क्या कहा तुमने ? तुम सेठ रघुवरदयाल की बेटी के संग ब्याह नहीं करोगें,अगर तुम ऐसा नहीं कर सकते तो मेरे घर में तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं है,रामनारायण जी अपने बेटे मधुसुदन से बोले।। बाबू जी! आप चाहते हैं कि मैं उस आधे दिमाग़ वाली लड़की से ब्याह कर लूँ तो ये कभी नहीं हो सकता,मधुसुदन बोला।। तुझे ज़रा सी बात क्यों नहीं समझ आती?तू अपनी छोटी से नौकरी में अपनी तीनों बहनों का ब्याह नहीं कर सकता और फिर विभावरी ,रघुवर दयाल जी की इकलौती बेटी है,वो चाहते हैं कि विभावरी से ब्याह करने के बाद तू उनके
Full Novel
स्पर्श--भाग(१)
क्या कहा तुमने ? तुम सेठ रघुवरदयाल की बेटी के संग ब्याह नहीं करोगें,अगर तुम ऐसा नहीं कर सकते मेरे घर में तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं है,रामनारायण जी अपने बेटे मधुसुदन से बोले।। बाबू जी! आप चाहते हैं कि मैं उस आधे दिमाग़ वाली लड़की से ब्याह कर लूँ तो ये कभी नहीं हो सकता,मधुसुदन बोला।। तुझे ज़रा सी बात क्यों नहीं समझ आती?तू अपनी छोटी से नौकरी में अपनी तीनों बहनों का ब्याह नहीं कर सकता और फिर विभावरी ,रघुवर दयाल जी की इकलौती बेटी है,वो चाहते हैं कि विभावरी से ब्याह करने के बाद तू उनके ...Read More
स्पर्श--भाग(२)
शादी की सभी रस्में पूर्ण हो चुकीं थीं,चूँकि शादी उसी शहर में थी तो सभी बाराती अपने अपने घर लौट गए थे,कुछ ख़ास मेहमान बचे थे तो उनके ठहरने का इन्तजाम रघुवरदयाल जी यानि कि जो अब मधुसुदन के पूज्यनीय ससुर बन चुके थे उनके बंगले पर कर दिया गया था,ये तय हुआ कि विभावरी की विदाई सुबह होगी और शाम तक वो फिर अपने पति के साथ रघुवरदयाल जी के घर लौट आएगी... सभी बचे हुए हुए बाराती उस रात रघुवरदयाल जी के बंगले पर ही ठहर गए और फिर मधुसुदन को भी उसके सुहाग कक्ष में ...Read More
स्पर्श--भाग (३)
विभावरी जब तैयार होकर आई तो उसने लहंगे की जगह अब लाल साड़ी पहनी थी और वो हौले हौले रही थी,ताकि उसके सिर का पल्लू ना सरकें,फिर उसे औरतों ने कार में मधुसुदन के साथ बैठा दिया और कार चल पड़ी,जब कार मधुसुदन के घर के द्वार पर पहुँची तो मधुसुदन की माँ और बहनों ने उसे कार से उतार कर नेगचार की विधि पूर्ण की फिर भीतर जाकर मुँहदिखाई की रस्म के बाद पास-पड़ोस की औरतें चलीं गईं,तब मधुसुदन की माँ ने विभावरी से कहा.... बहु! रसोई छूने की रस्म भी निभा दो क्योकिं शाम तक तो ...Read More
स्पर्श--भाग (४)
मधुसुदन ने विभावरी का सिर सहलाना शुरू किया तो विभावरी सो गई,विभावरी के सो जाने के बाद मधुसुदन भी पर ही उसके बगल में लेट गया,सुबह होने को थी लेकिन आज विभावरी जागी नहीं थी क्योकिं शायद ये सब शराब का असर था,उसी वक्त विभावरी ने करवट ली और मधुसुदन के सीने पर रख दिया,मधुसुदन विभावरी के कोमल स्पर्श से सिहर उठा और उसे अपनी बाँहों में भर लिया और फिर उसने उसके कोमल होठों को अपने होठों से स्पर्श कर लिया.... मधुसुदन की आतुर कामनाएं विभावरी को अपने आगोश में कसती जा रही थीं तभी विभावरी की ...Read More
स्पर्श--भाग (५)
सुबह हुई विभावरी नहा-धोकर तैयार हो चुकी थी,मधुसुदन अभी भी अपने कमरें में सोया पड़ा था,फिर दोनों सास-बहु नाश्ते तैयारी में लग गई,नाश्ता बन गया तब तक मधुसुदन भी तैयार होकर आ चुका था,तो शान्ती बोली.... बहु!चल सबके लिए नाश्ता लगा दें,फिर रसोई साफ करके शाम की पूजा के लिए भी तो खाना बनाना होगा,इसलिए तो मैने नाश्ता थोड़ा हैवी सा बना दिया है,ताकि दोपहर के खाने से छुट्टी मिल जाएं,वैसे भी आज तो बहुत काम है,ऊपर से हम दोनों का निर्जला उपवास,सबको नाश्ता करवाने के बाद तू थोड़ी देर आराम करले,जब काम होगा तो मैं तुझे बुला लूँगी,तुझे ...Read More
स्पर्श--भाग (६)
विभावरी माँ बनने वाली है ये खबर सुनकर मधुसुदन खुशी के मारे फूला नहीं समाया,विभावरी का चेहरा भी शरम लाल हो गया था,उस दिन दोनों पति-पत्नी बहुत ही खुश हुए और अपने अपने परिवार को ये खुशखबरी सुनाई,ये खबर सुनकर दोनों परिवारों के बीच खुशियाँ छा गई।। लेकिन जब ये खबर विभावरी के पिता रघुवरदयाल के भतीजे तेजप्रताप यानि कि विभावरी के चचेरे भाई तक पहुँची तो उसे ये बात बिल्कुल भी हज़म ना हुई क्योकिं तेजप्रताप को तो सालों से ये लगता आया था कि उसकी चचेरी बहन तो पागल है मंदबुद्धि है भला उससे कौन शादी ...Read More
स्पर्श--भाग (७)
मधुसुदन जब सुनैना के घर से चला तो सुनैना को इस तरह से मधुसुदन का जाना बिल्कुल भी अच्छा लगा,उसने मन में सोचा कि उस पागल के लिए मधुसुदन मुझे ठुकरा रहा है उसकी इतनी हिम्मत,मैं इस बात का बदला मधुसुदन से जरूर लेकर रहूँगी।। और फिर दूसरे दिन ही वो तेजप्रताप से मिली और उससे बोली.... मैनें बहुत कोश़िश की लेकिन वो मेरे हाथ आता ही नहीं है।। तुझे मैने इस काम के लिए मुँहमाँगे दाम दिए हैं,जब तू एक मर्द को अपने काबू में नहीं कर सकती तो तेरी ये खूबसूरती किस काम की?तेजप्रताप बोला।। अरे! ...Read More
स्पर्श--(अन्तिम भाग)
विभावरी ने अपने बड़े भाई के साथ बैठकर ढ़ेर सारी बातें की,उसके जाने के बाद जब शाम को मधुसुदन लौटा तो उसने उसे बताया कि उसके बड़े भाई तेजप्रताप आएं थे,तब मधुसुदन बोला.... आज के पहले तो कभी भी तुमने उनका जिक्र नहीं किया ,अचानक कहाँ से ये तुम्हारे बड़े भाई पैदा हो गए।। पहले भइया का हम लोगों के प्रति व्यवहार अच्छा नहीं था इसलिए पापा उनसे दूरी बनाकर रखते थे,विभावरी बोली।। तो अचानक कैसे तुम्हारे भइया का व्यवहार तुम्हारे लिए बदल गया?मधुसुदन ने पूछा।। वो तो पता नहीं,लेकिन आज तो उन्होंने मुझ पर बहुत प्यार लुटाया,विभावरी बोली।। ...Read More