"हैलो !इशिता" "हाय!पायल " "तेरी फाइटींग की ट्रेनिंग पूरी हो गयी" "हां!" "अब क्या करगी " "मैं सोशल वर्क करूंगी मां की यही इच्छा थी" "अच्छा है!तो तू अचलापूर में काम कर ले वहां की हालत काफी खराब है" तभी "तू पागल है " अरे !शिखा तू " "पता है वहां की हालत इसलिए खराब है क्योकि वहां डकैट है " "तो क्या हुआ शिखा मैं सब कुछ हैंडल कर लूंगी अब तो मैं वहां ही सुधार करूंगी .....कल मैं वहां जाऊंगी " "ठीक है तेरी मर्जी बेस्ट आफ लक " इशिता अगले दिन अचलापूर पहुंचती है "मैम !मैं इससे आगे नहींं जा सकता आगे डकैत कार वार को लुट लेते है " ड्राइवर ने कहा "ठीक है !तुम जाओ........यहां कोई रहता भी है इतना विराना " अचलापूर में इतनी शांती देखकर इशिता हैरान रह जाती तभी कोई दिखता है "एक्सक्यूज़ मी! यहां कोई रहता भी है नहीं" "है !पर आप कौन ?यहां किससे मिलना है"
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वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 1
"हैलो !इशिता""हाय!पायल ""तेरी फाइटींग की ट्रेनिंग पूरी हो गयी""हां!""अब क्या करगी ""मैं सोशल वर्क करूंगी मां की यही इच्छा है!तो तू अचलापूर में काम कर ले वहां की हालत काफी खराब है"तभी"तू पागल है " अरे !शिखा तू ""पता है वहां की हालत इसलिए खराब है क्योकि वहां डकैट है ""तो क्या हुआ शिखा मैं सब कुछ हैंडल कर लूंगी अब तो मैं वहां ही सुधार करूंगी .....कल मैं वहां जाऊंगी ""ठीक है तेरी मर्जी बेस्ट आफ लक "इशिता अगले दिन अचलापूर पहुंचती है "मैम !मैं इससे आगे नहींं जा सकता आगे डकैत कार वार को लुट लेते है " ड्राइवर ...Read More
वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 2
"हम आपको सब से मिलवाते है ........पहले इनसे मिलिए ये है हमारे मेयर जी हममे सबसे बहादुर ...पर गांव दुश्मनो ने इन्हे आज इस हाल में पहुंचा दिया इनका चलना मुश्क़िल हो गया है... " तभी "मैं हूं निराली तुम मुझे निराली चाची बोल सकती हो ये मेरा बेटा सोमेश और ये मेरी बेटी नंदनी ""अच्छा ठीक है " सरपंच ने कहा सरपंच सारे गांव से इशिता का परिचय करवाता है "अच्छा अब आप इस गांव के दुश्मनो के बारे में बताओ ""हां !इनके बारे में जानकर शायद तुम चली जाओ ""नही !...इशिता अब इस गांव का विकास करके ही जाऐगी आप ...Read More
वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 3
अगली योजना बनती है " गावं के चारो तरफ ये बारुद की रेेेेखाएँँ बना दो "इशिता ने कहा" क्या होगा ....?"" इससे बहुत कुछ होगा सोमेश और सुमित मेरी हेल्प करो प्लीज़ "" जी बिल्कुल "सारी तैयारी हो चुकी होती है अब बस इंतजार था तो बस डाकुओं के हमले का ऐसा ही होता है उसी शाम गांव में डाकू आते है " कौन है हमारे आदमी पर वार करने वाला बड़ी हिम्मत आ गयी है हमसे मुकाबला करने का "तभी मेयर वहां पहुंच जाते है ....." हां आ गई है .... हां बोल ....."इशिता : ये क्यु आ गये बाहर ...Read More
वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 4
" हमारी मुखिया वीरा की जय ...की जयकार होने लगती हैइशिता : नये नाम केे लिए शुक्रििया .....पर अभी बाकि है ...अभी आफत टली नहीं हैं खड़गेल का झुकना बाकि हैइसलिए हर वक्त चौकन्ना रहना होगा...!ननुमेय(संदेशवाहक) : सरपंच जी ..! हमारे आदमी कैद से छुटकर आ गये ...!..."हमे बचाने के लिए शुक्रिया ...."सरपंच : हमने आपको नहीं बचाया है ..हमारी नई मुखिया ने आप सबको बचाया है ...!...धन्यवाद... मुखिया जी... "इशिता: आप सब खुश है ये अच्छा है ...इन्हे अंदर ले जाइऐ ...असली जंग अब होगी ,इसके लिए आप ...Read More
वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 5
सोमेश : वीरा जी ...(जोर से चिल्लाता है )....हटो सामने से वीरा जी को गोली लगी है .....बरखा : साहब को बुलाओ जल्दी....!सरपंच : हां ...सोहनलाल डाक्टर को बुलाओ ...!निराली : जल्दी डाक्टर को बुलाओ न ...देखो कितना घाव हो गया हैं ...!इशिता : चाची घबरायो मत ठीक हो जाऐगा ..निराली : तुम चुप रहो ..देखो कितना खुन बह रहा हैं...!नंदिता : मां डाक्टर गये ...! डाक्टर : (ट्रीटमेंट के बाद ) सरपंच जी घबराई नहीं गोली छू कर निकल गया है इसलिए ये जल्दी ठीक हो जाएंगी...!.....उसी शाम सब चौपाल पर पहुंचते हैं.......सरपंच : मुखिया जी ...आप बाहर क्यूं ...Read More
वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 6
सरपंच : मुखिया जी ...आप उसका सामना कैसे करेंगी, आप अभी घायल हैं ....!इशिता : मैं घायल जरुर हूं जी पर कमजोर नहीं हूं ..मैं उसे सीमा को चोट नहीं पहुंचाने दूंगी .....बरखा गन दो मेरी ...सुमित वो कितने लोग हैं ...!सुमित : मुखिया जी... वो सिर्फ दो ही हैै एक वो रांगा और उसका साथी ...!इशिता : उनसे मैं अकेले ही निपट लूंगी ...तुम तैयारी मत करना ...!सुमित : ठीक है .....!आज इशिता और रांगा पहली बार आमने सामने होंगें रांंगा : क्यूं रे गांव वालो में बड़ी हिम्मत आ गई ...बिना मेरी इजाजत के अब इस गांव में ...Read More
वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 7
इशिता : अब आप सब को रांगा से डरने कि जरुरत नहीं हैं …उसका सामना अब इशिता से है …… काका आप बिना डरे सीमा कि शादी करो ….!मंगल : आपका धन्यवाद मुखिया जी ….!चली जाती हैं ……!मेयर : वीरा ……!इशिता : आप है मेयर जी ….आइऐ ..!मेयर : वीरा .…उस रांगा की बात पर ध्यान मत दो और अपने को कमजोर मत होने दो …उसका मुकाबला करना हे तुम्हें ….!इशिता : मैं उसके सामने कमजोर नही होऊंगी …वीरा कमजोर नही है …रांगा को अब और मासूमों पर अत्याचार नही करने दूंगी …उसका सामना अब वीरा से है ….मेयर ...Read More
वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 8
निराली : वीरा बेटी... अपने बारे में भी कुछ बताओ.... मां बाबा कहां तुम्हारे....?निराली के सवाल करते ही सबकी वीरा पर थम गई.. लेकिन इशिता थम सी गई.... अचानक ही उसकी आंखों से आंसू छलक पड़े...." हां हां मुखिया जी बताइए..."बरखा : क्या हुआ वीरा....?इशिता : कुछ नहीं ... मां पापा नहीं है इस दुनिया में...मैं उन्हें नहीं बचा पाई (इतना कहकर इशिता वहां से चली जाती हैं)....निराली : मैंने गलत सवाल कर दिया उससे....!मेयर : निराली तुम्हें ऐसा सवाल नहीं करना चाहिए था....और आप सब भी ध्यान रखना कोई भी उनके व्यक्तिगत जीवन के बारे में कोई सवाल ...Read More
वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 9
उधर बरखा इशिता के पास पहुंचती है...... इशिता बहुत गौर से कुछ फोटोग्राफस को देख रही थी तभी बरखा पास जाकर उसके कंधे पर हाथ रखती है जिससे इशिता तुरंत आंसू पोछकर पीछे घुमती है....इशिता : बरखा.....बरखा : वीरा.... चाची तुम्हें चोट नहीं पहुंचाना चाहती थी ... उन्होंने बस ऐसे ही पुछ लिया....इशिता : कोई बात नहीं बरखा....ये तो किस्मत है....आज मैं किसी को नहीं साथ बांध पाई....बस अकेले ही रह गई....बरखा : वीरा ..... मुझे नहीं पता कि तुम्हारे साथ क्या हुआ है न ही मैं पुछना चाहती हूं ...बस अब ये समझ लो तुम अकेली नहीं हो ...Read More
वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 10
इशिता के जाने के बाद रांगा गांव में पहुंचता है... उसके आने से और इशिता के गांव में नहीं के कारण सब डर से जल्दी जल्दी अपने घरों की तरफ भागते हैं..... रांगा चिल्लाता है..." कहां भाग रहे हो सब .... मुझे तुममे किसी से कोई काम नहीं...(एक डेविल हंसी के साथ कहता है)... वीरा से काम है.....(चिल्लाता है).. कहां है मुखिया वीरा बुलाओ उसे...."बरखा आगे आकर चिल्लाती है " हमारी मुखिया तुझ जैसे से नहीं मिलती...चल जा यहां से...."" ओए छोकरी .... हमारे सवाल का सीधा जवाब दे नहीं तो.. तुझे भी ले जाएंगे...."स्थिति बिगड़ती देख मेयर जी ...Read More
वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 11
इशिता जब गांव पहुंचती है तो सबको परेशान देख हैरान रह जाती है......" सरपंच जी मुखिया जी आ गई...."इशिता क्या बात है मेयर जी आप सब इतने परेशान क्यूं लग रहे सुबह तक तो सब सही था....सरपंच : मुखिया जी..... आपके जाने के बाद रांगा आया था और हम सबको धमकी देकर गया है अगर आप शाम तक गांव में नहीं लौटी तो आतंक मचा देगा.....गांववासी : हम तो बहुत डर गये थे मुखिया जी.... अच्छा हुआ आप आ गई......तभी मेयर टोकते हुए कहते हैं...." तुम सब इतनी जल्दी घबरा जाते हो मुखिया जी को बैठने तो दो..."चौपाल पर ...Read More
वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 12
इशिता को परेशान देख बरखा पुछती है..." वीरा क्या बात है तुम अब भी परेशान लग रही हो...."" हां अभी सबके दिलों से डर खत्म नहीं हुआ है...." इशिता ने गंभीर भाव से कहासुमित : वीरा जी....सब कह रहे हैं...वो साथ है हमारे....इशिता : नहीं सुमित सब कह ही रहे हैं पर मुझे पता है कोई भी पूरी तरह तैयार नहीं है अभी भी इनके अंदर डर बाकी है खैर सरपंच जी एक हफ्ते बाद गांव में जगमगहाट होगी.... गांव रोशनी से खिल उठेगा...." कैसे मुखिया जी..." सरपंच ने हैरानी से पूछाइशिता : गांव की इलेक्ट्रॉनिक की समस्या अब ...Read More
वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 13
नंदिता के न मिलने से निराली काफी परेशान हो जाती है....इशिता उनकी परेशानी समझते हुए कहती हैं...." आप चिंता करिए चाची नंदिता आ जाएगी , , मैं उसे देखने जाऊंगी..."इशिता के जाने की बात सुनकर निराली राहत भरी आवाज में कहती हैं...." बेटा , मुझे तुमपर भरोसा है , तुम उसे कुछ नहीं होने दोगी..."इशिता एक स्माइल करते हुए बाहर बरामदे में आकर अपनी गन को देखकर और बूट को पहनकर, , वहां से बाहर निकल आती है , , बरखा और सोमेश हाथ में लालटेन लिए उसके पीछे पीछे चल दिए....इशिता के बाहर पहुंचते हैं चौपाल पर बैठे ...Read More
वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 14
तभी अचानक झाड़ियों में से आवाज़ आने लगी.... जिसे सुनकर तीनों अर्लट हो जाते हैं लेकिन बरखा इशिता के हो जाती है , , उसके डर को समझते हुए इशिता उसके हाथों से लालटेन लेकर खुद आगे बढ़ती है लेकिन तभी सुमित कहता है......" वीरा जी...!... संभलकर कहीं भेडिया न हो...."इशिता गंभीर आवाज में कहती हैं....." चिंता मत करो मैं देख लूंगी.....तुम लालटेन पकड़ो..."इशिता के कहने पर सुमित लालटेन पकड़कर उसके साथ आगे बढ़ता है.....इशिता अपने बूट में से खंजर निकालकर उन झाड़ियों को काटते हुए आगे बढ़ती है.....तभी उस अंधेरे को चीरती हुई लालटेन की रोशनी में दो ...Read More
वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 15
इशिता जैसे ही जाने के लिए आगे बढ़ती है तभी किसी की गन प्वाइंट उसपर टिक जाती है.....अचानक हुई से इशिता हैरानी से पीछे मुड़ती है......" कौन हो तुम...?.. " इशिता गुस्से में उससे पूछती है.....इशिता पर गन प्वाइंट देखकर तीनों घबरा गए थे , बरखा डरे हुए कहती हैं...." वीरा....."वो शख्स वीरा का नाम सुनते ही इशिता को घूरते हुए कहता है....." ओह तुम हो इस गांव की मुखिया वीरा..…"इशिता उस आदमी को देखती है जिसने अपने चेहरे को नकाब से ढक रखा था , उसकी बातों को सुनकर इशिता कहती हैं...." कौन हो तुम...?..."वो आदमी मुस्कुराते हुए ...Read More
वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 16
रांगा के कहने पर ऊमि उस पुड़िया को लेकर वहां से चली जाती हैं .....इधर इशिता अपने रूम में कुछ सोच ही रही थी तभी निराली जी उसके रुम का डोर नाॅक होता है लेकिन किसी ख्यालों में खोये होने की वजह से उसपर ध्यान नहीं दिया....जब काफी देर खटखटाने के बाद इशिता दरवाजा नहीं खोलती तो निराली अंदर आकर इशिता को खोए हुए देखकर अपने हाथ में लाई खाने की प्लेट को साइड के टेबल पर रखकर उसके पास आकर बैठती है तभी उसका ध्यान उनपर जाता है.......हैरानी भरी आवाज में इशिता कहती हैं...." चाची आप... बैठिए...आप कब ...Read More
वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 17
निमी चोरी छिपे निराली के घर एंटर होती है और उस दवाई को खाने में मिला देती है...लेकिन तभी कंधे पर कोई हाथ रखता है ...........अब आगे.....निमि काफी घबराई सी धीरे धीरे पीछे मुड़ती है , तो सामने निराली हाथ में पानी का जग लिए उसके सामने थी , उन्हें देखकर निमि घबराते हुए कहती हैं...." नि..रा.ली..काकी ..."उसके हकलाते हुए बोली को सुनकर निराली शांत स्वभाव से कहती हैं..." निमी ! तुम इतनी घबराई हुई क्यूं हो..?.. कुछ काम था , तो बेझिझक बोल..."निराली की बातों से साफ पता चल रहा था की उसने कुछ नहीं देखा जिससे निमि ...Read More