सफर का अंत

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नमस्ते मित्रो हम आपके लिए एक अनोखी कहानी लेकर आए है। सो चलो शुरू करते है। सबसे पहले मिल लेते है। फैमिली वालो को फैमिली में सबसे पहले आपको मिलवाते है रुद्र से। रुद्र एक कंपनी में जॉब करता है। और वो अपनी फैमिली के बीच में रहता है। और खुशी से अपनी ज़िन्दगी बिता रहे थे सब लोग। और जैसे ही धीरे धीरे मुश्किलें बढ़ती है वैसे वैसे रुद्र की मुश्किलें बढ़ती गए। और आखिर में वह दिन आया को की आना था। फिर रुद्र अपनी मां से बोला धीरे धीरे" मां वो ना दरअसल मेरी जॉब चूट गए है। और फिर मेरी इस मंथ की सैलरी भी नहीं मिली है तो में कल वापस जाऊंगा और बात करूंगा कि सैलरी देदे. फिर रुद्र की मां बोलती है कि" अरे बेटा तुम फिकर मत करो ईश्वर की कृपा से सब ठीक हो जाएगा ईश्वर पे भरोसा रखो. इतना बोल कर रुद्र की मां अपने किचन में चली. यह पे ये सारी प्रॉब्लम चल रही थी कि उसी वक्त एक और दुःख भारी खबर आ पड़ी रुद्र के सर पर और वो थी उसकी बहन शीवानी का एक्सिडेंट हुआ ऐसा करके अब रुद्र घबराया हुआ जल्दी जल्दी जाता है और बहन की हालत एक्सिडेंट होने के कारण बहुत खराब हो जाती है हद से ज्यादा छोटे लग गए थी. वो बात सुनने के बाद थोड़ी ही देर में एक और खबर मिलती है फोन के जरिए कि रुद्र के पापा गोपाल सिंह घर आने वाले है फिर रुद्र सब बताता है कि शिवानी का एक्सिडेंट हो गया ऐसा कह कर। फिर रुद्र के पापा तस्सली देते हुए रुद्र को बताते है कि में आ रहा हूं तुम शिवानी को हॉस्पिटल लेजाओ जल्दी से ठीक है

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सफर का अंत - 1

सफर का अंत दोस्तो इस कहानी में ना कई सारे जीवन शुरू होंगे फिर ख़तम होंगे ऐसा नहीं है एक पीढ़ी ली और कुछ एपिसोड्स में ही ख़तम हो जाएगा ये कहानी तब तक नहीं ख़तम होगी जब तक इसका समाधान नहीं होगा और अगर समाधान मिल भी जाता है तो ये कहानी है वो आगे जाएगी ही जाएगी. सो थैंक यू में हूं राइटर मेहुल पसाया आप मेरे साथ जुड़े रहे इस कहानी के अंत तक शुक्रिया ...Read More

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सफर का अंत - 2

"क्या हुआ डॉक्टर टेल मी""रिलेक्स मिस्टर ऑपरेशन इस ए सक्सेस फूल""थैंक यू डॉक्टर, क्या हम मिलने जा सकते है जरूर अब आप मिल सकते है जाइए मिल लीजिए""शिवानी फाइनली तुम अब ठीक हो"[इनकमिंग कॉल]."हेल्लो सर क्या आप रुद्र सिंह बोल रहे है""येस कहिए""जी सर आपकी जॉब के लिए बॉस ने अब दूसरी बार अप्लाई करने को बोला है और आपकी गए मंथ की सैलरी भी भेज दी जाएगी अभी""जी थैंक यू मैम में अभी आता हूं वैसे भी मुझे पैसे की बहुत जरूरत है और मेरी सिस्टर का भी एक्सिडेंट हो गया है""तो फिर आप ऐसा करो हम पैसे ...Read More

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सफर का अंत - 3

"तेरी इतनी हिम्मत की हमारे ही पुलिस स्टेशन में आकर हमें ही धमकी दे रहे हो पुलिस को धमकाने जुर्म में अंदर कर दूंगा""कोशिश करके देख लो""हवल दार बंद करो इसे लॉकअप में ""जस्ट वेट डियर हमें पहले कमिस्नर को एक फ़ोन""रुको रुको सर हम अभी आपकी हेल्प कर देते है आप कमिस्नर को फोन मत करो प्लीज सर वरना हमारी वर्दी उतर जाएगी""ओके सो अब आजके बाद ऐसे बकवास काम करोगे जोकि आप पुलिस वालों को सोभा नहीं देता है""थैंक यू सर हमें रियलाइज करवाया कि हमें ऐसा बिहेवियर नहीं करना चाहिए था आपके साथ और सॉरी अब ...Read More

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सफर का अंत - 4

रुद्र सुनो अब शिवानी को अकेले भेजना है मत कोई इतना लापरवाह कैसे हो सकता है। हद होती है भी बात की""ठीक है मम्मी में किसिना किसीको इसके साथ भेज दिया करूंगा""अरे भईया इसकी कोई जरूरत नहीं है में देख लूंगी खुदको""हा बहुत खयाल रखती हो ना खुदका जो बोल रहे हो""अच्छा सुनो रुद्र बेटा शाम के 8 बज गए है सो हम खाने का इंतजाम करते है ओके""ओके मम्मी जरूर और हा मम्मी सिस्टर के लिए इस रूम में भिजवा देना ठीक है"ठीक है भिजवा देंगे और इसकी दवाई है वो भी इसे पीला देना वरना ये बच्चो ...Read More

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सफर का अंत - 5

[कुछ देर बाद]शंकर भाई सुनो तो यहा आओओके बट हुआ क्या है टेल मीअरे ये गाड़ी में कुछ ज्यादा खराबी आ गए है। ठीक नहीं हो रही है। और यहा नजिक में कोई मैकेनिक भी नहीं है कहा जाएंगे अगर ये गाड़ी ठीक नहीं हुए ती चलते चलते बहुत दूर जाना पड़ेगा और मुझसे तो चलाया नहीं जाएगाडोंट वरी शंकर में हूं ना में कुछ करता हूं अगर कोई गाड़ी आए ती उसे मदद लेता हूं वेटतुम्हे क्या लगता है कोई लड़को को को हेल्प देदेगाअरे क्यू नहीं इज दुनिया में कई कीसम के इंसान है कोई एक तो ...Read More

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सफर का अंत - 6

ठीक है बिल्कुल इसमें क्या है चल लेंगे। और वैसे भी मेरे पास गाड़ी है हम उसी में चले ठीक हैठीक है[कुछ देर बाद]"अब यहा दोस्ती शुरू हो रही थी रुद्र और शंकर की और अब शंकर कंपनी में अप्लाई भी कर चुका था जॉब के लिए फिर वो निकाल पड़े घर के लिए। और उस तरफ एक रहस्यमय बात कई सालो से दबी हुए थी वो बाहर आने वाली है जो कि रुद्र और शंकर की ज़िन्दगी में मुश्किले लाने वाली है सो अब आगे"अरे संदीप सुनो तो मेने जो उस पायल वाली चुड़ैल के बारे में सुना ...Read More

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सफर का अंत - 7

अरे इतनी भी बड़ी चुड़ैल नहीं है वो ओके जो मुझे तुम डरा रहे हो। में तो वहा घूम भी वापस आ सकता हूं और में ये चुड़ैल आत्मा में भरोसा नहीं करता तुमको करना है करो और डरो ठीक है में तो चलाअरे अभी तो तुम डर रहे थे अचानक क्या हुआ तुम चेंज कैसे हुए और देख भाई में झूट नहीं बोल रहा और हा में कोई पेपर या टीवी न्यूज में नहीं देख कर आ रहा ठीक है।अरे चोडो यार ऐसा कुछ नहीं होता ठीक है ऐसे वहेम मत पाल अपने मन में ओके[कुछ देर बाद]हाहाहा ...Read More

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सफर का अंत - 8

[कुछ देर बाद]ओह हेल्लो अम्रीता कैसे हो। और आज कल कहा रहते है दिखते भी नहीं होअरे नहीं प्रिया बाहर चले गए थे कुछ काम के सिल सिल में तो आने में बहुत दिन हो गएओह ओके ऐसा है। फिर सुनो अब तुम यहा रहोगी ना कहीं जाओगी तो नहीं नाअरे तुम ऐसे क्यू बात कर रही हो। कुछ हुआ है क्या।कुछ हुआ तो नहीं पर थोड़ी कमी सी हुए थी तुम्हारी इस लिए पूछा। दरअसल मन नहीं लग रहा था तुम्हारे बिना बस यही सोचती हूं कि कैसी होगी मेरी सहेली अच्छी तो होगी ऐसी ही यादे आती ...Read More

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सफर का अंत - 9

अब तो ऊपर वाला ही कोई चमत कार कर सकता हैआप सही बोल रहे है क्यू की ये काम के हाथ में तो है ही नहीं बहुत भयानक बन जाती है वो चुड़ैल जब उसके नजदीक से कोई जाता हैहा ये भी है सही है लेकिन डोंट वरी जैसे हर बुराय का अंत होता होता है वैसे इस चुड़ैल का भी अंत हो जाएगा और वो सिर्फ बाबा ही कर सकता हैहा ठीक है तो सब मिलकर उस बाबा को बुलाएंगे और ये सब तो ठीक है लेकिन रुद्र कहा रह गया उस फोन लगाओ कितनी देर हो गए वो ...Read More

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सफर का अंत - 10

अरे वाह प्रिया वाकई यहा बहुत ही खूब सूरत जगह है. प्लीज मेरि फोटोस क्लिक कर लो प्लीज.अरे जरुर ये भी कोई पूछ ने वाली बात है. लाओ मे फोटोस क्लिक कर लेती हू. ऐसे घूम कर खडे रहो तो.हा ये इसमे लेलो. और ये वाला पोज और नेक्स्ट ये वाला.अरे अरे... अम्रिता संभाल कर बाबा गिर जाओगी तुम. वहा उस साइट जाकर उस बडे से पत्थर पे बैठो ओके.हा ठीक है एक बार वहा कोशिश कर लेते है. चलो फिर एक ये वाला पोज लो. ओके हो गई बताओ तो कैसे आये.हा ये लो देखो अब और बताओ ...Read More