उड़ान

(490)
  • 145.9k
  • 8
  • 69.1k

आज वह बहुत परेशान थी आँखे रुहासी जल मग्न थी बहुत अकेला महसूस कर रही थी खुद को। जिंदगी ऐसे मोड़ पर खड़ी थी जहा से मुड़ कर देखना उसके लिए मुश्किल सा हो रहा था । अपने छोटे से कमरे में अकेले बैठे आँसू बहा रही थी। जब कुछ निष्कर्ष न निकाल पायी तो रसोई की तरफ चल दी। कूकिंग उसका शौक था। जब भी उदास होती तो खाना न बना कर मन हलका कर लेती। पर आज वह इतनी दुखी थी की उसका मन कहीं नहीं लग रहा था। थक हार कर बिस्तर पर सिमट गयी। आँखों से अविरल आँसू बह रहे थे। जाने कोनसा पल उसके लिए आखरी हो। ऐसा नही था की उसे कोई ज

Full Novel

1

उड़ान - 1

ये कहानी है काव्या की जो एक 21 साल की युवती है। उसे अपने जीवन में कई उतार चढाव सामना करना पड़ता है। जिसको वह चाहती है वह सब उससे दूर चले जाते है पर फिर भी उसके होसले कम नहीं होते। अपने होसलो के दम पर वह सारे मुकाम हासिल करती है जिसे वह चाहती है पर ये सफर कितने काँटों भरा था ये सिर्फ वह जानती है। जिसे लफ़्ज़ों के मोती में पिरोने का छोटा सा प्रयास है। ये कहानी... ...Read More

2

उड़ान - 2

ये कहानी है काव्या की जो एक 21 साल की युवती है। उसे अपने जीवन में कई चढाव का सामना करना पड़ता है। जिसको वह चाहती है वह सब उससे दूर चले जाते है पर फिर भी उसके होसले कम नहीं होते। अपने होसलो के दम पर वह सारे मुकाम हासिल करती है जिसे वह चाहती है पर ये सफर कितने काँटों भरा था ये सिर्फ वह जानती है। जिसे लफ़्ज़ों के मोती में पिरोने का छोटा सा प्रयास है। ये कहानी... ...Read More

3

उड़ान - 3

ये कहानी है काव्या की जो एक 21 साल की युवती है। उसे अपने जीवन में कई चढाव का सामना करना पड़ता है। जिसको वह चाहती है वह सब उससे दूर चले जाते है पर फिर भी उसके होसले कम नहीं होते। अपने होसलो के दम पर वह सारे मुकाम हासिल करती है जिसे वह चाहती है पर ये सफर कितने काँटों भरा था ये सिर्फ वह जानती है। जिसे लफ़्ज़ों के मोती में पिरोने का छोटा सा प्रयास है। ये कहानी... ...Read More

4

उड़ान - 4

ये कहानी है काव्या की जो एक 21 साल की युवती है। उसे अपने जीवन में कई चढाव का सामना करना पड़ता है। जिसको वह चाहती है वह सब उससे दूर चले जाते है पर फिर भी उसके होसले कम नहीं होते। अपने होसलो के दम पर वह सारे मुकाम हासिल करती है जिसे वह चाहती है पर ये सफर कितने काँटों भरा था ये सिर्फ वह जानती है। जिसे लफ़्ज़ों के मोती में पिरोने का छोटा सा प्रयास है। ये कहानी... ...Read More

5

उड़ान - 5

ये कहानी है काव्या की जो एक 21 साल की युवती है। उसे अपने जीवन में कई चढाव का सामना करना पड़ता है। जिसको वह चाहती है वह सब उससे दूर चले जाते है पर फिर भी उसके होसले कम नहीं होते। अपने होसलो के दम पर वह सारे मुकाम हासिल करती है जिसे वह चाहती है पर ये सफर कितने काँटों भरा था ये सिर्फ वह जानती है। जिसे लफ़्ज़ों के मोती में पिरोने का छोटा सा प्रयास है। ये कहानी... ...Read More

6

उड़ान - 6

ये कहानी है काव्या की जो एक 21 साल की युवती है। उसे अपने जीवन में कई चढाव का सामना करना पड़ता है। जिसको वह चाहती है वह सब उससे दूर चले जाते है पर फिर भी उसके होसले कम नहीं होते। अपने होसलो के दम पर वह सारे मुकाम हासिल करती है जिसे वह चाहती है पर ये सफर कितने काँटों भरा था ये सिर्फ वह जानती है। जिसे लफ़्ज़ों के मोती में पिरोने का छोटा सा प्रयास है। ये कहानी... ...Read More

7

उड़ान - 7

ये कहानी है काव्या की जो एक 21 साल की युवती है। उसे अपने जीवन में कई चढाव का सामना करना पड़ता है। जिसको वह चाहती है वह सब उससे दूर चले जाते है पर फिर भी उसके होसले कम नहीं होते। अपने होसलो के दम पर वह सारे मुकाम हासिल करती है जिसे वह चाहती है पर ये सफर कितने काँटों भरा था ये सिर्फ वह जानती है। जिसे लफ़्ज़ों के मोती में पिरोने का छोटा सा प्रयास है। ये कहानी... ...Read More

8

उड़ान - 8

ये कहानी है काव्या की जो एक 21 साल की युवती है। उसे अपने जीवन में कई चढाव का सामना करना पड़ता है। जिसको वह चाहती है वह सब उससे दूर चले जाते है पर फिर भी उसके होसले कम नहीं होते। अपने होसलो के दम पर वह सारे मुकाम हासिल करती है जिसे वह चाहती है पर ये सफर कितने काँटों भरा था ये सिर्फ वह जानती है। जिसे लफ़्ज़ों के मोती में पिरोने का छोटा सा प्रयास है। ये कहानी... ...Read More

9

उड़ान - 9

ये कहानी है काव्या की जो एक 21 साल की युवती है। उसे अपने जीवन में कई उतार चढाव सामना करना पड़ता है। जिसको वह चाहती है वह सब उससे दूर चले जाते है पर फिर भी उसके होसले कम नहीं होते। अपने होसलो के दम पर वह सारे मुकाम हासिल करती है जिसे वह चाहती है पर ये सफर कितने काँटों भरा था ये सिर्फ वह जानती है। जिसे लफ़्ज़ों के मोती में पिरोने का छोटा सा प्रयास है। ये कहानी... ...Read More

10

उड़ान - 10

कॉलेज के एक्जाम आने वाले थे। हर कोई जोर शोर से तैयारी कर रहा था। काव्या और उसकी टीम पढाई में मशगूल थे। कैंटीन से लेकर क्लास तक सब जगह बस किताबें ही किताबें दिखती थी। और धीरे धीरे वो दिन भी आ गया। रुद्र और काव्या को एक ही क्लास मिली थी। दोनों अलग अलग लाइन में पास पास बैठे थे। काव्या बहुत खुश थी पर हल्की सी बैचैन भी थी।वह जिस खिचाव को महसूस करती थी रुद्र के लिए इस हिसाब से तो वह काफी शरमा रही थी। रुद्र की तरफ देखती तो थी पर एक पल ...Read More

11

उड़ान - 11

दिन गुजरते गए धीरे धीरे सारे एक्जाम खत्म हो गए पर हाँ एक बात हर एक्जाम में कॉमन होती था रुद्र काव्या का पास बैठना और काव्या का कई बार रुद्र को देखना। ********आज लास्ट एक्जाम होने से पहले प्रिंसिपल सर ने सबको एक हॉल में बुलाया। काव्या का ग्रुप भी गुपचुप करते हुए वहा पहुँच गया। प्रिंसिपल सर ने सबको बताया कि आपके एक्जाम खत्म हो गए है। 2 साल का ये सफर आपका काफी सुहाना रहा होगा। हम चाहते है कि हर बार की तरह हम आपका एनुअल फंक्शन रखे जो कॉलेज की तरफ से हर दो साल ...Read More

12

उड़ान - 12

आज कॉलेज में फंक्शन था तो तैयारिया जोर शोर से चल रही थी। सभी बहुत ही ज्यादा उत्साहित थे। बारी आने वाले थी काव्या और रुद्र के ग्रुप की। उन्होंने हिंदुस्तान की एक प्रसिद्ध प्रेम कहानी का चयन किया। क्युंकि मैं राजस्थान से हूँ तो राजस्थान की बड़ी प्यारी सी प्रेम कहानी से परिचित करवाना चाहूँगी जिसका चयन काव्या और रुद्र ने अपने ड्रामे के लिए किया। राजस्थान के प्रसिद्ध सुरवीर शासक पृथ्वीराज चौहान और राजकुमारी संयोगिता की प्रेम कहानी। कन्नोज के शासक जयचंद की पुत्री राजकुमारी संयोगिता और दिल्ली के शास ...Read More

13

उड़ान - 13

काव्या कॉलेज गेट के पास बैठे रो रही थी जबकि बारिश बहुत ही तेज हो रही थी। पर वह बहुत दुःखी थी...एक तो वह रुद्र को इतना चाहती थी और दूसरा उसकी फीलिंग्स की कद्र करने की बजाय सबके सामने उसे नीचा दिखाया। उसने मन में ठान लिया की वह अब रुद्र से कभी बात नहीं करेगी। यही फैसला ले वह थोड़ा खुद को शांत करती है। तभी उसका ध्यान जाता है कि इतनी बारिश में भी उसके कपड़े गिले नहीं हुए। वह कुछ सोच के उपर देखती है तो पाती है की अखिल उसके पास छाता लिए खड़ा ...Read More

14

उड़ान - 14

सुबह उठ कर काव्या पीहू के घर की तरफ चल दी । उसका बुखार गायब हो चुका था। हाँ अब भी खराब था। वहाँ पहुँच कर उसने विनी को भी फोन कर बुला लिया। वही विनी भी आ गयी। काव्या ने दोनों को रात वाली बात बतायी । काव्या के चेहरे पर इतने दिनों बाद खुशी देख वो दोनों बहुत खुश थी। बहुत देर तक बात करने के बाद काव्या विनी को ले कर अखिल के घर की तरफ चल दी। असल में कॉलेज के दो महीने के हॉलिडे थी तो वो रुद्र का हाल जानना चाहती थी इसलिए ...Read More

15

उड़ान - 15

पीहू के जासूसो ने सोहन का पीछा किया तो उन्होंने जो जानकारी दी वह काव्या और पीहू के लिए से परे थी। सोहन कमाने के बहाने अक्सर घर से दूर रहता पर वह कमाने नहीं वह तो अपनी प्रेमिका से मिलने जाता। या यू कहे की वह उसी के साथ रहता था। वह औरत यानी सोहन की प्रेमिका सीमा जितनी साधारण औरत नहीं थी। उसका संबंध गुंडा गर्दी से था। हमेशा काले रंग के कपड़े ही पहना करती थी। बड़ी ही डरावनी थी पर रंग रूप में बहुत सुंदर। बस इसलिए सोहन उसका प्रेमी बना घुम रहा था। जाने कितने सालों से। पीहू एक ...Read More

16

उड़ान - 16

"काव्या अब घर चले"रुद्र ने उसकी आँखों में आँखें डाल कर पूछा। "थोड़ी देर और रुकते है ना प्लीज़""अच्छा पर उस पेड़ के नीचे चलते है अब बारिश में भीगना बहुत हुआ""ठीक है चलो" दोनों पेड़ के नीचे जा बैठे। बारिश लगभग रुक सी गयी थी। हल्की सी बुँदे गिर रही थी। रुद्र ने काव्या का हाथ थाम कर बोला"काव्या... समझ नहीं आता किस तरह से तुम्हें थैंक्स बोलू। मैने कितना गलत किया तुम्हारे साथ। उसके लिए माफी भी कैसे माँगू और तुम जाने कितनी बार मेरी वजह से जलील हुई। तुम्हें पता है काव्या अगर तुम ना होती तो मैं कभी ...Read More

17

उड़ान - चेप्टर 2 - पार्ट 1

प्रिय पाठकोंउम्मीद है आप सब अच्छे होंगेउड़ान का पार्ट 1 लिखे हुए मुझे बहुत टाइम हो गया हैंआज मैं सब के बीच में उड़ान पार्ट 2 लेकर आई हूंअब तक आपने पढ़ा की काव्या और रूद्र की एक नई लाइफ शुरू हो चुकी हैं । दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश हैं। और कॉलेज के नए साल के साथ ही उनकी नई मोहब्बत भी उड़ान भरने लगी है।************आज लगभग दो महीने बाद कॉलेज खुला था। सब बहुत खुश थे पर सबसे ज्यादा खुश थे रूद्र और काव्या । और काव्या तो मानों सातवें आसमान पर थी। रूद्र का ...Read More

18

उड़ान - चेप्टर 2 - पार्ट 2

आज कॉलेज से ट्रीप जा रही थी। सब बहुत खुश थे। काव्या ने हल्के नीले रंग का सूट पहना था। बहुत खूबसूरत लग रही थी वह सूट में पर चेहरे की उदासी वह छुपा नहीं पा रही थी। कॉलेज की बसे चल पड़ी अपने गंतव्य की ओर...काव्या विनी के पास बैठी थी वही रूद्र निशि के बगल में बैठा था। काव्या की नजरे रह रह के व्हाइट शर्ट पहन बैठे रूद्र की तरफ चली जाती जिसे वह बड़ी समझदारी से बस की खिड़की की तरफ मोड़ देती।बस में पीहु की फरमाइश पर अंतराक्षरी का प्रोग्राम बना। जो काफी देर ...Read More

19

उड़ान - चेप्टर 2 - पार्ट 3

कुछ दिनों बाद काव्या कॉलेज जाने लगी।उसका मन नही था पर नेहा मैम के फोन कॉल्स आने पर उसका नही होने पर भी वह कॉलेज की तरफ चल पड़ी।इससे पहले विनी और पीहु ने उसे कितनी बार कॉलेज चलने को कहा यहां तक कि कई बार को उसे लेने घर भी आई पर काव्या ने उन्हें मना कर दिया पर नेहा मैम के बार बार कहने पर वह उनको मना नहीं कर पाई।वह कॉलेज तो गई पर क्लासरूम में जाने की उसकी हिम्मत नही हुई। वह रूद्र को देखना नहीं चाहती थी । शायद डरती थी उसके सामने जानें ...Read More

20

उड़ान - चेप्टर 2 - पार्ट 4

काव्या अपने पापा के इस तरह के बर्ताव से हैरान थी।वह जिस नेहा मैम की इतनी इज्जत करती थी बारे में ऐसा सुन कर उसे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा। पर उसके दिल में नेहा मैम की जो छवि थी वह उसके पापा के इन कड़वे बोलो से धूमिल नहीं हो पाई थी। वह अब भी मानती थी की नेहा मैम जैसी दिल की अच्छी औरत कभी ऐसा नहीं कर सकती थी। वह मन ही मन ये सोच के बहुत खुश थी की नेहा मैम उसकी मम्मा है। पर उसके मन में अभी भी एक शंका थी जिसे वह समझ ...Read More

21

उड़ान - चेप्टर 2 - पार्ट 5

अरसा बीत गया इन सब लम्हों कोनेहा और जीवन के साथ बिता वक्त काफी हसीन था।अपनी मम्मी पापा के बिताए पल बहुत खूबसूरत थे पर ये सब काव्या को खलने लगा था। इस शहर में रह कर उसे अपनी जिंदगी में रूद्र की कमी बहुत खलती थी। इस शहर की हर चीज उसे रूद्र की तरफ खींचे ले जाती। खाली वक्त में वह पीहु विनी से मिल आती पर अकेलापन उस पर हावी होने लगा था। जब नेहा को उसके दिल का हाल मालूम पड़ा तो उसने कुछ दिन के लिए उसे घर से दूर इंडिया टूर के लिए ...Read More

22

उड़ान - चेप्टर 2 - पार्ट 6

वह काव्या को ऐसे हंसते देख समझ ही नही पाया कि उसके साथ हो क्या रहा हैकाव्या की मासूम मुस्कुराहट देख वो सोचने लगा कि कोई लड़की सच में हंसते हुए इतनी प्यारी लग सकती है।वो काव्या को बिना रोक टोक किए बस देखता रहा। काव्या को आज अरसा हुआ था खुल के हंसे। वह अपनी हसीं पे काबू करती हुई बोली,I'm sorry... तुम इतना क्यों डर रहे हो मैं तो बस यहां तुमसे माफी मांगने आई थी। मुझे बुरा लगा तुम्हारे साथ ट्रेन में जो मैंने बर्ताव किया।तब वह लड़का समझ पाया की काव्या क्यों हंस रही थी। ...Read More

23

उड़ान - चेप्टर 2 - पार्ट 7

आज काव्या इतने दिनो बाद घर आई थी विनी और पीहू पहले से उसके घर पर थे । हंस बाते कर रही थी पर आंखो की नमी को छुपाना उसके लिए आसान नहीं हो रहा था। तभी शिव का फोन आ गया। उसकी बातों से काव्या के चेहरे पर गम भरी खुशी थी।कम्पनी के प्रोजेक्ट के लिए काव्या को अगले हफ्ते ही मुंबई के लिए निकलना था। वह अपनी नई जिंदगी के लिए खुश तो थी पर वह इतनी जल्दी घर से जाना नही चाहती थी। कुछ वक्त वह अपनी मां और दोस्तो के साथ बिताना चाहती थी। पर ...Read More

24

उड़ान - चेप्टर 2 - पार्ट 8

विहान बुत बने खड़ा था । ना उसने काव्या को गले लगाया न ही खुद से दूर किया । वक्त बाद काव्या को समझ आया की वह क्या कर रही हैं तो उसने झटके से विहान की खुद से दूर किया और अगले ही पल बिना कुछ बोले उस कमरे से बाहर चली गई ।विहान ने उसे रोकना चाहा पर काव्या तब तक बहुत दूर जा चुकी थी। शोएब और शिव समझ नही पा रहे थे की हो क्या रहा है ।शिव काव्या के पीछे पीछे नीचे गया तब तक वह जा चुकी थी। शिव काव्या के घर भी ...Read More

25

उड़ान - चेप्टर 2 - पार्ट 9

काव्या का गुस्सा सातवें आसमान पर था। सामने बेड पर लेटी निशी को देख वह अपने गुस्से पर से खो ती जा रही थी ।उसने निशी को अपने ग्रुप में जगह दी फिर भी उसने उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी।उसने उसका प्यार उससे छीन लिया।वह कभी माफ नहीं कर सकी थी उसे आज तक और न ही कभी करना चाहती थी ।वह उसकी बात सुनना तो दूर उसकी शक्ल देखना पसंद नहीं करती ।उसे सारे पुराने जख्म हरे हो चले थे।ट्रीप के दिन रुद्र के कपड़े पहने रुद्र के कमरे में निशी का होना ।रुद्र का निशी के साथ ...Read More

26

उड़ान - चेप्टर 2 - पार्ट 10 - अंतिम भाग

"शिव कुछ बताना है तुम्हे" काव्या ने बोला"हां बोलो ना काव्या" शिव ने उत्सुकता से कहा "विहान अरोड़ा के चले" काव्या ने बोला "हां चलो" कह कर शिव ने कार दूसरी तरफ मोड़ दी। कार विहान के बंगलों की तरफ चल पड़ी । वॉचमैन ने इशारा कर दिया और शिव ने कार पार्किंग में पार्क कर दी।क्योंकि काव्या पहले ही आ चुकी थी तो वॉचमैन ने उसे रोका नहीं।काव्या बिना अपॉइंटमेंट के अंदर चली गई। Welcome to RK Heaven उसे बड़े अक्षरों में लिखा नजर आया ।विहान बाहर गार्डन में अपने पौधों को पानी पिला रहा था । "हेलो ...Read More