बेटे की चाहत

(3)
  • 8.4k
  • 1
  • 4k

वैसे तो आज हम इक्कीस वी सदी में जी रहे है और खुद को सभ्य और मॉर्डन बता रहे है। हम पिछली उन सब बुराइयों से दूर है जिन्हे पहले लोग अपनी शानो शौकत मानते थे। जैसे जाति में भेद भाव ऊंच नीच या लड़का लड़की में भेद भाव। मगर ऐसा बिल्कुल भी नही है आज भी कई लोगो की सोच इसी पर अटकी रहती है की वो ऊंची जाति का है और वो नीची जाति का। इसके घर में लड़का हुआ है बड़ा ही किस्मत वाला है। अरे इस बेचारे की तो किस्मत ही फूट गई है क्युकी इसके घर में लड़की हुई है। और ना जानें क्या क्या बोलते है इस समय के सभ्य लोग। आज साइंस ने इतनी तर्रकी कर ली है , लोग चांद पे पहुंच गए है, रोबोटिक्स मशीनें आ गई है मगर..... कुछ लोगों की सोच अभी भी बिलकुल भी नहीं बदली है । आज 21वी सदी में भी लोग लड़का लड़की में भेद भाव कर रहे हैं। भ्रूण हत्याएं हो रही है। और जाने क्या क्या हो रहा है।

1

बेटे की चाहत - 1

वैसे तो आज हम इक्कीस वी सदी में जी रहे है और खुद को सभ्य और मॉर्डन बता रहे हम पिछली उन सब बुराइयों से दूर है जिन्हे पहले लोग अपनी शानो शौकत मानते थे। जैसे जाति में भेद भाव ऊंच नीच या लड़का लड़की में भेद भाव। मगर ऐसा बिल्कुल भी नही है आज भी कई लोगो की सोच इसी पर अटकी रहती है की वो ऊंची जाति का है और वो नीची जाति का। इसके घर में लड़का हुआ है बड़ा ही किस्मत वाला है। अरे इस बेचारे की तो किस्मत ही फूट गई है क्युकी इसके ...Read More

2

बेटे की चाहत - 2

अदिति की बुआ को सब से ज्यादा ही शादी की पड़ी थी। वो बार बार अपने भाई और भाभी अदिति की शादी के लिए बोलती रहती थी। अदिति बहुत ही भोली थी वो किसी के साथ भी लड़ाई नही करती थी और किसी की बात का पलट के जवाब भी नही देती थी।यही बात उसकी सबको अच्छी लगती थी। एक दिन अदिति की बुआ अदिति को अपने घर ले जाती है क्योंकि उनके घर में सब उसे बहुत याद कर रहे होते है। और अदिति अपने फूफा जी की लाडली होती है वो उसे अपने बच्चों से भी ज्यादा ...Read More