"तुम से वो थी , आज वो है अजनबी है लिखी जा चुकी बात ये है अनकही, दर्द से अलग हुई, खौंफ में दफन हुई, प्यार से रंगी जो थी खून से अलग हुई, बात वो हो चुकी इस जनम उस जनम, लौट कर आ रही चाह ये फिर इधर, रोक, रोक ना सके हुए इस दीदार को, अब जीतने आ रहे पहले हुई हार को, दो अलग जो हुए उनके मिलने को लिखी, तकदीर की रंगते उनके हाथ अब छपी....।" यह कविता एक कहानी को दर्शाती है जो इसके अगले भागो में दिखाई देगी, ये कहानी मिलने और अलग
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हलचल - पार्ट 1
"तुम से वो थी , आज वो है अजनबी है लिखी जा चुकी बात ये है अनकही, दर्द से हुई, खौंफ में दफन हुई, प्यार से रंगी जो थी खून से अलग हुई, बात वो हो चुकी इस जनम उस जनम, लौट कर आ रही चाह ये फिर इधर, रोक, रोक ना सके हुए इस दीदार को, अब जीतने आ रहे पहले हुई हार को, दो अलग जो हुए उनके मिलने को लिखी, तकदीर की रंगते उनके हाथ अब छपी....।" यह कविता एक कहानी को दर्शाती है जो इसके अगले भागो में दिखाई देगी, ये कहानी मिलने और अलग ...Read More
हलचल - पार्ट 2
अब तक आपने देखा:- नरेंद्र बच्चो को खुद स्कूल छोड़ना चाहता है पर निर्मला उन्हें मीटिंग अटेंड करने कहती है इस बीच वो दोनो शारदा के बारे में बात करते है और फिर नरेंद्र निर्मला को बच्चो को लाने को कहते है। अब आगे:- बड़ा सा कमरा, नीले रंग की दीवारें और एक खिड़की खुली हुई जिससे हवा अंदर आ रही है, सुहाना सा मौसम और बिखरी हुई किताबे। टाई बांधता एक किशोर और अपना बस्ता पैक करता सात साल का बच्चा जो अपनी हिंदी की बुक ढूंढता हुआ कह रहा है कि भाई मेरी बुक नहीं मिल रही, ...Read More
हलचल - पार्ट 3
अब तक आपने देखा:- आरव और अद्वय के बीच प्यार भरी छोटी मोटी नोकझोक होती है जहां अद्वय समझदार थोड़ा मजाकिया भी है वहा आरव शैतान और थोड़ा लापरवाह। पर उसका बड़ा भाई उसकी हर प्रॉब्लम सॉल्व कर देता है। अब आगे:- (सीढ़ियों से जल्दी जल्दी उतरते बच्चो के पैरों की जोरदार आवाज और धीरे धीरे उनकी खुसरपुसर सुनाई दे रही है, नरेंद्र हॉल में खड़ा इंतज़ार करता हुआ और निर्मला बच्चो के पीछे पीछे उनके टिफिन लाती हुई नज़र आ रही है कि तभी आरव नरेंद्र की तरफ जोर से दौड़कर जाता हुआ पापा पापा कहता है तो ...Read More
हलचल - पार्ट 4
अब तक आपने देखा:- नरेंद्र जहां अपने अतीत से लगाव बनाए हुए है तो वहीं अद्वय किसी चीज से नहीं रखना चाहता है और हमेशा नई चीज के प्रति आकर्षित रहता है वहीं आरव मस्तमौला किस्म का बच्चा है जो खुश रहना चाहता है। अब आगे:- आज आप मिलेंगे आकृति से जो एक नई हलचल का कारण बनेगी और हल भी। आकृति जो 15 साल की किशोर बालिका है पड़ने में अव्वल है और दिल कि सच्ची है पर उसकी लाइफ कॉम्प्लिकेशन से भरी है। ये कहावत तो सुनी होगी कि एक आदमी एक साथ दो नाव में सवार ...Read More
हलचल - पार्ट 5
अब तक आपने देखा:- अद्वय स्कूल में क्लास अटेंड करता है तो दूसरी ओर आकृति क्लास में पहली दाखिल होती है। आकृति अद्वय से बात करती है तो अद्वय उसे इगनोर करता है।और फिर प्रणव सर आकृति को ग्रीट करते हुए उसे प्रोत्साहित करते है। अब आगे:- प्रणव सर बच्चो को फिर से पढ़ाना शुरू कर देते है उसके दस मिनट बाद रिसेस की BELL बज जाती है। सर किताब बंद करते हुए कहते है बच्चो आज के लिए सिर्फ इतना ही। कल हम फिर इसे शुरू करेंगे। सभी बच्चे अपने बैग्स में बुक डाल देते है और ...Read More
हलचल - पार्ट 6
अब तक आपने देखा:- आकृति का स्कूल में पहला दिन है जहां बार बार वो अद्वय से बात की कोशिश करती है पर अद्वय लंच टाइम में क्लास से बाहर चला जाता है आरव से मिलने के लिए। रेयांश इस बात का फायदा उठाता है और आकृति को अद्वय के खिलाफ भड़काता है, दूसरी ओर अद्वय वापिस क्लास रूम के पास आ जाता है पर अब भी उसके मन में वहीं हलचल मची होती है। आकृति के बारे में सोचने से वो खुद को नहीं रोक पाता। अब आगे:- अद्वय जितना क्लासरूम के पास आता जा रहा है ...Read More
हलचल - पार्ट 7
दोस्ती का उसूलअब तक आपने देखा:- अद्वय और आकृति के बीच दोस्ती की छोटी सी शुरुआत होती दिखाई देती जब अद्वय आकृति की मदद करता है। अब आगे:- आकृति अपनी सोच से बाहर ही निकलती है कि bell बज जाती है। टीचर सभी स्टूडेंट्स को होमवर्क दे कर निकल जाते है पर आकृति कुछ नोट नहीं कर पाती। ऐसा लग रहा होता है जैसे उसका शरीर तो वहीं है पर मन कहीं और। सारी क्लास बाहर निकल जाती है अद्वय भी अपना बैग पैक कर ले जाने को ही होता है कि तभी उसकी नज़र मायूस आकृति पर पड़ती है। ...Read More