दिनों में फरजाना और यास्मीन के लिए अच्छे रिश्ते मिल जाते हैं।युसूफ अली बड़े धूमधाम से अपने दोनों बहनों की शादी करवाता है।दोनों बहने विदा ले कर चली जाती है।युसूफ अली की बहुत बड़ी जिम्मेदारी खत्म हो जाती है।युसूफ अली अपना पूरा ध्यान अब तंत्र सीखने में लगाता है।युसूफ अली तंत्र के बहुत सारे विद्या में माहिर हो जाता है।उसका सिर्फ एक ही ...Read More
जिन्नजादी - भाग 3
बिलाल सोच में पड़ जाता है ।उसे पूरा यकीन हो जाता हैसायरा के जिस्म में बहुत ही खतरनाक शैतान रहा है।उसे सामना करना इतना आसान नहीं होगा।अगर उसका सामना करने की कोशिश करेगातो उसमें उसकी जान जाने का भी खतरा था।बिलाल को कुछ समझ नहीं आता कि आगे क्या करें।बिलाल सारा से पूछता है।तुम और क्या जानती हो इसके बारे में ?सारा कहती हैजितना पता था आपको बता दियाइससे ज्यादा मैं कुछ नहीं जानती।बिलाल कहता है।यह बताओ वह भूतिया गांव कहां है ?सारा कहती हैवह भूतिया गांव यहां से 600 किलोमीटर दूर है।उस भूतिया गांव के पास के गांव ...Read More
जिन्नजादी - भाग 4
युसूफ अली बिलाल से कहता हैचाचू हो अगर आप साथ हो तो मुझे किसी बात का डर नहीं।आप मेरी फिक्र मत करोमैं बिना डरे साधना सफल करूंगा।मुझे इस मुश्किल वक्त में आपका साथ देना है।मैं आज जो कुछ भी हूं सिर्फ आपकी वजह सेइस खतरनाक वक्त में मैं आपको अकेला कैसे छोड़ सकता हूं।बिलाल बहुत भावनिक हो जाता हैउसकी आंखें नम हो जाती है।वो युसूफ अली से कहता हैमुझे बहुत फक्र है बेटा तुम परतुम बहुत ही अच्छे इंसान हो।इस मुश्किल घड़ी में अपनी जान की फिक्र ना करते हुएतुम मेरा साथ दे रहे हो।युसूफ अली कहता हैयह तो ...Read More
जिन्नजादी - भाग 5
युसूफ अली लगातार मंत्रों का जाप करने लगता है।युसूफ अली बहुत ही हिम्मत से परिस्थिति का सामना करता है।साधना पहला चरण पूरा होता है।बिलाल साधना का दूसरा चरण आरंभ करता है।जैसे ही साधना का दूसरा चरण आरंभ होता है।वैसे हालत है और ज्यादा भयानक हो जाते हैं।हर तरफ डर ही डर छा जाता है।दूसरे चरण की साधना बहुत लंबी थी।रात के 3:00 बज गए।युसूफ अली ने अपना हौसला बनाए रखा था।युसूफ अली मंत्रों का जाप करता ही रहता है।जैसे जैसे समय बीतता जा रहा था।युसूफ अली को डरावनी आवाजों के साथकुछ भयानक चेहरे दिखाई देने लगती है।उसके दिल में ...Read More
जिन्नजादी - भाग 6
साधना करते करते हैंबिलाल कुछ-कुछ चीजों का पता लगने लगता है।जैसे कि वह खूंखार शैतान बहुत ही ज्यादा ताकतवर कोई मामूली शैतान नहीं हैबल्कि यह एक अघोरी तांत्रिक की प्रेतात्मा है।मरने के बाद अघोरी की प्रेतात्माएक खूंखार शैतान बन गई है।जिसका सामना कोई भी नहीं कर सकता।जब अघोरी जिंदा थाअघोरी विद्या में बहुत ही माहिर था।जारण ,मारण ,उच्चाटन ,निशी दास , त्रिकाल दृष्टि , परकाया प्रवेशऐसे तंत्र विद्या में उसने महारत हासिल की थी।मरने के बाद भी वह अघोरी की प्रेतात्माअघोरी तंत्र विद्या की साधना कर रही है।हजारों शैतानों को उसने अपना गुलाम बनाया था।जो आज भी उसकी गुलामी ...Read More
जिन्नजादी - भाग 7
युसूफ अली ने ऐसी करामत जिंदगी में कभी नहीं देखी होती।वह बहुत डर जाता ।डर के मारे उस की बंद हो जाती है।हिना उसके करीब आने लगती है।हिना को करीब आती देख कर।युसूफ अली और भी ज्यादा डर जाता है।वह धीरे-धीरे पीछे होने लगता है।हिना उसका डर समझ जाती है।हिना उसे कहते हैंआप डरो मत मैं कोई भूत नहीं हूं।मैं भी आप ही की तरह के इंसान हूं।युसूफ अली कहता हैएक जगह से दूसरी जगह जिसमें मिलो का फैसला है वहां एक ही पल में कैसे पहुंच जाते हैं ?यह नामुमकिन बात है ?यह करामत आपने कैसे की ?आखिर ...Read More
जिन्नजादी - भाग 8
सायरा के मां-बाप युसूफ अली को देखकर बहुत खुश हो जाते हैं।उन्हें पूरा यकीन आ जाता हैयुसूफ अली अब को पूरी तरह ठीक कर देगा।युसूफ अली हिना से कहता हैअब आगे क्या करना है ?हिना सायरा के करीब जाकरउसके सर पर हाथ रखकरकुछ मंत्रों का पठन करती है।मंत्रों का पठन खत्म होते हीसायरा अपनी आंखें खोल देती है।हिना को देखकर कहती हैआप कौन हो ?हिना कहती हैमेरा नाम हिना हैमैं युसूफ अली की दोस्त हूं।यहां तुम्हारी मदद करने आई हूं।अब तुम पूरी तरह से ठीक हो गई हो।अब तुम्हें किसी बात का डर नहीं है।अब तुम खुशी से अपनी ...Read More
जिन्नजादी - भाग 9
जिन्नजादी 9क्या आप मुझसे शादी करकेमुझे अपनी शरीके हयात बनाओगे ?थोड़ी देर के लिए हर तरफ खामोशी छा जाती अली हिना से कहता हैमुझे अपनी जिंदगी आपके साथ बांटने में बहुत खुशी होगी।मैंने पिछले जन्म में कुछ अच्छे कर्म किए होंगेइसलिए इस जन्म में आप मुझे मिल रही हो।मैंने सपने में भी नहीं सोचा थाआप जैसी इतनी खूबसूरत , हसीन ,सुंदरलड़की जिसका जिस्म देखकर परिया भी शर्माती होगी।जिसमें खुदा ने सारी खूबसूरती भर दी हो।वो लड़की मुझसे प्यार करेगी।मेरी हमसफर बनेगी।मुझसे शादी करेंगी।मुझे अब भी यकीन नहीं होतायह सब बस एक ख्वाब की तरह लग रहा है।हिना कहती हैआपको ...Read More
जिन्नजादी - भाग 10
जिन्नजादी 10देखते-देखते 2 साल का वक्त गुजर जाता है।युसूफ अली हिना से प्यार करने में इतना मसरूफ हो जाता बीते वक्त का कुछ पता ही नहीं चलता।वह दोनों दिन रात एक दूसरे की बाहों में ही समय होते हैं।दिन रात उनका रोमांस चलता।जवानी उनके सर चढ़कर बोल रही थी।2 साल हो गए लेकिन जवानी का नशा उतरने का नाम नहीं ले रहा था।2 साल दिन रात किया हुआ रोमांस भीउन्हें बहुत कम लग रहा था।उन्हें अब जमाने से कोई वास्ता ही नहीं रहा था।कोई एक दूसरी में ही सारी दुनिया देखने लगे।उन पर इश्क का भूत सवार था।उनका जवानी ...Read More
जिन्नजादी - भाग 11
जिन्नजादी 12साल भर का वक्त गुजर जाता हैवक्त के साथ-साथ हिना के अपने परिवार के साथ रिश्ते और भी गहरे होते गए।हिना को भी अपने परिवार से बहुत ज्यादा लगाव था ।वह अपने सारे परिवार कीहर जरूरत को बखूबी पूरा करतीउनकी हर छोटी-बड़ी चीजों का ध्यान रखती इसी खूबी से हिना अपने परिवार के सारे सदस्यों के दिन में अपने लिए ऊंची जगह बनाई थी।एक रोज की बात हैयुसूफ अली अपने सारे परिवार के साथकिसी रिश्तेदार की शादी में गया था।हिना घर पर अकेली थी।एक फकीर भिक्षा मांगने घर पर आता है।हिना भिक्षा देने के लिएजब घर के बाहर ...Read More
जिन्नजादी - भाग 12
जिन्नजादी 12दूसरे दिन सुबह सभी लोग जाग जाते हैं।लेकिन घर में किसी को शौकत नहीं दिखाई देता।सब लोग उसे लगते हैंलेकिन शौकत किसी को नहीं मिलता।सब लोग सोच में पड़ जाते हैं।अचानक बिना बताए शौकत कहां चला गया ?क्यों चला गया ?लेकिन हिना को समझते देर नहीं लगतीकी शौकत क्यों चला गया ।हिना की परेशानी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी।उसकी सच्चाई आप हमने ही वाली थी।वह बहुत डर जाती है।घरवालों को सच्चाई का पता चलेगातो उसे कभी नहीं अपनाएंगे।युसूफ अली भी उसका साथ छोड़ देगा।यही डर उसे बहुत सता रहा था।हिना बहुत मजबूर थीवह चाह कर भी अपनी सच्चाई ...Read More
जिन्नजादी - भाग 13
जिन्नजादी 13उधर तांत्रिक बंगाल शास्त्री को संदूक में एक नगीना मिलता है।उस नगीने से इतनी तेज रोशनी निकलती है।तांत्रिक शास्त्री उसे बर्दाश्त नहीं कर पाताऔर झट से नगीने से दूर हो जाता है।थोड़ी देर बाद तांत्रिक बंगाल शास्त्रीएक बड़ी साधना कर के नगीने को अपने हाथ में उठा लेता है।जैसे ही उसने नगीने को अपने हाथ में लिया।नगीने के रोशनी में उसे हिना की सारी सच्चाई दिखाई देती है।हिना की सच्चाई जानकरतांत्रिक बंगाल शास्त्री दंग रह जाता है।उसके सारे अनुमान गलत साबित होते हैं।उसने जो सोचा था हिना के बारे मेंहिना उससे कहीं ज्यादा शक्तिशाली थी।तांत्रिक बंगाल शास्त्री को ...Read More
जिन्नजादी - भाग 14
जिन्नजादी 14चिट्ठी पढ़ने के बादएक पल के लिए युसूफ अली यकीन ही नहीं होता।इतने सालों से जो उसके साथ रही थी।इंसान ना होकर एक जिन्नजादी थी।सच्चाई जानकर युसूफ अली को हिना पर बहुत गुस्सा आता है।वह गुस्से से पागल होकरकमरे में रखी चीजों कोइधर-उधर फेंकने लगता।शोर-शराबा सुनकर घर के बाकी लोग भी युसूफ अली के कमरे में दाखिल हो जाते हैं।नवाज हुसैन युसूफ अली को कहता हैक्या हुआ बेटा तुम इतनी गुस्से में क्यों हो ?युसूफ अली रो-रोकर सारी सच्चाई अपने घर वालों को बता देता है।सच्चाई सुनकर घर वाले भी हैरान हो जाते हैं।लेकिन बसेरा उसे कहती हैबेटा ...Read More
जिन्नजादी - भाग 15
जिन्नजादी 15युसूफ अली अपनी आंखें बंद कर लेता है।हिना के साथ बिताया एक-एक पल याद करने लगता है।वह उसकी में खो जाता है।उसे हिना की आवाज सुनाई देने लगती।युसूफ अली अपनी आंखें खोल देता हैफिर भी उसे हिना की पुकारसुनाई देने लगती है।वह आवाज की और बढ़ता है।थोड़ी देर चलने के बादउसे एक सुरंग दिखाई देती है।वह बिना वक्त गवाए सुरंग के अंदर घुस जाता है।छोटी सी सुरंग से अंदर जाने के बादउसे वहां बहुत बड़ा आश्रम दिखाई देता है।यह आश्रम तांत्रिक बंगाली शास्त्री का था।अंदर जाने के बादयुसूफ अली हिना की खोज करने लगता है।उस आश्रम का वह ...Read More
जिन्नजादी - भाग 16
युसूफ अली खुद को छुड़ाने कीबहुत कोशिश करता है।लेकिन उसकी सारी कोशिशेंनाकाम हो जाती है।बहुत कोशिशें करने के बाद अली तांत्रिक बंगाल शास्त्री के मायाजाल को भेद नहीं पाता।लेकिन वह अपनी कोशिशें जारी ही रखता है।तांत्रिक बंगाल शास्त्री उससे कहता हैचाहे कितनी भी कोशिश कर लो।तुम मेरे मायाजाल से रिहा नहीं हो सकते।अब तुम्हारी मौत बहुत करीब है।लेकिन मैं तुम्हें इतनी आसानी से नहीं मारूंगा।तुमने मुझे ललकार ने की जुर्रत की है।अब तुम्हें मैं धीरे-धीरे तड़पा तड़पा कर मारूंगा।तुम हिना को बचाने के लिए यहां आए हो ना।तुम जानते हो वह कौन है ?वह जिन्न की दुनिया की बहुत ...Read More
जिन्नजादी - भाग 17
जिन्नजादी 17धीरे-धीरे अपने अतीत के करीब जाने लगी।लेकिन अभी भी वह युसूफ अली कोपहचान नहीं पाई थी।बस उसे युसूफ का दर्द देखा नहीं जा रहा था।वह युसूफ अली का सरअपनी गोद में रखकर सहलाने लगती है।बेहोश हो पड़ा युसूफ अलीइस एहसास को महसूस कर लेता है।बेहोशी की हालत में वह हिना को गले लगा लेता है।हिना के रोंगटे खड़े हो जाते।उसकी आंखों में जो धुंधली धुंधली तस्वीरें दिखाई दे रही थीउनसे धूल हट कर आप साफ-साफ चेहरे दिखाई देने लगे थे।हिना ने पूरी तरीके से अपनी सारी याददाश्त वापस पा ली थी।उसे सब कुछ याद आ चुका था।उसने युसूफ ...Read More
जिन्नजादी - भाग 18
युसूफ अली हिना से कहतावह तांत्रिक अमर होने की साधना में लीन है।उसी इस बात का पता नहीं हैकि सब कुछ याद आ चुका है।और हमें भी उस तांत्रिक को इस बात की भनक तक नहीं लगने देनी है।मैंने कुछ सोचातुम किसी भी तरीके सेमुझे इस मायाजाल से आजाद कर दो।मैं उस तांत्रिक के पास से नगीना वापस ले आऊंगा।लेकिन मैं कैसे आपको इस मायाजाल से आजाद कर सकती हो।मेरी शक्तियां मेरे पास नहीं है। युसूफ अली कहता हैअच्छा तुम एक काम करोमुझ पर सितम करना जारी रखो।मैं दर्द से चिल्लाने लगूंगाऔर शोर शराबा सुनकर वह तांत्रिकयहां आ जाएगा।तब ...Read More
जिन्नजादी - भाग 19
जिन्नजादी 19हिना युसूफ अली से कहती है।इस पाखंडी तांत्रिक नेअपनी अघोरी शक्तियों सेहमें बहुत तकलीफ बहुत दुख दिया है।आप अब इसके साथ क्या करें ?युसूफ अली कहता हैइस अघोरी तांत्रिक ने मेरे हिना को कैद करने की जुर्रत की है।उस पर बहुत सितम किए।कुश्ती ज्ञान लेने की कोशिश कीइस तांत्रिक को मैं कभी माफ नहीं कर सकता।अगर तुम मुझसे सच्चा प्यार करती होतो इसे ऐसी मौत मारनाकि उसका अंजाम देखकर दुनिया की रूह कांप उठे।फिर किसी अघोरी तांत्रिक कीऐसी गुस्ताखी करने की जुर्रत ना हो।हिना कहती हैमेरे प्यार की कसमअब देखो मैं इसका क्या हश्र करती हू।इतना कहकरहिना तांत्रिक ...Read More