देखने में अच्छा ही लगता था। चेहरे पे प्रतिक्रिया कम ही रहती थी जैसे पता नहीं क्या सोचता रहता था हरवक्त, परन्तु आँखें बोलती थी उसकी। कुल मिलाकर एक सीधा सादा भोला भाला लड़का लगता था। लोग सोचते थे की बड़ा बेवकूफ है ये तो। जहाँ भी जाता उसके पीठ पीछे हँसते रहते थे कुछ लोग की कितना अजीब है ये एक ही मुद्रा में घंटों तक चुपचाप बैठा रहता है कोई रिएक्शन नहीं, बहुत ही अजीब है। परन्तु कई कई बार इसे देखना अच्छा लगता है। परन्तु जब वो कोई भी रिएक्शन ना देता तो बहुत ही ज्यादा खीज होती थी। उस खीज को सब लोग मज़ाक बनाने की कोशिश करते रहते थे। परन्तु उस बेवकूफ को तो पता ही ना चलता था, इस बात पे और मज़ाक बनता था । एक जगह जहाँ उसकी दोस्त (नूतन) म्यूजिक सीखने जाती थी, उस दोस्त ने उस से कहा की "मुझे आते-आते लेट हो जाती है तो तुम मेरे साथ वहां चल कर बैठ सकते हो?" वो उसकी प्रिय दोस्त थी तो उसने मना नहीं किया। वो वहां नियमित जाने लगा और वहां भी वही हुआ जो सब जगह होता था, उसका मज़ाक बनाया जाने लगा। सबको लगता की इसको क्या पता चलता है...
Full Novel
एक बेवकूफ - 1
एक बेवकूफ??? देखने में अच्छा ही लगता था। चेहरे पे प्रतिक्रिया कम ही रहती थी जैसे पता नहीं क्या रहता था हरवक्त, परन्तु आँखें बोलती थी उसकी। कुल मिलाकर एक सीधा सादा भोला भाला लड़का लगता था। लोग सोचते थे की बड़ा बेवकूफ है ये तो। जहाँ भी जाता उसके पीठ पीछे हँसते रहते थे कुछ लोग की कितना अजीब है ये एक ही मुद्रा में घंटों तक चुपचाप बैठा रहता है कोई रिएक्शन नहीं, बहुत ही अजीब है। परन्तु कई कई बार इसे देखना अच्छा लगता है। परन्तु जब वो कोई भी रिएक्शन ना देता तो बहुत ही ...Read More
एक बेवकूफ - 2
अगले दिन पुलिस केस हुआ, सबके बयान हुए। वो लड़का अभी भी गुमशुम बैठा था ज्यादा कुछ बोल ही रहा था। कुछ लोगों ने उस पर शक भी जताया परन्तु वो तो उस लड़की को छोड़ कर ही बाहर गया था और आया तब तक वो लड़की कहीं नहीं मिली, वो गायब हो चुकी थी तो वो हर इलज़ाम से बरी हो गया था। परन्तु सबसे अचरज की बात ये थी कि उसने किसी पर अपना शक भी नहीं जताया। अजीब मुर्ख था। पुलिस कुछ लोकल प्रभावशाली लोगों के प्रभाव में आकर छानबीन करती रही पर नतीजा वही ढाक ...Read More
एक बेवकूफ - 3
फिर क्या था, जम के तुड़ाई हुई। सारी फ़्रस्ट्रेस्शन उसी पे निकाली गयी।ऊपर से सच बोलने की कुछ तो मिलनी ही थी उसे। फिर अच्छे से अधमरा करने के बाद उसे सेल में ही रात भर छोड़ दिया। एस.आई. परेशान की ये इतनी मार खाके भी चीखा क्यों नहीं। पर फिर उसे उसी के हाल पे छोड़ दिया जब मारते मारते थक गए तब।अगले दिन दोपहर में एस.आई. उसके पास आया और बोला कि-" क्या हाल है, कुछ मिज़ाज़ बदले की नहीं?? परन्तु वही.... वो(बेवकूफ) बिना किसी एक्सप्रेशन के उसकी आँखों में घूरता रहा। एक बारगी एस.आई. भी सकपका ...Read More
एक बेवकूफ - 4
जब एस.आई. बाहर आया तो कमल(हवलदार), जो कि उसका मुहलंगा था, ने पूछा "अंदर क्या हुआ साहब??" एस.आई. भयंकर में था। कुछ देर तो कमल को घूरा फिर चिढ़ कर बोला कि मेरा मुजरा हुआ अंदर, तुझे भी आना चाहिए था, दोनों साथ मैं करते। उसका मूड देख कर कमल भौचक्का हो गया और दूसरा हवलदार मुँह दबा के हंसने लगा। एस.आई. ने कहर भरी नज़र से उसे देखा और चुपचाप गाडी में बैठ गया। दोनों हवलदार भी थोड़ा झेंप गए थे पर वो भी गाड़ी में बैठ गए। जब वो लोग चौकी पहुंचे तब उन्होंने देखा कि चौकी ...Read More
एक बेवकूफ - 5
चौकी पहुँच कर दोनों कुछ देर आमने सामने बैठ जाते है। एकदम चुप बस एक दूसरे को घूरते हुए। की आँखों में गुस्सा था और अभिमन्यु की आँखों में कौतुहल। फिर अभिमन्यु ने मौन तोड़ते हुए कहा " ये एम.पी. खुद को ज्यादा नहीं समझता?? खुद तो बैठा रहता है और बाकियों को अपना खरीदा हुआ नौकर समझता है। सच्ची बताऊं तो इन जैसे नेताओं को तो उल्टा लटकाने का मन करता है। विक्रम ये सुनते ही चौंक कर सीधा हो गया,वो अचरज से अभिमन्यु को घूरता जा रहा था।अभिमन्यु (मुस्कुराते हुए)" क्या हुआ दोस्त; मेरे सर पर सींग ...Read More
एक बेवकूफ - 6
अगले दिन अभिमन्यु विक्रम को सादी वर्दी में उस क्लास के पास के पान वाले के लेकर गया। वहां सिगरेट का पैकेट लिया(सिगरेट पीने से कोई कूल डूड नहीं लगता और ये मेरा पर्सनल एक्सपेरिएंस है कि हेल्थ को बहुत नुकसान करती है। सिर्फ कहानी की तारतम्यता बिठाने के लिए इसका यहाँ जिक्र किया गया है।मैंने छोड़ दी आप भी छोड़ दो अगर पीते हो तो), दो पान लिए एक विक्रम को दिया एक खुद लिया। विक्रम (धीरे से कान में बोला)-" यार सिगरेट पीने और पान खाने के लिए यहाँ इतनी दूर आये हैं??" अभिमन्यु(धीरे से )-" अरे ...Read More
एक बेवकूफ - 7
फिर विक्रम ने पूछा-" चल दोस्त, अब बता तीनों लड़कियाँ, कहाँ है??" गौतम-" सर मुझे पता है आप यकीन करोगे पर मैं सच बता रहा हूँ, इसमें मेरा कोई हाथ नहीं है। मैं खुद परेशान हूँ, क्योंकि मेरी कोमल भी तो गायब है।" अभिमन्यु-" देखो, हम तो दोस्त बनकर तुझसे पूछ रहे हैं और तुम हमें सहयोग ही नहीं कर रहे?? चलो,अछ्छे बच्चे कि तरह बता दो लड़कियाँ कहाँ है??" गौतम(थोड़ा चिल्लाते हुए)-" मैंनें कहा ना...." ( इतने में विक्रम का जोरदार झापड़ उसके गाल पे पड़ता है,वो कुर्सी सहित जमीन पर लुढ़क जाता है। विक्रम(दांत पीसते हुए)-" साले, ...Read More
एक बेवकूफ - 8
दोनों( विक्रम और अभिमन्यु) एक दूसरे की शक्ल ही देखते रहे। फिर विक्रम ने औरत से पुछा-"आपका परिचय?? वो बोली "मेरा नाम मालती तिवारी है, मैं एस.बी.आई. में जनरल मैनेजर हूँ। मेरी बेटी का नाम मानसी है, वो कल रात को घर नहीं लौटी,आप उसे ढूंढिए।"तभी विक्रम के फ़ोन पर रिंग आई। उठाने पर सामने से एस.पी. की आवाज़ आई -" मालती जी तुम्हारी चौकी पर आई हैं?? वो हमारे मित्र की धर्मपत्नी है। उनको ज्यादा देर चौकी में मत रोकना। अगर कोई काम हो तो उनके घर जाकर मिलना।"विक्रम-" जी सर, उनको कोई तकलीफ नहीं होगी सर, जय ...Read More
एक बेवकूफ - 9
हाँ, मैं अँधा हूँ। एक धमाके में मेरी आँखों की रौशनी जाती रही। देश सेवा के जूनून में बढ़ोतरी रही थी पर नियमों ने करने नहीं दी। फिर रिटायर होकर लाइफ एन्जॉय कर रहा हूँ और कर भी क्या सकता हूँ।" कहते कहते उनकी शक्ल पर उदासी आ गयी। "अरे जब से तुम लोग आये हो कुछ लिया ही नहीं, अरे शकुंतला, बच्चों के लिए कुछ चाय कॉफी नाश्ता लाओ।" गृहिणी अच्छी और समझदार थी पहले से ही रेडी थी तो अगले 5 मिनट में प्लेटें सज गयी। चूँकि उन लोगों को काफी देर रुकना था तो खाने पीने ...Read More
एक बेवकूफ - 10
एक मिनट सर, आप कह रहे हैं कि आपने उससे बोला पुलिस में जाने के लिए और उसने मना तब आपको शक क्यों न हुआ?? जबकि आप का दिमाग फौजी का दिमाग है आपके दिमाग में ये बात आनी चाहिए थी कि जब वो आपके बैग पर नज़र रखे हुई थी और आपके हिसाब से कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर थी तो माफ़ कीजियेगा मैं ये शब्द इस्तेमाल कर रहा हूँ कि एक 'अंधे' से उसकी क्या मदद होगी? वो फाइल कहाँ है जो आपके बैग में थी? क्या वही वो फाइल थी जो मानसी ने बनायीं थी??" अभिमन्यु ...Read More
एक बेवकूफ - 11
मेजर कार्तिक आगे कहते हैं -"चीख की आवाज़ सुनकर मैं काफी घबरा गया था। मैं जैसे-तैसे टटोल-टटोल कर अंदर और उस लड़की को ढूंढने लगा। अंदर जाने के बाद कुछ आवाज़ें ऊपर से आती हुई महसूस हुई। मैं जितना जल्दी कर सकता था, उतना जल्दी उस लड़की को ढूँढना चाहता था। मुझे उसकी फिक्र हो रही थी। मैं पहले फ्लोर पर पहुंचा। पर वहांँ कोई न था। आवाजें और ऊपर से आ रही थी। मैं दूसरे फ्लोर पर पहुंँचा। आवाजें वहीं से आ रही थी। आवाजों से साफ पता चल रहा था कि वहांँ दो जने गुथमगुथा हो रहे ...Read More
एक बेवकूफ - 12
विक्रम-" मेजर साहब, कुछ भी हो, आपसे अनजाने में ही सही, कुछ गुनाह हो ही गए है। पर मैं बहुत सम्मान करता हूँ। एक बार प्रोसीजर के तहत मुझे आपको गिरफ्तार करना होगा पर मैं आपको तकलीफ न देते हुए अपने रिस्क पर आपको यहीं छोड़ रहा हूँ। बस आप टाइम टू टाइम टच में रहिएगा और शहर से बाहर न जाइएगा जब तक असली मुजरिम पकडे़ नहीं जाते." फिर गौतम की और देखते हुए विक्रम बोला-" अब इस चूजे और आपके बयानों से बहुत कुछ क्लियर हो गया है। अब उन गुरूजी और उनके चमचों की खैर ...Read More
एक बेवकूफ - 13
विक्रम-" मतलब मैं सही था, कुछ तो है जो तुम्हें मालूम पड़ चूका है और तुमने मुझे अभी तक बताया।"अभिमन्यु(लम्बी सांस छोड़ते हुए) -" हाँ दोस्त, एक लड़का था जो काफी छोटी उम्र से ही इंटेलिजेंस में था।काफी तेज बंदा था। उसकी खासियत ये थी कि वो किसी को भनक भी न लगने देता और काम हो जाता था जबकि वो खुद काम बहुत कम ही किया करता था। वो किसी ऐसे व्यक्ति को अपना हथियार बनाता जो कि एकदम निर्दोष हो और उसे कुछ पता भी न चले। धीरे-धीरे उसे बड़े काम दिए जाने लगे और वो अपनी ...Read More
एक बेवकूफ - 14
अभिमन्यु-" विक्रम जरा यहाँ आना।" विक्रम आता है, उसकी तरफ प्रश्नवाचक नजरों से देखता है। अभिमन्यु कहता है- " ये लड़का अम्बीडेक्सट्रॉस( दोनों हाथों से सामान रूप से लिखने वाला) है।" विक्रम-" क्या!!! पर तुम्हें कैसे पता??" अभिमन्यु-" गौर से देखो विक्रम, लिखने की वजह से मिडिल फिंगर में जो काला निशान उभर कर आता है, वो इसके दोनों हाथों में है। ये निशान सिगरेट से भी बन सकते हैं पर इसके होंठ और दांतों से पता चलता है कि ये सिगरेट नहीं पीता। इस से कुछ दोनों हाथों से लिखवा कर देखो। मुझे लगता है कि इसकी राइटिंग ...Read More
एक बेवकूफ - 15
एक अंधेरा कमरा, जहाँ एक बल्ब जल रहा है और उस बल्ब के नीचे एक आदमी कुर्शी से बंधा है, वो काफी अधमरा सा था. मद्धम सी रौशनी में उसकी शक्ल नहीं दिख रही थी। पर डील-डौल से कोई 45-50 साल का लग रहा था। उसको तेज प्यास लगी थी, वो पानी-पानी कर रहा था. कुछ ही पल बीते होंगे की उस कमरे का गेट खुला और एक और शक्शियत का प्रवेश हुआ. उसने फेल्ट हैट लगा रखी थी। शरीर से काफी फिट लग रहा था। डील-डौल से वो नौजवान ही लग रहा था। वो बंधा हुआ आदमी जोर-जोर ...Read More
एक बेवकूफ - 16 - अंतिम भाग
" देखो मुझे जाने दो ये सारा पैसा तुम रख लो। यहाँ बहुत है, तुम चाहो तो मैं और सकता हूँ। बस यहीं से कॉल करूँगा और पैसे आ जायेंगे। जितने चाहोगे उतने। बस मुझे यहाँ से जाने दो।" टीचर गिड़गिड़ाने लगा। "50 करोड़" प्रियांशु बोला।" " क्या??? ये तो बहुत ज्यादा है." पर प्रियांशु के चेहरे पर कोई भाव न देखकर, टीचर-" हाँ- हाँ , मैं मंगवाता हूँ 50 करोड़। 8953###### इस नंबर पर कॉल करके बोलो 'डायमंड' पैसे आ जायेंगे।" प्रियांशु ने ऐसा ही किया। फिर बोला "अब जब पैसे आ ही रहे हैं तो आगे सुनो ...Read More