’’करवट बदलता भारत’’ 1 काव्य संकलन- वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ समर्पण— श्री सिद्ध गुरूदेव महाराज, जिनके आशीर्वाद से ही कमजोर करों को ताकत मिली, उन्हीं के श्री चरणों में शत्-शत नमन के साथ-सादर वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ काव्य यात्रा-- कविता कहानी या उपन्यास को चाहिए एक संवेदनशील चिंतन, जिसमें अभिव्यक्ति की अपनी निजता, जो जन-जीवन के बिल्कुल नजदीक हो, तथा देश, काल की परिधि को अपने में समाहित करते
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करवट बदलता भारत - 1
’’करवट बदलता भारत’’ 1 काव्य संकलन- वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ समर्पण— श्री सिद्ध गुरूदेव महाराज, जिनके आशीर्वाद से ही कमजोर करों को ताकत मिली, उन्हीं के श्री चरणों में शत्-शत नमन के साथ-सादर वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ काव्य यात्रा-- कविता कहानी या उपन्यास को चाहिए एक संवेदनशील चिंतन, जिसमें अभिव्यक्ति की अपनी निजता, जो जन-जीवन के बिल्कुल नजदीक हो, तथा देश, काल की परिधि को अपने में समाहित करते ...Read More
करवट बदलता भारत - 2
’’करवट बदलता भारत’’ 2 काव्य संकलन- वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ समर्पण— श्री सिद्ध गुरूदेव महाराज, जिनके आशीर्वाद से ही कमजोर करों को ताकत मिली, उन्हीं के श्री चरणों में शत्-शत् नमन के साथ-सादर वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ काव्य यात्रा-- कविता कहानी या उपन्यास को चाहिए एक संवेदनशील चिंतन, जिसमें अभिव्यक्ति की अपनी निजता, जो जन-जीवन के बिल्कुल नजदीक हो, तथा देश, काल की परिधि को अपने में समाहित करते हुए जिन्दगी के आस-पास बिखरी परिस्थितियों एवं विसंगतियों को उजागर करते हुए, अपनी एक नई धारा प्रवाहित करें- इन्हीं साधना स्वरों को अपने अंक में लिए, ...Read More
करवट बदलता भारत - 3
’’करवट बदलता भारत’’ 3 काव्य संकलन- वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ समर्पण— श्री सिद्ध गुरूदेव महाराज, जिनके आशीर्वाद से ही कमजोर करों को ताकत मिली, उन्हीं के श्री चरणों में शत्-शत् नमन के साथ-सादर वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ काव्य यात्रा-- कविता कहानी या उपन्यास को चाहिए एक संवेदनशील चिंतन, जिसमें अभिव्यक्ति की अपनी निजता, जो जन-जीवन के बिल्कुल नजदीक हो, तथा देश, काल की परिधि को अपने में समाहित करते हुए जिन्दगी के आस-पास बिखरी परिस्थितियों एवं विसंगतियों को उजागर करते हुए, अपनी एक नई धारा प्रवाहित करें- इन्हीं साधना स्वरों को अपने अंक ...Read More
करवट बदलता भारत - 4
’’करवट बदलता भारत’’ 4 काव्य संकलन- वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ समर्पण— श्री सिद्ध गुरूदेव महाराज, जिनके आशीर्वाद से ही कमजोर करों को ताकत मिली, उन्हीं के श्री चरणों में शत्-शत् नमन के साथ-सादर वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ काव्य यात्रा-- कविता कहानी या उपन्यास को चाहिए एक संवेदनशील चिंतन, जिसमें अभिव्यक्ति की अपनी निजता, जो जन-जीवन के बिल्कुल नजदीक हो, तथा देश, काल की परिधि को अपने में समाहित करते हुए जिन्दगी के आस-पास बिखरी परिस्थितियों एवं विसंगतियों को उजागर करते हुए, अपनी एक नई धारा प्रवाहित करें- इन्हीं साधना स्वरों को अपने अंक ...Read More
करवट बदलता भारत - 5
karavat badalta bharat ’’करवट बदलता भारत’’ 5 काव्य संकलन- वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ समर्पण— श्री सिद्ध गुरूदेव महाराज, जिनके आशीर्वाद से ही कमजोर करों को ताकत मिली, उन्हीं के श्री चरणों में शत्-शत् नमन के साथ-सादर वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ काव्य यात्रा-- कविता कहानी या उपन्यास को चाहिए एक संवेदनशील चिंतन, जिसमें अभिव्यक्ति की अपनी निजता, जो जन-जीवन के बिल्कुल नजदीक हो, तथा देश, काल की परिधि को अपने में समाहित करते हुए जिन्दगी के आस-पास बिखरी परिस्थितियों एवं विसंगतियों को उजागर करते हुए, अपनी एक नई धारा प्रवाहित करें- इन्हीं साधना स्वरों ...Read More
करवट बदलता भारत - 6
’’करवट बदलता भारत’’ 6 काव्य संकलन- वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ समर्पण— श्री सिद्ध गुरूदेव महाराज, जिनके आशीर्वाद से ही कमजोर करों को ताकत मिली, उन्हीं के श्री चरणों में शत्-शत् नमन के साथ-सादर वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ काव्य यात्रा-- कविता कहानी या उपन्यास को चाहिए एक संवेदनशील चिंतन, जिसमें अभिव्यक्ति की अपनी निजता, जो जन-जीवन के बिल्कुल नजदीक हो, तथा देश, काल की परिधि को अपने में समाहित करते हुए जिन्दगी के आस-पास बिखरी परिस्थितियों एवं विसंगतियों को उजागर करते हुए, अपनी एक नई धारा प्रवाहित करें- इन्हीं साधना ...Read More
करवट बदलता भारत - 7
’’करवट बदलता भारत’’ 7 काव्य संकलन- वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ समर्पण— श्री सिद्ध गुरूदेव महाराज, जिनके आशीर्वाद से ही कमजोर करों को ताकत मिली, उन्हीं के श्री चरणों में शत्-शत् नमन के साथ-सादर वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ काव्य यात्रा-- कविता कहानी या उपन्यास को चाहिए एक संवेदनशील चिंतन, जिसमें अभिव्यक्ति की अपनी निजता, जो जन-जीवन के बिल्कुल नजदीक हो, तथा देश, काल की परिधि को अपने में समाहित करते हुए जिन्दगी के आस-पास बिखरी परिस्थितियों एवं विसंगतियों को उजागर करते हुए, अपनी एक नई धारा प्रवाहित करें- इन्हीं साधना स्वरों को अपने अंक ...Read More
करवट बदलता भारत - 8
’’करवट बदलता भारत’’ 8 काव्य संकलन- वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ समर्पण— श्री सिद्ध गुरूदेव महाराज, जिनके आशीर्वाद से ही कमजोर करों को ताकत मिली, उन्हीं के श्री चरणों में शत्-शत् नमन के साथ-सादर वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ काव्य यात्रा-- कविता कहानी या उपन्यास को चाहिए एक संवेदनशील चिंतन, जिसमें अभिव्यक्ति की अपनी निजता, जो जन-जीवन के बिल्कुल नजदीक हो, तथा देश, काल की परिधि को अपने में समाहित करते हुए जिन्दगी के आस-पास बिखरी परिस्थितियों एवं विसंगतियों को उजागर करते हुए, अपनी एक नई धारा प्रवाहित करें- इन्हीं साधना स्वरों को अपने अंक ...Read More
करवट बदलता भारत - 9
’’करवट बदलता भारत’’ 9 काव्य संकलन- वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ समर्पण— श्री सिद्ध गुरूदेव महाराज, जिनके आशीर्वाद से ही कमजोर करों को ताकत मिली, उन्हीं के श्री चरणों में शत्-शत् नमन के साथ-सादर वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ काव्य यात्रा-- कविता कहानी या उपन्यास को चाहिए एक संवेदनशील चिंतन, जिसमें अभिव्यक्ति की अपनी निजता, जो जन-जीवन के बिल्कुल नजदीक हो, तथा देश, काल की परिधि को अपने में समाहित करते हुए जिन्दगी के आस-पास बिखरी परिस्थितियों एवं विसंगतियों को उजागर करते हुए, अपनी एक नई धारा प्रवाहित करें- इन्हीं साधना स्वरों को अपने अंक में ...Read More
करवट बदलता भारत - 10 - अंतिम भाग
’’करवट बदलता भारत’’ 10 काव्य संकलन- वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ समर्पण— श्री सिद्ध गुरूदेव महाराज, जिनके आशीर्वाद से ही कमजोर करों को ताकत मिली, उन्हीं के श्री चरणों में शत्-शत् नमन के साथ-सादर वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्त’’ काव्य यात्रा-- कविता कहानी या उपन्यास को चाहिए एक संवेदनशील चिंतन, जिसमें अभिव्यक्ति की अपनी निजता, जो जन-जीवन के बिल्कुल नजदीक हो, तथा देश, काल की परिधि को अपने में समाहित करते हुए जिन्दगी के आस-पास बिखरी परिस्थितियों एवं विसंगतियों को उजागर करते हुए, अपनी एक नई धारा प्रवाहित करें- इन्हीं साधना स्वरों को अपने अंक ...Read More