तड़प इश्क की

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अधिराज की दुनिया... फूलो सी महकती वादियां और नदी का किनारा जहां उसके किनारे बना है एक वूडन हाऊस राजमाता रत्नावली परेशान सी इधर उधर घूम रही थी और मदहोश से बैठे अपने बेटे को देखती हुई कहती हैं...." और कब तक ऐसा ही चलेगा अधिराज...?..." उदासी से भरे शब्दों में अधिराज कहता है...." क्या मां...?... क्या करना है हमें...?..." " आप ही तो सब कुछ कर सकते हो अधिराज आप अपनी प्रजा को नहीं बचा पा रहे हैं देखिए दिन प्रतिदिन प्रक्षिरोक्ष का कहर बढ़ रहा है और आप अभी तक वैदेही के वापस आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं..." रत्नावली अधिराज को समझाती हुई कहती हैं अधिराज वहीं लहजे में कहता है..." मां हम युद्ध नहीं करेंगे.....इस युद्ध ने हमसे हमारी वैदेही को छीन लिया है..." रत्नावली अधिराज को समझाती हुई आगे कहती हैं..." आपसे युद्ध के लिए कौन कह रहा है, आप अपने प्रेम को खोजीए , इस तरह रात दिन बैचेन रहते हमसे ये सब देखा नहीं जाता....अब तो पच्चीस साल पूरे हो चुके हैं और इस तरह यहां पर निराश बैठे हैं जाइए और अपने प्रेम को पूरा कीजिए इससे पहले प्रक्षीरोक्ष आपकी प्रेमिका तक पहुंचे..."

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तड़प इश्क की - 1

अधिराज की दुनिया...फूलो सी महकती वादियां और नदी का किनारा जहां उसके किनारे बना है एक वूडन हाऊस राजमाता परेशान सी इधर उधर घूम रही थी और मदहोश से बैठे अपने बेटे को देखती हुई कहती हैं.... और कब तक ऐसा ही चलेगा अधिराज...?... उदासी से भरे शब्दों में अधिराज कहता है.... क्या मां...?... क्या करना है हमें...?... आप ही तो सब कुछ कर सकते हो अधिराज आप अपनी प्रजा को नहीं बचा पा रहे हैं देखिए दिन प्रतिदिन प्रक्षिरोक्ष का कहर बढ़ रहा है और आप अभी तक वैदेही के वापस आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं... रत्नावली ...Read More

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तड़प इश्क की - 2

एकांक्षी अपने सपने को याद करते हुए कहती हैं...." तू नहीं जानती एक बार मुझे वो मिल जाए जो में आकर हर बार उस म्यूजिक को बजाकर मुझे अपनी तरफ खींच रहा है बस फिर मै उससे ही इसका मतलब पूछूंगी...."किरन : तेरे ये सपनों का म्यूजिक पता नहीं कब मिलेगा...?अब आगे............एकांक्षी अपनी उम्मीदों को सोचते हुए कहती हैं...." काश ! मिल जाए...."" अभी नहीं मिलेगा वैदेही..... इसका मतलब तुम्हें हमारा संगीत याद है..." अधिराज एक पक्षी के रूप में एकांक्षी के पास पहुंचकर उसे देखता हुआ कहता है....किरन एकांक्षी को ख्यालों से बाहर लाती हुई कहती हैं...." तेरा ...Read More

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तड़प इश्क की - 3

उस वीरान से रास्ते पर एकांक्षी के सेंडेल की आवाज गूंज रही थी..... तभी उसका फोन बजता है जिसमें अलनाउन नम्बर शो हो रहा था....एकांक्षी काॅल रिसीव करके हेलो ही कहती हैं कि दूसरी तरफ से आई आवाज सुनकर घबरा जाती है....अब आगे...............एकांक्षी महसूस करती है जिस म्यूजिक को वो ढूंढ रही थी आज अचानक उस म्यूजिक को उसे फोन पर सुनने को मिलेगा....एकांक्षी एक्साइटेड होकर पूछती है......" कौन हो तुम...?.. जबाव दो ,,, ये म्यूजिक......दूसरी तरफ से सिर्फ म्यूजिक की आवाज ही गूंज रही थी जिसे एकांक्षी ध्यान से उस म्यूजिक की धुन को सुन रही थी...उस म्यूजिक ...Read More

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तड़प इश्क की - 4

अधिराज इतना सोचते हुए वापस अपने ख्यालों से बाहर आता हुआ बैचेनी से बस एकांक्षी से मिलने के लिए घर की तरफ जाता है.....अब आगे...............इधर एकांक्षी घर पहुंचती है उसे देर से आते देख सावित्री जी जल्दी से आकर कहती....." मिकू रुक जा....." इतना कहकर वो रसोई की तरफ चली जाती हैंराघव एकांक्षी को देखते हुए कहता है...." तू देर से क्यूं आई तुझे पता है न मां अब क्या करेगी...."एकांक्षी इरिटेट होकर कहती हैं....." क्या भाई मां को कहो न ये सब बेकार की चीजें हैं, मुझे यहां रोककर चली गई....."राघव साफ साफ कहता है...." देख मिकू इस ...Read More

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तड़प इश्क की - 5

एकांक्षी लैंप लाइट में बुक पढ़ रही थी....उसकी बालों की लटे उसके आधे चेहरे को कवर कर रहे थे देखकर अधिराज मुस्कुराते हुए कहता है...." हमेशा हमारी राजकुमारी खुबसूरत ही लगती है बस तुम जल्दी से सो जाओ ताकि हम तुम्हारे इस रूप को अपने रूप में देख सके अब आगे................एकांक्षी बुक को पढ़ते हुए नींद आने की वजह से बार बार आंखें बंद कर लेती ...धीरे धीरे वो पूरी तरह नींद के आगोश में खो जाती है जिसका अधिराज बहुत देर से इंतज़ार कर रहा था । उसके सोते ही अधिराज अपने रूप में आता है सबसे पहले ...Read More

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तड़प इश्क की - 6

sorry readers this repeated chapter आगे...............इधर एकांक्षी घर पहुंचती है उसे देर से आते देख सावित्री जी जल्दी आकर कहती....." मिकू रुक जा....." इतना कहकर वो रसोई की तरफ चली जाती हैंराघव एकांक्षी को देखते हुए कहता है...." तू देर से क्यूं आई तुझे पता है न मां अब क्या करेगी...."एकांक्षी इरिटेट होकर कहती हैं....." क्या भाई मां को कहो न ये सब बेकार की चीजें हैं, मुझे यहां रोककर चली गई....."राघव साफ साफ क ...Read More

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तड़प इश्क की - 7

अधिराज उसकी परेशानी को देखकर हंसते हुए कहता है...." एकांक्षी ये सपना नहीं है, , , ये सब सच्चाई जिसे हम रोक नहीं पाए और आपके करीब आ ही गये.... अब तो हर रोज ऐसे ही सपने देखने की आदत डालनी पड़ेगी.... क्योंकि अब हम और आपको पाने की प्रतीक्षा नहीं कर सकते..अब आगे........एकांक्षी वापस सोने की कोशिश कर रही थी लेकिन घर में आ रही घंटी और आरती की आवाज से अपने पिलो को अपने कान पर रखती हुई और फोन में टाइम देखकर कहती हैं कहती हैं....." ये मां भी न सुबह सुबह शुरू हो जाती है....अभी ...Read More

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तड़प इश्क की - 8

अब आगे.............. कपड़े पहने के एकांक्षी के अपने साथ हुई इस हरकत समझने की कोशिश कर रही थी,, मिरर आगे अपने बालों को बनाते हुए कहती हैं....." ये सब क्या हो रहा है एकांक्षी....रात जो भी हुआ वो सपना हो सकता है लेकिन अभी अभी जो हुआ वो क्या था....??...वो म्यूजिक अचानक मेरे रूम में,,, और वो‌ कौन था जिसे मैं समझ नहीं पाई ....?..." एकांक्षी अपने आप पर चिढ़ते हुए कहती हैं...." बहुत हो गया तेरा उस म्यूजिक का भूत किरन सही कहती हैं तू इन‌ सबके चक्कर में मत पड़ नहीं तो पागल हो जाएगी और सच ...Read More

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तड़प इश्क की - 9

अब आगे........अधिराज वापस मुडकर एकांक्षी के करीब जाकर कहता है...." बताओ फिर....."" तुम वही हो..." एकांक्षी आगे कुछ कहती पहले ही उसका ध्यान अधिराज के शोल्डर पर गया जहां उसने दूसरे हाथ के सहारे उसे पकड़ रखा था....एकांक्षी जल्दी से अपने बैग में कुछ देखती है लेकिन उसे कुछ खास चीज नहीं मिली इसलिए वो जल्दी से अपने स्कार्फ को निकालकर अधिराज के शोल्डर पर बांधते हुए कहती हैं...." बहुत दर्द हो रहा है..." अधिराज का ध्यान एकांक्षी की बैचेनी पर था जो उसके चेहरे पर दिख रहा था....अधिराज के कुछ न बोलने से एकांक्षी उसके चेहरे की तरफ ...Read More

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तड़प इश्क की - 10

अब आगे............विक्रम मल्होत्रा का नाम सुनते ही एकांक्षी के जेहन में एक अलग सी नफ़रत और गुस्सा घुमने लगा...... उसे शांत रहने के लिए कहती हैं....." कुल डाउन यार ... मुझे पता है वो तुझे बिल्कुल पसंद नहीं लेकिन प्लीज़ अपने आप संभाल..."" मुझे पता है मुझे क्या करना है..मैं उससे डरती नहीं हूं......बस नफ़रत है मुझे उसके नाम से...." कुछ देर की शांति बाद के पूरे क्लास रूम में शोरगुल होने लगता है चार पांच लड़के हूटिंग करते हुए क्लास रूम में एंटर होते हैं... ...किरन उन्हें देखकर शाक्ड थी कि अभी जिसके आने के बारे में बात ...Read More

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तड़प इश्क की - 11

अब आगे.......वैदेही अधिराज को देखती है फिर धीरे धीरे अपने गुलाबी होठों को अधिराज के होंठों पर रख देती उसे सांस देने लगती है....अधिराज से अब और चुप न रहा गया और वो आंखें खोलते हुए वैदेही को अपनी बाहों में कस लेता है... अचानक हुई अधिराज की इस हरकत से वैदेही चौंकते हुए कहती हैं....." अधिराज आप क्या कर रहे हैं ये ...."और उससे अलग होकर अपने दुपट्टे को सही करके कहती हैं....." आप सच में बहुत बेशर्म हो रहे हैं...."अधिराज मुस्कुराते हुए कहता है...." आखिरकार आपने हमारी इस इच्छा को पूरा कर ही और रही बात बेशर्म ...Read More

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तड़प इश्क की - 12

अब आगे.................किरन और एकांक्षी पीछे मुड़कर देखते हैं , " विक्रम मल्होत्रा...." किरन उसे गुस्से में घूरती हुई कहती एकांक्षी के करीब जाकर कहता है....." वैसे एकांक्षी मानना पड़ेगा तुम्हें बहुत जल्दी एहसास हो गया तुम्हें मेरे करीब आने का.....by the way बहुत जल्द तुम फिर वही होगी जहां तुम्हें होना चाहिए....."किरन गुस्से में दांत भींचकर एकांक्षी को कवर करके आगे आकर कहती हैं....." वो गलती दोहराने की कोशिश भी मत करना नहीं तो क्या पता इस बार हमेशा के लिए ऊपर निकल लो....."विक्रम मुठ्ठी भींचकर एकांक्षी से कहता है....." अपने इस तोते से बोलो हमारे रास्ते में न ...Read More

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तड़प इश्क की - 13

अब आगे.............विक्रम एकांक्षी के करीब जा चुका था और जैसे ही किस करने के लिए उसके होंठों तक पहुंचता चेहरे के साइड पर एक जोरदार मुक्का पड़ता है , विक्रम अपने गाल को पकड़कर देखता है तो सामने एकांक्षी को कवर करते हुए एक black colour cape पहने हुए एक लड़के ने उसे पंच किया था , , विक्रम उसके चेहरे की तरफ देखकर हुए कहता है जिसने अपने फेस को हाफ मास्क से कवर कर रखा था ....." कौन है तू...?.. मेरे रास्ते में आने की हिम्मत कैसे हुई तेरी...."अधिराज अपनी cape को साइड करते हुए कहता है...." ...Read More

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तड़प इश्क की - 14

अब आगे............अधिराज उनसे कहता है....." आप घबराईए नहीं ये सिर्फ बेहोश है आप थोड़ा सा पानी और उसमें एक और थोड़ी सी चीनी डालकर इसे पिला देना,, ये ठीक हो जाएगी...."सावित्री जी सवालिया नज़रों से उसे देखते हुए पूछती है...." तुम हो कौन बेटा...?...और मिकू को क्या हुआ जो तुम इसे ये पीलाने के लिए कह रहे हो..."" आपके लिए क्या मैं , , इसके लिए भी अजनबी हूं ये मुझे रास्ते में मिली थी , , शायद तबियत ठीक नहीं है इनकी , , जाते हुए रास्ते में बेहोश हो गई थी....अब आप इनको‌ वो चीनी पानी का ...Read More

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तड़प इश्क की - 15

अब आगे..............अधिराज उससे दूर होकर उसके चेहरे पर पड़ रही हल्की सफ़ेद रंग की रोशनी पड़ रही थी और के चेहरे पर उस रोशनी के पड़ने से ऐसा लग रहा था मानो कोई गुलाबी सी पंखुडी पर चांद की रोशनी छा गई हो.....अधिराज के गालों पर किस करने के कारण एकांक्षी के गोरे गालों पर लालिमा छा जाती है जिसे देखकर अधिराज मुस्कुराते हुए कहता है....." तुमने हमें हमसे ही छीन लिया वैदेही , , हम चाहकर भी तुम्हारे सामने अपने आप को रोक नहीं पाते , , पता नहीं कौन सा नशा हो तुम .... जिससे मन ही ...Read More

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तड़प इश्क की - 16

अब आगे.............एकांक्षी उस पंख को देखकर काफी परेशान हो जाती और फिर इधर उधर नजर घुमाते हुए देखने लगती फिर तभी खिड़की के पास पहुंचकर झांकती फिर वहां से बालकनी में जाकर खड़ी हो जाती है और चारों तरफ देखने लगती है बालकनी से झांकते हुए उसे सुनसान सड़कों के अलावा कुछ नहीं दिखाई देता , , तेज तेज चली रही हवा बार बार एकांक्षी को छू कर चली जाती , , करीब रात के ग्यारह बज चुके थे और एकांक्षी अब भी बैचेन निगाहों से बाहर देखते हुए सुनसान राहों को देख रही थी उसकी आंखों से नींद ...Read More

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तड़प इश्क की - 17

अब आगे........उसकी तबीयत अचानक बिगड़ती देख अधिराज बिना देर किये , उसके कमरे में पहुंच जाता है और उसे बाहों में गिरने से बचा लेता है , , एकांक्षी लगभग बेहोश चुकी थी और बेहोश में ही कुछ बड़बड़ा रही थी जिसे सुनने के लिए अधिराज अपने कानों को उसके पास ले जाकर सुनने की कोशिश करता है.....एकांक्षी बेहोशी में बड़बड़ा रही थी....." अधिराज , आपने हमें धोखा दिया है , हम आपसे नफ़रत करती है , आपने हमारे प्रेम का उपहास उड़ाया है...."अधिराज उसकी उसकी बात सुनकर घबरा जाता है और उसे बेड पर लिटाकर उसके गालों पर ...Read More

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तड़प इश्क की - 18

अब आगे.......किरन ड्रामे भरी आवाज में कहती हैं...." सर्प्राइज , , वो हेंडसम बाॅय.."" अपनी बकवास बंद और बता क्या बात है..?.."" तू खामखां मुझ पर भड़क रही है , एक बार उस लड़के को देख ले फिर खुदबखुद तू उसकी दिवानी बन जाएगी.." " जस्ट शट अप , तू उसी के बारे में सोचती रह मै जा रही हूं..." एकांक्षी चेयर से उठ जाती है तभी किरन उसे रोकते हुए कहती हैं...." अरे साॅरी यार मजाक कर रही थी , रिलेक्स , , "" मुझे तेरा ये मजाक बिल्कुल अच्छा नहीं लगा , ..." तभी पीछे से आवाज़ ...Read More

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तड़प इश्क की - 19

अब आगे..............तभी एकांक्षी अपने चेहरे को साइड में करते हुए कहती हैं...." तुम कितने चीप हो , जबरदस्ती मेरे आने की कोशिश करते रहते हो , एक बार इंर्जड होने के बाद दोबारा वही हरकत दोहरा रहे हो...."विक्रम उसकी बात को सुनकर धीरे से उसके कानों में कहता है......" ठहरो उपचारिका.... तुमने जो इस ह्रदय पर अपने कटिले नैनो से वार किया है , उसका उपचार नहीं करोगी...."विक्रम इतना कहकर उससे दूर हट जाता है और एकांक्षी अपलक उसे देखने लगती है और हड़बड़ा कर कहती हैं...." त त तुम , , कौन ..हो..?.."विक्रम एकांक्षी के गालों पर हाथ ...Read More

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तड़प इश्क की - 20

वैदेही के चेहरे को देखकर वो उसकी आंखों की गहराई में खो जाता है ...." कौन है आप...?.." अब उसके आंखों में देखते हुए कहती हैं....." कौन है आप ...?..."वो नौजवान मुस्कुराते हुए कहता है....." माणिक , हमारा नाम माणिक है और आप , और इस घने जंगल में क्या कर रही है...?..."वैदेही अपना परिचय देती है....." हम वैदेही है , हम अपनी औषधि से सबकी पीड़ा को खत्म कर देते और हम वृषपूर जा रहे ..."माणिक उसके चारों तरफ देखते हुए पूछता है...." आप अकेले ही जा रही है...?..."" जी ! जबसे हमारे बाबा इस दुनिया से गए ...Read More

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तड़प इश्क की - 21

आद्रिक घबराई सी नज़रों से एकांक्षी को देख रहा था... एकांक्षी अपना हाथ आद्रिक से छुड़ाते हुए कहती हैं...." ,..."आद्रिक सिर्फ हां में सिर हिलाते हुए वहां से जाने लगता है....तान्या और किरन एकांक्षी को लेकर उसके घर की तरफ जाती है , , लेकिन अभी भी एकांक्षी उन्ही ख्या एकलों में खोई हुई थी ...." आखिर , ये सब मेरे साथ हो क्या रहा है...?..."एकांक्षी की हालत को केवल तान्या समझ रही थी इसलिए उससे कहती हैं...." एकांक्षी , क्या तुझे कोई परेशानी है , तो तू हमें बता सकती है...."एकांक्षी जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहती हैं....." तान्या मैं ...Read More

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तड़प इश्क की - 22

अब आगे.............तान्या खुद से बातें कर रही थी , उसे ऐसे खोया देख एकांक्षी उसके पास जाकर बैठती हुई हैं...." तान्या , क्या हुआ ..?... मैं कबसे देख रही हूं जबसे तू रुम में आई है खोई खोई सी लग रही है , क्या हुआ...?..."तान्या मुस्कुराने का नाटक करते हुए एकांक्षी के चेहरे को दोनों हाथों से पकड़ते हुए कहती हैं....." तू खामखां परेशान मत हो , मुझे कुछ हुआ नहीं है , मैं तो बस तेरे बारे में सोच रही थी , तुझे कितनी प्रोब्लम फेस करनी पड़ रही है..."" चिल यार , मैं बिल्कुल ठीक हूं.... अच्छा ...Read More

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तड़प इश्क की - 23

अब आगे...........तान्या हैरानी से बाॅलकनी की तरफ देखकर एकांक्षी से कहती है......" तू रूक मैं देखती हूं कौन है...?..." बाॅलकनी की तरफ धीरे धीरे कदम बढ़ाती है , तान्या बारबार एकांक्षी को मुड़कर देख रही थी , लेकिन एकांक्षी घबराई सी वहीं बैठी हुई थी , तान्या बाॅलकनी के पर्दों को हटाकर बाहर जाती हैं , तान्या जैसे ही बाहर देखती है वहां कोई नहीं था केवल अचानक फ्लोवर पोट ही नीचे गिरा हुआ था जिससे अचानक आवाज हुई थी , तान्या ग्रिल से सब तरफ देखते हुए हैरानी से अपने आप से कहती हैं......" हैरानी की बात है ...Read More

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तड़प इश्क की - 24

अब आगे...........एकांक्षी अपने बालों को छुती हुई साइड में लगे पीले फूल को निकालकर उसे देखते हुए कहती हैं..." बड़ा अजीब फूल है , , ये तो हमारे आस पास है ही नहीं..." तान्या तुरंत उसके हाथ से फूल लेकर कहती हैं ...." एकांक्षी आई थिंक तुम्हें लेट हो जाएगा , क्यूं आंटी..."तान्या की बात पर सहमति जताते हुए सावित्री जी कहती हैं..." बिल्कुल तान्या , तू ठीक कह रही है , मिकू ये फूल वूल यही छोड़ और चल जल्दी...."सावित्री जी के कहने पर एकांक्षी तान्या के साथ चली जाती हैं और सावित्री जी लाॅक लगाकर कार के ...Read More

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तड़प इश्क की - 25

एकांक्षी तेरे बालों में ये पीला फूल कैसे आ गया , मैंने तो तेरे हेयर स्टाइल में ऐसा कोई नहीं लगाया था...?..."अब आगे...........एकांक्षी अपने बालों को छुती हुई साइड में लगे पीले फूल को निकालकर उसे देखते हुए कहती हैं..." ये बड़ा अजीब फूल है , , ये तो हमारे आस पास है ही नहीं..." तान्या तुरंत उसके हाथ से फूल लेकर कहती हैं ...." एकांक्षी आई थिंक तुम्हें लेट हो जाएगा , क्यूं आंटी..."तान्या की बात पर सहमति जताते हुए सावित्री जी कहती हैं..." बिल्कुल तान्या , तू ठीक कह रही है , मिकू ये फूल वूल यही ...Read More

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तड़प इश्क की - 26

उधर एकांक्षी की बैचेनी बढ़ने लगती है , उसकी तबीयत बिगड़ी शुरू हो जाती है....अब आगे............एकांक्षी की तबीयत भी बिगड़नी शुरू हो गई थी‌, , वो‌ वहीं सोफे पर गिर जाती है , राघव जोकि एकांक्षी पर नजर रख रहा था , उसे अचानक बेहोश देख जल्दी से उसके पास आता है....राघव उसे जल्दी से उसके सिर को अपनी हाथों में उठाकर उसके चेहरे पर थपथपाते हुए उठाता है....." मिकू ...मिकू उठ.... मैंने कहा था तुझे घर चल...."राघव उसे उठाने की कोशिश कर रहा था तो एकांक्षी बेहोशी में ही बड़बडा़ रही थी....." अधिराज , , आप कहां है..?....अधिराज ...Read More

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तड़प इश्क की - 27

इतना कहते ही तान्या आंखें बंद करके कुछ बोलकर अपने असली रूप में आती है......पूरी तरह अपने असली रूप आ चुकी थी , , तान्या एक रौबदार आवाज में कहती हैं...." शिवि , सबको सूचना पहुंचाओ , हम सतरपूर आ रहे हैं और वैद्य भ्रमर को महल में पहुंचने के लिए कहो ...."" जी महारानी जी..." शिवि वहां से चली जाती हैं और तान्या वहां से सीधा पंचमढ़ी पहुंचती है.....तान्या चारों तरफ देखते हुए खुद से कहती हैं...." आज ये पंचमढ़ी कितना विरान हो चुका है , कभी यहां रौनक हुआ करती थी , , पांचों मणियों के चले ...Read More

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तड़प इश्क की - 28

अब आगे.................एकांक्षी की कोमा में जाने की बात सुनकर राघव का पारा हाई हो जाता है , , गुस्से आकर उसने डाक्टर के गले से पकड़ते हुए कहा......" तुम डाक्टर किसी काम के नहीं हो , अपनी बिना सिर पैर की लाॅजिक लगा रहे हो...."वो डाक्टर अपना गला छुड़ाने की कोशिश करता हुआ कहता है...." देखिए सर हम अपनी तरफ से कोशिश कर रहे हैं..."राघव की आंखें गुस्से की वजह से लाल हो चुकी थी , , उसके गुस्से को शांत करने की हिम्मत किसी की नहीं हो रही थीं , राघव अपने बैक से पिस्टल निकाल कर उसपर ...Read More

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तड़प इश्क की - 29

अब आगे..................एकांक्षी बेहोशी में ही बड़बडा रही थी....." अधिराज तुम्हें कुछ नहीं होगा , , तुम्हें जागना होगा , कोई कुछ नहीं कर सकता , .... अधिराज...." तान्या उसकी बड़बड़ाती हुई आवाज सुनकर उसकी आंखों की तरफ देखकर कहती हैं....." मैं इसलिए अधिराज को इससे दूर रख रही थी लेकिन सोचने वाली बात है , अधिराज इतना इंर्जड कैसे हो गया , अगर वो एकांक्षी से मिलने आया था तो वो इंर्जड कैसे हो गया , ...?....ओह , ये सब बाद में सोचूंगी पहले एकांक्षी को होश में लाना जरूरी है नहीं पहले अधिराज को ... हां...."तान्या खुद से ...Read More

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तड़प इश्क की - 30

अब आगे.............विक्रम हाॅस्पिटल के अंदर दाखिल होता है ,, ,। ************दूसरी तरफ अधिराज होश में आने पर रत्नावली और को परेशान देखकर पूछता है...." आप इतने परेशान क्यूं लग रहे हो ...?... क्या हुआ...?..."..."शशांक अधिराज के पास जाकर कहता है....." तुम्हें कुछ स्मरण नहीं....?..."अधिराज कुछ सोचते हुए कहता है...." हां , ध्यान है हमें , जब हम एकांक्षी के पास से आए थे उस समय कुछ बैचेनी होने लगी थी जैसे हमारे शरीर में आग जलन होने लगी हो , उसके बाद क्या हुआ कुछ ध्यान नहीं...."" अधिराज मैं ये तो नहीं जानता , तुम्हें क्या हुआ , किंतु ...Read More

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तड़प इश्क की - 31

अब आगे..............विक्रम काफी गुस्से में आ जाता है ....." युवराज माणिक ....आप इनके पास नहीं आ सकते...." एकांक्षी की से आवाज़ आती है और तुरंत उसके दिल से एक रोशनी निकलती है जो उसी बौने का रूप ले लेती है......विक्रम तिलमिलाते हुए कहता है....." तुम जानते हो प्रेषक तुम किससे बात कर रहे हो , , एकांक्षी हमारा प्रेम है , उसपर केवल हमारा अधिकार है ....."" हम आपको जानते हैं युवराज , किंतु हमारा भी दायित्व है। इनकी सुरक्षा करना...."विक्रम उसी गुस्से में कहता है....." तुम्हारा दायित्व क्या है क्या नहीं ये हम देखेंगे , तुम हमें नहीं ...Read More

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तड़प इश्क की - 32

अब आगे...............आद्रिक और किरन आपस में बातें करते हुए अंदर की तरफ बढ़ रहे थे और विक्रम फोन पर करते हुए अपने ही एटिट्यूड में बाहर की तरफ जा रहा था , , जिससे वो आद्रिक से टकरा जाता है , , किरन का उसे देखकर पारा हाई हो जाता है , , ..." what are you doing here...??....."विक्रम उसे घूरते हुए कहता है....." ये तेरा घर नहीं है जो तुझसे परमिशन लेनी पड़ेगी...." किरन गुस्से में तिलमिला जाती है , विक्रम वहां से जाने लगता है , , लेकिन एक कदम आगे बढ़ाकर वापस पीछे आकर आद्रिक के ...Read More

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तड़प इश्क की - 33

आगे...........वैदेही हैरानी से इधर उधर देखते हुए कहती हैं...." यहां तो कोई नहीं है जिसे आपकी सहायता चाहिए , ..."माणिक मुस्कुराते हुए कहता है...." आप नहीं समझेंगी , चलिए आपको वृषपूर छोड़ देते हैं...."वैदेही उसे शकी नजरों से देखती हुई कहती हैं...." क्या यही जंगलों में वृषपूर राज्य है....?..."माणिक हंसते हुए कहता है..…" नहीं , हम आपको यहां जंगलों में नहीं छोड़ेंगे , आप हमारा हाथ पकड़ लिजिए..."वैदेही मुंह बनाते हुए उसे देखने लगती है , जिसे देखकर माणिक उसकी तरफ और आकर्षित हो रहा था , , अपनी नजरों को उसके चेहरे पर से हटाते हुए कहता है....." ...Read More

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तड़प इश्क की - 34

एकांक्षी जैसे ही उन फूलों को लेने के लिए अपना हाथ बढ़ाती उससे पहले ही किसी ने आद्रिक के से फूल छिन लिये थे......अब आगे.............आद्रिक और एकांक्षी के हाथों के बीच से फूल छिन लिए गए , दोनों की नजर एक साथ उस शख्स पर पड़ती है , जिसे देखकर एकांक्षी मुस्कुराते हुए कहती हैं....." तान्या, , ..."" Hey बेस्टी आई यू ओके...." तान्या भी मुस्कुराते हुए कहती हैं..... जिसके जवाब में एकांक्षी हां में सिर हिला देती है , लेकिन आद्रिक की नजर अब भी तान्या पर बनी हुई थी जिसे तान्या नोटिस करते हुए कहती हैं...." ओह ...Read More

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तड़प इश्क की - 35

वैदेही अपनी जगह रूक जाती है , जिससे अधिराज उसके पास पहुंचने लगता है , , ,...अब आगे............वैदेही रुककर पलटे कहती हैं....." अधिराज ये सारंगी न बजाया करो , , हम अपने आप को रोक नहीं पाती , हमें और भी कार्य होता है.... लेकिन आपकी ये सारंगी हमें तड़पा देती है...."अधिराज बिना कुछ बोले धीरे धीरे वैदेही के बिल्कुल करीब पहुंच चुका था , , ठीक उसके पीछे जाकर एक हाथ से उसकी पतली कमर को पकड़कर अपने करीब खींच लेता है, , और दूसरे हाथ से उसके बालों को हटाते हुए , अपने होंठों को वैदेही के ...Read More

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तड़प इश्क की - 36

वैदेही की तरफ से कोई हलचल न मिलने की वजह से अधिराज गुस्से में कहता है....." बहुत हो गया , , हमें तुम्हारा ये स्वांग बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा है... वैदेही उठो....."अब आगे......…..अधिराज वैदेही को उठाने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसकी सारी कोशिश बेकार हो रही थी तभी उसी नजर वैदेही के पैरों पर पड़ती है जहां सर्प दंश का निशान था , बिना देर किए अधिराज अपने पंखों को फैलाते हुए वैदेही अपनी बाहों में भर कर पंचमढ़ी की तरफ उड़ जाता है..."अधिराज अधिराज " किसी की घबराई हुई आवाज से अधिराज अपने ख्यालों से ...Read More

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तड़प इश्क की - 37

...... पंचमणि में वैदेही..........अचानक आई आवाज से विक्रम हैरान रह गया...." कौन हो तुम...?... सामने आओ..."....अब आगे......विक्रम के चिल्लाते एक छोटी तितली अंदर आती है जो थोड़ी ही देर में अपने असली रूप में आ चुकी थी , जिसे देखकर विक्रम दांतों को भिंच के गुस्से में कहता है..." माद्रिका...." माद्रिका अपने शक को यकीन में बदलते हुए कहती हैं..." मुझे लग ही रहा था तुम कोई साधारण इंसान नहीं हो , हममें से ही कोई हो , अब ये और बता दो तुम आखिर हो कौन..?.." विक्रम एक शातिराना अंदाज में हंसते हुए कहता है..." तुम तो ऐसे ...Read More

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तड़प इश्क की - 38

तभी वो विशालकाय सांप अपना रूप बदलता है, जिसे देख वैदेही हैरानी से कहती हैं...."आप..".........अब आगे........." आप , युवराज "माणिक हंसते हुए कहता है.." हां , हम ..."माणिक को हंसते देख वैदेही मुंह फुलाए कहती हैं..." यूं एक भोली भाली कन्या को डराते हुए लाज नहीं आती , हम कितना भयभीत हो गई थी..." माणिक हल्के से हंसते हुए कहता है..." हमें क्षमा करना, किंतु हम आपको भयभीत नहीं करना चाहते था , केवल हंसी कर रहे थे..."वैदेही अपनी भाव भंगिमा को तिरछी करके कहती हैं..." ओह ! तो आपके पंचमणि में आतिथ्य इसी ...Read More