आत्मकथ्य आज पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में आकर हमारा युवावर्ग दिग्भ्रमित होकर अपनी सभ्यता, संस्कृति और संस्कारों को भूलता जा रहा है। आज नारी को सिर्फ विषय भोग की वस्तु समझा जाने लगा है। आज की नारी भी इस प्रभाव से अछूती नही है और अपनी किसी परिस्थिति या प्रलोभनों के कारण अपनी मर्यादाओं को भी पार करने लगी है। इस पुस्तक में हमने इस कटु सत्य की प्रस्तुति करने का प्रयास किया है। इस कृति को बनाने में श्री जसपाल ओबेराय, श्री अंशुमान शुक्ला, श्री श्याम सुंदर जेठा एवं श्री देवेन्द्र राठौर का अमूल्य सहयोग प्राप्त होता रहा
Full Novel
92 गर्ल फ्रेंड्स - 1
आत्मकथ्य आज पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में आकर हमारा युवावर्ग दिग्भ्रमित होकर अपनी सभ्यता, संस्कृति और संस्कारों भूलता जा रहा है। आज नारी को सिर्फ विषय भोग की वस्तु समझा जाने लगा है। आज की नारी भी इस प्रभाव से अछूती नही है और अपनी किसी परिस्थिति या प्रलोभनों के कारण अपनी मर्यादाओं को भी पार करने लगी है। इस पुस्तक में हमने इस कटु सत्य की प्रस्तुति करने का प्रयास किया है। इस कृति को बनाने में श्री जसपाल ओबेराय, श्री अंशुमान शुक्ला, श्री श्याम सुंदर जेठा एवं श्री देवेन्द्र राठौर का अमूल्य सहयोग प्राप्त होता रहा ...Read More
92 गर्ल फ्रेंड्स - 2
इसी बीच गेस्ट हाउस के रसोइये ने आकर बताया कि साहब रात के 11 बज चुके हैं आप लोगो भोजन तैयार हैं। आप लोगों को रात में यही रूकना पडेगा क्योंकि बारिश की वजह से नदी उफान पर है और जाने वाले रास्ते पर भी पानी है। मैंने दो कमरे तैयार कर दिये हैं। आप लोग सुबह नाश्ता करके चले जाइयेगा तब तक पानी भी उतर जाएगा। हम लोगों ने भोजन किया जो कि बहुत ही स्वादिष्ट था। भोजन के उपरांत हम लोगों को नींद नही आ रही थी तो हम सभी कुर्सी लगाकर बाहर दालान में बैठ गये। ...Read More
92 गर्लफ्रेंड्स भाग ३
राकेश हस्त रेखा का विशेषज्ञ है और वह हाथों की रेखाएँ देखकर सब कुछ बता देता है। आनंद ने ही किया। अवंतिका ने आनंद से उसे अपने घर आने का अनुरोध किया। यह जानकारी प्राप्त होने पर मैं दो दिन तक ज्योतिष के संबंध में किताबों को पढ़कर तीसरे दिन आनंद के साथ उससे मुलाकात करने उसके घर पहुँच गया। उसने आदरपूर्वक हम लोगो को बैठाकर अंग्रेजी में बातें करना प्रारभ कर दिया। मैंने भी अंगेजी में ही उसे जवाब दे दिया। इससे वह समझ गयी कि वह किसी योग्य व्यक्ति से मिल रही है। अब उसने अपना हाथ ...Read More
92 गर्लफ्रेंड्स भाग ४
आनंद ने कहा कि आज के जमाने में रूपया ही सबसे महत्वपूर्ण हो गया है। मैं तुम दोनो को बात बताता हूँ कि तुम्हें विश्वास नही होगा परंतु यह पूर्णतः सत्य है। हमारे आफिस में एक विवाहित महिला संजना रिशेप्सनिस्ट के पद पर नियुक्त की गई। वह दिखने में बहुत आकर्षक एवं सुंदर थी। मेरा मन उसे देखकर डांवाडोल हो गया था। मैंने चुपचाप ही उससे मित्रता का बहुत प्रयास किया परंतु उसकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नही थी। एक दिन वह नयी स्कूटी खरीदने के लिए एडवांस की चाहत में अपना आवेदन लेकर मेरे पास आयी। उस दिन ...Read More
92 गर्लफ्रेंड्स भाग ५
आनंद कहता है कि मुझे एक लड़की नेहा नाम की मिली जिससे परिचय एक वकील ने कराया था वह केस के सिलसिले में उससे मिलने आती थी। एक दिन मैं एक रेस्टारेंट में दोपहर के भोजन के लिए बैठा हुआ था तभी वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ वहाँ पर आयी। मुझे देखकर उसने औपचारिकतावश नमस्कार किया मैंने भी उसे नमस्कार किया। मैंने उससे पूछा कि आप कैसी हैं? उसने यह कहते हुए कि वह ठीक है अपने परिवार के सदस्यों के मेरा परिचय करवाया। मैंने उन्हें अपने साथ ही बैठने का आमंत्रण दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर ...Read More
92 गर्लफ्रेंड्स भाग ६
गौरव ने आंनद से पूछा कि कहो तो एक और मजेदार घटना बता सकता हूँ। आनंद बोला जल्दी बताओ घटना ऐसी होनी चाहिए जिसमें हास्य और रोमांच दोनो हों। गौरव ने कहा कि बताता हूँ। यह बात पिछले साल की है मेरे घर पर एक बहुत सुंदर महिला आयी उसने अपना नाम नंदिता बताया, उसे देखकर मैंने अपनी माँ को कहा कि आपसे कोई मिलने आया है। माँ आयी और उन्होंने बताया कि इसे खाना बनाने के लिए रखा गया हैं। मैं उसे देखकर दंग रह गया। उसके द्वारा बनाया गया भोजन भी बहुत स्वादिष्ट था। मैं उसकी तारीफ ...Read More
92 गर्लफ्रेंड्स भाग ७
इसके बाद राकेश ने कहा कि अभी कुछ माह पहले ही मेरे पास रात में दस बजे के आसपास लडकी रमनदीप का फोन आया उसने कहा कि सर मैं बहुत तकलीफ में हूँ, मेरे पेट में तीन चार दिन से बहुत तकलीफ हो रही है। मै यही हास्टल में रहकर पढ़ाई कर रही हूँ और हम लोग सागर के रहने वाले है। मेरे परिवार में पिताजी अकेले है एवं बीमार होने के कारण तुरंत आने में असमर्थ है। मुझे मेरे पड़ोसी से आपके बारे में जानकारी प्राप्त हुई कि आप काफी मददगार व्यक्तित्व हैं। मैंने उसकी बात सुनकर उससे ...Read More
92 गर्लफ्रेंड्स भाग ८
उसकी कविता सुनकर और उसकी साहित्यिक अभिरूचि के लिए मैंने उसकी प्रशंसा करते हुए उसे प्रोत्साहित किया। एक दिन लोग शहर के एक प्रसिद्ध रेस्टारेंट में बैठे थे। राजलक्ष्मी ने चर्चा के दौरान बताया कि अगले माह उसे नर्सिंग ट्रेनिंग के विशेष प्रशिक्षण के लिए दुबई जाना है। उसे छः माह के इस प्रशिक्षण के बाद भविष्य में अच्छी नौकरी प्राप्त होने की संभावनायें बढ जायेंगी। मेहमूदा ने भी बताया कि अगले माह तक उसका भी स्थानांतरण होकर वह चली जायेगी। मैंने पूछा कि कहाँ जा रही हो तो वह बोली कि यह तो नौकरी है जहाँ स्थानांतरण होगा ...Read More
92 गर्लफ्रेंड्स भाग ९
अब राकेश ऐसा कोई भी मौका नही छोडता है कि जब मानसी को लगे कि वह अकेली है और उसके साथ नही है। धीरे धीरे समय बीतता है और मानसी के दिमाग में राकेश की चाहत के कारण बलात्कार के कारण बैठा हुआ डर धीरे धीरे समाप्त होने लगता है और उसका राकेश के प्रति प्रेम भाव जाग्रत हो जाता है। एक दिन राकेश मौका और समय देखकर उसको एकांत में बाहों में लेकर उसका चुंबन लेकर अपने प्यार का इजहार करता है। मानसी भी आँख बंद करके उसकी बाँहों में कसकर लिपट जाती है और उसके प्यार को ...Read More
92 गर्लफ्रेंड्स भाग १०
शाम का समय हो गया था मैंने अपनी स्काच की बाटल निकालकर उस लडकी से भी औपचारिकतावश सेवन के पूछा। उसकी सहमति के उपरांत मैंने दो पैग बनाए और एक उसे दे दिया। उसने बडी अदा के साथ वह पैग अपने हाथ में लिया और चीयर्स कहकर आँखों में आँखें डालकर मुस्कुराते हुए पीना शुरू किया। यह मेरी चीन की पहली यात्रा थी और मैंने बीजिंग में रूकने का इंतजाम नही करवाया था। उस लडकी ने मुझे बताया कि बीजिंग इतना व्यस्त शहर है कि वहाँ अच्छी होटलों में बिना बुकिंग के रूम मिलना बहुत मुश्किल है। यह कहकर ...Read More
92 गर्लफ्रेंड्स भाग ११
आनंद आगे कहता है कि दुनिया बडी रंगीन है परंतु इसको देखने के लिए धन की जरूरत होती है। एक घटना सुनाता है। एक दिन मैं घूमते घूमते विद्युत मंडल के परिसर में स्थित बाजार में पहुँच गया। वहाँ पर एक ब्यूटी पार्लर भी था जो पुरूष एवं महिला दोनो के लिए था। मैं भी कौतुहलवश अंदर गया। वहाँ पर मैंने देखा कि काऊंटर पर एक बहुत सुंदर लडकी बैठी हुई थी। उसने बडे प्रेम से पूछा कि मैं आपकी क्या सेवा कर सकती हूँ और उसने एक छपा हुआ पत्रक जिसमें उस पार्लर में उपलब्ध सेवाओं की जानकारी ...Read More
92 गर्लफ्रेंड्स भाग १२
आनंद और गौरव आपस में वार्तालाप करते हुए कहते है। हमने अपने अभी तक के जीवन में बहुत आनंद है और हमें अब इससे विरक्ति महसूस होने लगी है। जब पूर्ण संतुष्टि आ जाती है तो मन के भावों में परिवर्तन आने लगता है। पल्लवी और आरती के व्यवहार ने हमारे दिलों को बहुत ठेस पहुँचायी है। यदि हम अपने मन और हृदय में चिंतन करें तो यर्थाथ के धरातल पर उन दोनों का कहना सही है। उन दोनो ने हमें मझधार में छोड दिया इसी समय राकेश भी उन्हें खोजता हुआ आ जाता है और पूछता है कि ...Read More
92 गर्लफ्रेंड्स भाग १३
तीसरे वृतांत में आज की परिस्थितियों मे मित्र की पहचान होना बहुत आवश्यक है इसके संबंधित एक वृतांत परिवार केंद्र में आता हैं जो इस प्रकार है। रामप्रसाद नाम का एक संपन्न किसान था जिसके एक मात्र पुत्र हरिसिंह का विवाह रानी नाम की एक लडकी के साथ हुआ था। रामप्रसाद के देहांत के उपरांत हरिसिंह स्वतंत्र हो गया था उसके उपर किसी का भी जोर नही चलता था। धीरे धीरे गलत मित्रों की संगति के कारण पतन की राह पर बढने लगा और एक दिन जुए एवं अन्य व्यसनों के कारण उसकी सारी संपत्ति नष्ट हो गयी और ...Read More
अपरिपक्व प्रेम
अपरिपक्व प्रेम हरीश और रमेश जो कि मित्र थे। अरूणाचल प्रदेश अपने व्यापारिक कार्य हेतु गये थे वहाँ कि प्राकृतिक सुंदरता को देखकर वे बहुत उल्लासित थे और वहाँ के लोंगो की निर्मलता] सद्व्यवहार एवं सादगी से वे बहुत प्रभावित हुये। अरूणाचल प्रदेश एक विकासशील प्रदेश है जिसमें आवागमन के लिये सार्वजनिक साधनों की कमी के कारण छात्र छात्राओं को अपने स्कूल या कालेज जाने हेतु निजी वाहनों से अनुरोध करके किसी प्रकार आना जाना एक सामान्य प्रक्रिया है। हम लोग तवांग शहर से बोमबिला जा रहे थे तभी एक स्थान पर दो लडकियों ने हाथ ...Read More