"जरा सी देर हो जाएगी तो क्या होगा? घड़ी घड़ी ना उठाओ नजर घड़ी की तरफ।" पढ़ाई से जब भी वक्त मिलता मुग्धा यूं ही किताबों के पन्नों में खुद को समेट लेती थीं। कविताओं से कुछ ज्यादा ही लगाव जो था उसे। ट्रेन का सफर, कविताओं की पंक्तियां, और ऊपर से बारिश का मौसम। सब मुग्धा के इस शौख को आज और भी ज्यादा बढ़ावा दे रहे थे। मुग्धा राठौड़। गुजरात के वापी शहर की एक राजपूत लड़की। परिवार में प्यारी सी मम्मा है जो सुबह-शाम बस सबकी चिंता और उनके लिए खुशियां बटोरने में लगी
Full Novel
नज़र - एक रहस्यमई रात
"जरा सी देर हो जाएगी तो क्या होगा? घड़ी घड़ी ना उठाओ नजर घड़ी की तरफ।" पढ़ाई से जब वक्त मिलता मुग्धा यूं ही किताबों के पन्नों में खुद को समेट लेती थीं। कविताओं से कुछ ज्यादा ही लगाव जो था उसे। ट्रेन का सफर, कविताओं की पंक्तियां, और ऊपर से बारिश का मौसम। सब मुग्धा के इस शौख को आज और भी ज्यादा बढ़ावा दे रहे थे। मुग्धा राठौड़। गुजरात के वापी शहर की एक राजपूत लड़की। परिवार में प्यारी सी मम्मा है जो सुबह-शाम बस सबकी चिंता और उनके लिए खुशियां बटोरने में लगी ...Read More
नज़र - 2 - एक रहस्यमई रात
नया शहर, नया दिन, सुबह की खिली खिली धूप, आसमान में चह-चहाते हुए पंछियों की मधुर आवाज, और का पहला दिन। मुग्धा की खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था। " गौरी आंटी हम हॉस्पिटल के लिए निकल रहे हैं'- दरवाजा बंद करते हुए मुग्धा ने आवाज लगाकर आंटी को बताया। "अरे सुनो बच्चे ये तुम्हारा टिफिन लेकर जाओ मैंने रेडी कर दिया है और सुनो आज पहला दिन है और मुंबई शहर भी नया है तुम्हारे लिए तो आज तुम्हें वीर हॉस्पिटल छोड़ देगा"- गौरी आंटी ने टिफिन देते हुए ...Read More
नज़र - 3 - एक रहस्यमई रात
"बट सर हमने किया क्या है मतलब हम तो आज पहली बार आपसे यहां मिल रहे हैं फिर आप क्यों ?? हमसे कुछ गलती हो गई क्या सर?" मुग्धा को इस लहजे में में बात करते हुए देख डॉक्टर कश्यप के चेहरे के हाव-भाव ही बदल गए। "वेइट, हु आर यू? आई मीन व्होट व्होट्स योर नेम?"-डॉक्टर कश्यप ने कंफ्यूज होते हुए कहा। "हम्म् हमारा नाम मुग्धा है सर मुग्धा राठौड़"- कांपती आवाज में मुग्धा ने कहा। जिंदगीमें पहली बार किसी ने मुग्धा से ऐसे चिल्ला कर बात की होगी शायद.... उसका यूं डरना तो लाजमी था। ...Read More
नज़र - 4 - एक रहस्यमई रात
"किसका फोन आया था मुग्धा को कि उसके चेहरे के हाव-भाव ही बदल गए थे? अब तो जब वह पर आए तभी पता चला।"- मन में यह सब सोचते हुए वीर वही मुग्धा का इंतजार कर रहा होता है। रात के लगभग 8:00 बज गए मगर अब तक ना मुग्धा का कोई कॉल आया ना वह खुद। अब तो गौरी आंटी और गुलशन अंकल को भी उसकी चिंता होने लगी थी। गौरी आंटी मुग्धा को बार-बार कॉल लगा रही थी मगर उसका फोन लगी नहीं रहा था। "वीर तुम हॉस्पिटल एक बार देखकर आओ शायद वहां गई ...Read More
नज़र - 5 - एक रहस्यमई रात
चारों तरफ एक ही न्यूज़ थी हर अखबार हर न्यूज़ चैनल पर एक ही लाइन "R.V.K. हॉस्पिटल के के पास मिली युवती की लाश" न्यूज़ सुनकर डॉक्टर कश्यप सबसे पहले दौड़ कर हॉस्पिटल पहुंच जाते हैं। आसपास लोगों की भीड़... एंबुलेंस... पुलिस.... और ढेर सारे शोर के बीच वो अपने कदम धीरे धीरे कॉटेज की तरफ बढ़ा ही रहे थे, कि अचानक से उसे उन्हें किसी का धक्का लगा। वह सुधीर था। जल्दी से जल्दी वह सब भीड़ हटाकर बस वहां पहुंचना चाहता था कि कौन है वहां पर? किसकी ...Read More
नज़र - 6 - एक रहस्यमई रात
एक हंसती खिलखिलाती हुई लड़की मुग्धा जिसका कत्ल हुए आज 1 साल हो चुका था मगर आज तक उसका पकड़ा नहीं गया था।किसी से ना कोई दुश्मनी, ना किसी से कोई झगड़ा।अपने सपनों की और उड़ान भर्ती हुए एक प्यारी सी लड़की.... आखिर किसने किया था उसका कत्ल और क्यों आज तक कोई इस बात को समझ नहीं पाया था.... ठंड का मौसम है सुधीर अपने हाथ में चाय का कप लेकर मुग्धा की यादो में खोया हुआ है। आज 2 साल हो चुके थे उसे गये हुए मगर फिर भी सुधीर ...Read More