मेज़बान

(19)
  • 16k
  • 3
  • 6.6k

किशोर की मीटिंग बहुत अच्छी गई थी। उसने अपनी सारी बातें बहुत अच्छी तरह से पेश की थीं। क्लाइंट्स ने अभी कुछ कहा नहीं था लेकिन उनके हाव भाव से लग रहा था कि उन्हें उसका प्रपोज़ल अच्छा लगा। कॉन्फ्रेंस रूम से निकलते हुए बॉस ने थंब्स अप देकर उसकी तारीफ की थी। जब किशोर वापस अपनी सीट पर आया तो टीना ने कहा, "स्माइल देखकर तो लग रहा है कि झंडे गाड़ दिए तुमने।" ऑफिस में टीना के साथ उसकी सबसे अधिक ‌पटती थी। उसने कहा, "झंडे गाड़े या नहीं वह तो बाद में पता चलेगा। पर उन लोगों को मेरा प्रपोज़ल अच्छा लगा।" टीना ने कहा, "फिर तो अपनी जीत पक्की समझो।" किशोर मुस्कुरा दिया। घड़ी पर नज़र डाली। दोपहर के तीन बजे थे। उसने कहा, "अगर कुछ खास काम ना हो तो ब्रेक लेते हैं। कैफेटेरिया में ले जाकर तुम्हें ट्रीट देता हूँ।"

Full Novel

1

मेज़बान - 1

(1) किशोर की मीटिंग बहुत अच्छी गई थी। उसने अपनी सारी बातें बहुत अच्छी तरह से पेश की थीं। ने अभी कुछ कहा नहीं था लेकिन उनके हाव भाव से लग रहा था कि उन्हें उसका प्रपोज़ल अच्छा लगा। कॉन्फ्रेंस रूम से निकलते हुए बॉस ने थंब्स अप देकर उसकी तारीफ की थी। जब किशोर वापस अपनी सीट पर आया तो टीना ने कहा, "स्माइल देखकर तो लग रहा है कि झंडे गाड़ दिए तुमने।" ऑफिस में टीना के साथ उसकी सबसे अधिक ‌पटती थी। उसने कहा, "झंडे गाड़े या नहीं वह तो बाद में पता चलेगा। पर उन ...Read More

2

मेज़बान - 2

(2) किशोर इंजन बंद कर सोचने लगा कि अब क्या करे। कोई दिखाई भी नहीं पड़ रहा था जिससे पूछ सके। उसे लगा कि कार मोड़कर फिर से एक्सप्रेस वे पर चढ़ जाता है। वापस जाता है। अगर एग्ज़िट वे दिख गया तो ठीक नहीं तो वापस लौट जाएगा। उसने कार वापस मोड़ने के लिए स्टार्ट करनी चाही तो वह स्टार्ट नहीं हुई। गुस्से में उसने स्टीयरिंग व्हील पर हाथ मारा। शुरुआत से गड़बड़ हो रही थी। पहले शुभांगी ने प्लान कैंसिल किया। उसके बाद दोस्तों के साथ प्लान बनाया तो यह सब मुश्किलें आ रही थीं। कुछ देर ...Read More

3

मेज़बान - 3 - अंतिम भाग

(3) बुक शेल्फ के बाद किशोर की नज़र एक दीवार पर पड़ी। उसमें कुछ फ्रेम टंगे हुए थे। वह देखने लगा। सभी तस्वीरों में प्रोफेसर पवन कुमार एक औरत के साथ थे। वह औरत बहुत सुंदर थी। तभी पीछे से प्रोफेसर पवन कुमार की आवाज़ आई, "मैं और मेरी पत्नी मधुरिमा हैं।" "समझ गया था सर। मधुरिमा जी बहुत खूबसूरत हैं।" "सिर्फ शरीर ही नहीं। उसकी आत्मा भी बहुत सुंदर है।" किशोर ने महसूस किया कि यह कहते हुए प्रोफेसर पवन कुमार भावुक हो गए। अपनी भावनाओं को दबाते हुए उन्होंने कहा, "आ जाओ....चाय और सैंडविच तुम्हारी राह देख ...Read More