Confession

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शुभांगी तुम्हें हमारे साथ चलना ही होगा। यह प्रोजेक्ट हम चारों का है, इसलिए हम चारों जायेंगे । विशाल ने सबको अपना फैसला सुना दिया । विशाल ठीक कह रहा है, जैसे पिछली बार भी हम चारों गए थें, तो इस बार भी यही होना चाहिए । मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है । अब रिया ने भी अतुल की हाँ में हाँ भरी । शुभांगी ने तीनों को गौर से देखा और आराम से कुर्सी पर बैठते हुए बोली कि ," मुझे समझ नहीं आता कि तुम लोग मुझे क्यों फाॅर्स कर रहे हों? मैं सारा थ्योरी वर्क संभल लूंगी,

Full Novel

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Confession - 1

शुभांगी तुम्हें हमारे साथ चलना ही होगा। यह प्रोजेक्ट हम चारों का है, इसलिए हम चारों जायेंगे । विशाल सबको अपना फैसला सुना दिया । विशाल ठीक कह रहा है, जैसे पिछली बार भी हम चारों गए थें, तो इस बार भी यही होना चाहिए । मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है । अब रिया ने भी अतुल की हाँ में हाँ भरी । शुभांगी ने तीनों को गौर से देखा और आराम से कुर्सी पर बैठते हुए बोली कि ," मुझे समझ नहीं आता कि तुम लोग मुझे क्यों फाॅर्स कर रहे हों? मैं सारा थ्योरी वर्क संभल लूंगी, ...Read More

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Confession - 2

जैसे ही कमरे का दरवाज़ा खुलता जा रहा है। हवा में तैरती किताबें वापिस अपनी जगह पर आ रही । शुभांगी पसीना-पसीना हों रही है । अब ज़रूर कोई अंदर आकर उसे मार डालेगा । मगर कौन ? उसने किसका क्या बिगाड़ा है। क्लॉस का दरवाज़ा पूरी तरह खुला और सामने खड़े कॉलेज के कर्मचारी को देख उसकी सांस आई । तुम यहाँ क्या कर रही हों? और दरवाज़ा कैसे बंद हो गया? भैया, हवा चली और दरवाज़ा बंद हों गया। उसके मुँह से आवाज़ नहीं निकल रही है । जाम होना तो नहीं चाहिए था वैसे । अब ...Read More

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Confession - 3

3 सबने वहाँ जाकर देखा कि रिया और सागर ज़मीन पर गिरे पड़े है । तभी किसी ने कि कोई जंगली साँप काट गया है । किस्मत अच्छी है, साँप जहरीला नहीं था । किसी का कोई पालतू साँप हो सकता है । शुभांगी ने रिया के गाल हिलाए, सागर को विशाल और अतुल होश में लाने लगे । तभी किसी स्थानीय खड़े व्यक्ति ने कोई पेड़ से पत्ता तोड़कर उनके पैर पर रगड़ा तभी उन दोनों को होश आ गया। दोनों को सहारा देकर जीप तक लाया गया । अनन्या ने विशाल को रोकते हुए कहा, मुझे ...Read More

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Confession - 4

4 ओ. माई गॉड! शुभांगी का मुँह खुला का खुला रह गया । एक फोटो में उसे पॉल दिखाई दे रहे हैं । दूसरी फोटो छोड़कर तीसरी फोटो में पॉल एंडरसन अपने कॉन्फेशन बॉक्स के पास खड़े है । चेहरे पर एक हँसी है । उनकी उस मुस्कान को देख शुभांगी इतना डर गई कि लैपटॉप से पीछे होकर गिरी। उसने ज़ोर से आवाज़ लगाई, रिया, विशाल तभी उसे कमरे में एक साया महसूस हुआ । उसने लैपटॉप बंद किया और हाथ में लेकर नीचे की और दौड़ी भागकर बाहर मैदान में आ गई । जब उसने देखा ...Read More

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Confession - 5

5 मेरा दिल कह रहा है कि सागर ठीक होगा । मैं दरवाज़ा खोलने जा रही हूँ । दरवाज़ा खोलने के लिए जाने लगी । रिया दरवाज़ा खोलो, मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रहा हूँ । सागर ने जैसे ही यह कहा । शुभांगी ने रिया का हाथ पकड़ लिया । मत खोलो, तुमने शायद ध्यान नहीं दिया । सागर सिर्फ़ तुम्हे खोलने के लिए क्यों कह रहा है । हमारा भी तो नाम ले सकता है और वॉचमैन की आवाज़ आनी बंद हो गई है । रिया सुनते ही रुक गई। अब दरवाज़ा ज़ोर से बजने लगा। ...Read More

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Confession - 6

6 उसने शुभांगी को ऐसा घुमाया कि वह कमरे के हर कमरे में घूम-घूमकर चोटिल हो गई। मगर सांस अब भी चल रही है । वहाँ जंगल में सागर और अनन्या से डरकर भागती रिया से विशाल और अतुल टकरा गए । अतुल!!! वहाँ सागर और अनन्या उसकी आवाज़ गले में ही अटक गई । इन दोनों को हम देख देख लेंगे । कम से कम एंडरसन के भूत से तो पीछा छूटा । अतुल ने खुद को सँभालते हुए कहा । मुझे लगता है वो शुभांगी के पीछे पड़ गया होगा । हमें शुभांगी के पास पहुँचना ...Read More

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Confession - 7

7 मैं नहीं मानती, रिया कभी ऐसा नहीं कर सकती है। ज़रूर उसकी फ्रेंड झूठ बोल रही है शुभांगी कुछ मानने को तैयार नहीं है । मैं भी यही सोच रहा हूँ। मगर उसकी फ्रेंड को थोड़ी न कुछ पता था । अनन्या ने इस ट्रिप के बारे में उसे कुछ नहीं बताया था । बल्कि उसके चाचा ने उसे बताया कि मुझे रिया नाम की लड़की का फ़ोन आया है और वो कह रही है कि अनन्या विशाल के साथ घूमने गई थीं। वही उसने उनकी भतीजी का मर्डर कर दिया । विशाल ...Read More

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Confession - 8

8 अगले दिन कॉलेज में चारों ने टाइम से पहले ही अपना प्रोजेक्ट जमा करवाया । अब चार थ्योरी के बाद इस प्रोजेक्ट का रिजल्ट भी आ जाएगा। शुभांगी ने कहा । मैं एग्जाम के कुछ नोट्स बनाने लाइब्रेरी जा रही हूँ । रिया चलोगी? तुम लोगों को तो कहना ही बेकार है । नहीं यार, फाइनल एग्जाम है, अब तो हम भी लाइब्रेरी चल सकते है । अतुल ने मज़ाक किया । ठीक है, चलो। रिया इतनी खामोश क्यों है ? अतुल ने पूछा। रिया ने कोई जवाब नहीं दिया । सब लाइब्रेरी में बैठे हुए हैं । ...Read More

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Confession - 9

9 विशाल हिम्मत करके फ़िर से खिड़की की तरफ़ गया । उसके होश उड़ चुके हैं । बाहर देखा तो कोई नहीं है। कहीं मैंने ज़्यादा तो नहीं पी ली है । उसने हॉल की लाइट बंद की और अपने बैडरूम के अंदर चला गया । टाइम देखा तो रात के ग्यारह बज चुके हैं । वह एकदम से बिस्तर पर गिर गया और थोड़ी देर में उसे नींद आ गई । कुछ आवाज़ आने पर उसकी नींद खुल गई उसने बैडरूम की लाइट जलाई । फिर घड़ी की तरफ़ देखा तो दो बज रहे है। ...Read More

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Confession - 10

10 अतुल भागता जा रहा है और वो लोग उसके पीछे भाग रहे हैं। वह लगातार चिल्लाए रहा है। तभी जैसे ही वो एक आदमी की पकड़ में आने लगता है । सामने मैन रोड से आती गाड़ी से टकरा जाता है और वही गिर जाता है । अतुल को लगता है कि उसकी मौत हो गई है। उसकी आँखों के आगे अँधेरा छाया हुआ है । वह अपनी आँखें खोलने की कोशिश करता है और धीरे -धीरे अपने सामने रखी चीज़ो को देख पाता है । एक नर्स और एक डॉक्टर उसके पास खड़े हैं । ...Read More

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Confession - 11

11 अतुल को अस्पताल से छट्टी मिल गई। वह सीधे शुभांगी के घर पहुँच गया । शुभु की ने अतुल को घूरकर देखा कि अतुल पूछे बिना नहीं रह सका "यार ! आंटी ऐसे क्यों घूर रही है ।" पूछ मत, मुझे बाहर जाने के लिए मना कर दिया और तो और उस दिन रिया ने घर आकर पॉल एंडरसन की बात भी मम्मी को बता दी । तबसे यह ऐसे ही गुस्से में घूम रही है । " शुभु ने मुँह बनाते हुए कहा । "बढ़िया है,आजकल रिया हमें हर जगह सरप्राइज कर रही है ।" पर ...Read More

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Confession - 12

12 यार ! यह क्या मुसीबत है। अब क्या होगा? अतुल ने घबराते हुए कहा । यह सागर है ? यश ने सवाल किया। भाई, बड़ी लम्बी कहानी है। फ़िर कभी सुनाऊँगा। पर अब हम कर ही क्या सकते हैं ? अतुल ने बालों पर हाथ फेरते हुए कहा। उसके मम्मी-पापा तक तो उसे छोड़कर भाग गए। हमें कुछ तो करना ही चाहिए । हो सकता है, आंटी-अंकल किसी काम से बाहर गए हों। शुभु ने समझाने की कोशिश की। मैं शायद कुछ मदद कर सकता हूँ । यश ने कहा । क्या ? यश बताओ, " ...Read More

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Confession - 13

13 रिया दीदी से मदद मांगने आया था, वह कह रही है, "पापा आएंगे तभी कुछ हो पायेगा उसने अपने आँसू पोछे । सब ठीक हो जाएगा भैया, आप चिंता न करें । वो मुझे एक दिन कह भी रही थी कि इनके घर कोई गड़बड़ है । मगर मैंने ध्यान नहीं दिया । वरना मै उसे काम पर ही नहीं भेजता । उसने खीजकर कहा । कैसी गड़बड़ ? पता नहीं बहनजी, बस यही कि रिया दीदी कभी हवा में लटक जाती है तो कभी ज़मीन से चिपक जाती है । पता नहीं क्या-क्या बोलती है । ...Read More

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Confession - 14

14 शुभांगी सूटकेस के अंदर से ही चिल्ला रही है। मगर उसकी माँ अल्का लगातार हँसती जा है। 'माँ! माँ!' कहते हुए उसकी आँख खुल गई और उसने देखा कि वह अपने कमरे में ही है । उसने अपनी गर्दन पर हाथ लगाया, अपने हाथ को छुआ तो उसे दर्द महसूस हुआ । आसपास कोई नहीं है। इसका मतलब वो सपना देख रही थीं, उसने चैन की सांस ली । सपना ही होगा, आखिर उसकी अपनी माँ कैसे उसके साथ ऐसा कुछ कर सकती है। पाँच बज चुके है । उसने पानी पिया और खिड़की से बाहर ...Read More

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Confession - 15

15 अतुल नीचे गिर ही रहा है, तभी यश और पुलिस कॉलेज के गेट के अंदर घुसते हैं। अतुल को नीचे गिरते देख वहीं पास ग्राउंड में पड़े जुडो-कराटे करने वाले गद्दे खींचकर अतुल के नीचे गिरने वाली दिशा में रख देता है और पुलिस भी इन गद्दों के चारों तरफ़ खड़ी हो जाती है। अतुल उन पर गिरता है। इतनी ऊँचाई से गिरने के कारण अतुल उछल पड़ता है और बेहोश हो जाता है। पुलिस उसे अपनी जीप में डालकर हॉस्पिटल ले जाती है । पूरे दो घंटे बाद उसे जब होश आता है तो उसे यकीन ...Read More

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Confession - 16

16 शुभांगी का मन हुआ, वह बाहर निकले और ज़ोरदार चाटा रिया के मुँह पर दे मारे। वह ही उसकी तरफ़ जाने को हुई तो उसकी नज़र सूटकेस पर पड़ी , उसने देखा कि रिया की मम्मी- पापा और उसके भाई की लाशें सूटकेस में है । वह बेहद डर हो गई । तभी उसे वह यश का बताया हुआ बाबा भी एक किल पर लटका नज़र आया । ओह माई गॉड ! इन सबको रिया ने मार दिया । जब उसने रिया को देखा तो उसका चेहरा बदलता गया। उसकी आँखें गहरी नीली हो गई । ...Read More

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Confession - 17

17 सभी ने फादर एंड्रू के घर की घंटी बजाई, दो-चार बार दरवाज़ा खटखटाने पर उन्होंने दरवाज़ा खोला फादर एंड्रू 55-60 के आसपास है । उनकी सफ़ेद दाढ़ी और काले भूरे बाल है । आँखों का रंग भी भूरा है । सफ़ेद पोशाक पहने हुए फादर के गले में चर्च का लॉकेट है । तुम लोग कौन ? और इतनी रात को क्या कर रहे हो ? उन्होंने सवाल किया । फादर हम बहुत मुसीबत में है । प्लीज हमारी मदद कीजिये । शुभु ने विनय करते हुए कहा । फादर ने चारों को देखा और फ़िर उन ...Read More

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Confession - 18

18 अतुल तू एक काम कर ! तू यह बैग लेकर फादर एंड्रू के चला जा । शुभु के साथ रहता हूँ । हम आंटी की अंतिम यात्रा को पूरा करते है । तू विशाल के साथ जाकर इस किस्से को भी खत्म करने की शुरुवात कर'। यश ने शुभु को सँभालते हुए कहा । शुभांगी रोए जा रही है । अब भी उसको यहीं लगता है कि उसकी माँ जाग जाएंगी । अतुल ने यश की बात सुनी, फ़िर कुछ सोचकर बोला, "यार ! कह तो तू ठीक रहा है, मगर अपना और शुभु ...Read More

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Confession - 19

19 अतुल ने देखा कि गाड़ी का पेट्रोल ख़त्म होता जा रहा है। दो मिनट बाद गाड़ी हो जाएगी। उसने आसपास देखना शुरू किया कि कहीं कोई पेट्रोल पंप दिख जाए । तभी सड़क के कोने में उसे एक पेट्रोल पंप दिखाई दिया । उसने गाड़ी वहीं रोक ली । भैया, टैंक फुल कर दो । पेट्रोल भरवाकर उसने गाड़ी फादर एंड्रू क्वे घर की तरफ़ मोड़ दीं । उसे अपनी गाड़ी में किसी के सांस लेने की आवाज़ सुनाई दी । उसने आगे वाले शीशे से पीछे देखा तो कुछ नहीं है । उसने डर के ...Read More

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Confession - 20

20 यश ने गाड़ी पूरी स्पीड से दौड़ा दी। अब गाड़ी पर ब्रेक सुधीर के घर पहुँचने पर लगे। सबकी सांस में सांस आई। यह सुधीरजी शहर से इतनी दूर कैसे रहते होंगे । अतुल ने थकी आवाज़ के साथ कहा। सुधीर का घर पेड़-पौधों से घिरा हुआ है। बाहर लगी प्लेट पर लिखा था, 'सुधीर सिद्धार्थ पटेल', यहाँ एक अजीब सी शांति है, शुभु ने चारों ओर देखते हुए कहा । यश भी चारों और देखते हुए बोला, "मुझे तो लगता है कि यहाँ पर कोई हादसा होकर गुज़रा है। पता नहीं, हमसे मिलने ...Read More

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Confession - 21

'अल्का' नाम सुनकर शुभांगी को ज़्यादा हैरानी नहीं हुई क्योंकि कहीं न कहीं वो समझ गई थी कि उसकी इस कहानी की मुख्य किरदार नहीं है, मगर फ़िर भी इस सच को सुनकर उसे सदमा लगा । क्या सचमुच वह किसी पुरुष के कदम बहकने का नतीज़ा है । उसकी आँखों में पानी देखकर सुधीर बोले, "तुम्हें उदास होने की ज़रूरत नहीं है । तुम्हारा जन्म तो विधाता की होनी है ।" शुभु कुछ नहीं बोली । कुछ देर तक कमरे में सन्नाटा रहा। फ़िर सुधीर ने शुभु की तरफ दोबारा देखा तो उसने हाँ में अपनी ...Read More

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Confession - 22

सुधीर की आँखों को यकीन नहीं आ रहा है कि वह नूरा को सामने' देख रहा है । उसके काँपने लग गए। उसकी जबान लड़खड़ाने लग गई । नूरा का नूर से भी ज्यादा चेहरा चमक रहा है, उसकी वही गहरी नीली आंखें जिसे शांतनु देखते नहीं थकता था । नूरा ने सुधीर को देखा और देखते ही देखते उसके चेहरे' का रंग' बदल गया । काले रंग ने उसके चेहरे के नूर को ढक लिया । वह पहले ज़ोर से दहाड़ी, फ़िर उसने सुधीर को घूरकर देखा और तभी सुधीर के मुँह से एक चीख निकली । उन्होंने ...Read More

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Confession - 23

अतुल अपनी ही धुन में गाड़ी चला रहा है । वह खिड़की से देखता है, तो अब उसे रास्ते दोनों तरफ़ पेड़ और हरियाली नज़र नहीं आते । उसे आबादी दिखनी शुरू हो चुकी हैं । वह जल्द से जल्द अपने माँ-पिता के पास रुड़की पहुँचना चाहता है । एक बार,वो वहाँ पहुँच जायेगा तो उसकी जान में जान आ जाएगी । फ़िर तीन बाद तो रिजल्ट आने ही वाला है, उसके बाद उसकी ज़िन्दगी का नया सफ़र शुरू हो जायेगा । काश ! विशाल, रिया, शुभु और यश सब साथ होते तो ज़िन्दगी का मज़ा ही कुछ और ...Read More

24

Confession - 24

कमरे में रोशनी का प्रकाश फैला हुआ है । धीरे-धीरे एक आकृति उन तीनों के सामने आ गई । और शुभु को यकीन नहीं हो रहा है कि वो पॉल एंडरसन को देख रहे हैं, शुभु की आँखों में आँसू आ गए । आपके होने का एहसास तो हमें पहले भी हो चुका है । मगर पहले तो आपने हमें डरा दिया था, शुभु ने उनको देखकर कहा । पॉल एंडरसन ने शुभु को देखा, उनकी आँखों में एक अनोखा तेज़ है । चेहरे पर अदम्य शांति है । उनके बालों की सफेदी उनके अनुभव को दर्शा ...Read More

25

Confession - 25 (अंतिम भाग )

शुभांगी की ज़ोर से चीख निकली और तभी पॉल एंडरसन सामने आ गए। उन्होंने क्रोध और नफरत की आग जलती नूरा पर एक दृष्टि डाली। नूरा ने भी उन्हें देखा , मगर शुभांगी को अपने चंगुल से आज़ाद नहीं किया । यश भी घुटनों का सहारा लेकर खड़े होने की कोशिश करने लगा। मगर फिर गिर गया । चिल्लाती और दहाड़ती नूरा को एक आवाज़ ने आकर्षित किया । पॉल एंडरसन के हाथों में नवजात शिशु है । उन्होंने कहना शुरू किया, नूरा यह तुम्हारा बच्चा है, जो जन्म लेते वक़्त मर गया था, मैं इसे परम ...Read More