तेरी चाहत मैं

(249)
  • 255.3k
  • 44
  • 134.7k

“अपने आप को समझते क्या हो तुम. कितनी देर से हुमारे पीछे पीछे चले आ रहे हो. ज़यादा दिमाग़ खराब हो तो बताओ ? बुलाती हूँ अभी प्रिन्सिपल को.” बड़े ही गुस्से मैं बोली थी रिया। इतने मैं विक्रम वहाँ आ पहुचा और बोला “क्या हुआ रिया ? यह क्या तुम्हे परेशान कर रहा है. ” फिर वो अजय की तरफ मुखातिब हुवा और काफ़ी ज़ोर से बोला, “क्यो बे किस लिए पीछा कर रहा था तू. कौन है. चल अपने रास्ते निकल.” अजय बोला “मैं अपने रास्ते ही जा रहा हूँ, यह मोहतार्मा भी उसी रास्ते जा रही हैं. यह मेरे आगे थी और मैं पीछे, इसका यह मतलब नही है की मैं इनका पीछा कर रहा हूँ. ” इतना कह कर अजय आगे निकल गया, और पीछे कशिश उसको घूर कर देखने लगी. फिर बोली “बड़ा बदतमीज़ शक्स है. पता नहीं कहाँ कहाँ से आ जाते है जाहिल लोग।” इस पर विक्रम बोला “अरे तुम परेशान ना हो, इसकी अकड़ निकल देंगे जल्दी ही.” रिया गुस्से से बोली “जल्दी नही आज ही निकालो इसकी अकड़. ताकि अगली बार हम से उँची आवाज़ मे ना बात करे.” “आपका हुकुम सर – आँखों पर रिया साहिबा, आज क्लास के बाद, इसको सीधा करता हूँ .” ज़ैन ने कहा. फिर वो भी अपने बाकी साथियों के साथ आगे बढ़ गए टेक्नालजी डिपार्टमेंट की तरफ.

New Episodes : : Every Monday, Wednesday, Thursday & Saturday

1

तेरी चाहत मैं - 1

“अपने आप को समझते क्या हो तुम. कितनी देर से हुमारे पीछे पीछे चले आ रहे हो. ज़यादा दिमाग़ हो तो बताओ ? बुलाती हूँ अभी प्रिन्सिपल को.” बड़े ही गुस्से मैं बोली थी रिया।इतने मैं विक्रम वहाँ आ पहुचा और बोला “क्या हुआ रिया ? यह क्या तुम्हे परेशान कर रहा है. ” फिर वो अजय की तरफ मुखातिब हुवा और काफ़ी ज़ोर से बोला, “क्यो बे किस लिए पीछा कर रहा था तू. कौन है. चल अपने रास्ते निकल.”अजय बोला “मैं अपने रास्ते ही जा रहा हूँ, यह मोहतार्मा भी उसी रास्ते जा रही हैं. यह मेरे ...Read More

2

तेरी चाहत मैं - 2

कुछ देर बाद मिस्टर शर्मा चले गये, और पूरा क्लास बाहर आ गया. सब इधर उधर ग्रूप्स बना कर हो गये. अजय एक कोने मैं बैठा था. तभी उसके कंधे पर किसी ने हाथ रखा, एक लड़का था जो मुस्कुरा रहा था.“दोस्त क्या मैं यहाँ बैठ सकता हूँ?” अजय ने कहा “जी ज़रूर.”वो लड़का उसके पास बैठ गया और बोला “मेरा नाम राज है, तुम नए आए हो यहाँ पर. सोचा थोड़ी जान पहचान कर लेता हूँ.” अजय बोला “शुक्रिया राज. आप से मिल कर खुशी हुई.”इस पर राज बोला “खुशी ऐसे नही ज़ाहिर करो, चलो मैं तुम्हे अपने ...Read More

3

तेरी चाहत मैं - 3

वो लोग कुछ ही दूर आगे चले थे कि रास्ते में विक्रम अपने कुछ साथियो के साथ वहां आकर हो जाता है। और अजय का रास्ता रोक लेता है। उसके साथ वहां पर रिया भी थी। न्यूटन और अरसलान आगे बढ़ने लगे तो उतने में विक्रम बोला, “क्या भाई कहां चले जा रहे हो? ज़रा हमसे भी तो मिलते जाओ। सुबह तो आप बड़ी ऊंची आवाज में बात कर रहे थे, अब क्या हुआ?”अजय बोला “सुबह मैंने गलत फ़हमी दूर कर दी थी बस। और मैं बातों को तूल नहीं देना चाहता। इसलिए आप सब हमारा रास्ता छोड़िए और ...Read More

4

तेरी चाहत मैं - 4

हॉस्टल में अजय अपने रूम में पहुंचा, और अपनी किताबें एक तरफ रख कर अपने बिस्तर पर आराम करने लिए लेट गया। अभी वह थोड़ी देर ही लेटा था कि उसके दरवाजे पर दस्तक हुई। अजय दरवाजा खोलने के लिए अपने बिस्तर से उठा। जब उसने दरवाजा खोला तो न्यूटन अपना सामान लिए वहां पर खड़ा था। दरवाजा खुलते ही वह अंदर रूम में दाखिल हो गया।दूसरे बिस्तर पर बैठे हुए वह अजय से बोला, “यार तुम्हारे रूम के दूसरे बंदे का तो अभी कोई भी आता-पता नहीं है। तो इसलिए मैंने सोचा कि क्यों न मैं तुम्हारा रूम ...Read More

5

तेरी चाहत मैं - 5

क्लास में सब बैठे थे कि मिस्टर शर्मा दाखिल हुए। मिस्टर शर्मा ने क्लास को देखा। अजय के साथ बैठा था। मिस्टर शर्मा बोले “रिया अपनी जगह से उठो, और अजय के पास बैठो। यहां सामने बैठोगी तो नजर में रहोगी। न्यूटन तुम जरा, राज के साथ बैठो।”रिया न चाहते हुए भी अजय के पास बैठ गई। अजय ने उसकी तरफ देखा तक नहीं। पर रिया उसे खा जाने वाली नजरों से देख रही थी। अजय ने पूरी क्लास में उसपर तवज्जो ना दी, जब क्लास खत्म हुई। अगली टीचर मिस रूबी दूर पर आ गई। मिस्टर शर्मा ने ...Read More

6

तेरी चाहत मैं - 6

उस शाम सब रूबी के घर में आराम से सोफे पर बैठे हुए थे। वो सब मज़े से रूबी हाथ की बनी हुई चाय और पकोड़ियां खा रहे थे। साथ ही वो रूबी की तारीफ भी कर रहे थे।इतने में हिना बोली “रूबी आपा बा खुदा, ऐसा लगता है, ये चाय और पकोड़ियां अल्लाह मिया ने फरिश्तों के हाथ सीधे जन्नत से हमारे लिए भेज दी हैं। दिल करता है बस खाती ही रहूं, खाती ही रहूं।”सना बोली “बिल्कुल सच बात है दीदी, रूबी बहन कमाल की कुक है। उनसे अच्छा कुक तो कोई हो ही नहीं सकता। जितना ...Read More

7

तेरी चाहत मैं - 7

कुछ दिन ऐसे ही मज़े में बीते। सब अच्छा चल रहा था। अजय और उसके दोस्त की स्टडीज, उसके अजय और न्यूटन की जॉब सब कुछ अच्छा बीत रहा था। कुल मिला कर चंडाल चौकड़ी की जम रही थी। लेकिन ये सब ऐसे नहीं रहने वाला था। उस दिन सना और हिना, दोनो कैंटीन में पहुंची तो परेशान थीं। सब ने पूछा कि क्या हुआ? तो सना रोने लगी। यह देख अजय, राज, रोहित और न्यूटन उसे चुप कराने लगे और हिना से पूछने लगे कि क्या हुआ?हिना बोली “मैं और सना आज मार्केट से आ रहे थे। रास्ते ...Read More

8

तेरी चाहत मैं - 8

थोड़ी के देर बाद वो सब एक साथ कैंटीन में बैठे हुए थे। सना ने अजय और सबसे कहा, मुझे तुम सबकी दोस्ती पर बहुत ज़्यादा फख्र महसूस हो रहा है। अजय, राज, रोहित और न्यूटन मैं तुम लोगों का किस मुंह से शुक्रिया अदा करूं कह नहीं सकती। आज तुम लोगों ने जो हमारे लिए किया है, उसका बदला हम दोनों चाहकर भी नहीं पूरा कर सकते।हिना बोली हम दोनों के लिए तुम सब उन लफंगो से भिड़ गए। उन्हें सबक सिखाया। तुम्हें थोड़ी भी अपनी जान तक की फ़िक्र ना थी, थैंक्स गायिज़। थैंक्स अ लॉट। कोई ...Read More

9

तेरी चाहत मैं - 9

अगला दिन तूफ़ान लाया था। अजय, राज, रोहित और न्यूटन प्रधान कार्यालय मैं खड़े थे। साथ मै थे। मुकेश रिया के डैड और कॉलेज के ट्रस्टी और सबसे बड़े डोनर। उनका कहा प्रिंसिपल भी मानते थे। साथ में रिया और विक्रम भी खड़े थे।प्रिंसिपल बोले "शर्म आती है मुझे जो, मेरे यहां ऐसे लड़के पढते हैं जो पढ़ाई मैं कम और लडाई मैं आगे रहते हैं। कल आप लोगों ने जो गुंडा गार्डी की हद पर कर डाली। अच्छे भले लड़कों को मारा पीटा और उसके बाद, जाने क्या क्या।” अजय बोला "पर सर..." लेकिन उसी बात बीच में ...Read More

10

तेरी चाहत मैं - 10

अजय ने सोचा, की जाने से पहले लाइब्रेरी होता चलूं, कुछ किताबें लेनी थी उसे। अजय लाइब्रेरी जा रहा की रास्ते में रिया ने उसका रास्ता रोका। रिया बोली "जब से तुम यहां आए हो, हम को काफ़ी परशान किया है। पहले किसी की इतनी हिम्मत नहीं थी, की हम को या विक्रम को कोई कुछ कह भी सके। लेकिन जिस दिन से तुम आए हो। बराबर हमारा रास्ता काट रहे हो। आज तुम्हारी वजह से विक्रम की इतनी ज़िलत हुई है। हम को हमारे पापा के सामने शर्मिंदा करवा दिया। हम तुमसे बदला जरूर लेंगे। इन सब का ...Read More

11

तेरी चाहत मैं - 11

अजय को जब होश आया तो उसने अपने आपको हॉस्पिटल में पाया उसका सर दर्द से फटा जा रहा जगह-जगह छोटे लगी थी। जिससे दर्द काफ़ी हो रहा था। उसने इधर-उधर देखा तो उसके बगल में कोई नहीं था। उसने उठने की कोशिश की तो दरवाजे से रूबी आपा को अंदर आते हुए उसने देखा।"अजय उठना नहीं, डॉक्टर ने तुम्हारे उठने से मना किया है।" रूबी ने उसे लेटाते हुए कहा।“अल्लाह का शुक्र है की तुमको होश आया। पूरे दो दिन बाद तुम्हे होश आया है तुम्हे।" रूबी ने कहा। अजय "रूबी आपा मुझे यहां कौन लेकर आया?" रूबी ...Read More

12

तेरी चाहत मैं - 12

कुछ दिन बाद अजय हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुआ। सब दोस्तों के साथ रूबी ने उसे अपने घर बुलाया। वो सलामती के लिए खुश था। इसी लिए एक छोटी सी दावत की थी उन सबने। सब दोस्त रूबी के घर पर थे। कफी अच्छा माहोल था। मिस्टर शर्मा और मुकेश रॉय को भी बुलाया गया था। रिया भी ना चाहते हुए आई थी। सब खुश थाय। अजय भी काफी खुश था।"और लो अजय, कुछ खाओगे नहीं तो कमज़ोरी कैसे दूर होगी तुम्हारी।" रूबी ने अजय की प्लेट मैं बिरयानी डालते हुए कहा। "अरे आप क्या आज ही सब खिला देंगी। ...Read More

13

तेरी चाहत मैं - 13

दिल के किसी कोने में मैं अजय अब रिया को महसूस करने लगा था। उसे समझ नहीं आ रहा की असल मैं बात क्या है। किसी से ज़िक्र भी नहीं करना चाहता था। उसकी ये बेनाम और अंसुलझे हुई सोच उसे समाज भी नहीं आती थी। ऐसे ही कुछ दिन और बीत गए। एक सुबह कॉलेज की कैंटीन मैं अजय अखबार ले कर आया। हीना बोली "क्या जरूरी कोई रिश्ते के लिए एड दिया है या कोई एड पसंद आया है?" सब हंसने लगे।अजय बोला "कमबख्तो मैं सब के भले के लिए अखबार लाया हूं। जरा एक विज्ञापन देखो।" ...Read More

14

तेरी चाहत मैं - 14

CWS के ऑफिस मैं पहुच कर अजय ने देखा तो वो लोग ही वहां पर पहले पहुचे थे। ऑफिस छोटा सा स्टाफ था, जो अपने कामों में लगा था। वो सबके पास पहुच कर बोला "क्या सीन है?" राज बोला "बस हम लोग ही हैं। अभी कोई आया नहीं है।"तभी एक लड़की वहां आई और सब से बोली "नमस्ते, मेरा नाम सिमरन है और मैं यहां काम करती हूं। आप सब शायद इंटरव्यू के लिए आए हैं?" सब बोले "जी हम इंटरव्यू के लिए आए हैं।" सिमरन बोली "ठीक है, आप सब मेरे केबिन मैं आ कर मुझे अपने ...Read More

15

तेरी चाहत मैं - 15

अजय बोला "चलो यार अब क्या आज ही देखना ना है, अब तो रोज़ - रोज़ मिलना, अब चल CEO से मिल लेते हैं।" सब जल्दबाजी में लिफ्ट की तराफ चल दिए। थर्ड फ्लोर पर वो सब CEO के रूम के बहार पहुंचे और ऑफिस बॉय को इंफॉर्म किया किया। ऑफिस बॉय अंदर गया और फिर बहार आ कर बोला "आप सब अंदर जाए।""सब अंदर पहुंचे। सामने मुकेश रॉय बैठे थे। सब उन्को देखने लगे। वो मुस्कुराते हुए बोले, "पहली नौकरी मुबारक हो आप सबको। मोहित साहब आप सब से काफी खुश हैं। आओ बैठो सब।" सब बैठे गए, ...Read More

16

तेरी चाहत मैं - 16

अजय ने दोनो की बातें सुन ली थी। उसे भी गहरा धक्का लगा। फिर वो भी सबके पास चला देर शाम तक सब लोग साथ रहे, फिर सब अपने घर को चले गए। अजय और न्यूटन राज के कहने पर राज के साथ ही रुक गए। रात मैं अजय ने राज से पुछा, "राज ये जावेद कौन है। रूबी आप का क्या रिश्ता है?” राज ने जवाब दिया "वो उनके पति हैं। वो अलग रहते हैं। दोनो मैं लड़ाई हो गई है। एक साल होने वाला है।" न्यूटन बोला "लड़ाई तो बस बहाना है। वो तो किसी दूसरी लड़की ...Read More

17

तेरी चाहत मैं - 17

रास्ते में, राज चुप चाप बैठा ड्राइव कर रहा था। सिमरन बोली "राज थैंक्स, वैसा क्या काम है तुमको राज हड़बड़ा कर बोला "वो... वो कुछ खास नहीं, बस मंदिर जाना है।" उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। सिमरन बोली "तुम सिर्फ मंदिर जाने के लिए इधर आ रहे हो, कोई खास बात है क्या? मंदिर तो तुम कहीं भी जा सकते हो।"राज "वो मैंने वहां पर पहले मन्नत मांगी थी, की अगर मुझे जॉब मिलेगी तो मैं यहां आऊंगा।" सिमरन बोली "ओह! अच्छा, अगर तुमको कोई समस्या ना हो तो मैं भी मंदिर चल सकती हूं, कई ...Read More

18

तेरी चाहत मैं - 18

वो लोग आगे बढ़ने लगे। तभी राज एक आइसक्रीम की दुकान देख कर कार रोकने लगा। सिमरन बोली "क्या कार क्यों रोक दी।" राज उतरा और फिर सिमरन की तरफ जा कर दरवाजा खोलते हुए बोला, "सिमरन साहिबा क्या आप मेरे साथ एक चोकोबार आइसक्रीम खाने की तकलीफ करेंगी।" सिमरन बोली "हां पर मैं दो खाउंगी, और साथ में मैं एक दो स्वाद और खाने हैं।" राज बोला "जी बिलकुल पर एक शर्त है, की आप मेरा सर नहीं तोडेंगे।"सिमरन ने हंसते हुए कहां "उसको बाद मैं सोचूंगी। चलो पहले आइसक्रीम खाते हैं।" फिर वो आइसक्रीम की दुकान मैं ...Read More

19

तेरी चाहत मैं - 19

हमें सुबह अजय का सेल फोन एकदम से बज उठा, अजय ने देखा तो न्यूटन की कॉल थी। अजय "अब एक ही कमरे में रह कर तुमको मुझे कॉल करनी पड़ रही है!" न्यूटन "बरखुरदार मैं वहा नहीं हूं। मैं रोहित के घर पर हूं, जावेद जिस लड़की के साथ है उसका पता चल गया है। तुम राज के घर पहुचो। वही बताता हूं सब कुछ।"थोड़ी देर बाद चारो राज के घर उसके कमरे मे थे। तब रोहित बोला “देखो, जो लड़की जावेद के साथ है, उसका नाम शीना बजाज है। उनके ऑफिस मैं काम करती है, पहले दुसरी ...Read More

20

तेरी चाहत मैं - 20

उस रात रूबी राज के घर पर थी, अजय, राज, न्यूटन और रोहित के अलावा सना और हीना भी साथ मैं राज के पापा, मेजर शेखर भी था। रूबी खुश थी। रूबी बोली "तुम चारो ने मुझे आज वो खुशी दी है, जिसको मैं बयान तक नहीं कर सकती। मुझे पता नहीं, की मैं अब क्या बोलूं या क्या कहूं। अभी यहां आने से पहले, जावेद का फोन आया था, वो माफ़ी मांग रहे थे। उनकी आवाज मैं पछतावा साफ झलक रहा था। शीना ने उनको समझा दिया है। शीना को कितना गलत समझती थी मैं। पर जो कुछ ...Read More

21

तेरी चाहत मैं - 21

अगले दिन ऑफिस मैं भी सब के दिमाग मैं शादी के फंक्शन का ही प्लान था। तभी सिमरन ने कर उनको कुछ क्लाइंट्स की फाइल्स देने आई। वो सब को समझ रही थी, क्या करना है। उसके जाने के बाद न्यूटन बोला "राज कुछ आगे बढ़ेगा या नहीं। कब हम सिमरन को अपनी भाभी घोषित करेंगे।" राज बोला "उसमे टाइम लगेगा। इंतजार करो।”सना बोली "तेरे को वो पसंद है की नहीं, ये बता।" राज ने कहा "हां, बहुत। मुझे तो अब उसके ख्वाब भी आते हैं।" हीना बोली, “तो और कितना इंतजार करोगे। केह दे ना दिल की बात?" ...Read More

22

तेरी चाहत मैं - 22

संडे का दिन बहुत खुशनुमा था, वो अपने साथ रूबी और और जावेद के लिए एक नई जिंदगी का ले कर आया था। मेजर शेखर का घर फूलो और छोटे छोटे बल्ब से रोशन था। गार्डन मैं एक खूबसूरत सा स्टेज बना था। अजय, राज, न्यूटन, रोहित दौड़ दौड़ कर सब तयारी कर रहे थे। सना और हीना रूबी को तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती थी।तभी राज का फोन रिंग किया, उसे देखा की सिमरन का कॉल था। उसने उत्तर किया। सिमरन बोली "कैसे हो माई डियर बेबी?" राज ने जवाब दिया "ठीक हूं स्वीटू, बस ...Read More

23

तेरी चाहत मैं - 23

न्यूटन सुबह - सुबह जॉगिंग करते हुए जा रहा था, उसे जल्दी - जल्दी हॉस्टल पहुच कर, तैयार होने फ़िकर थी। इस चक्कर मैं उसका ध्यान भटक गया, बिना देखे वो रोड क्रॉस करने लगा, तभी उसके सामने कार तेजी से रुकी, बहुत तेज से ब्रेक लगाने पर भी कौन न्यूटन के काफी पास आ के रुकी। न्यूटन गुस्से मे आ गया और कार की ड्राइविंग सीट की विंडो में हाथ डालकर ड्राइवर का गिरबां पकड लिया। गुस्से में बोला है "बहार निकल, दिखता नहीं है तुम्हें, आंखें नहीं ……." इतना कहते हैं - कहते न्यूटन की आवाज़ बंद ...Read More

24

तेरी चाहत मैं - 24

अगले दिन, रोहित की मेहनत रंग लायी और डेटा आखिर बच गया पर मिस्टर शर्मा की कोशिश के बावजूद, को एक्सटेंशन नहीं मिला। विभाग प्रमुख ने साफ इंकार कर दिया। कहां, अगर न्यूटन को एक्सटेंशन दिया गया, तो फिर सभी स्टूडेंट्स हेल्थ इश्यू के बहाने के साथ एक्सटेंशन लेने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा किसी को नहीं पता की सही मैं क्या हुआ, अगर लैपटॉप डैमेज हुआ भी है तो किसी गलती से? और वैसे भी न्यूटन आज कल स्टडीज से ज्यादा तो दुसरी बातो मैं मसरूफ है। अफवाह का बाजार यहां तक ​​गरम था। मिस्टर शर्मा ने काफ़ी ...Read More

25

तेरी चाहत मैं - 25

"क्या मैं अंदर आ सकती हूं न्यूटन" अलविना खूबसूरत फूल का गुलदास्ता लिए न्यूटन के कमरे के दरवाजे पे थी। “जी, आ जाइए। अब क्या किया है मैंने जो आप यहां भी आ गई। “न्यूटन ने नराज़गी से कहा। "मुझे पता है, तुम मुझे देख कर कभी खुश नहीं होंगे, पर मैं यहां तुमसे कुछ जरूरी बात करने आई हूं।" अलविना ने काफ़ी सलाहियत से कहा।“जी बताइये, अब क्या गलत किया मैंने। और पुलिस को आपने बहार खड़ा रखा है या कुछ देर बाद फोन करके बुलायेंगे! "न्यूटन के लेहजे मैं तंज ही तंज था। "मैं समझ सकती हूं ...Read More

26

तेरी चाहत मैं - 26

न्यूटन जल्दी ही रिकवर हो के वापस हॉस्टल आ गया। मेहनती तो वो था। बस जल्दी ही उसे अपना भी सबमिट कर दिया। सभी लोग अब खुश थे। आखिर न्यूटन फिर से पहले जैसा हसमुख जो हो गया था। जिंदगी फिर से खुशनुमा हो गई थी।उस दिन न्यूटन लाइब्रेरी मैं बैठा था की अलविना उसके पास आई। "कैस हो न्यूटन?" "बस ठीक हूं, फाइनल सेमेस्टर के पेपर्स की तैयारिया चल रही है।" न्यूटन ने जवाब दिया। "कितना पढते हो तुम, जब देखो किताबो से चिपके रहते हो! थकते नहीं हो तुम।" अलविना ने मुस्कुराते हुवे पुछा। “थकता हूं, पर ...Read More

27

तेरी चाहत मैं - 27

आज ऑफिस का माहौल कुछ अलग था, रिया जो ऑफिस आने वाली थी। सारा स्टाफ मे उसी को ले बातें हो रही थी। सभी ये सोच रहे थे की उसके आने से कैसे बदलाव आते हैं। सभी को उसके घमंड और एटिट्यूड का पता था। कशिश कोई दोपहर तीन बजे ऑफिस मैं दखिल हुई। दखिल होते ही उसका सामना अजय से हुआ। वो और मोहित किसी नई परियोजना पर चर्चा कर रहे थे।"वेलकम रिया, सर ने बताया था की आप आज आने वाली हैं।" मोहित ने अपना हाथ आगे बढ़ते हुए कहा। रिया ने अजय को देखते हुए कहा ...Read More

28

तेरी चाहत मैं - 28

अगले दिन ऑफिस मैं न्यूटन अपने वर्कस्टेशन पे बैठा काम मैं मसरूफ था। तभी एक चपरासी उसके पास आ बोला, "सर आपके लिए ये पैकेट आया है।" न्यूटन ने पुछा "कौन दे गया है ये पैकेट?" "सर, एक लड़की आई थी। कहा की आपको जानती है।” चपरासी ने जवाब दिया। ये कह कर वो वहां से चला गया। न्यूटन सोचे लगा की उसे कौन ये पैकेट दे गया। उसके सारे दोस्त तो यही हैं। न्यूटन ने पैकेट खोला। एक खूबसूरत से बॉक्स मैं एक ताजा गुलाब रखा था। उसके साथ एक कार्ड था। न्यूटन ने कार्ड को लिफाफे से ...Read More

29

तेरी चाहत मैं - 29

कुछ देर बाद कैफेटेरिया मैं, राज और अजय बैठे बात कर रहे थे। न्यूटन परेशान हालत मैं उनके पास और बोला "यार बाकी सब कहां हैं! मुझे कुछ जरूरी बात करनी है!" राज बोला "क्या हुआ न्यूटन, सना और हीना हमेशा की तरह सिमरन के साथ हैं। और रोहित वो रहा काउंटर पे खाने का ऑर्डर दे रहा है। भाई हुआ क्या परेशान लग रहा है!”“भाई परशानी बड़ी है, पता नहीं कहां से एक लड़की मुझे पसंद करने लगी है। वो मेरा पीछा कारती है। उसे मेरे बारे में सब पता है। यहां तक ​​कि मैं क्या पहन कर ...Read More

30

तेरी चाहत मैं - 30

सिमरन शाम को राज के घर पहुंची। " नमस्ते! पापाजी, राज कहाँ है?" उसे लॉन मैं बैठे मेजर शेखर पुंछा। मेजर शेखर ने जवाब दिया "हू वो तो टेरेस पे बैठा है। और तुम इतने दिनों बाद आई हो और आते ही राज को पूछ रही हो। अपने पापा के लिए टाइम नहीं है क्या।”सिमरन बोली “अरे पापा जी करूँ क्या, काम इतना है। और मेरे पास आपके लिए टाइम ही नही है, बस ऑफिस का कुछ जरूरी काम है जिसे निपटाने के लिए राज की मदद चाहिए।” मेजर शेखर बोले "काम पहले, जाओ ऊपर, फिर बाद में हम ...Read More

31

तेरी चाहत मैं - 31

“अजय मुझसे तुमसे कुछ बात करनी है। फ्री हो तो बताओ।" रिया अजय के सामने खडी थी। "जी बोलिए, बात है।" अजय ने इतमीनान से पुछा।"यहाँ नहीं कैफेटेरिया चलो।" रिया ने कहा तो अजय ने जवाब दिया "चलिए"। और वो अपनी जगह से उठा गया। कुछ देर बाद दोनो कैफेटेरिया मैं बैठे थे। रिया बोली “देखो, मुझे ऑफिस के किसी काम का आइडिया नहीं है। ऊपर से पापा ने मुझे प्रोजेक्ट मैं तुम लोगों के साथ काम करने को बोल दिया है। मैं चाहती हूं की तुम मुझे थोड़ा बहुत समझा दो काम के बारे में।” "हम्म, वो तो ...Read More

32

तेरी चाहत मैं - 32

जब रिया चली गई तो राज अजय के पास आकार बोला "क्या बात है भाई, रिया जी पहले आप मैं मिलती हैं, वो भी कैफेटेरिया मैं, फिर आप उनको घंटो काम समझाते हैं, क्या बात है!“अबे चुप करो, दिमाग ना ​​पकाओ। अभी काफ़ी ख़र्च हुआ है। चलो कॉफी पीन। बाकी सब कहां हैं!" अजय ने राज से पुछा। "हम सब तो यही हैं, आप ही कहीं और मसरूफ हैं।" सना करीब आते हुए बोली “तुम सब का दिमाग फिर गया है। मैं चला” अजय ने कैफेटेरिया कर रुख किया। पीछे उसे हसने की आवाज़ें आ रही थी। कैफेटेरिया पहुचा ...Read More

33

तेरी चाहत मैं - 33

“भाई ऐसा है की ये बताओ की तुम घर कब आ रहे हो। हमको भी तुम लोगों के ये खेलने मैं मजा आता है, पर हम रिया से हार जाते हैं। जरा हमको भी ट्रेन करो"“भाई ऐसा है की ये बताओ की तुम घर कब आ रहे हो। हमको भी तुम लोगों के ये खेल खेलने मैं मजा आता है, पर हम रिया से हार जाते हैं। जरा हमको भी ट्रेन करो" मुकेश रॉय ने बड़े मजे में कहा। अजय बोला "लगता है आपको भी इन गेम्स का शॉक है।" "बहुत ज्यादा हैं।" मुकेश रॉय ने कहा। दोनो बड़ी ...Read More

34

तेरी चाहत मैं - 34

अजय अपनी सीट पे बैठा था। तभी राज और न्यूटन उसके पास आके बैठे गए। "यार न्यूटन, तुमको पता की आज कोई मुकेश रॉय के यहां डिनर पे इनवाइटेड है।" राज ने अजय को सुनाते हुए न्यूटन को कहा। "अछा भाई, अब तो लगता है की मुकेश सर के वहां रेगुलर आना जाना होगा, जनाब का।" न्यूटन ने भी सुनाते हुए कहा।“तुम सब लोगों का दिमाग खराब हो गया है क्या। यार एक डिनर ही तो है।” अजय ने कहा। “मेरे बच्चे यहीं से शुरुवात है। तुम समझ नहीं रहे।" न्यूटन ने बड़े सीरियस अंदाज मैं कहा। "क्या नहीं ...Read More

35

तेरी चाहत मैं - 35

मुकेश रॉय लॉन में बैठे थे। "आओ बरखुरदार, अपना ही घर समझो इसे।" "शुक्रिया सर, आप का बड़प्पन है मुझे काबिल समझा इसके लिए।" अजय ने बैठेते हुए कहा। “अरे भाई, इंसान अपनी सोच से बड़ा छोटा होता है। और तुम्हारी सोच तो अलग है।” मुकेश रॉय ने अजय को समझाया। अजय उनकी बात पर सिर्फ मुस्कान दी। "हां तो भाई क्या लोगे चाय या कॉफी?" मुकेश रॉय ने अजय से पुछा।"कॉफी सही रहेगी।" अजय ने कहा। "हम्म, ठीक है और क्या लोग साथ में।" मुकेश रॉय ने पुछा। "बस कॉफी सर।" अजय ने मुस्कुराते हुए कहा। “भाई तकलुफ ...Read More

36

तेरी चाहत मैं - 36

न्यूटन अकेला था। आज सब किसी ना किसी काम में बिजी थे। राज और सिमरन की डेट थी। हीना शादी में गई थी। सना के साथ। और रोहित को उसके पैरेंट्स ने घर बुला लिया था। किसी खास वजह से। रोहित ने जाते हुऐ काहा था की वो भी चले के उसके साथ पर न्यूटन को सही नही लगा, ओर उसने बहाना बना दिया। वह आज अकेला महसूस कर रहा था। सोचा क्यू ना घूम ही लिया जाए। घूमते घूमते वो मॉल पहुंच गया। सोचा डिनर ही कर लेता हुं। ये सोच वो फूड कोर्ट पहंचा। और एक टेबल ...Read More

37

तेरी चाहत मैं - 37

"क्या बात है शरफू। कोई पारेशानी है किया? " मुकेश रॉय ने शरफू से पुछा जो कुछ परेशान सा "जी सर, असल मे आज घर से फोन आया है। वहा कुछ ज़रूरी काम है। " शरफू ने जवाब दीया। "ओह, तुमने बताया ही नही हमको। खैर कोई बात नही। तुम घर जाओ। और हम राजू से कह देते है वो तुमको गाडी से छोड़ आयेगा। घर मे ज़रूरी काम है तो ट्रेन से जाने में वक्त लग सकता है। तुम जाओ और तैयारी करो। " मुकेश रॉय ने कहा।"जी सर मैं आपके लिए खाने के लिए कुछ बना देता ...Read More

38

तेरी चाहत मैं - 38

अंतिम सेमेस्टर परीक्षा खतम हो गए थे। ये पुरा महिना सिर्फ भाग दौड़ और तनाव मैं बीता था। पर पूरे महिने न्यूटन काफ़ी परेशान रहा। सभी यही सोचते रहे की न्यूटन परीक्षा की वजह से परेशान है। पर जब परीक्षा के बाद भी न्यूटन बुझा - बुझा सा रहने लगा तो रोहित ने उसे पुछा, "यार, क्या बात है। कई दिनों से देख रहा हूं। तू परेशान सा रहता है। क्या बात हो गई है। पहले लगा की परीक्षा का तनाव है पर अब परीक्षा भी खत्म हो गई है। एक हफ्ते से ऊपर हो चुका है।"न्यूटन बोला "नहीं ...Read More

39

तेरी चाहत मैं - 39

"बड़े कंजूस इंसान हैं आप साहिल साहब, अकेले - अकेले यहां इतने सुहाने माहोल में चाय की चुस्कियां ले हैं।" न्यूटन के पिचर से आवाज आई तो वो पलटा, सामने अलविना कड़ी मुस्कान रही थी। "ओह, अलविना आप हैं, और कंजूसी कैसी आप भी आई और मेरे साथ चाय का लुत्फ उठाइए।" न्यूटन ने मुस्कुरा के कहा। “वाह आप तो बड़े दिलदार इंसान निकले। वैसे आप यहां क्या कर रहे हैं।" अलविना चाय का कप पकड़ते हुए वही साहिल के साथ बैठ गई। "मैं तो यहाँ दरगाह आया था, और आप?" न्यूटन ने जवाब दिया। "मैं भी दरगाह ही ...Read More

40

तेरी चाहत मैं - 40

जिंदगी तेजी से बदल रही थी। अजय, न्यूटन और रोहित हॉस्टल से अब फ्लैट मैं आ गए थे। सभी मैं अब फुल टाइम वर्क कर रहे थे। ज्यादातर शाम को सभी दोस्तों की पंचायत फ्लैट मैं ही लगती थी। रिया काफ़ी जल्दी ही ऑफिस के काम काज को समझने लगी थी। हर शाम को भी सभी वही बैठते थे। क्रिकेट मैच के साथ चाय का दौर चल रहा था की तभी दूर बेल बजी। न्यूटन दरवाजा पे गया, खोला और फिर जल्दी से बंद करके भाग कर वापसी हॉल मैं आ गया।"क्या हुआ, कौन है।" राज ने पूछा। "भाई, ...Read More

41

तेरी चाहत मैं - 41

"आओ - आओ अजय, बैठो, असल मैं एक बहुत ही जरूरी काम आ गया था। इसी लिए तुमको इस बुला लिया। प्रोजेक्ट के सिलसिला मैं कुछ जरूरी राय लेनी थी। मोहित और सिमरन भी आते होंगे। तुम चाय लोग या कॉफी।" "कुछ भी चलेगा सर।" अजय ने जवाब दिया। कुछ देर में मोहित और सिमरन भी आ गए। फिर काफ़ी देर बात चीट होती रही प्रोजेक्ट के बारे में। जब सब कुछ चर्चा हो गया तो मुकेश रॉय बोले, "अब खाना यहीं खा लो तुम सब।" थैंक्स सर, लेकिन आपको तो पता है कल मैं नहीं आ रहा हूं, ...Read More

42

तेरी चाहत मैं - 42

मिस्टर मोहित के वापस आने तक , अजय और सिमरन ने मिल कर काफी अकाउंट चेक कर लिय थे। शाम अजय, सिमरन और मोहित, मुकेश रॉय के केबिन में थे। उन्होंने मीटिंग का आगाज़ करते हूवे पूछा "से तुम दोनों ने जिन प्रोजेस्ट्स के एकाउंट्स की जांच किए है, उससे क्या बाते सामने आ रही हैं?""सर मैंने और सिमरन ने जो प्रोजेक्ट्स चेक किए हैं, उनमे से बहुत से प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनमे बड़े लेवल पे गड़बड़ पाई गई है। हमने उन परचेस को हमारे समय के मार्केट प्राइज से भी कंपेयर किया है। हर प्रोजेक्ट मैं कुछ चालीस ...Read More

43

तेरी चाहत मैं - 43

आने वाले दिन काफ़ी उलटफेर और तूफ़ान लाए थे। मुकेश रॉय ने सिकंदर खान को अपने बिजनेस से और से बेदखल कर दिया। सिकंदर खान के ऊपर धोखाधड़ी के आरोप लगे और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। "तुम बहुत बड़ी गल्ती कर गए मूकेश! जो मुझसे उलझ गए। पर ये कानून ज्यादा देर मुझे अपने क़ैद नहीं रख पाएगा। कानून से कैसे खेलना है मैं अच्छी तरह जनता हूं। बस तुम एक बात समझ लो, मैं तुमको इतना रुलाऊंगा की तुम जिसका अंदाजा भी नहीं लगा सकता।" जाते हुए सिकंदर खान के ये आखिरी लफ्ज थे, जिसपे मुकेश रॉय ...Read More

44

तेरी चाहत मैं - 44

"कहा से आ रही हो रिया इतनी रत को! वक्त देखा है आपने। आज आप ऑफिस में भी नही कहा मसरूफ हैं की आप को वक्त का भी ख्याल नहीं हैं! " मुकेश रॉय ने रिया को टोका जो काफी देर से घर मे दखिल हो रही थी। "ओह .. पापा आप जानते है की अगले हफ़्ते हमारा बर्थडे है। बस हम उसके लिए शॉपिंग कर रहे थे। हम आपकेवाय भी काभी कुछ लाए है। और पापा विक्रम था हमारे साथ तो , फिक्र कैसी? " रिया ने सामान रखते हुऐ ख़ुशी - ख़ुशी जवाब दीया।""तुम्को पता है ना ...Read More

45

तेरी चाहत मैं - 45

शाम को मुकेश रॉय ने रिया से डिनर के बाद कहा "रिया, हमे आपसे कुछ बात करनी है।" "जी बतायें क्या बात है।" रिया बोली. "हम आपकी सालगिराह के दिन आपकी मंगनी करने चाह रहे हैं।" मुकेश रॉय ने कहा। "मंगनी, पर किस्से पापा। आप जाते हैं हम विक्रम के अलावा किसी और से शादी नहीं करेंगे।” रिया बोली. “और हम आपको बता चुके हैं की विक्रम एक इंतेहा से जादा बेहुदा इंसान है, वो आपके लायक नहीं है। आप अपनी आंखो से फरेब की पट्टी हटाइए।” मुकेश रॉय ने कहा।"ज़रा हमें भी बताइये पापा, किसके साथ आप हमारी ...Read More

46

तेरी चाहत मैं - 46

शाम को एयरपोर्ट पर अजय ने मुकेश रॉय से इजाजत ली की क्या उनकी गैर हाजीरी में उनके घर कर रिया से मिलना सही होगा तो मुकेश रॉय हंसते में बोले "किस जमाने मैं जी रहे हो अजय, तुमको मेरे घर में आने जाने के लिए कोई इजाज़त की ज़रूरत नहीं। और जब हमने रिया को दिल से तुम्हारे मना लिया है तो हमको कोई ऐतराज नहीं है। हां पर जरा संभल लेना, रिया मान तो गई है पर थोड़ा गुस्से में है।” "मतलब..." अजय परेशान होते हुए बोला तो मुकेश रॉय बोले " तुम तो रिया का मिजाज़ ...Read More

47

तेरी चाहत मैं - 47

दुसरे दिन ऑफिस मैं अजय के चेहरे की खरोचे देख कर राज ने कहा "ये क्या हुआ तुमको!" जवाब जब अजय ने बताया तो वो कहने लगा "अभी से इतनी मोहब्बत हो गई है, आगे पता नहीं क्या गजब ढाओगे। "ये मोहब्बत भरी खरोचे” "अछा ऐसी मोहब्बत का मजा कहो तो मैं भी तुमको दे दूं जानेमन, मैंने इसमे स्पेशल हूं, कहो तो नमूना अभी दिखा देता हूं।" सिमरन को राज की बात पसंद नहीं आई। "सॉरी यार, गलती हो गई, मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था। पर यार ये गलत बात हुई है। तुमको सर को बताना चाहिए ...Read More

48

तेरी चाहत मैं - 48

अगली सुबह…….. अजय जब फ्रेश हो कर गेस्ट रूम से निकलने लगा तो देखा रिया बहार बैठी कॉफी पी थी। उसने सोचा की कम से कम एक कप कॉफी तो दे ही सकती थी। फिर उसने सोचा सुबह कौन अपना मूड खराब करे, अब घर चलना चाहिए, क्यूंकी दिवाली की छुट्टी थी, शाम को राज के यहां जाना था। उसे सोचा घर जा कर कुछ दुसरे काम निपटा कर थोड़ा रेस्ट कर लेगा।"इतनी सुबह कहाँ जा रहे हो अजय?" रिया ने उसे टोका "घर जा रहा हूं, वैसे मुझे उम्मीद है अब आप बेहतर महसूस कर रही होगी।" अजय ...Read More

49

तेरी चाहत मैं - 49

"रिया अब आप पुरानी बातें क्यों याद कर रही हैं, छोड़िए, पर एक बात बतायें क्या सच में आपको और नींद नहीं आती अपने रूम के अलावा।" अजय ने पुछा। “हा हा हा .. ऐसा कुछ नहीं है, नींद के मामले में हम बहुत बेगैरत हैं, जहां जगह मिलती है वहीं सो जाते हैं। हम तो क्लास मैं भी सो जाते थे।” रिया ने हंसते हुए जवाब दिया। "तो फिर कल क्या हुआ था, मुझसे इतनी मेहनत क्यूं करवाई!" अजय ने हैरानी से पुछा। “हमको अच्छा लग रहा था जब आप हमारा इतना ख्याल रख रहे थे, आपने जिस ...Read More

50

तेरी चाहत मैं - 50

"पापा आई मिस यू ए लॉट, अपने हमको वहां से फोन भी नहीं किया।" रिया मुकेश रॉय के घर पर उनके गले लगते हुए बोली। "हां बेटा, आई एम रियली सॉरी, काम में बिजी हो गया था। लेकिन देखो हम बिलकुल तुम्हारे बर्थडे पे आ गए, जेसे हमने वादा किया था।” मुकेश रॉय ने कहा। "तो बताओ, आज तुमको क्या चाहिए?" मुकेश रॉय बोले "आप मुझे जिंदगी का सबसे अच्छा तोहफा पहले ही दे चुके हैं, अब हमको कुछ नहीं चाहिए।" रिया ने शर्माते हुए कहा तो मुकेश रॉय बोले "क्या कहना चाहती हैं बेटा, हम कुछ समझे नहीं।“पापा, ...Read More

51

तेरी चाहत मैं - 51

वक्त और जिंदगी की रफ्तार कभी नहीं रुकती, देखते ही देखते सिमरन दुल्हन बन कर राज के घर आ थी। राज के घर मैं हर तरफ खुशनुमा महौल था। सिमरन ने बड़े सलिके से घर को संभाल लिया था। ऑफिस भी जल्दी ही आना शुरू कर देती अगर मुकेश रॉय ने राज और उसेके शादी के बाद शिमला ना भेजा होता। “मुझे आपसे कुछ बात करनी है! ज़रूरी। आज शाम फ्री हैं आप!” अजय रिया के पास जा के बोला। "डेट पे ले जा रहे हो मुझे, मैं तो सच मैं कब से इंतजार कर रही थी!" रिया ने ...Read More

52

तेरी चाहत मैं - 52

शाम को अजय जब रिया को लेने आया तो उसे पहली बार साडी मैं देख कर हैरान हो गया। लाल रंग की साडी मे बेइंतेहा खूबसूरत लग रही थी। अजय के पास आकार रिया बोली "ऐसे क्या देख रहे हो, हमको तुम रोज देखते हो।" अजय रिया के ये कहने पर झेप सा गया और फिर बोला "असल मैं, मैं ये सोच रहा था की तुमसे ये साडी संभले गी की नहीं। आज तक तो तुमको कभी देखा नहीं साडी में।" “तुम्हारा ना हम क़तल करेंगे, हमने इतनी मेहनत से साडी पहना है, और तुम हो की तारीफ करने ...Read More