जहां खिड़कियां बड़ी -बड़ी होती है, वहां के लोग बड़े-बड़े यानी लंबे -चौड़े होते हैं। वे लोग बुद्धिमान होते हैं। और स्वस्थ होते हैं। बुद्धिमान होने के कारण उनका शहर भी स्वस्थ रहता है। अतः बड़ी-बड़ी खिड़कियां अच्छे विचारों को दर्शाती हैं। अच्छी नस्ल को दर्शाती हैं। जहां खिड़कियां बड़ी -बड़ी होती है, वहां के लोग बड़े-बड़े यानी लंबे -चौड़े होते हैं। वे लोग बुद्धिमान होते हैं। और स्वस्थ होते हैं। बुद्धिमान होने के कारण उनका शहर भी स्वस्थ रहता है। अतः बड़ी-बड़ी खिड़कियां अच्छे विचारों को दर्शाती हैं। अच्छी नस्ल को दर्शाती हैं। हर अच्छे शहर में खिड़कियां अच्छी-अच्छी होती हैं, बड़ी- बड़ी होती हैं। छोटे इलाके में खिडकियां छोटी होती हैं। बड़ी खिड़कियों वाले लोग अच्छी धूप और अच्छी हवा पसंद करते हैं। उनके विचार भी अच्छी धूप और अच्छी हवा की तरह होने चाहिए और शायद होते भी हैं। यह तो बहुत अच्छी बात है। तो हर अच्छे शहर में अच्छी -अच्छी खिड़कियां होती हैं। तो हर अच्छा शहर खिड़कियों का शाहर होता है। आपकी क्या राय है, प्लीज बताइए ना।
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लेख संग्रह - भाग 1
प्रिय पाठकों इस संग्रह में मैंने कुछ सुंदर - सुंदर लेख लिखे हुए हैं। जहां खिड़कियां बड़ी -बड़ी है, वहां के लोग बड़े-बड़े यानी लंबे -चौड़े होते हैं। वे लोग बुद्धिमान होते हैं। और स्वस्थ होते हैं। बुद्धिमान होने के कारण उनका शहर भी स्वस्थ रहता है। अतः बड़ी-बड़ी खिड़कियां अच्छे विचारों को दर्शाती हैं। अच्छी नस्ल को दर्शाती हैं। जहां खिड़कियां बड़ी -बड़ी होती है, वहां के लोग बड़े-बड़े यानी लंबे -चौड़े होते हैं। वे लोग बुद्धिमान होते हैं। और स्वस्थ होते हैं। बुद्धिमान होने के कारण उनका शहर भी स्वस्थ रहता है। अतः बड़ी-बड़ी खिड़कियां अच्छे विचारों ...Read More
लेख संग्रह - भाग 2 - अमीर और गरीब
मेरे मकान में तीन किराएदार हैं? पहला किराएदार एक मजदूर है। वह अपनी बीवी के साथ रहता है। में वह कुल ₹20000 जमा कर लेता है। दूसरा किराएदार एक सरकारी कर्मचारी है। उसकी सैलरी लगभग ₹40000 के करीब है। आधी उसकी घरवाली ले जाती है और आधा वह शराब आदि पर खर्च कर देता है। तीसरा किरायेदार एक टेलर है। वह ₹1000 प्रतिदिन कमा लेता है। टेलर सुबह से शाम शराब पीता रहता है। बहुत सी चाय नाश्ता करता रहता है। शाम तक उसके पास कुछ भी नहीं बचता। मजदूर तो समय का किराया दे देता है। टेलर थोड़ा ...Read More
लेख संग्रह - भाग 3 - लाल आकाश
लाल आकाश कितना सुंदर लग रहा है। आहा मन करता है, इस को निहारते रहूं; देखता रहूं। लाल रंग कई बातें याद आती हैं। गुलाब का फूल लाल, लाल जोड़े में लिपटी दुल्हन, तो खून का रंग भी लाल। यह लाल आकाश यह तो नहीं दिखाता कि दुल्हन का सम्मान नहीं करोगे, औरतों का सम्मान नहीं करोगे, गुलाब सा नाजुक दिल नहीं रखोगे, तो आकाश ही नहीं धरती भी खून से लाल हो जाएगी। युद्ध के बादल उठेंगे और हर जगह सारी धरा रक्तरंजित हो जाएगी। अतः विकास की दौड़ में अपने सामाजिक मूल्य न छोड़ें। अपने दिल की ...Read More
लेख संग्रह - भाग 4 - मित्र
मित्रता अनमोल है। पुरुष का मित्र पुरुष। स्त्री का मित्र स्त्री। स्त्री पुरुष की मित्रता। लिव इन रिलेशनशिप में शादी करना। यह सब मित्रता के ही अलग-अलग रूप हैं।पापा आप हमें बहुत प्यार करते थे। हमारे लिए बहुत कुछ सोचते थे। आज आप चले गये हो। आपकी बहुत याद आती है।आपकी हर बात हमें अब एक-एक करके याद आती है। काश फिर हम मिल पाते। "बधाई हो। पार्टी तो होनी ही चाहिए।' यह वह शब्द समूह है जो अक्सर लोग एक दूसरे से बोलते रहते हैं। शादी हो, बच्चा हो, मकान बन जाए, नौकरी लग जाए तो इस शब्द ...Read More
लेख संग्रह - भाग 5 - नई पौध
नई पौध लगाओ. अच्छी नस्ल की लगाओ. उसको बढ़िया खाद खुराक दो. अच्छा पानी दो. उसकी निराई - गुड़ाई करो. भाइयों आप समझ गए होंगे कि नई पौध चाहे पेड़ पौधों की हो या मनुष्य की या जानवरों की उनमें अच्छे गुण डालो. उनकी अच्छी देखभाल करो. मनुष्य की पौध है तो उसे उस पर और अच्छी मेहनत करने की जरूरत पड़ती है. उनकी संख्या कम हो लेकिन वह ज्यादा मजबूत और ज्यादा बुद्धिमान हो. उनका शारीरिक व मानसिक विकास अच्छा हो इसका ध्यान रखो. उन्हें किसी चीज की कमी ना हो. वह बड़े होकर अच्छा मनुष्य बने ...Read More
लेख संग्रह - भाग 6 - क्षत्रिय कौन?
अर्जुन क्षत्रिय थे, भीम क्षत्रिय थे क्योंकि इन्होंने धर्म का पक्ष लिया था. राम क्षत्रिय थे, लक्ष्मण क्षत्रिय थे, क्षत्रिय थे क्योंकि इन्होंनें भी धर्म का पक्ष लिया था. राणा प्रताप, राणा सांगा क्षत्रिय थे, शिवाजी क्षत्रिय थे; क्योंकि इन्होंने भी धर्म का पक्ष लिया था. एकलव्य शूद्र था क्योंकि इसने अधर्म का पक्ष लिया था. कर्ण शूद्र था, क्योंकि इसने अधर्म का पक्ष लिया था. दुर्योधन भी कर्म से शूद्र था क्योंकि वह तो स्वयं अधर्म ही था. बल्कि यह तो शूद्र भी नहीं थे. यह तो चांडाल थे. और शायद चांडाल भी नहीं थे. ये तो पूरे ...Read More
लेख संग्रह - भाग 7 - धन्यवाद प्रिय पाठको
प्रिय पाठकों आपको मेरी रचनाये़ पसंद आई और इसके कारण साइंस फिक्शन में मेरा पूरे प्रतिलिपि पर प्रथम स्थान आपको बहुत-बहुत धन्यवाद. बच्चों से मेरा कहना है कि खूब मेहनत करें, खूब पढ़ाई करें. डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर आदि बनें. बचपन से ही अपना गोल फिक्स कर दें और उसी के अनुसार अपनी पढ़ाई की दिशा मोड़े. बड़ों से मेरा कहना है कि नशा पानी न करें. व्यायाम, योग आसन आदि करें और अपने काम पर दिल लगाए. खूब आराम करें, खूब खाएं, खूब मेहनत करें. खूब कमाए, अपने धन को अच्छी जगह लगाए. जय हिंद जय भारत. हर ...Read More
लेख संग्रह - भाग 8 - भारत में बनते छोटे-छोटे मिनी पाकिस्तान
आज भारत में छोटे-छोटे मिनी पाकिस्तान कई जगह बन चुके हैं. चाहे कैराना हो, चाहे आज की ताजा खबर हो. मैंने दिल्ली के नजदीक गाजियाबाद जिले में पूजा कॉलोनी में एक छोटा सा प्लॉट 10 - 15 साल पहले खरीदा था. मैंने सोचा था इसके रेट बढ़ेंगे, तो 5 साल में इसके अच्छे रेट मिल जाएंगे और मैं उसे अच्छे मुनाफे पर बेच दूंगा. लेकिन धीरे-धीरे मेरे प्लॉट के नजदीक मुसलमानों की आबादी बढ़ती गई और और धीरे-धीरे उस एरिया में हिंदू लोग पलायन करने बैठ गए. हिंदुओं ने अपने प्लाट, मकान आदि सस्ते रेट पर बेचना शुरू ...Read More