इंसानी जिंदगी धरती पर जब अपना पहला कदम, माँ की बाहों से उतर कर रखती है, तो उसकी पहली लड़खड़ाहट उसे ये एहसास करा देती कि आसान नहीं है, जिंदगी का सफर उसके लिए। पर संभलने का संघर्ष उसे ये भी अनुभव करा देता कि कोशिश ही एक ऐसा उपाय है, जिसके द्वारा वो सब कुछ हासिल कर सकता है, अपने शरीर के सभी सामूहिक प्रयास द्वारा। हक़ीक़क्त के दूसरे पहलू पर इस दौरान वो ध्यान नहीं दे पाता कि हर निकटतम सम्बंध, उसका लम्बा साथ नहीं दे सकता, एक दिन उसे अपनी क्षमताओं का विकास स्वयं ही करना पड़ता।
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जिंदगी के पहलू - 1
इंसानी जिंदगी धरती पर जब अपना पहला कदम, माँ की बाहों से उतर कर रखती है, तो उसकी पहली उसे ये एहसास करा देती कि आसान नहीं है, जिंदगी का सफर उसके लिए। पर संभलने का संघर्ष उसे ये भी अनुभव करा देता कि कोशिश ही एक ऐसा उपाय है, जिसके द्वारा वो सब कुछ हासिल कर सकता है, अपने शरीर के सभी सामूहिक प्रयास द्वारा। हक़ीक़क्त के दूसरे पहलू पर इस दौरान वो ध्यान नहीं दे पाता कि हर निकटतम सम्बंध, उसका लम्बा साथ नहीं दे सकता, एक दिन उसे अपनी क्षमताओं का विकास स्वयं ही करना पड़ता। इंसान ...Read More
जिंदगी के पहलू - 2 - प्रकृति, प्यार और इंसान
It seems to me that the natural world is the greatest source of excitement; the greatest source of visual the greatest source of intellectual interest. It is the greatest source of so much in life that makes life worth living." ***David Attenborough*** सही ही लगता है, प्रकृति, प्यार और इंसान, दुनिया की तीन बेशकीमती ताकते है। जिनके बिना इस संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती, जहां हम एक संक्षिप्त अवधि का जीवन अनेक तरह के अहसासों के साथ हर क्षण जीने का प्रयास करते है। इसी प्रयास को शायद हम जीवन भी कहते है। मानव का सबसे ...Read More
जिंदगी के पहलू - 3 - सत्य, मजबूत क्षमता का निर्माता
जीवन की खासियत, हमारी आंतरिक क्षमता होती है।एक मजबूत व्यक्तित्व के इंसान में ये क्षमता सिर्फ एक तत्व से है, और वो है सत्य के प्रति पूर्ण आस्था। निसंदेह, सच को ह्रदय से अपनाने वाले ही दुनिया में अमर होते है, इसका उदाहरण राजा हरिश्चंद्र भारत में ही पैदा हुए। जब कहीं और कभी सत्य का जिक्र होता, राजा हरिश्चंद्र का नाम स्वतः बिजली की तरह दिमाग मे आ जाता है।दुनिया में अगर कोई सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है, वह है "दूसरों के द्वारा बोले जाने वाला सत्य", यह एक तथ्य है, इससे इंकार करना शायद ही आसान ...Read More
जिंदगी के पहलू - 4 - खुश रहना भी कला है
शीर्षक: खुश रहना भी कला है। हम अपनी चर्चा हमारे देश के एक विद्वान सी. राजगोपालाचारी के इस कथन साथ शुरु करते है " Without wisdom in the heart, all learning is useless."। सी. राजगोपालचारी भारत में अंग्रेजों द्वारा मनोनीत अंतिम गर्वनर जनरल के साथ साथ एक विद्धवान लेखक, वकील और राजनेता भी थे। उनका उपरोक्त कथन आज के आधुनिक व शिक्षित वातावरण में काफी महत्वपूर्ण, जीवन दृष्टिकोण के प्रति इंगित करता नजर आ रहा है। आज शिक्षा का असर जीवन पर काफी देखा जा सकता है, परन्तु जीवन के प्रति सही चिंतन की कमी के साथ। इसके कई ...Read More
जिंदगी के पहलू - 5 - सही मानसिकता का निर्माण
आज जीवन गहन संकट काल से गुजर रहा है, मानव विक्षोभ के अंतर्गत बहुत प्रकार के तनाव का सामना रहा है। यह तो पूरा विश्व जहाँ एक तरफ करोना जैसी कई प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त हो रहा, दूसरी ओर प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहा, उससे मानव का मानसिक संतुलन प्रभावित हो रहा है।जिक्र जब वर्तमान का होता है, तो ज्यादातर यही कहते, समय काफी खराब चल रहा है। यह वो लोग ही कह सकते है, जो समय के अनुकूल अपना जीवन जीना नहीं जानते। समय की तासीर में शायद इस तरह की कोई भी गुणवता नहीं होती, ...Read More