"आप कामिनी है?"दरवाजा खुलते ही आशा ने दरवाजा खोलने वाली युवती से पूछा था।"हां।मैं कामिनी हूँ,"कामिनी उस युवती से बोली,"लेकिन आप कौन है?आप मेरा नाम कैसे जानती है?मैने आपको पहले कभी नही देखा?"आप सही कह रही है।आपने मुझे पहले कभी नही देखा।मैंने भी नही क्योकि हम पहली बार मिल रहे है।"आप मेरे पास क्यो आयी है?मेरे से आपको क्या काम है?"आशा की बात सुनकर कामिनी बोली।"आप मुझे अंदर आने के लिए भी कहेगी या सारी बात दरवाजे पर खड़े होकर ही करने का इरादा है।"सॉरी,"आशा की बात सुनकर कामिनी को अपनी गलती का एहसास हुआ,"अंदर आइए।"कामिनी,आशा को अपने साथ अंदर
Full Novel
पहला प्यार - नही भुला पाती - 1
"आप कामिनी है?"दरवाजा खुलते ही आशा ने दरवाजा खोलने वाली युवती से पूछा था।"हां।मैं कामिनी हूँ,"कामिनी उस युवती से आप कौन है?आप मेरा नाम कैसे जानती है?मैने आपको पहले कभी नही देखा?""आप सही कह रही है।आपने मुझे पहले कभी नही देखा।मैंने भी नही क्योकि हम पहली बार मिल रहे है।""आप मेरे पास क्यो आयी है?मेरे से आपको क्या काम है?"आशा की बात सुनकर कामिनी बोली।"आप मुझे अंदर आने के लिए भी कहेगी या सारी बात दरवाजे पर खड़े होकर ही करने का इरादा है।""सॉरी,"आशा की बात सुनकर कामिनी को अपनी गलती का एहसास हुआ,"अंदर आइए।"कामिनी,आशा को अपने साथ अंदर ...Read More
पहला प्यार--नही भुला पाती - 2
आशा बोलते हुए रुकी।उसने कामिनी की।तरफ देखा।कामिनी ध्यान से उसकी बात सुन रही थी।आशा फिर बोली,"तुम स्वंय एक औरत इसलिय औरत के दर्द को अच्छी तरह समझ सकती हो।तुम ऐसा.काम मत करना.जिससे मेरी और मेरे बच्चो की जिनदगी बरबाद हो जाये।आशा अपनी बात कहकर चली गयी थी।कामिनी के दिमाग मे आशा के चले जाने के बाद भी उसकी ही बातें गूंजती रही।कामिनी और शेखर की पहली मुलाकात बस में हुई थी।उस मुलाकात को शायद वे भूल भी जाते अगर उनकी दूसरी मुलाकात जल्दी न होती तो।पहली मुलाकात में ही कामिनी ,शेखर को भा गयी थी।इसलिए दूसरी बार मिलने पर ...Read More
पहला प्यार--नही भुला पाती - 3
शादी के पांच साल बादवह दो लड़कियों की माँ बन चुकी थी।पर उसके रंग रूप यौवन में कोई अंतर आया था।अब भी वह कुंवारी सी ही लगती थी।शेखर उसे बहु त चाहता,उससे प्यार करता था।पिछले कुछ दिनों से उसके व्यवहार में परिवर्तन आया था।आजकल वह दफ्तर से देर से घर लौटने लगा था।पहले वह छुट्टी के दिन घर से कभी अकेला नही जाता था।लेकिन अब वह जाने लगा था।पति के व्यहार में अचानक आये परिवर्तन पर आशा ने एक दो बार उसे टोका भी था।पर शेखर ने हर बार कोई न कोई बहाना बना दिया था।आशा का ध्यान कभी ...Read More
पहला प्यार--नही भुला पाती - 4 - अंतिम भाग
आशा ने अपनर्मन में सोचा जरूर था लेकिन शेखर से वह यह बात कह नही स्की थी।इसके पीछे भी था।उसके माता पिता नही चाहते थे वह शेखर से शादी करे.।शेखर दूसरी जाति का था।लेकिन घरवालों के विरोध के बावजूद आशा ने शेखर से शादी कर ली थी।इसलिए उसके घरवालों ने उससे सम्बन्ध तोड़ लिए थे।वह शिक्षित थी।पति को छोड़ने के बाद वह अपने पैरों पर खड़ी हो सकती थी।लेकिन पतीत्यक्ता का लेबल लगने पर भविष्य में उसकी बेटियों के सामने दिक्कत आ सकती थी। आशा ,कामिनी से मिलने इसलिए गयी थी ताकि वह कोई भी निर्णय करे तो सोच ...Read More