बाहर बारिश हो रही है। बारिश की आवाज अक्सर मुझे परेशान करती है। उसके ऊपर, आधी रात की बारिश मेरे दिल की चयन और मेरी आँखों की नींद कुछ इस तरह से चुरा लेती है कि ऐसा लगता है जैसे यह मेरा नहीं है, इन सब चीजों में केवल उसका ही पूरा अधिकार है। हां, मुझे बारिश बहुत पसंद है, लेकिन मैं हर रात बारिश का संगीत इस तरह सुनने के मूड में नहीं हूं, कम से कम आज तो नहीं। बारिश की आवाज़ को नज़रअंदाज़ करने के लिए, मैंने अपने इयरफ़ोन को अपने मोबाइल फ़ोन से कनेक्ट किया और
Full Novel
प्यार का दाग - 1
बाहर बारिश हो रही है। बारिश की आवाज अक्सर मुझे परेशान करती है। उसके ऊपर, आधी रात की बारिश दिल की चयन और मेरी आँखों की नींद कुछ इस तरह से चुरा लेती है कि ऐसा लगता है जैसे यह मेरा नहीं है, इन सब चीजों में केवल उसका ही पूरा अधिकार है। हां, मुझे बारिश बहुत पसंद है, लेकिन मैं हर रात बारिश का संगीत इस तरह सुनने के मूड में नहीं हूं, कम से कम आज तो नहीं। बारिश की आवाज़ को नज़रअंदाज़ करने के लिए, मैंने अपने इयरफ़ोन को अपने मोबाइल फ़ोन से कनेक्ट किया और ...Read More
प्यार का दाग - 2
मैं बार-बार उसकी प्रोफ़ाइल आक्टीभिटी की जाँच करती रही यह देखने के लिए कि अभी भी उसके संदेश आएगा। उन्होंने कल मिलने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, लेकिन मुझे न तो विश्वास था और न ही उम्मीद थी कि हम कल मिलेंगे। मैं कैसे उम्मीद कर सकता थीं जब दो साल पहले से हम केवल भर्चुअल दुनिया में एक साथ थे। परिचय के साधन, बातचीत, मुलाकातें, रिश्ते सब सोशल साइट्स की परिधि में सीमित था । इसके आगे केवल उनकी कल्पना थी, जो वास्तविकता बनने की उम्मीद के करीब कहीं नहीं थी। लेकिन भले ही हम भर्चुअल दुनिया ...Read More
प्यार का दाग - 3
मेरे मन की उत्साह उसके हाथ में लिए हुए गुलाब की सुगन्ध से और बढ़ गया था। मैं अपने दिल को खुशी के पंखों से उड़ता हुआ महसूस करने लगी। "क्या तुम यहाँ अकेले बैठे हो?" "आप मेरे साथ हो और मैं अकेला कैसे हो गयी?" मैंने उसके सवाल का जवाब दिया। "नहीं, नहीँं मेरा मतलव मेरे आने से पहले ?" अयान वापस हँसा। "आपके आने से पहले आपका फोन आया था ।" मन ने आगे कहा, "और आप का याद भी। जब तक मैं आप को याद करती हूं, मैं कभी अकेली नहीं रहूंगी।"मेरे मन की आवाज सिर्फ ...Read More
प्यार का दाग - 4
"तुम चुप क्यों हो? कुछ तो कहो न। क्या मुझे अभी भी तुमसे बात करने के लिए म्यासेन्जर को करना पडेगा?" अयान ने मेरी बायीं हथेली को अपनी दाहिनी हथेली से सहलाते हुए बोला। उसके स्पर्श से मेरे गालों पर लाल रंग आ गया। भले ही उसने मुझसे कुछ कहने के लिए कहा, लेकिन मेरे पास उसे तुरंत सुनाने के लिए कोई आवाज नहीं थी। शायद ध्यान भी। मैं उसकी उपस्थिति को महसूस करके खुश हो रही थी। मैं सामने शीशे पर उसका चेहरा देख रही थी और मुझे इस बात का भी आभास था कि मेरी चोरी पकड़ी ...Read More
प्यार का दाग - 5
अपने विचारशील कदमों के वजा मैं बहुत देर हो चुकी थी। अयान ने आवाज की तो मैं कांप गयी। तुम्हें बैग ले जाने में कठिनाई हो रही है? लाओ इसे और यह ठेलागाडी में रख दो, यह तुम्हारे लिए आसान हो जाएगा।" "नहीं ठीक है।" भले ही मेरे मुंह से ऐसा निकला, फिर भी बारिशकी वजा से पैर पर छाला फूट पड़ा था। इसलिए मेरे चलने की गति कम हो गई थी। लेकिन मैं अयानको यह बताना नहीं चाहता थी और फिर कही- ''आ रही हूं, अाप चलो।" अयान ने ठेलागाडी को धक्का देने के करीब 15 मिनट बाद ...Read More
प्यार का दाग - 6 (अन्तिम भाग)
बोतलबंद पानी लेने और रसोई का दरवाजा बंद करने के बाद, मैं उस कमरे में लौट आयी जहाँ वह वह फोन पर बात कर रहा था। मैं दूसरे बिस्तर पर गयी और बैठ गयी। जो उस बिस्तर के ठीक सामने था जहाँ वह बैठा था। बात करते करते अचानक से उसने फोन काट दिया और मुझसे पूछा- "तुम्हारे पैर को क्या हुआ? खून बह रहा है?" सैन्डिल को उतारने के बाद राहत महसूस हुई थी इसलिए मुझे अपने पैरों पर ध्यान नहीं था। अब वह खुद ही जान गया था कि मैनें रास्ते में उससे पहले क्या नहीं बताया ...Read More