शाम के धुले प्रकाश में एक खूबसूरत औरत बनारस सागर के तट पर किसी का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही थी , मगर जब दिये हुए समय को इंतजार की घड़ियां पार करने लगी तो उसका उत्सुक पल मायूसी के छण में तब्दील होने लगा और वह निरास मन से चहल कदमी करने लगी । इतने में एक व्यक्ति को अपनी तरफ आते हुए देखकर उसकी आंखों में चमक आ गई उसका मायूसी भरा पल खुशी के पल में तब्दील हो गया अभी वह अपने पास आये व्यक्ति से कुछ कहती की वह पहले ही पहल किया । सारी कल्पना मुझे यहाँ आने में देर हो गई । परन्तु मुझे पूरा यकीन था कि तुम यहाँ जरूर आओगे । हाँ पर तुम मुझे यहाँ क्यों बुलाई हो ? प्रकाश कुछ बातें ऐसी होती हैं जो किसी खास समय और स्थान पर कही जाती है । लेकिन मेरे प्रति वह कौन सी ऐसी बात है ? जो तुम मुझे अपने घर पर नहीं कह कर यहाँ कहना चाहती हो ? सुनो प्रकाश कोई अपने घर बुलाकर अपने बुरा चाहने वाले को भी यह नहीं कह सकता कि तुम मेरे घर मत आना और तुम तो मेरे लिए भगवान जैसे आदरणीय हो फिर मैं तुम्हें अपने घर बुलाकर कैसे कह सकती हूँ , कि तुम मेरे घर मत आना . . . .
Full Novel
आंसु पश्चाताप के - भाग 1
भाग १आँसु पश्चाताप के शाम के धुले प्रकाश में एक खूबसूरत औरत बनारस सागर के तट पर किसी का बेसब्री से इंतजार कर रही थी , मगर जब दिये हुए समय को इंतजार की घड़ियां पार करने लगी तो उसका उत्सुक पल मायूसी के छण में तब्दील होने लगा और वह निरास मन से चहल कदमी करने लगी ।इतने में एक व्यक्ति को अपनी तरफ आते हुए देखकर उसकी आंखों में चमक आ गई उसका मायूसी भरा पल खुशी के पल में तब्दील हो गया अभी वह अपने पास आये व्यक्ति से कुछ कहती की वह पहले ही पहल ...Read More
आंसु पश्चाताप के - भाग 2
भाग २आंसु पश्चाताप केप्रकाश चुपचाप भुतबन कर खड़े खड़े उसकी बातों को सुनता रहा और सुनते सुनते अपने बीते में खो गया । हैलो प्रकाश - जी हाँ आप कौन ? मैं सदर हॉस्पिटल से डॉक्टर आनन्द बोल रहा हूँ । हाँ डॉक्टर साहब क्या बात है ?जी आपके दोस्त राणा का एक्सीडेंट हुआ है वह हमारे यहाँ इमरजेंसी वार्ड में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है आप जल्दी से जल्दी यहाँ पर पहुचें ।डॉक्टर की बात सुनकर आनन फानन में जब मै हॉस्पिटल पंहुचा तो उसके बेड के पास कल्पना अपनी बेटी निकी के साथ पहले ...Read More
आंसु पश्चाताप के - भाग 3
भाग 3 आँसु पश्चाताप के प्रकाश का संकेत मिलते ही कल्पना और राणा किस्ती में सवार हो गये ।वह अपनी किश्ती में लेकर उस पार जाने लगा , इसी बीच उनकी किश्ती बीच भंवर में फंस गई वो घबरा गये , किश्ती डग मगाने लगी और डूबने के कगार पर आ गई और दहशत से प्रकाश स्वप्न में चीखने लगा । उसकी चीख सुनकर ज्योती घबराकर उठी और प्रकाश को अपने बाहों में भरली . . .क्या हुआ प्रकाश ? कुछ नहीं ,क्यों डर रहे हो ? मैं स्वप्न में डर गया । डरो मत मैं तुम्हारे साथ हूँ ...Read More
आंसु पश्चाताप के - भाग 4
आंसु पश्चाताप के, भाग 4नहीं पापा प्रकाश मेरा सब कुछ है , मैं उससे अलग रहकर खुश नहीं रह मैं प्रकाश से बहुत प्यार करती हूँ । ठीक है , अगर तुम्हारी यही ख्वाहिश है तो मैं तुम्हारी शादी प्रकाश से कर दूंगा , परन्तु आगे कुछ हुआ तो मुझे दोष मत देना ।ज्योती अपने बीते लम्हों में खो गई उसकी अन्तरात्मा में प्रकाश के प्रति नफरत की आग धधकने लगी , अपनी उलझी गुत्थी को सुलझाने का जितना प्रयत्न करती उतना ही उलझने लगी , जिससे बाहर आने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा था , वह खिन्न ...Read More
आंसु पश्चाताप के - भाग 5
आंसु पश्चाताप के, भाग 5इधर सेठ धर्मदास के फोन बजने लगा , वह फोन को अपने कानों से स्पर्श बोले - हैलो कौन ?पापा प्रणाम मैं ज्योती बोल रही हूँ । क्या बात है ज्योती तुम इतनी उदास होकर क्यों बोल रही हो ?क्या बताऊं पापा ? क्यों अपनी बात अपने पापा से नहीं बताओगी तो किस से बताओगी , बोलो क्या बात है तुम्हारी तबीयत तो ठीक है , हाँ पापा सब ठीक है , प्रकाश कैसे है - उनके बारे में क्या बताऊ पापा आप एक रोज के लिए यहाँ आते तो बिन बताये सब कुछ जान ...Read More
आंसु पश्चाताप के - भाग 6
आंसु पश्चाताप के, भाग 6हाँ भाभी मैं सदर हॉस्पिटल के डॉक्टर आनंद से इलाज करवा रही हूँ , डाक्टर सदर हॉस्पिटल के फेमस डॉक्टर हैं , उन्होंने कल्पना की बच्ची को मरने से बचाया । क्या कल्पना की बच्ची ?हाँ भाभी आपको नहीं पता उसकी बच्ची सीढ़ियों से गिर गई थी , बहुत गंभीर चोट लगी थी उसको बचाने के लिये प्रकाश भैया ने अपना खून भी दिया नहीं तो उसका बचाना मुस्किल था , क्या प्रकाश भैया आपसे नहीं बताये . . .नहीं मुझे नहीं पता , हाँ भाभी कल्पना के साथ साथ प्रकाश भैया भी वहाँ मौजूद ...Read More
आंसु पश्चाताप के - भाग 7
आंसु पश्चाताप के, भाग 7तुम जो कर रहे हो उसका परिणाम तुम्हारे सामने आयेगा , मेरा क्या बिगड़ेगा - ज्योती ?हाँ जीजा जी चलीये हम यहाँ से चलते हैं । ऊंचे स्वर में प्रकाश बोला . . . नही ज्योती तुम कहीं नहीं जाओगी . . .प्रकाश अब तुम्हें जो करना है खुले दिल से करना मैं जा रही हूँ , तुम यह समझ लेना कि तुम्हारी जिंदगी में ज्योती एक सपना बनकर आई थी जो आंख खुलते ही आंखों से ओझल हो गई ,नहीं ज्योती तुम इतना कठोर मत बनो हम दोनों पति-पत्नी हैं , इस जालिम ने ...Read More
आंसु पश्चाताप के - भाग 9
आंसु पश्चाताप के, भाग 9ठीक है जैसा तुम कहोगी वैसा ही करेंगे । प्रकाश कल्पना के घर को किराये हवाले करके निकी और अम्मा को अपने साथ लेकर अपने घर में आया और तीनों वहीं रहने लगे ,प्रकाश अपने काम के साथ - साथ गीत संगीत से लगाव रखने लगा , वह स्वयंम गीत लिखता था उसकी रुचि ऐसी बढी कि वह एक अच्छे संगीतकार की चर्चा में आने लगा और स्टेज का अच्छा गायक बन गया , उसके मधुर आवाज के लोगों में तारीफ होने लगी । धीरे - धीरे संगीत उसके तमाम गमों को निकलने लगी , ...Read More
आंसु पश्चाताप के - भाग 8
आंसु पश्चाताप के, भाग 8नहीं पापा मैं उनकी परछाई तक नहीं देखूगी , ज्योती मेरे लिये नहीं मेरी माँ लिये तरस खाओ , जब तुम मेरे लिए कुछ नहीं हो तो तुम्हारी माँ क्या खाक है , ठीक है ज्योती मैं जा रहा हूँ , अगर माँ को कुछ हो गया तो दोबारा कभी मैं तुम्हारे पास लौट कर नहीं आऊँगा , मत आना मैं भी तुम्हारा इंतजार नहीं करूंगी मेरे लिए तुम नहीं के बराबर हो , ना तो उस घर से मेरा कोई रिश्ता है और ना ही उस घर के लोगों से समझे ।प्रकाश तेज कदमों ...Read More
आंसु पश्चाताप के - भाग 10
आंसु पश्चाताप के, भाग 10समय बीतता गया दिन निकलते गये राहुल और निकी का आपसी प्रेम बढ़ता गया और बीच राहुल का जन्मदिन भी नजदीक आ गया । राहुल की मम्मी का माँ का फोन आया , " हैलो राहुल ,मम्मी प्रणाम खुश रहो बेटा कैसे हो ?ठीक हूँ मम्मी , बेटा १२ नवम्बर को तुम्हारा जन्मदिन है,हाँ मम्मी मुझे पता है, मैं समय से पहुंच जाऊंगा , बेटा अकेले नहीं अपने साथ उस खूबसूरत और नेक लड़की को भी लेकर आना जिसकी तुम तारीफ करते हो . . .ठीक है मम्मी ,इस बार तुम्हारे नाना का विचार है ...Read More
आंसु पश्चाताप के - भाग 11
करती थी परन्तु जो मेरे मामा को भरी महफिल में जलील किया अब उसके साथ मेरा कोई प्रेम नहीं अब मैं उसकी परछाई भी नहीं देखन पसंद करूंगी ।नहीं निकी ऐसी कोई बात नहीं है , प्रेम एक शक्ति है , एक प्रकार की पूजा है , साधना है जिसमें खरा उतरने के लिए सब कुछ सहना पड़ेगा और सच्चे ह्रदय से एक दूसरे का सुख दुख समझना होगा , तुम्हारे पास अब इतना विवेक है की तुम सब कुछ समझती हो , तुम मुझे इतना बता दो कि तुम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हो या नही ...Read More
आंसु पश्चाताप के - भाग 12
इधर ज्योती उस दिन घटित घटना के बाद बहुत परेशान थी , ज्योती की परेशानी का कारण था उसका का सोचना ।ड्राइंग रूम में बैठे-बैठे ज्योती की जेहन में सवाल उठने लगा राहुल निकी से प्रेम करता है अगर राहुल निकी को अपना बनाकर इस घर में ले आया तो ठीक नहीं होगा , क्योंकि निकी उस कल्पना की बेटी है , मैं कल्पना को कभी नहीं भूल सकती क्योंकि उस चरित्रहीन स्त्री ने मेरा जीवन दुश्वार कर दिया और आज उस नागिन की बच्ची मेरे पुत्र को अपने प्रेम जाल में फंसाकर इस घर में आना चाहती है ...Read More
आंसु पश्चाताप के - भाग 13
प्रकाश के चले जाने के बाद सेठ धर्मदास अपनी बेटी ज्योती से पहल किये . . . ज्योती आज भी हुआ अच्छा नहीं हुआ . . . अब तुम्हारा झगड़ा सीर्फ तुम दोनों तक ही सीमित नहीं है , क्योंकि इस झगड़े का मुल वजह राहुल और कल्पना की बेटी निकी का है वे दोनों प्रेम करते हैं , मैं यही सोचकर चिन्तित हूँ , वर्षों वाद आज फिर से रिश्ते में भूचाल आया है , इसका प्रभाव राहुल के जिन्दगी पर पड़ेगा ...हाँ पापा आप ठीक कह रहे हैं उस दिन जो भी हुआ बीत गया और सब ...Read More
आंसु पश्चाताप के - भाग 14
कार्यक्रम खत्म होने के बाद प्रकाश अपने घर वापस आया , वह काफी थकान महसूस कर रहा था , कपड़े चेंज करने के बाद सो गया , कुछ समय बाद वह सवप्न के संसार में खो गया उसे स्वप्न में राहुल दिखने लगा ।वह स्वप्न में राहुल को देखकर खुश हुआ लेकिन जब राहुल की नजर प्रकाश से मिली तो वह भावुक होकर अपना मुंह दूसरी तरफ मोड़ लिया ।प्रकाश को इस तरह मुंह मोड़ते देखकर राहुल उसके पास आया और बोला आप मुझे देखकर अपना मुंह क्यों फेर लिये । प्रकाश अपनी नजरें झुकाकर बोला नहीं राहुल ऐसी ...Read More
आंसु पश्चाताप के - भाग 15 - अंतिम भाग
जब वक्त बेरहम होता है तो जो भी उसकी चपेट में आता है , वह उसे नहीं छोड़ता , वैसे ही प्रकाश के साथ हुआ । प्रकाश अपनी बाइक से अपने पुत्र राहुल से मिलने जा रहा था , रास्ते में सामने से आ रही एक तेज रफ्तार कार ने प्रकाश की बाइक को टक्कर मार दी धडाम . . . . की आवाज के साथ वह सड़क पर लंबा पड़ गया । पलक झपकते ही वहाँ लोगों का जमावड़ा लग गया और ट्रैफिक जाम हो गया . . .चन्द समय बाद वहाँ पुलिस पहुंची और उसे लहूलुहान अचेत ...Read More