डोगी का प्रेम

(90)
  • 67.3k
  • 6
  • 33.7k

मेरी दिन मे दो बार धर्म पत्नी से बात होती थी अक्सर फोन मै ही करता था किन्तु एक दिन मोबाईल पर घंटी बजी टर्न..टर्न मैने देखा कि पत्नी का फोन.. मै खुश हुआ खुशी का कारण यह था कि जब भी पत्नी फोन करती थी तो कोई शुभ समाचार ही देती थी मैने फोन उठाया यह क्या आज पत्नी का नाराजगी से भरा स्वर .. एक ही श्वास मे बेटा व बेटी की डॉगी लाने की जिद, पत्नी ने फोन पर कह सुनाई पत्नी बोली उन्हे रोको वे डॉगी लाने गये है । हम पूजा पाठ करने वाले लोग

New Episodes : : Every Thursday

1

डोगी का प्रेम - 1 - चेहरे के भाव पढ लेते है श्वान

मेरी दिन मे दो बार धर्म पत्नी से बात होती थी अक्सर फोन मै ही करता था किन्तु एक मोबाईल पर घंटी बजी टर्न..टर्न मैने देखा कि पत्नी का फोन.. मै खुश हुआ खुशी का कारण यह था कि जब भी पत्नी फोन करती थी तो कोई शुभ समाचार ही देती थी मैने फोन उठाया यह क्या आज पत्नी का नाराजगी से भरा स्वर .. एक ही श्वास मे बेटा व बेटी की डॉगी लाने की जिद, पत्नी ने फोन पर कह सुनाई पत्नी बोली उन्हे रोको वे डॉगी लाने गये है । हम पूजा पाठ करने वाले लोग ...Read More

2

डोगी का प्रेम - 2 - चेहरे का भाव पढ लेते हैं श्वान

डॉगी का नाम करण -मेरी ड्यूटी अरूणाचल में थी हमारे आर्मी के अंदर भी डॉग स्कॉट होती है , पास भी एक फेमेल डॉग था । मैने दूसरे दिन फोन किया तो बेटी ने कहा पापा..इसका नाम क्या रखें मैने कह दिया चेरी रख लो सभी को नाम अच्छा लगा उसे चेरी चेरी कहने लगे । चेरी (हमारा डॉगी) छोटी थी किन्तु पूरे घर के कोने कोने को सूंगती रहती थी दोनो बच्चों के पीछे पीछे घूमती रहती थी । जब भी उसे बाहर घुमाने लेकर जाते बच्चों का झुंड इकट्ठा हो जाता उसे हाथ मे लेकर खिलाने की ...Read More

3

डोगी का प्रेम - 3 - मन की बात कैसे प्रगट करते हैं?

श्वानों में बहुत समझ होती है वे साथ रहते रहते अपनी इच्छा प्रगट करने के तरीके खुद ढूंढ लेते । भगवान ने इंसानों की तरह उन्हें भाषा बोलने की क्षमता तो नही दी किन्तु वे हमारी भाषा बहुत अच्छे से समझ ने लगते हैं । वे अपनी चाहत भी प्रगट करते हैं जैसे जैसे इनकी उम्र बढ़ती है इनकी समझ भी बढती जाती है । हम भी उनके इशारों को समझने लग जाते हैं । जब हम उनसे पूछते हैं तो वे इशारा हां का किसी न किसी रूप मे प्रगट कर देते हैं जैसे हम अपने छोटे बच्चों ...Read More

4

डोगी का प्रेम - 4 - श्वानों के संकेत क्या बताते हैं ?

जो भी श्वानों से प्रेम करते हैं वे उन्हें पालते हैं उनके साथ बहुत सा समय बिताते हैं । बार वे भी नहीं समझ पाते उनका श्वान क्या उनको अपना मालिक मानने लगा है । चलिए आज हम चर्चा करते हैं श्वान की हरकतों से हम कैसे समझे कि वह अब आपको मालिक मानने लगा है । दरअसल यह शब्द कुछ ठीक नही लग रहा मालिक ..कहें या अतिप्रिय व्यक्ति .. खैर जो भी शब्द अच्छा लगे हम उपयोग कर सकते हैं ।01 जब श्वान आपके आदेश मानने लगे (डर से नही स्वेच्छा से) 02 आपके साथ रहने के ...Read More

5

डोगी का प्रेम - 5

एक दिन बिटिया अपने काम से फोर व्हिलर लेकर बाजार में जा रही थी बाहर चेरी ने गाड़ी को लिया और गाड़ी के पीछे दौड़ती हुई पीछा करने लगी । पत्नी ने घर में आकर बताया कि चेरी गाड़ी के पीछे पीछे गयी है हम आशंकाओं से घिर गये सोचने लगे ...कहीं सड़क पर दूसरे वाहनों से टकरा गयी तो ? कहीं आवारा डोगो ने काट लिया तो ? मैं झट से चेरी को लाने के लिए निकला ..लेकिन पीछे से पत्नी ने बिटिया को फोन किया कि.. चेरी तुम्हारी गाड़ी के पीछे पीछे गयी है । बेटी ने ...Read More

6

डोगी का प्रेम - 6

मेरी पोस्टिंग अरूणाचल में गच्छम क्षेत्र में थी, रात्रि के लगभग 10 बजे होंगे ..मै तो सो गया था अरूणाचल में सूर्यास्त जल्दी हो जाता है ..मोबाइल की घंटी बजी..मेरी नीन्द टूटी ..मैने फोन उठाया ..पत्नी की आवाज आरही थी..अरे राम ..चेरी को क्या हो गया..चेरी !..चेरी ! ..यह क्या हो गया..मै बोला हैलो.. हैलो ..क्या हो गया ? ..पत्नी बोली चेरी कोई जहरीले जानवर को खागयी लगती है यह ..तड़फ रही है ..मै बोला बेटे को उठाओ ! इसे किसी को दिखा के लाओ ।पत्नी बोली पास मे एक पशु चिकित्सक है.. जिनके घर से अपने यहां दूध ...Read More

7

डोगी का प्रेम - 7

सत्य कहूँ तो चेरी को भगवान ने बात करने के लिए जबान नही दी ..बाकि समझती सब थी ..खुशी की भी हो छुप नही सकती ..जानवर जब खुश होते है तो उछल कूद करना, इधर उधर भागना , लोट मारना यह सब करते हैं .. मौसम सुहावना हो तो मस्ती आ ही जाती है ..एक बार आसमान में बादल छाए हुए थे ..सुहावनी मन्द मन्द हवा चल रही थी ..हमारा खुद का मन भी बाहर जाकर मौसम का लुत्फ उठाने का हो रहा था ..हम बाहर पार्क के पास आकर खड़े हो गये ..मौहल्ले के लोग भी इकट्ठा हो ...Read More

8

डोगी का प्रेम - 8 - चेरी का शत्रु भाव

जिस तरह इंसान को किसी व्यक्ति से अनबन हो जाती है या शत्रुता हो जाती है तो..वह उन सबको मानने लगता है जो उस व्यक्ति से संबंध रखते है, उसके मित्र, उसके भाई बहिन, परिवार के अन्य लोग उसके रिश्तेदार ..वह जब भी उनको देखेगा अंदर ही अंदर कूढता रहेगा । अपने शत्रु के शत्रु को मित्र मानकर उससे व्यवहार करेने लगता है । चेरी मौहल्ले के एक डोगी.. जो वह भी लेब्रा ही था उससे चिड़ती थी ..चिड़ने का कारण उसका सजातीय होना नही था ..क्योकि बाकि लेब्रा डोगी से खेलने का मन उसका होता था । बैर ...Read More