धर्म अपना अपना

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"तू जानती है क्या कह रही है?"कोई नई बात नही कह रही,"रुबिका की बात सुनकर आयशा बोली,"जवान होने पर हर लड़की शादी करती है।मैं भी शादी कर रही हूँ।"शादी करना जुर्म नही है।"तो फिर?"जुर्म यह है कि तू एक काफिर से शादी कर रही है।"तेरी नजर में काफिर कौन है?"जो दूसरे धर्म का हो।"तेरे लिए वह काफिर होगा लेकिन वह मेरा प्यार है।"आयशा पाकिस्तान की रहने वाली थी।उसके पिता असलम और माँ जाहिरा थी।उसके पिता की आंखे नजमा से लड़ गयी।जब इस बात का पता जाहिरा को लगा तो उसकी अपने शौहर से नजमा को लेकर रोज झगड़ा होने लगा।लेकिन

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धर्म अपना अपना - 1

"तू जानती है क्या कह रही है?""कोई नई बात नही कह रही,"रुबिका की बात सुनकर आयशा बोली,"जवान होने पर लड़की शादी करती है।मैं भी शादी कर रही हूँ।""शादी करना जुर्म नही है।""तो फिर?""जुर्म यह है कि तू एक काफिर से शादी कर रही है।""तेरी नजर में काफिर कौन है?""जो दूसरे धर्म का हो।""तेरे लिए वह काफिर होगा लेकिन वह मेरा प्यार है।"आयशा पाकिस्तान की रहने वाली थी।उसके पिता असलम और माँ जाहिरा थी।उसके पिता की आंखे नजमा से लड़ गयी।जब इस बात का पता जाहिरा को लगा तो उसकी अपने शौहर से नजमा को लेकर रोज झगड़ा होने लगा।लेकिन ...Read More

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धर्म अपना अपना - 2

"मेरी बात का बुरा मान गए क्या?"""आयशा ऐसे लोग दोनो तरफ है।समाज मे सब तरह के लोग होते है।अच्छे और बुरे भी।ऐसे ही देश मे होते है।""परेश तुम सही कह रहे हो।"और दोस्ती होने के बाद वे रोज मिलने लगे।परेश रोज आयशा को कभी केंटीन कभी किसी रेस्त्रां में ले जाता।एक दिन आयशा बोली,"आज पैसे मैं दूंगी।'"तुम,"परेश बोला,"तुम्हारे पास पैसे कहा से आये?""जहाँ से तुम्हारे पास आते है।""मेरे पास कहाँ से आते है?""तुम्हारे घर से आते होंगे?""नही,"परेश बोला,"मैं अपना खर्च खुद चलाता हूँ।'"कैसे?""खाली समय मे मैं डाटा एंट्री का ऑन लाइन जॉब करता हूँ।उन पेसो से मेरा खर्च चल ...Read More