यह कहानी चोर की है जिसका नाम राज है। अपने दोस्त के साथ रह रहा है उसके दोस्त का नाम अंकित है। जिंदगी से उसे खास उम्मीद तो नही है। उसे पता है। जिंदगी से क्या मिलने वाला है। और जिंदगी उसे किस रास्ते पर ले कर जाने वाली है उसी चोरी करना पड़ता है। ताकि वह अपनी बीमारी के लिए दवाईयो का बंदोबस्त कर सके। अपने इस बीमारी के बारे में उसने अभी तक किसी को नहीं बताया हैं। राज: भाई आज कहा चला जाए ? अंकित: मुझे पता नहीं यार ! राज: भाई कब तक एसे ही छोटी चोरिया करते रहेंगे हमे कुछ बड़ा भी करना चाहिए ये रोज के खाने की तरह हो गया है,हम रोज जिस तरह भूख लगने पर खाना कहते है उसी तरह हमे चोरी भी करनी पड़ती है। अंकित: हां बात तो तू बिल्कुल सही कह रहा है लेकिन अगर हम बड़ा कुछ करेंगे तो हम फस भी सकते हैं। और छोटे-मोटी चोरियां करने में कोई ज्यादा ध्यान देता नहीं है तो भलाई इसी में है। कि हम अपना चादर उतना ही चादर फैलाए जितना हमें जरूरत है।
Full Novel
प्रायश्चित- 3 - File ki Khoj
राज लेने के लिए तो निकल चुका था लेकिन रास्ते में उसे एक बात याद आई कि वह कार्ड जेब में की थी जब वह कार्ड निकाल कर वह देखा तो पता चला वह एक बड़े वकील का का कार्ड था। अब उसे दिन में ही चोरी कर ली थी और दिन में तो मुश्किल काम था लेकिन वही जोखिम लेने के अलावा और कुछ नही कर सकता था सकता था अब उसका दोस्त जो दाव पर लगा था उस समझ में नहीं पा रहा था कि उसे करना क्या है और यही सोचते सोचते हो वकील के घर ...Read More
प्रायश्चित- 4 - Ek Chaal
होटल से बाहर निकलने के बाद राज के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था कुछ दूर जाने बाद उसने फाइल खोलकर देखा तो उसे पता चला इसमें माथुर किस-किस बैंक में कहां-कहां पैसे जमा थे इसका सबूत था और यह फाइल साल्वे कोर्ट में ये दिखा कर साबित करने वाला था। फाइल उसके पास थी वो सोच रहा था। की क्यू ना ये फाइल वो उससे दे ही ना क्यू कि उस फाइल के जरिए वो उन बैंकों पैसे निकाल सकता था। जो की एक अनजान लड़की के नाम से थे उसने सोचा कि ये पैसे वही ...Read More
प्रायश्चित- 1 - Raaj or Ankit
यह कहानी चोर की है जिसका नाम राज है।अपने दोस्त के साथ रह रहा है उसके दोस्त का नाम है। जिंदगी से उसे खास उम्मीद तो नही है। उसे पता है। जिंदगी से क्या मिलने वाला है। और जिंदगी उसे किस रास्ते पर ले कर जाने वाली है उसी चोरी करना पड़ता है। ताकि वह अपनी बीमारी के लिए दवाईयो का बंदोबस्त कर सके। अपने इस बीमारी के बारे में उसने अभी तक किसी को नहीं बताया हैं।राज: भाई आज कहा चला जाए ?अंकित: मुझे पता नहीं यार !राज: भाई कब तक एसे ही छोटी चोरिया करते रहेंगे हमे ...Read More
प्रायश्चित- 2 - Mathur Sahab
अब राज कुछ समझे उससे पहले ही अंकित जग गया था दूसरा आदमी : वहा!!! भाई आपकी नींद तो जल्दी ही टूट गई, मुझे अब जल्दी उठोअंकित और राज को ऐसा लग रहा था कि कल रात की सजा देने के लिए यह दोनों आएगा वह दोनों एक दूसरे को देख रहे थे लेकिन मैं अभी तक उनको इसी सवाल का जवाब नहीं मिला थ मिला था तो एक नाम वो भी कोई माथुर साहबराज: ठीक है हम चलते हैं बाद में आराम से राज ने अंकित को देखा और अंकित भी अब मन गया वो दोनो खड़े हो ...Read More
प्रायश्चित- 5 - Raaj ki Pareshani
राज ने उसकी बात सुनी और चौक गया और वोही रूक गया उसे समझ में नही आ रहा था। इसको क्या हो गया अब भी तक तो यह मुझ पर भरोसा नहीं कर पा रही थी। अभी यह मुझसे पूछ रहीं है। राज: क्यू अब क्या हुआ बोलो क्या तुमें मुझ पर भरोसा हो गया है। यह तुम कुछ और सोच रहीं हो। पायल: मुझे तुम भरोसा तो नहीं है पर मैं अपने आप पर तो भरोसा कर सकती हु। राज: कहना क्या चाहती हो तुम मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है।पायल: तुम्हें समझने की की जरूरत ...Read More
प्रायश्चित- 6 - Tisra Koun
राज सकते में आ गया था वह समझ नहीं पा रहा था कि यह तीसरा आदमी कौन है जो चला सकता है अचानक वह पीछे देखता है तो वह वकील विशाल साल्वे और पुलिस वाले उसके पीछे खड़े थे।साल्वे ने उसे कहा।साल्वे: तुम्हें क्या लगा मैं तुम्हें इतनी आसानी से छोड़ दूंगा ना ना ना यह तुम्हारी भूल है मैंने तुम्हें इसीलिए जाने दिया ताकि मैं तुम्हारा पीछा कर सकूं अगर मैं चाहता तो तुम्हें वही पकड़वा सकता था तुम वहां से भाग गए तो उसके बाद मैंने पुलिस के साथ तुम्हारा पीछा किया और पीछा करते-करते यहां तक ...Read More
प्रायश्चित- 7 - Shatir Chalbaaz
साल्वे जहां खड़ा था राज उसके पास जाकर वो खड़ा हो गया लेकिन साल्वे को जरा सा भी महसूस हुआ कि राज उसके पास ही खड़ा है साल्वे की बात सुनकर उसे कुछ समझ में आ रहा था कि असल में यह सब पूरा का पूरा प्लान था और जिस में राज फस चुका था।असल में यह साल्वे का ही प्लान था साल्वे जानता था कि माथुर उसके घर में चोरी करवाएगा और चोरी करा करवाने के लिए उसने एक आदमी को उस रात भेजने वाला था साल्वे यह बात जानता था इसलिए उस रात उसने अपने वॉचमैन को ...Read More
प्रायश्चित- 8 - Nayi Shuruwat
पायल और राज दोनों ही एयरपोर्ट से उन दोनो ने लंदन की फ्लाइट पकड़े थे उनकी नई शुरुआत यहा हो सकती थी लेकिन राज का दिल इंडिया में अंकित के लिए धड़क रहा था सोच रहा था कि का क्या होगा कैसा होगा वह उन लोगों ने उसका कुछ बुरा तो नहीं किया होगा यह सोच सोच कर उसका दिल बैठा जा रहा था पायल हर वक्त उसके साथी उसे दिलासा देते जा रही थी कि एक बार सब शांत हो जाए तो हम वापस जरूर जाएंगे।राज सोच रहा था इतना बड़ा धोखा मिलने के बाद साल्वे अंकित को ...Read More
प्रायश्चित- 9 - Vazir
राज की हालत खराब थी यह सोचकर पायल ने उसे हॉस्पिटल ले गई हॉस्पिटल में उसे डॉक्टर ने उसे कि यहडॉक्टर: सर्दियों में या मौसम बदलने पर एक ओर नाक का बंद हो जाना सामान्य बात है. आम तौर पर दो-चार दिन बाद नाक अपने आप खुल जाती है. हालांकि अगर इसके बाद भी एक ओर की नाक बंद रहे तो आपके लिए खतरे की बात हो सकती है. मेडिकल एक्सपर्ट के मुताबिक, यह लक्षण आपमें नाक के कैंसर (Nose Cancer) का संकेत हो सकता है, जिसे Nasopharyngeal Cancer (NPC) भी कहते हैं. इतना सुनने के बाद पायल के ...Read More
प्रायश्चित- 10 - Dushmani
डैनी के लोग अंकित को उसके अड्डे पर लेकर आ जाते हैं डैनी उसका स्वागत करता है पर वहां अंकित की नजरें राज को ही ढूंढती रहती है अंकित को समझ में नहीं आ रहा होता है कि आखिर यह आदमी है कौन जो उसे यहां पर ले आया है। डैनी उसे से आराम से बैठने के लिए कहता है और ड्रिंक ऑफर करता हैलेकिन अंकित पूछता हैअंकित: राज कहां पर है।डैनी उसे आराम से बैठने के लिए कहता है और बताता है डैनी: असल में वह तुम्हारी दोस्ती के लायक ही नहीं है।इतना सुनते ही अंकित को थोड़ा ...Read More
प्रायश्चित- 11 - Anjana Safar
हेलो मैं डैनी बोल रहा हूं 10 नवंबर की रात को किन-किन लोगों ने लंदन की टिकट करवाई थी उन लोगों का नाम बता सकते होंडैनी ने अपने आदमी से फोन पर बात करते हुए राज और पायल के बारे में पूछा उधर से उस आदमी ने उसे कुछ टाइम मांगा डैनी सर मुझे इसमें थोड़ा सा टाइम लगेगा मैं तुम्हें देख कर बताता हूं डैनी इतना कहकर फोन रख देता है।क्या हुआ तुम्हारे आदमी ने क्या कहा माथुर ने उसे उत्साह पूर्वक पूछा डैनी: तुम यार हर चीज में इतना उतावलापन क्यों कर रहे हो आराम से रहो ...Read More
प्रायश्चित- 12 - Badaltey Rishtey
कुछ ही घंटों के सफर के दौरान अंकित अब लंदन पहुंच चुका था अब उसे यहां से राज की करनी थी। उसे समझ नहीं आ रहा था। कि वह कहां से शुरू करें उसके पास राज की फोटो तो थी। लेकिन उसका पता नहीं था वह एयरपोर्ट से निकलने के बाद एक रेस्टोरेंट में बैठकर नाश्ता करते हुए यही सोचे जा रहा था कि अब आगे उसे करना क्या है तभी कुछ समय बाद डैनी उसे कॉल आता है वह उससे पूछता है कि उसकी खैरियत पूछता है।डैनी: तुम्हें वहां पर जिस जिस चीजों की जरूरत रहेगी तुम मुझे ...Read More
प्रायश्चित- 13 - Nehele Pey Dehela
कुछ घंटों बाद अंकित को होश आ चुका था अंकित ऐसे ही पढ़े नहीं रह सकता था उसे राज तलाश करनी थी वह सोच रहा था इस मुसीबत से कैसे निकले और साल्वे भी अब तक हॉस्पिटल तक पहुंच चुका था। हॉस्पिटल का मुआयना करते हुए उसे पता चला कि अंकित को ज्यादा चोटें नहीं आई थी। और अंकित के कमरे बाहर दो लोगों उस कमरे पर ध्यान लगा कर खड़े थे उन्हीं दो लोगों को देखने के बाद उसे पता चल गया था कि शायद माथुर के आदमी उसके पीछा करते हुए यहां तक पहुंच चुके थे।उसने वहां ...Read More
प्रायश्चित- 14 - Lalchi
अंकित ने अपनी बात खत्म करके हॉस्पिटल के गलियारे में से मुड़कर गलियारों से बाहर आ गया। के बाहर पर उसने साल्वे को एक लड़की के साथ बैठे हुए देखा वह समझ नहीं पा रहा था। कि साल्वे इतनी दूर उसके पीछे उसका पीछा करते हुए आया था और वह लड़की कौन है अंकित को अब कुछ कुछ समझ में आ रहा था अंकित को भी एक क्लू मिल चुका था वह लड़की उसे कुछ बता सकती है और वह साल्वे के कुछ और करीब जाकर दीवार की ओट लगाकर उनकी बातें सुनने लगा।पायल: मेरी बात समझो पैसे मेरे ...Read More
प्रायश्चित- 15 - Angel
इतने पढ़े बाप की लड़की की गाड़ी में पेट्रोल ही नहीं था क्या घंटे की इतनी बड़ी थी उनकी कम से कम पेट्रोल भरा ही लेती तो मुझे आज यहां फसना नहीं होताउसने कार मैकेनिक का नंबर सर्च करके एक कार मैकेनिक को फोन किया और उसे अपने पास बुलाकरीब डेढ़ घंटे के बाद गाड़ी सही हो गई थी। मैकेनिक अपने साथ कुछ पेट्रोल भी लाया था। इससे अंकित का काम और आसान हो गया।उसने मैकेनिक को कुछ पैसे दिए और वहां से चलता बनाअंकित ने सोचा यही मौका है उस नकचड़ी का अकड़ सुधारने का वो गाड़ी में ...Read More
प्रायश्चित- 16 - Uth Aaya Pahad Ke Niche
जैसे ही अंकित ने उस कमरे का दरवाजा खोला वह राज को देखकर बहुत खुश हूं और साथ-साथ उसे हालत में पाकर उसे बड़ा दुख हो रहा था राज की हालत खराब थी उसके मुंह से ऑक्सीजन पाइप लगा हुआ था अंकित को यह सोचने में बड़ी दिक्कत हो रही थी कि आखिर राज के साथ ही ऐसा क्यों हुआ राज इतना अच्छा है। तब उसे समझ में आया कि अच्छे लोगों के साथ ही अच्छा होता है राज उससे बहुत प्यार करता था लेकिन आज उसे इस तकलीफ में देखते हैं देखने के बाद उसे समझ आ गया ...Read More
प्रायश्चित- 17 - Pyada Ghar Pahuch Gya
उधर डैनी फोन पर फोन लगाया जा रहा था उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर रॉबर्ट कहां उसका फोन भी नहीं लग रहा था उसे लग रहा था क्या पता अंकित ने रॉबर्ट को मार तो नहीं दिया।क्या अंकित को उसकी सच्चाई पता चल गई क्या अंकित को राज मिलने के बाद भाग गया।इन सारे सवाल डैनी को खाए जा रहे थे। अब उसके चेहरे पर शिकन साफ नजर आ रही थी।माथुर साहब : क्यू डैनी साहब रोबोट मारा गया क्या मैंने कहा था अंकित पर भरोसा मत करो वह भरोसे लायक नहीं है।डैनी: तुमने कब कहा ...Read More
प्रायश्चित- 18 - Danny Come Back
डैनी इन सब से थक चुका था ।अब उसे खेल में खुद ही उतरना था। माथुर के खिलयो की से उसका दिल में जल रहे ज्वाला को माथुर ने और भड़का दिया था।उसके हिसाब से उसके सारे प्यादे अब मर चूके थे।अब उसे खेल में खुद कूदना था उसने थूर से कहा कि मेरी आज दोपहर की टिकट करवा दो अब मैं खुद लंदन जाऊंगा।डैनी का आया गुस्सा देख माथुर अब थोड़ा थोड़ा सा सहम गया था। वह अब सीरियस लग रहा था माथुर के समझाने के बाद भी डैनी नहीं माना वह अपने अटल फैसले पर अड़ा हुआ ...Read More
प्रायश्चित- 19 - Danny Or Devil
डेविल मेघा का पीछा करते-करते हॉस्पिटल पहुंच गया था। हॉस्पिटल में उसे पता चला कि उसका पति भी गायब और वह भी गायब थी। उन दोनों का कुछ पता नहीं चल रहा था उन लोगों ने अभी तक पैसे भी पे के नहीं किए थे।इसलिए डॉक्टरों को उनके नाम बिल्कुल याद थे।डैनी को हॉस्पिटल से कोई क्यों सबूत नहीं मिला था। और ना ही कोई सीसीटीवी पर उनका फुटेज मिला था।उस नर्स ने सारी फुटेज डिलीट कर दी थी। अब उसके पास कोई क्लू नहीं बचा था।डेविल आगे बढ़ता हुआ हॉस्पिटल में पूछते चला जा रहा था किसी ने ...Read More
प्रायश्चित- 20 - Check And Mate
उधर राज अंकित के पास पड़े यही सोच रहा था कि उसके प्यार में क्या कमी हो गई अंकित जब उसे सच्चाई बताइ तो उसका दिल ही टूट चुका था उसके आंखों से आंसू नहीं आ रहे थे लेकिन उसका दिल अंदर रोए जा रहा था।और अंकित भी यही सोच रहा था। कि उसे अपने दोस्त के लिए उसे ही आखरी काम पूरा ही करना पड़ेगा चाहे उसे पायल (मेघा) को ढूंढने में कितने ही साल कितनी साल क्यू ना लग जाए।और इधर मेघा डैनी के साथ इंडिया आ चुकी थी। और इधर डैनी मेघा को अपने घर लेकर ...Read More
प्रायश्चित- 21 - अंतिम भाग
2 साल पूरे हो चुके थे लेकिन अंकित अभी भी मेघा को ढूंढ नहीं पाया था वह अपने काम कामयाब नहीं हो पाया था उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह मेघा को कहा और कैसे ढूंढे।राज की डेथ हो चुकी थी रात को खोने के बाद अंकित का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच चुका था उससे मेघा से अपने दोस्त का बदला लेना था।उसे जब समझ नहीं आया तो उसने सोचा क्यों ना मैं अपनी शुरुआत शुरुआत से ही करूं वह पहले मेघा के पड़ोसियों से जाकर उसने पूछा तो उसे ज्यादा कुछ तो पता नहीं चला ...Read More