दिल्ली: सफर की शुरुआत आज नई दिल्ली हवाई अड्डा टर्मिनल 3 से हुई । मेरे साथ मेरी हमसफर है। मेरा इरादा ईस्ट इंडिया में सिक्किम, वेस्ट बंगाल घूम कर भूटान जाने का है। मेने 3 महीने पहले दिल्ली से बागडोगरा की फ्लाइट बुक करवा ली थी, इसलिए दो टिकटें Air Asia से केवल ₹5000/- में मिल गई थी । क्योंकि फ्लाइट दोपहर 2 बजे, T3 (टर्मिनल 3) से थी, तो अन्तेर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा होने के कारण लगभग 2 घंटे पहले पहुंचना ही पड़ता है. Indira Gandhi International Airport (IGIA) New Delhi, यह बस स्टैंड (ISBT delhi) से लगभग
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Exploring east india and Bhutan... - Part 1
तू ना चलेगा तो चल देंगी राहें, तुझ को चलना होगा, “चला भी आ” मेरे जहन में आवाजें गूंज थी, पर्वत, दरिया, झरने आवाजें दे रहे थे, पुकार रहे थे, तो एक बार फिर मैं चल दिया, आवाजें नजदीक आ गई थी | दिल्ली: सफर की शुरुआत आज नई दिल्ली हवाई अड्डा टर्मिनल 3 से हुई । मेरे साथ मेरी हमसफर है। मेरा इरादा ईस्ट इंडिया में सिक्किम, वेस्ट बंगाल घूम कर भूटान जाने का है। मेने 3 महीने पहले दिल्ली से बागडोगरा की फ्लाइट बुक करवा ली थी, इसलिए दो टिकटें Air Asia से केवल ₹5000/- में मिल ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 2
दूसरा दिन : दार्जीलिंग: आज हमे टाइगर हिल पर सनराइज देखने जाना है. पहले दिन ही हमने होटल डेस्क से पर्यटन स्थलों के भ्रमण (sight seeing) के लिए ₹ 3000 में टेक्सी बुक कर ली थी। दार्जलिंग में टाइगर हिल से कंचनजंगा माउंटेन पर sun rise देखने के लिए सुबह 4 बजे उठना पड़ा, ठंड अपनी युवा अवस्था में थी, यानी कडाके की थी, हम सूर्योदय (sun rise) देखने के लिए चल दिये, हमने दो- दो जाकेट पहनी रखी थी, और सोचा इतनी ठण्ड में निकलना शायद ये हमारा पागलपन है, पर आगे जा कर देखा, हम ही ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 3
Exploring east India and Bhutan...Chapter -3 तीसरा दिन : दार्जीलिंग: सुबह तैयार हो कर होटल ट्रेवल डेस्क से हमने में गंगटोक के लिए टेक्सी कर ली । यहां एक अजीब चक्कर है, दार्जीलिंग वेस्ट बंगाल में है, व गंगटोक सिक्किम में है, तो गगटोक में शहर केअंदर केवल स्थानीय यानी गंगटोक की टैक्सी ही जा सकती है व सिक्किम से बाहर की गाड़ी केवल गंगटोक टैक्सी स्टैंड तक ही जा सकती है, बहरहाल हम सुबह ब्रेकफास्ट ले कर गंगटोक के लिए निकल लिए । टैक्सी ड्राइवर विनोद नाम का व्यक्ति था, जो टैक्सी का मालिक भी था, ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 4
Exploring east india and Bhutan....Chapter -4 “थोड़े से समय में कई बार अजनबी लोग पहली नज़र में ही अपने क्यों लगने लगते हैं “ मानसी की जिज्ञासा ने अंगड़ाई ली “अनदेखी राहों पर मिलने वाले अनजाने मुसाफिरों को रिश्ता आज तक कोई नही समझ नही पाया “ विनीता भी इस अनबुझ पहेली को सुलझा ना सकी “ “चलो इस संयोग के और सुखद बनाते हैं “ मेने कहा फिर हमारी तीन सदसीय कैबिनेट में, तीन नहीं चार, भई इसमें विनोद की रजामंदी भी जरुरी थी ,फेसला हुआ की दार्जिलिंग के आस पास के कुछ और व्यू पॉइंट्स का भ्रमण ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 5
Exploring east India and Bhutan....Chapter -5 The Himalayan Mountaineering Institute (HMI darjeeling), Darjeeling West Bengal India हिमालयन पर्वतारोहण दार्जिलिंग शहर से लगभग 5 km की दूरी पर स्थित है. हिमालय पर्वत पर 29028 फूट की उचाई पर चढ़ना, और उस पर विजय पाना लम्बे समय से उन लोगों का सपना रहा था, जो पहाड़ों की चुनौती को स्वीकार करते हुए प्रक्रति की नयी नयी खोज करना चाहते थे. तेनजिंग नोर्गे और एडमंड हिलेरी ने 1953 में माउंट एवरेस्ट, जिसकी उचाई 29,028 ft है, पर पहली बार विजय पाई. इस ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 6
चोथा दिन : “उठो अब, नही तो आज का दिन बेकार हे चला जाएगा,” विनीता मुझे हिला रही थी बस दो मिनट और “ मैने खुशामद की “ कोई दो मिनट नही, उठो अब “ विनीता ने मुझे बाजु से पकड़ कर खड़ा करना चाहा “ अब तो पांच मिनट लगेंगे “ मेने उसे अपनी बाहों में भर लिया कल रात होटल यात्री निवास में देर से पहुंचे थे, दिन भर के थके हुए थे, आते ही सो गुए थे, तो सुबह देर होना लाजमी था. यात्री निवास चार धाम मंदिर के सामने ही स्थित है. ये नाम ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 7
Exploring East India and Bhutan-Chapter -7 आज हम जल्द ही होटल वापिस आ गये थे, क्योंकि आज पूरा आराम का इरादा था. अपने रूम में आ कर में दोनों पैर मेज पर पसार कर बेठा ही था, की विनीता मेरे पास अपनी कुर्सी खिसका कर ले आई. “चलो तुम्हे मानसी की बारे में मजेदार बातें बताती हूँ” विनीता अपने आप को रोक नही पा रही थी “SHOOT” मेने कहा “ये तो तम्हे पता ही है की, ये दिल्ली की रहने वाली है व् एक न्यूज़ चैनेल में जॉब करती है, हालांकि इसे जॉब करने की कोई भी जरुरत नही ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 8
Exploring East India and Bhutan Chapter - 8 पांचवा दिन : गंगटोक पहुंच कर होटल Denjong shangrilla में चेक किया, जो पहले से बुक किया हुआ था । गंगटोक पहुंचने के लिए सिक्किम राज्य परिवहन की बसें गंगटोक और सिलीगुड़ी के बीच उपलब्ध हैं. निकटतम रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी में स्थित है, जो गंगटोक से 117 km की दूरी पर है,और निकटतम हवाई अड्डा 124km की दूरी पर बागडोगरा, पश्चिम बंगाल में, 5,410ft की उचाई पर स्थित है. गंगटोक सिक्किम राज्य की राजधानी है, इसकी आबादी लगभग 100000 है, (सिक्किम का भारत मे ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 9
Exploring East India and Bhutan Chapter - 9 छटा दिन “उठो और मानसी को भी जल्दी तेयार होने कहो “ मेने सुबह उठ कर, विनीता को हिलाते हुए कहा. “सोने दो, रात कितनी देर से सोये थे“ विनीता ने अपने आप को ब्लंकेट में समेट लिया “उठो या में भी बिस्तर में आता हूँ” “तुम जरा रुको” विनता ने तकिया गोली की तरह मेरी तरफ फेंका “चलो, बस 10 मिनट दिए” मेने अपनी जान बचाई फिर विनीता ने उठकर पहले मानसी को कॉल किया “वह फ़ोन नही उठा रही“ “कोई बात नही, बाथरूम में होगी“ मेने अंदाजा ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 10
Exploring East India and Bhutan Chapter – 10 होटल से निकल कर हमारा पहला काम यही होता है, की गांधी रोड यानी एमजी रोड पर आयें, थोड़ा पर्यटकों से मिलें, चाय काफी लें फिर आगे चलें. एमजी रोड गंगटोक शहर के मध्य में स्थित है, और गंगटोक का सबसे सुंदर व् दर्शनीय स्थल है. अगर आप गंगटोक में हैं, और आप का स्टे 5-6 दिन का है ,तो लोकल या आसपास की Sightseeing तो आप 2-3 दिन में कर लेंगे, बाकी के दिन आप आराम से एमजी रोड की रोनक देखते हुए बिता सकते हैं. आप गंगटोक ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 11
Exploring east india and Bhutan-Chapter -11 सातवा दिन “Susan Sontag ने क्या खूब कहा है “ “क्या है” विनीता अपना चाय को सिप करती हु,ई मेरे पास आ कर सोफा चेयेर पर बेठ गई “I haven’t been everywhere, but it’s on my list” “और ये आप क्यों बता रहे हैं” “इसलिए कि लाचेन, लाचुंग व् नाथुला, जाना का परमिट खुदा ने हमे नही दिया, but it’s on my list” “इंटेलीजेंट” “धन्यवाद” मेने सिर झुका कर अभिवादन किया “ये कॉम्प्लीमेंट Susan Sontag के लिए था” मेने शिकायत भरी नजरों से उसे देखा और वो कानों तक मुस्कराई . ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 12
Exploring East India and Bhutan-Chapter-12 सातवा दिन “दीदी” मानसी लगभग दोड़ती हुई रूम में आई और आते ही से लिपट गई, जेसे वर्षों बाद मिल रही हों. विनीता ने भी उसे प्यार भरी नजरों से देखते हुए बाहों में भर लिया. “मानसी, यहाँ कोई और भी है” मेने शिकायत की “ओह,भैया” कहती हुई, वह मुझ से भी बगलगीर हो गई. “में जानती हूँ, कल बिना बोले जाने की कारण आप दोनों मुझ से नाराज हैं, पर में क्या करू, विदाई के पलों में, में नार्मल नही रह पाती, और इमोशनल हो जाती हूँ, अपने को कंट्रोल नही कर ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 13
Exploring East India and Bhutan-Chapter-13 आठवां दिन सोचा था सुबह जल्दी कलिम्पोंग के लिए निकलेंगे पर ये ना सका,मानसी के दोबारा आ जाने की बाद एक बार फिर सुबह कैबिनेट की मीटिंग हुई, और अब आगे टूर में क्या,कब,केसे करना है, इस पर पुनर्विचार हुआ. फिर आराम से होटल में नास्ता कर के हम तीनों ड्राईवर विनोद के साथ कलिम्पोंग की खूबसूरती से रूबरू होने सफ़र पर निकल लिए. कालिम्पोंग, अगर आप गंगटोक के रास्ते से आ रहें है,तो यहाँ तक पहुंचने के लिए आपको छोटे-छोटे गांवों के बीच से तंग व् घुमावदार, सांप की त ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 14
Exploring East India and Bhutan-Chapter- 14 नोवाँ दिन दोपहर को हम हासीमारा पहुँच गये. ये एक छोटा सा कस्बा जो सिल्लीगुरी से140 km, नजदीकी हवाई अड्डे बागडोगरा से150 km, और अलीपुरद्वार रेलवे स्टेशन से45 km की दूरी पर बारोदाब्री गाँव में स्थित है. और मुझे यह जान कर बड़ी हेरानी हुई कि हासीमारा से तीन देशों की सीमा ज्यादा दुर नही है. यहां से बांग्लादेश बॉर्डर की दूरी 80km,भूटान बॉर्डर की 20 km,व् नेपाल बॉर्डर की 150km है. Barodabri Malangi Lodge हासीमारा से लगते गाँव बारोदाब्री में मालंगी लॉज स् ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 15
Exploring East India and Bhutan-Chapter- 15 दसवा दिन हम रात को आकर Jaldapara Tourist Louge में थे. लॉज की हमने ऑनलाइन बुकिंग करवा ली थी,आते ही हमे कॉटेज मिल गया था, परन्तु चेक इन करते ही सबसे पहले हमने एलीफैंट राइड बुक करवा ली. सुबह नींद से जागा तो देखा विनीता रूम में रखी इलेक्ट्रिक कैटल से चाय बना रही थी. “अरे इसमें क्या मजा आएगा , रूम सर्विस को आर्डर कर दो” “अच्छा मुझे तो आर्डर करने का पता ही नही था, जरा आप कष्ट करें” मै समझ गया कुच्छ गड़बड़ है “अच्छा भाई ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 16
Exploring East India and Bhutan-Chapter- 16 दसवा दिन जंगल की सैर जीप से जंगल सफारी बहुत बार थी, इसी लिए इस बार एलीफैंट राइड का फैसला लिया गया जो की बाद में बहुत सही साबित हुआ. सुबह 5:30 बजे हम अपने कोटेज पर पहले से बुक कार का इतंजार कर रहे थे, ताकि एलीफैंट राइड स्टैंड तक समय पर पहुंच सके, पर ड्राइवर नही आया, लॉज वालों ने एक दूसरे ड्राइवर का प्रबंध किया, और हमने राहत की सांस ली. दुसरा ड्राईवर तुरंत हाजिर हुआ, और हम वाइल्ड लाइफ के अनुभव के लिए निकल लिए. जंगल में ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 17
Exploring East india and Bhutan-Chapter -17 ग्यारवाँ दिन सुबह 10 बजे हमारा हासीमारा से भूटान टूर शुरू हो गया, यहाँ से विनोद को धन्यवाद व् भुगतान दे कर विदा कर दिया. यहाँ से एक इन्नोवा टैक्सी 3500 प्रति दिन के हिसाब से हायर कर ली. हमारे ड्राईवर का नाम रोबी था, यह मुश्किल से बीस वर्ष का पक्के रंग का छरहरे बदन का नोजवान था, और कामचलाऊ हिन्दी समझ लेता था. हासीमारा से हमे जयगांव हो कर फुंटशोलिंग जाना था . जयगांव तक का सारा रास्ता भीड़ भरा था इसलिए मात्र 20 km की यात्रा हमने एक घंटे में ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 18
Exploring East india and Bhutan-Chapter -18 बारहवां दिन आज सुबह हम होटल से चेक आउट करके थिम्पू के लिए लिए. मै और विनीता बीच वाली सीट पर व् मानसी पीछे वाली सीट पर बेठी हुई थी, और थोड़ा पेरशान नजर आ थी, क्योंकि थिम्पू में उसकी मीटिंग मिस्टर भसीन से होनी थी, और मीटिंग के रिजल्ट ने ही मानसी की आगे की राह तय करनी थी. “नर्वस क्यों हो रही हो, तुम कोन सा इस जॉब के सहारे हो” विनीता ने प्यार से समझाया “यही सोच रही थी, मिस्टर भसीन मानेगे या नही” मानसी गाडी की छत की तरफ ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 19
Exploring East india and Bhutan-Chapter-19 तेरहवां दिन मानसी को आज शाम को मिस्टर भसीन से मिलना था, तो उसने तक होटल पर ही रुकने की इच्छा जाहिर की, जाहिर है वह मीटिंग की तेयारी में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती थी, हमे भी लगा उसका रुकना ही ठीक है, और हम दोनों थिम्पू दर्शन को निकल लिए. हमारा सबसे पहला स्टॉप था, मोतिहंग टेकिन. Motihang Takin Preserve, Thimphu Bhutan यह थिम्फु के सिटी सेंटर से लगभग 5 km की दूरी पर मोतिहंग में स्थित है व् लगभग 84 एकड़ जमीन में फैला हुआ है. टेकिन भूटान का राष्ट्रीय ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 20
Exploring East india and Bhutan-Chapter-20 चौदहवाँ दिन Changangkha Monastery, Thimphu Bhutan (Changankha Lhakhang) इस मोनेस्ट्री की स्थापना 12 शताब्दी में लामा फाजो ड्रुकगॉम शिगप (Lama Phajo Drukgom Shigp) द्वारा की गई थी. मोनेस्ट्री को सफ़ेद रंग से रंगा गया है, कुछ सीढियां चढ़ कर आपमुख्य मोनेस्ट्री तक पहुँचते हैं. मोनेस्ट्री में स्थानीय लोग अपने नवजात शिशुओं का नाम रखवाने के लिए आते हैं, नाम रखने के बाद बच्चों को एक फ़रबा से आशीर्वाद दिया जाता है व् हर मुसीबत से बचाने के लिए एक धागा उनके ह ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 21
Exploring East india and Bhutan-Chapter-21 चौदहवाँ दिन Thangthong Dewachen Nunnery, Thimphu Bhutan थांगथोंग डेवाचेन नुननेरी : यह मठ थिम्फु के सिटी सेंटर से लगभग4 km की दूरी पर ज़िलुखा में स्थित है इसे Zilukha Anim Dratshang के नाम से भी जाना जाता है. इसमें लगभग 60 ननें रहती है, इन ननों ने अपना जीवन आध्यात्मिकता और बौद्ध धर्म के लिए समर्पित कर दिया है. इसका निर्माण 1976 में थांगटोंग ग्यालपो, ड्रूबथोब रिक्की जैडेल द्वारा करवाया गया था. एक विशाल द्वार से प्रवेश कर कुछ दूर पैदल चल कर आ ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 22
Exploring East India and Bhutan-Chapter-22 पन्द्रहवां दिन सुबह आठ बजे परमिट आफिस में लंबी लाइन लगी थी, परमिट लेने लगभग एक घण्टे का समय लग गया फिर पुनाखा की यात्रा प्रारंभ की, जो की थिम्फु से लगभग 84 km की दूरी पर है, व लगभग 5 घंटे का समय लग जाता है. थिम्पू से पुनाखा जाते समय रास्ते में The Dochula Pass आता है. Dochula Pass, Dochula Bhutan यह पहाड़ी दर्रा,भूटान की राजधानी थिम्पू से लगभग 20km की दूरी पर, पुनाखा जाते समय दोचुला नाम की जगह पर, बर्फ से ढके हिमालय पर 10171ft की उचाई पर स्थित है. ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 23
Exploring East India and Bhutan-Chapter-23 पन्द्रहवां दिन Punakha suspension bridge : यह 1854 फुट की उचाई पर लगभग बारह लंबा, लोहे की तार से बना हुआ, हिलता हुआ पुल है. यह बहुत ही सुदर है, व इस पर चलना रोमांचकारी है. यह विश्व स्तरीय ब्रिज है, इस पर गुजारा समय एक न भूलने वाली याद बन गया. इस तरह का दृश्य हमने हॉलीवुड मूवीज में ही देखा था, नीचे कल कल बहती नदी का शोर, उपर तेज हवाओं का शोर, हवाओं से भी ज्यादा तेजी से धड़कते दिल का शोर, तीन शोर एक साथ, संगम इसी का नाम है, ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 24
Exploring East India and Bhutan-Chapter -24 सोलवां दिन सुबह उठ कर में और मानसी होटल के स्विमिंग पूल आ गए और वहां लगभग एक घंटा एन्जॉय कर के हम होटल रेस्टोरेंट में नास्ते के लिए आ गए. थोड़ा होटल के बारे में आप को बता दूं. Soenam Tsokhang Resort, Paro Bhutan यह शहर व् मुख्य मार्किट से लगभग 5 km व् पारो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से16km की दूरी पर, शोर शराबे से दूर, एकांत में, प्राक्रति की गोद में स्थित है. होटल के पीछे की तरफ आप सुबह शाम घुमने जा सकते हैं और वाइल्ड लाइफ का ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 25
Exploring East India and Bhutan-Chapter -25 सोलवां दिन मानसी पिछले दो दिनों से परेशान थी, जाहिर है, भसीन के करने के बाद उसे आगे के रास्ते बंद नजर आ रहे थे. इसलिए वह हमारे साथ ना जा कर होटल में ही रही थी व् लगातार पता नही किस-किस को कॉल कर रही थी, हमने भी लगा कि उसे सोचने का समय दिया जाये, आखिर उसके भविष्य का सवाल था, और फैसला भी उसी को लेना था. वापिस आ कर हम मानसी के रूम में चले गये, मानसी ने मुस्करा कर हमारा स्वागत किया “भैया, क्या लेंगे” “कॉफ़ी चलेगी” ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 26
पारम्परिक भूटानी कलैंडर के अनुसार दूसरे महीने यानी मार्च या अप्रैल में वार्षिक उत्सव का आयोजन किया जाता है भिक्षुओं द्वारा पारम्परिक मुखोटा पहन कर डांस किया जाता है ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 27
Exploring East India and Bhutan-Chapter-27 सत्रहवां दिन National Museum of Bhutan, Paro Bhutan भूटान के राष्ट्रीय संग्रहालय को शहर में 1649 में स्थापित किया गया था. यह Ta Dzong बिल्डिंग में रिनपुंग डीज़ोंग के ऊपर स्थित है. इसे वर्ष1968 में रेनोवेटे करके म्यूजियम के रूप में खोला गया था. Ta Dzong शंख के आकार की गोल इमारत है, जिसे सफेद रंग से रंगा गया है. प्रारंभ में Ta dzong एक वॉच टॉवर था, जिसे रिनपुंग डीज़ोंग की सुरक्षा के लिए बनाया गया था. अतीत में इसका उपयोग प्रतिद्वंद्वी सैनिकों को ज ...Read More
Exploring east india and Bhutan... - Part 28
Exploring East India and Bhutan-Chapter-28 सत्रहवां दिन होटल वापिस आ कर मानसी अपने रूम में चली गई व् भी अपने अस्थायी बसेरे की तरफ रुख किया. आज टूर का अंतिम पडाव था. “लडकी सेंटीमेंटल हो रही है” मैंने अपने ज्ञान का पिटारा खोला “वो क्या मै खुद हो रही हूँ, आखिर कल सबने अपनी-अपनी राह पकड लेनी है” विनीता ने भी भारी आवाज में कहा “सबने से क्या मतलब, सिर्फ मानसी ने अपनी राह पकडनी है” मैंने गुहार लगाई, विनीता मुस्कराई “अरे, चंद दिनों का ही तो साथ था” मैंने बेपरवाही दर्शाते हुए कहा तो विनिता ने मु ...Read More