Luck by chance again !!

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कहते हैं किस्मत ऐसी चीज़ हैं जिसे हर रोज़ खुद ही लिखना पड़ता हैं, खुद की मेहनत से उसे अपने जीवन में लाना पड़ता हैं, यूँ कहे हमारा आज का किया हुआ कार्य कल किस्मत के रूप में हमारे सामने आता हैं, लेकिन कुछ लोगो के लिए किस्मत की परिभाषा कुछ इस तरह भी हैं, "जो कुछ भी होता है हमारे साथ अच्छा या बुरा हर वाक़या पहले से ही ठना हुआ है, वो ज़रूर होगा क्योंकि उसके बारे में एक बड़ी ताकत ने पहले से ही सोच कर रखा है जिस पर इंसानों का कोई ज़ोर नहीं चलता, खैर

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Luck by chance again !! - 1

कहते हैं किस्मत ऐसी चीज़ हैं जिसे हर रोज़ खुद ही लिखना पड़ता हैं, खुद की मेहनत से उसे जीवन में लाना पड़ता हैं, यूँ कहे हमारा आज का किया हुआ कार्य कल किस्मत के रूप में हमारे सामने आता हैं, लेकिन कुछ लोगो के लिए किस्मत की परिभाषा कुछ इस तरह भी हैं, "जो कुछ भी होता है हमारे साथ अच्छा या बुरा हर वाक़या पहले से ही ठना हुआ है, वो ज़रूर होगा क्योंकि उसके बारे में एक बड़ी ताकत ने पहले से ही सोच कर रखा है जिस पर इंसानों का कोई ज़ोर नहीं चलता, खैर ...Read More

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Luck by chance again !! - 2

गौरी दोपहर में बच्चो को पढ़ा कर वापस घर लौट रही थी, अनाथालय से उसका घर लगभग दो किलो की दूरी पर था, रास्ते में वो ध्रुव के साथ बिताये उन सारे पलों को याद करते हुए आ रही थी, और वो यह सब सोचने में इस कदर मशरूफ थी के सामने से आ रही गाड़ी की हॉर्न भी उसे सुनाई नहीं पड़ रही थी, गाड़ी का ड्राइवर उसके पैर के बिलकुल करीब आकर ब्रेक लगाता हैं, गौरी सामने से आते गाड़ी को अचानक से देखकर डर जाती हैं, उसके हाथ में जो किताबे थी वो सारी उसके हाथ ...Read More

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Luck by chance again !! - 3

राजवीर के पापा के गुज़र जाने के बाद उसके सबसे करीब कोई था तो वह था उसके पापा का महेश, महेश अंकल की बात को राजवीर कभी नहीं टालता था, गौरी को अपने लिए लकी मानना बहुत अटपटा था लेकिन राजवीर किसी भी तरह अपने कारोबार को बचाना चाहता था, महेश अंकल जानते थे राजवीर उसकी बात कभी नहीं टालेगा, उसने गौरी के बारे में पता लगाना शुरू कर दिया, एक दिन महेश अंकल ने अनाथालय के बच्चो के लिए एक प्रतियोगिता रखी जिसमे गौरी पढ़ाती थी, उस प्रतियोगिता का जज बनकर राजवीर को जाना था, राजवीर को जब ...Read More

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Luck by chance again !! - 4

प्रोग्राम ख़त्म होने के बाद गौरी घर चली गयी, उसके दिमाग़ में बार-बार राजवीर की वो स्पीच याद आ थी, उसको इस तरह खामोश देख कर ध्रुव उससे पूछता है-"गौरी किस ख्याल में डूबी हुई हो?""ध्रुव तुम कब आये, आओ बैठो, मैं कल के प्रतियोगिता के बारे में सोच रही थी, मीता को साथ नहीं लाये, उसे भी ले आते""वो अपने मॉम-डैड से बाते कर रही है......,गौरी वैसे तुम शादी कब कर रही हो""(मज़ाक करते हुए) बचपन में मुझे तो तुम अपने साथ लेकर जाने वाले थे, अब तुम तो किसी और के हो गए, देखती हूँ कोई ढंग ...Read More

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Luck by chance again !! - 5

बेला राजवीर की गर्लफ्रेंड थी, उसको जब पता चला राजवीर शादी कर रहा हैं तो वो फ़ौरन ऑस्ट्रेलिया से आ गयी, बेला जब घर के अंदर आती हैं तब राजवीर उस समय लंच कर रहा था, बेला-"बेबी......तुम कैसे कर सकते हो मेरे साथ ऐसा, हाउ कैन यू डू दिस" राजवीर -"बेला तुम यहाँ, बिना बताये कैसे.........आई मीन अचानक से........एंड व्हाट हैपेंड विथ यू" बेला-"व्हाट हैपेंड विथ मी........वो तो शुक्र हैं की मुझे पता लग गया वरना तुम तो मुझे कुछ बताने वाले नहीं थे" राजवीर-"बेबी बात क्या हैं......क्यूँ इतनी स्ट्रेस ले रही हो, कुछ बताओ तो" बेला-"तुम शादी कर ...Read More

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Luck by chance again !! - 6

(जिस तरह गौरी का घर शादी के माहौल में जगमगाया हुआ था वैसा राजवीर का घर बिलकुल ना था, गाड़ी से उतरते ही चारो तरफ नज़रे दौड़ाने लगी, घर के नौकरों के आलावा कोई रिश्तेदार नहीं लग रहा था, बारात से वापस लौटते समय ही बैंड-बाजे वाले चले गए थे, राजवीर के कहने पर घर के नौकर गौरी का सारा सामान गाड़ी से निकाल कर उसके कमरे में शिफ्ट करने लगे, गौरी मन ही मन सोचने लगी "शायद अमीर लोग ऐसे ही शादी करते हैं", एक औरत आयी वो गौरी को उसका कमरा दिखाने के लिए अपने साथ ले ...Read More

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Luck by chance again !! - 7

(राजवीर और बेला को एक साथ देख कर गौरी का दिल भर आया था, वह रात भर रोती रही अपने माँ-पापा को याद करती रही, उसे अभी तक समझ नहीं आया था आखिर राजवीर ने उससे शादी किया ही क्यूँ था जब की वो किसी और से प्यार करता हैं, वो इन सवालों में उलझकर कर रह गयी थी, समझ नहीं आ रहा था क्या करे लेकिन उसने यहाँ से जाने का मन बना लिया था, उसने रात को ही ध्रुव के नाम एक खत लिखा-"ध्रुव, आशा करती हूँ सब कुशल मंगल हैं, मेरे माँ-पापा का ख़्याल भी तुमने ...Read More