गुम हूं तुम्हारे इश्क़ में

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एक लड़की आलथी - पालथी मारकर , टी - शर्ट और हैरम पहने , अपनी स्टडी डेस्क की चेयर पर बैठी , बेचैनी से अपने लैपटॉप की स्क्रीन को ताक रही थी । दूध से सफेद गोरे गाल , काली और बड़ी - बड़ी आखें , जो कि बड़ी - बड़ी पलकों से सुसज्जित थीं , बालों का एक क्लिप के सहारे जुड़ा बना हुआ , जिससे छूटकर बालों की लटें , कमरे में चल रहे पंखे की हवा से , बार - बार उसके कान के पीछे से निकलकर , गोरे गालों में आने के बाद उसे परेशान कर रहीं थी, जो कि लंबाई में काफी बड़ी थीं , जिससे अंदाजा लगाया जा सकता था , कि उस लड़की के बाल कितने बड़े होंगे । आखों के ऊपर , सलीके से सेट की हुईं आईब्रो । पतली सी नाक । होठ सुर्ख गुलाबी , और पतली सी गर्दन , जैसे कोई सुराही हो । कानो में पहने छोटी - छोटी सोने की बालियां , जो शायद उसने कई सालों से नहीं बदली थी ।

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गुम हूं तुम्हारे इश्क़ में - ( भाग - 1 )

एक लड़की आलथी - पालथी मारकर , टी - शर्ट और हैरम पहने , अपनी स्टडी डेस्क की चेयर बैठी , बेचैनी से अपने लैपटॉप की स्क्रीन को ताक रही थी । दूध से सफेद गोरे गाल , काली और बड़ी - बड़ी आखें , जो कि बड़ी - बड़ी पलकों से सुसज्जित थीं , बालों का एक क्लिप के सहारे जुड़ा बना हुआ , जिससे छूटकर बालों की लटें , कमरे में चल रहे पंखे की हवा से , बार - बार उसके कान के पीछे से निकलकर , गोरे गालों में आने के बाद उसे परेशान कर ...Read More

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गुम हूं तुम्हारे इश्क़ में - ( भाग - 2 )

सरिता जी ( मुंह बनाकर ) - तुम कभऊं नई सुधर सकती । तुमाओ जो पैसन खा ले के पनो कभऊ न जेहे...। ( अनुमेहा कुछ कहने को हुई , तो सुधा ने उसका हाथ दबा कर उसे पलकों से न का इशारा किया , तो अनुमेह चुप हो गई ) हम जा रहे , तुम भी तैयार होके जल्दी चली जइओ और समय से आ जइयो । इतना कहकर सरिता जी मुस्कुरा कर चली गई और अनुमेहा उनके जाते ही तुरंत सुधा से मुखातिब होते हुए बोली । अनुमेहा - क्यों रोका तुमने हमें...???? उन्हें इन चीजों को ...Read More

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गुम हूं तुम्हारे इश्क़ में - ( भाग - 3 )

श्रेयांश और प्रणय मोहन विलास पहुंचे । उन्होंने ऑटो वाले को पैसे दिए और मोहन विलास के सामने खड़े गए । प्रणय ने अपने फोन में चेक किया , उसी होटल का एड्रेस था जो उसने बुक किया था । दोनों ने बाहर से मोहन विलास देखा , नेट में डाली गई पिक से ज्यादा सुंदर अपने सामने देखने से वह लग रहा था । प्रणय ( होटल को बड़े ध्यान से देखते हुए ) - होटल तो काफी सुंदर लग रहा है यार । हां ...., छोटा जरूर है , लेकिन काफी अट्रेक्टिव है । श्रेयांश - हां...., ...Read More

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गुम हूं तुम्हारे इश्क़ में - ( भाग - 4 )

मौसम बरसात का था , हल्की - हल्की बारिश शुरू हो चुकी थी , जिसकी वजह से फर्श काफी था । अनुमेहा और सुधा अपनी बातों में मग्न चली जा रही थी और तभी तुलसी चौरे के पास , अनुमेहा एक व्यक्ति से इतनी जोर से टकराई , कि उसने दर्द से अपना कंधा पकड़ लिया और उस बेचारे व्यक्ति की तो हालत और भी खराब , बेचारा अनूमेहा से टकराया और फिर खुद संभल नहीं पाया और......, और वह फर्श में पड़े पानी की वजह से वही पर फिसलकर गिर गया । और बेचारे ने अपना सिर पकड़ ...Read More