स्वतन्त्र सक्सेना की कहानियां - बद्री विशाल

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स्वतन्त्र सक्सेना एक परिपक्व और विचारशील रचनाकार हैं, वे निबन्ध लेखक और कहानीकार हैं। उनकी कहानी जमीन से जुड़ी रहती हैं जो रोचक और विश्वसनीय भी होती हैं। भाषा पर उनका असाधारण अधिकार है। जनवादी चेतना से लैस उनकी कहानियां पाठक को भीतर से स्पर्श करती हैं। वेदराम प्रजापति पंडित विभूति नारायण सर्दियों में क्षेत्र के यजमानों के पास आए थे। उन्‍हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी सांस चलने लगी थी वे ठीक से सो नहीं पाए थे । उनके यजमान पटेल साहब, उन्‍हें शहर के प्रसिद्ध डॉक्‍टर अहमद साहब के पास उन्‍हें ले आए ,वे सरकारी अस्‍पताल के इन्‍चार्ज / प्रमुख डॉक्‍टर थे पटेल साहब के परिचित भी थे ।

Full Novel

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स्वतन्त्र सक्सेना की कहानियां - बद्री विशाल - 1

बद्री विशाल सबके हैं 1 कहानी स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना समीक्षा स्वतन्त्र सक्सेना एक परिपक्व और विचारशील रचनाकार हैं, वे निबन्ध लेखक और कहानीकार हैं। उनकी कहानी जमीन से जुड़ी रहती हैं जो रोचक और विश्वसनीय भी होती हैं। भाषा पर उनका असाधारण अधिकार है। जनवादी चेतना से लैस उनकी कहानियां पाठक को भीतर से स्पर्श करती हैं। वेदराम प्रजापति पंडित विभूति नारायण सर्दियों में क्षेत्र के यजमानों के पास आए थे। उन्‍हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी सांस चलने लगी थी वे ठीक से सो नहीं पाए थे । उनके यजमान पटेल साहब, उन्‍हें शहर के प्रसिद्ध डॉक्‍टर ...Read More

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स्वतन्त्र सक्सेना की कहानियां - बद्री विशाल - 2

बद्री विशाल सबके हैं 2 कहानी स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना समीक्षा स्वतन्त्र सक्सेना एक परिपक्व और विचारशील रचनाकार हैं, वे निबन्ध लेखक और कहानीकार हैं। उनकी कहानी जमीन से जुड़ी रहती हैं जो रोचक और विश्वसनीय भी होती हैं। भाषा पर उनका असाधारण अधिकार है। जनवादी चेतना से लैस उनकी कहानियां पाठक को भीतर से स्पर्श करती हैं। वेदराम प्रजापति वे दो दिन –तीन दिन में हरिद्धार पहुंचे वहां सब लोग रूके गंगा स्‍नान किया ,मंदिर घूमे, सबने अपनी- अपनी श्रद्धानुसार आवश्‍यक पूजा पाठ किया। डा.अहमद दम्‍पति वहां अपने एक मित्र डाक्‍टर साहब से मिलने गए साथ में डा.माथुर साहब ...Read More

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स्वतन्त्र सक्सेना की कहानियां - बद्री विशाल - 3

बद्री विशाल सबके हैं 3 कहानी स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना समीक्षा स्वतन्त्र सक्सेना एक परिपक्व और विचारशील रचनाकार हैं, वे निबन्ध लेखक और कहानीकार हैं। उनकी कहानी जमीन से जुड़ी रहती हैं जो रोचक और विश्वसनीय भी होती हैं। भाषा पर उनका असाधारण अधिकार है। जनवादी चेतना से लैस उनकी कहानियां पाठक को भीतर से स्पर्श करती हैं। वेदराम प्रजापति मैं ग्‍वालियर में डा. अहमद का क्‍लास फेलो था इंटर में हम दोनो साथ साथ पढ़ते थे उनका मेडिकल में एडमीशन हो गया मैंने पुलिस में भर्ती का टेस्‍ट दिया मैं सिलेक्‍ट हो गया प्रशिक्षण में जाने को ही था ...Read More

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स्वतन्त्र सक्सेना की कहानियां - बद्री विशाल - 4 - अंतिम भाग

बद्री विशाल सबके हैं 4 कहानी स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना समीक्षा स्वतन्त्र सक्सेना एक परिपक्व और विचारशील रचनाकार हैं, वे निबन्ध लेखक और कहानीकार हैं। उनकी कहानी जमीन से जुड़ी रहती हैं जो रोचक और विश्वसनीय भी होती हैं। भाषा पर उनका असाधारण अधिकार है। जनवादी चेतना से लैस उनकी कहानियां पाठक को भीतर से स्पर्श करती हैं। वेदराम प्रजापति ’दूसरे दिन सब लोग तैयार हो गए। बुजुर्ग तो रूक गए। डा. अहमद दम्‍पति भी रूक गए ,पर माथुर साहब तैयार थे। नईमा ,धीरू ,माथुर साहब के बेटा बेटी, सब उत्‍साह में थे। पटेल साहब मना कर रहे थे ,कि ...Read More