रोहन अपने यान में बैठकर अंतरिक्ष में यात्रा कर रहा है। यह सन 3001 का समय है। पृथ्वी के सभी देश एक देश बन चुके हैं। सभी धर्मों की एकता स्थापित हो चुकी है। सभी के लिए समान कानून हैं। कोई अगड़ा नहीं कोई पिछड़ा नहीं। कोई आरक्षण नहीं कोई झगड़ा नहीं। कोई जनसंख्या विस्फोट नहीं कोई समस्या नहीं। पृथ्वी स्वर्ग बन चुका है। बुद्धिमान मानव की औसत आयु 500 वर्ष हो चुकी है। मानव लगभग अजर-अमर हो चुका है। अचानक रोहन के यान में कुछ खराबी आ जाती है। रोहन को मजबूरी में निकट के सौर मंडल के एक ग्रह पर अपना यान उतारना पड़ता है। यह ग्रह पूरी तरह पानी से निर्मित है। रोहन को कोई परेशानी नहीं होती क्योंकि इस समय तक मानव जल थल नभ में रहने के लिए ढल चुका है।
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कहानी संग्रह - भाग 1 - एलियन
रोहन अपने यान में बैठकर अंतरिक्ष में यात्रा कर रहा है। यह सन 3001 का समय है। पृथ्वी के देश एक देश बन चुके हैं। सभी धर्मों की एकता स्थापित हो चुकी है। सभी के लिए समान कानून हैं। कोई अगड़ा नहीं कोई पिछड़ा नहीं। कोई आरक्षण नहीं कोई झगड़ा नहीं। कोई जनसंख्या विस्फोट नहीं कोई समस्या नहीं। पृथ्वी स्वर्ग बन चुका है। बुद्धिमान मानव की औसत आयु 500 वर्ष हो चुकी है। मानव लगभग अजर-अमर हो चुका है। अचानक रोहन के यान में कुछ खराबी आ जाती है। रोहन को मजबूरी में निकट के सौर मंडल के ...Read More
कहानी संग्रह - भाग 2 - समझदारी
मेरे पास एक 32 कमरों का मकान है। एक दिन मैंने सोचा की बेरोजगारी तो है ही क्यों न मकान का कुछ सदुपयोग किया जाये। मैंने बाजार से कुछ चूना लिया और सारे मकान का सामान एक जगह रख लिया। सारे मकान को खुद चूना किया और फालतू सामान व पुराने सामान को कबाड़ी को दे दिया। इससे मुझे ₹2000000 की इनकम हुई। तीन चार कमरों को अपने परिवार के लिए रखकर मैंने बाकी मकान को किराए पर चढ़ा दिया। अब मुझे हर महीने 200000 किराया आने बैठ गया। मेरे पास कुछ छोटे-छोटे छितरे हुए खेत भी थे। मैंने ...Read More
कहानी संग्रह - 3 - जय मां सरस्वती
दीपक एक साधारण किसान था। उसके घर में कुल 15 सदस्य थे। उसका परिवार एक संयुक्त परिवार था। इनमें बच्चे, चार स्त्रियां, पांच युवक व तीन वृद्ध थे। अचानक उसके परिवार में दो वृद्धों, दो स्त्रियों, एक युवक व एक बच्चे की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई। अब परिवार में मात्र 9 व्यक्ति ही बचे। अब दीपक परिवार का मुखिया बन गया। दीपक ने चकबंदी में हिस्सा लिया। घर के सभी बचे लोगों को खेती में लगा दिया। 8 गाय - भैंस आदि उसने ने बेच दी और प्राप्त धन में कुछ धन और मिलाकर उसने एक सुंदर ...Read More
कहानी संग्रह - 4 - ढाबे में नौकरी
ढाबे में नौकरीदिनेश एक संपन्न परिवार से है। उसका बचपन सुख सुविधा में गुजरा। पर वह 42 वर्ष की तक कंपटीशन की तैयारी करता रहा। आखिर वह असफल रहा। आर्थिक तंगी आने लगी। आखिर अपने बच्चों का पेट भरने के लिए उसने किसी होटल-ढाबे में नौकरी करने की सोची। वह देहरादून गया। 2-4 ढाबों में पूछने पर आखिर उसे एक ढाबे में नौकरी मिल गई। रोज 5-6 बजे सुबह उठकर वह अन्य कर्मचारियों के साथ काम पर लग जाता। और रात 1:30-2:00 बजे तक वह काम करता रहता। लगभग 20 घंटे की रोज ड्यूटी होती। दिनेश सोचता आखिर इन ...Read More
कहानी संग्रह - 5 - मैं बना करोड़पति
मैं बना करोड़पति मित्रों कुछ समय पहले मेरे एक दूर के चाचा जी गुजर मरने से पहले वह मेरे नाम 400 करोड़ रुपए और चार बहुत बड़ी कोठियां छोड़ गए। मेरी तो लॉटरी लग गई। मैं बहुत खुश हुआ। मैने चारों कोठियों की मरम्मत और सफाई करवाई और फालतू सामान बेच दिया। इससे मुझे ₹200000000 का फायदा हुआ। यह 420 करोड रुपए मैंने बैंक में जमा कर दिए। इनसे मुझे अच्छा खासा ब्याज प्रतिमाह मिलने लगा। अब चारों कोठियों को मैं ने 500 करोड़ में बेच दिया। इन्हें भी बैंक में जमा कर दिया। अब बैंक में मेरे 920 ...Read More
कहानी संग्रह - 6 - सबसे गरीब
सबसे गरीब सूरजपुर में एक गरीब परिवार रहता था। उसमे एक गरीब वृद्धा अपने छोटे पोते साथ रहती थी। वहां के राजा ने जब ये सुना तो उसने सोचा कि मेरे राज्य में पांच करोड़ लोग है अतः उसने सभी लोगों को एक - एक रुपया वृद्धा को देने को कहा। सभी ने ऐसे ही किया। कुल 5 करोड रुपए वृद्धा को मिले। अब वृद्धा बहुत अमीर हो गई। मैं एक बार बचपन में स्कूल से घर आ रहा था। जल्दबाजी के चक्कर में मैंने शॉर्टकट रास्ता पकड़ा। इस शॉर्टकट के रास्ते में एक श्मशान घाट पडता था। जैसे ...Read More
कहानी संग्रह - 7 - दीपक सेन
दीपक सेन रूप ग्रह के सम्राट बने। यहां की आबादी 8 अरब थी। दीपक सेन ने चयनित जनन करवाया। यहां की आबादी कुछ ही वर्षों में एक अरब ही रह गई और एक अरब पर स्थिर हो गई। दीपकसेन ने सब की संपत्ति लेकर सब में बराबर बांट दी। अर्थव्यवस्था को तगड़ा बनाया गया। अब सभी अमीर हो गये। एक कानून, एक मानवीय धर्म, एक ध्वज, एक श्रेष्ठ वैज्ञानिक भाषा, एक मुद्रा, एक स्रेष्ठ पाठ्यक्रम चलाया गया। 5000000 सैनिकों की अत्याधिनिक श्रेष्ठ फौज गठित की गई। सारे ग्रह को साथ महाप्रांतों में बांटा गया। हर प्रांत में शुरू में ...Read More
कहानी संग्रह - 8 - दीप का कारनामा
दीप भरतखंड का राजा बना। दीप ने देखा कि उसके राज्य में सब खुशहाल हैं। परंतु दीप यह देख बहुत दुखी हुआ कि उसके राज्य में लेखक लोग बहुत ही गरीब और बेरोजगार हैं। दीप ने 1 परसेंटेज टैक्स बढ़ा दिया और प्राप्त धन से लेखकों के लिए रोजगार की व्यवस्था की। दीप ने लेखकों के लिये पेंशन मकान, भोजन, वस्त्र आदि की व्यवस्था की। और लेखक लोग अब बहुत ही संपन्न और अमीर हो गये। दीपक अमेरिका में रहता है। अमेरिका में उसके कई बिजनेस हैं। वह भारत अपने पुश्तैनी गांव आता है। वह अपने पुश्तैनी ...Read More
कहानी संग्रह - 9 - अनचाही बेटी
श्यामू की कई बेटियां थी। लेकिन शायद एक को छोड़कर सभी अनचाही ही थी, क्योंकि यह सभी सातों सात बेटियां उसे लड़के की चाहत से ही उत्पन्न हुई थी। रामू चाहता तो लड़का ही पैदा करना चाहता था। परंतु बार-बार ऊपर वाला उसे लड़की ही दे रहा था। अतः एक को छोड़कर 6 लड़कियां तो उसे अनचाही ही लगती थी। पाठक यह न समझिए कि यह घटना असत्य है। ऐसी घटना मैंने प्रत्यक्ष देख रखी है। बस इस कहानी में पात्रों के नाम बदल दिए गए हैं। अभी भी भारत के कई क्षेत्रों में यह एक हकीकत है ...Read More
कहानी संग्रह - 10 - भूतों का गांव
मुझे याद आती है उस समय की जब मेरे पास एक पैसा भी न था. शरीर पर भी पुराने कपड़े थे. लेकिन मन में एप्पल का मोबाइल लेने की इच्छा थी और एक महंगा लैपटॉप पाने की इच्छा थी. उस समय मैं दसवीं क्लास में पढ़ता था. घर में कोई कमाने वाला भी न था. इसलिए मैंने रात को कुली गिरी करने की सोची. मैं घर से काफी दूर पैदल जाता और भेष बदलकर कुली गिरी करता. दिन में मैं पढ़ाई करता. कुछ ही समय में मेरे पास काफी रुपए हो गए. अब मैंने घर में ही एक अच्छी ...Read More
कहानी संग्रह - 11 - त्रिया राज्य
मैंने त्रिया राज्य की बहुत बातें सुनी थी. सुना था कि त्रिया राज्य पूर्वोत्तर भारत में असम के नजदीक एक दिन मैंने अपने बैग में कुछ कपड़े रखे. खाने के लिए बिस्कुट, काजू, बादाम आदि रखे. एक लाइसेंसी रिवाल्वर और एक मोटा सोटा भी रखा. उसके बाद में त्रिया राज्य की ओर चल पड़ा. लोगों से बहुत पूछा वहां जाकर. तो किसी ने बताया यह झूठ है. किसी ने बताया सच है. किसी ने बताया कि नदी के पार त्रिया राज्य है और रात को पूर्णिमा के दिन वहां जाना पड़ता है. उसी दिन त्रिया राज्य दृष्टिगोचर होता है. ...Read More
कहानी संग्रह - 12 - दूर-दूर तक धाक जम गई
एक बार मैं एक जंगल से होकर गुजर रहा था. मुझे बचपन से ही व्यायाम व योगासन का बहुत था. इससे मेरा शरीर बहुत बलिष्ठ था. मैंने कई युद्ध कलायें भी सीख रखी थी. अचानक जंगल में मुझे 40 - 50 राक्षस मिल गये. राक्षस बहुत भयंकर और शक्तिशाली थे. राक्षसों ने मुझ पर आक्रमण कर दिया. मैंने भी अपनी दिव्य तलवार का आह्वान किया और राक्षसों पर प्रहार करना शुरू कर दिया. कुछ ही देर में सभी राक्षस मर गये. इस घटना के बाद दूर-दूर तक के गांवों में मेरी बहादुरी की धाक जम गई. आप की इस ...Read More
कहानी संग्रह - 13 - हम मिले ना मिले
काफी साल पहले की बात है. एक बार मेरी अपने घर वालों से किसी बात पर तनातनी हो गई. मैं घर से भागकर देहरादून आ गया. वहां मैं एक होटल में कार्य करने लग गया. होटल की मालकिन एक सुंदर सी लड़की थी. मैंने अपनी मेहनत और व्यवहार से उसका दिल जीत लिया. उसने कुछ ही दिनों में मुझे अपने होटल का मैनेजर बना दिया, क्योंकि मैं अब होटल का लगभग सभी काम समझ चुका था. होटल की मालकिन वह लड़की मुझे बहुत पसंद करती थी. धीरे-धीरे उसे मुझसे बहुत प्यार हो गया. मैंने उससे शादी कर ली. ...Read More
कहानी संग्रह - 14 - खेल और खेल
खेल जीवन के लिए बहुत आवश्यक हैं. खेलों से शरीर का विकास होता है. बुद्धि का विकास है. सामाजिकता बढ़ती है. अच्छे गुणों का विकास होता है. शरीर, बुद्धि और मन स्वस्थ रहता है. आज मेरे फ्लावर्स के संख्या एक हजार से ज्यादा पहुंच गई है. सभी फॉलोवर्स को तहे दिल से बहुत-बहुत धन्यवाद.आज मेरी रचना चमत्कारी जिन्न को 7.50 हजार से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं. इस रचना को पढ़ने वाले सभी पाठकों को तहे दिल से धन्यवाद. अगर हम थोड़ा अपने शरीर और दिमाग में चुस्ती लाएं. सबका भला सोचें. अपना भी भला करें. दूसरे का भी ...Read More
कहानी संग्रह - 15 - आज के पति पत्नी
पति - अरे भाई मुझे नौकरी नहीं मिली तो क्या करूं? बेरोजगार हूं तो क्या हुआ? थोड़ा बहुत कमा ही लेता हूं.पत्नी - तुमसे शादी करके तो मेरी किस्मत फूट गई है. तुम्हारी कुछ इनकम तो है नहीं.पति -अरे भाई तुम भी तो ₹ 8000 महीने का कमाती हो. बैंक में फील्ड ऑफिसर का काम करके. तुमने तो मुझे अपनी इनकम में से कभी ₹1 नहीं दिया.पत्नी - यह तो पति का फर्ज होता है. पत्नी को खिलाने का. मेरी इनकम तो मेरे शौक पूरा करने के लिए है. अच्छा तुमने दिल्ली में जो 40 लाख का प्लाट बेचा, ...Read More
कहानी संग्रह - 16 - डॉक्टर साहिबा
बचपन से मुझ में एक इच्छा थी कि मैं डॉक्टर बनूं. लेकिन फिर कोई कारण ऐसा हुआ कि मैं नहीं बन पाया. 1 दिन मैं किसी बड़े हॉस्पिटल में अपने मित्र को लेकर इलाज कराने गया. मित्र को कोई बीमारी थी इसलिए मुझे उसके साथ कुछ दिन वहां रहना पड़ा. इस बीच मेरी एक डॉक्टरनी से मुलाकात हुई और प्यार हो गया. मैंने सोचा मैं डॉक्टर नहीं बन पाया. कोई बात नहीं, लेकिन एक डॉक्टर तो मेरी मित्र बन गई है. कुछ दिन बाद उस डॉक्टरनी और मैंने शादी कर ली. उत्तराखंड में आज हर गांव से ...Read More
कहानी संग्रह - 17 - एक ईश्वर
परमेश्वर एक है. वही एक निराकार है, वही एक साकार है. पुराणों में उसी एक परमेश्वर को परम शिव गया है. तो दूसरे पुराण में उसी एक परमेश्वर को महाविष्णु कहा गया है. तो तीसरे पुराण में परम शक्ति कहा गया है. तो चौथे पुराण में महागणेश कहा गया है. अपनी - अपनी श्रद्धा भक्ति के अनुसार लोगों ने उसी एक परमेश्वर को अलग-अलग नाम दिए हैं. लेकिन सभी पुराण यही मानते हैं कि एक ही परम शक्ति, एक ही परमेश्वर से सारे ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई है. वेदों में भी एक परमेश्वर के बारे में कहा गया है. ...Read More