साहब

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"बाऊजी का जवाब नही था।नाम था उनका।रोब था"सुरेश बोलामेरे ताऊजी के एल शर्मा बांदीकुई में रेलवे में मेल ड्राइवर थे।लोग उन्हें के एल शर्मा के नाम से जानते थे।पर उनका पूरा नाम था--कन्हैया लाल शर्मा।मंझला कद,साफ गोरा रंग।उन्हें सफेद रंग पसन्द था। सफेद पेंट और सफेद कमीज और सिर पर हेट।उन्हें जो न जानता हो।वह उन्हें देखकर अंग्रेज समझने की भूल कर बैठता।गलती अनजान,अजनबी की भी नही होती क्योंकि वह लगते ही अंग्रेज थे।उन्हें रेलवे की तरफ से बंगला मिला हुआ था।बगल वाले बंगले में रेलवे के लोको फ़ौरमेन रहते थे।कुछ अंग्रेज ड्राइवर फिलिप,कार आदि भी थे।जो इंगलेंड के रहने।

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साहब - मेरे ताऊजी (पार्ट 1)

"बाऊजी का जवाब नही था।नाम था उनका।रोब था"सुरेश बोलामेरे ताऊजी के एल शर्मा बांदीकुई में रेलवे में मेल ड्राइवर उन्हें के एल शर्मा के नाम से जानते थे।पर उनका पूरा नाम था--कन्हैया लाल शर्मा।मंझला कद,साफ गोरा रंग।उन्हें सफेद रंग पसन्द था। सफेद पेंट और सफेद कमीज और सिर पर हेट।उन्हें जो न जानता हो।वह उन्हें देखकर अंग्रेज समझने की भूल कर बैठता।गलती अनजान,अजनबी की भी नही होती क्योंकि वह लगते ही अंग्रेज थे।उन्हें रेलवे की तरफ से बंगला मिला हुआ था।बगल वाले बंगले में रेलवे के लोको फ़ौरमेन रहते थे।कुछ अंग्रेज ड्राइवर फिलिप,कार आदि भी थे।जो इंगलेंड के रहने। ...Read More

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साहब--मेरे ताऊजी(पार्ट 2)

ताऊजी को के एल शर्मा के नाम से पूरा बांदीकुई जानता था।उन दिनों ड्राइवर को अलग अलग स्टीम इंजन थे।इंजिन को सजाने के लिए हर ड्राइवर पीतल के कुछ उपकरण खरीदते और जब ड्यूटी पर जाते तब अपने इंजिन को इन से सजवाते थे।पहले शादी की तैयारी कई दिनों पहले शुरू हो जाती थी।दिन में रात में औरतें गीत गाती थी।गली भी गायी जाती थी।ताऊजी को यह बिल्कुल पसंद नही थी।जब भी खानदान में शादी होती।औरते चुप चाप जब ताऊजी घर से बाहर होते तब गाली गाती थी।अगर इस दौरान ताऊजी आ जाते तो वह बुरी तरह गुस्सा हो ...Read More