श्री सुरेश पाण्डे सरस की कृति है। इस संग्रह की अधिकतर रचनायें (कवितायें) जिस धरती पर अंकुरित हुई हैं। उसे हम प्रेम की धरती कह सकते हैं यों भी कविता का विशेष कर ‘गीत’ का जन्म प्रेम की जमीन पर ही होता है, उस प्रेम का आधार कोई भी हो सकता है, क्यों कि बिना प्रेम के, बिना गहरे लगाव के कविता नहीं लिखी जा सकती, और कुछ भले ही लिख लिया जाय वैसे आज कविता के नाम पर सैकड़ों हजारों पंक्तियां लिखी जा रही हैं। अखबारों में छप भी रही हैं, पर पढ़ी जाती हैं कि नहीं मैं नहीं जानता। पर न तो वे पंक्तियां कविता होती हैं न उनके लिखने वाले कवि ‘हां बाद में वे कागज धनिया और हल्दी की पुडि़या बांधने के काम जरूर आ जाते हैं। डबरा की साहित्यिक गोष्ठियों में चाहे वे गोष्ठियां ‘मनीषा’ की हो या नवोदित कलाकार मण्डल की हों, दो नये लड़के अक्सर हमारा ध्यान अपनी ओर खींचते थे। वे लड़के थे। ‘श्री सुरेश पाण्डे सरस’ और ‘श्री ओमप्रकाश तिवारी’
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सुरेश पाण्डे सरस डबरा का काव्य संग्रह - 1
सुरेश पाण्डे डबरा का काव्य संग्रह 1 सरस प्रीत सुरेश पाण्डे सरस डबरा सम्पादकीय सुरेश पाण्डे सरस की कवितायें प्रेम की जमीन पर अंकुरित हुई हैं। कवि ने बड़ी ईमानदारी के साथ स्वीकार किया है। पर भुला पाता नहीं हूँ । मेरे दिन क्या मेरी रातें तेरा मुखड़ा तेरी बातें गीत जो तुझ पर लिखे वो गीत अब गाता नहीं हूँ अपनी मधुरतम भावनाओं ...Read More
सुरेश पाण्डे सरस डबरा का काव्य संग्रह - 2
सुरेश पाण्डे डबरा का काव्य संग्रह 2 सरस प्रीत सुरेश पाण्डे सरस डबरा सम्पादकीय सुरेश पाण्डे सरस की कवितायें प्रेम की जमीन पर अंकुरित हुई हैं। कवि ने बड़ी ईमानदारी के साथ स्वीकार किया है। पर भुला पाता नहीं हूँ । मेरे दिन क्या मेरी रातें तेरा मुखड़ा तेरी बातें गीत जो तुझ पर लिखे वो गीत अब गाता नहीं हूँ अपनी मधुरतम भावनाओं को छिन्न भिन्न देखकर कवि का हृदय कराह उठा। उसका भावुक मन पीड़ा से चीख उठा। वह उन पुरानी स्मृतियों को भुला नहीं ...Read More
सुरेश पाण्डे सरस डबरा का काव्य संग्रह - 3
सुरेश पाण्डे सरस डबरा का काव्य संग्रह 3 सरस प्रीत सुरेश पाण्डे सरस डबरा सम्पादकीय सुरेश पाण्डे सरस की कवितायें प्रेम की जमीन पर अंकुरित हुई हैं। कवि ने बड़ी ईमानदारी के साथ स्वीकार किया है। पर भुला पाता नहीं हूँ । मेरे दिन क्या मेरी रातें तेरा मुखड़ा तेरी बातें गीत जो तुझ पर लिखे वो गीत अब गाता नहीं हूँ अपनी मधुरतम भावनाओं को छिन्न भिन्न देखकर कवि का हृदय कराह उठा। उसका भावुक मन पीड़ा से चीख उठा। वह उन पुरानी स्मृतियों को भुला नहीं पाया ...Read More
सुरेश पाण्डे सरस डबरा का काव्य संग्रह - 4
सुरेश पाण्डे सरस डबरा का काव्य संग्रह 4 सरस प्रीत सुरेश पाण्डे सरस डबरा सम्पादकीय सुरेश पाण्डे सरस की कवितायें प्रेम की जमीन पर अंकुरित हुई हैं। कवि ने बड़ी ईमानदारी के साथ स्वीकार किया है। पर भुला पाता नहीं हूँ । मेरे दिन क्या मेरी रातें तेरा मुखड़ा तेरी बातें गीत जो तुझ पर लिखे वो गीत अब गाता नहीं हूँ अपनी मधुरतम भावनाओं को छिन्न भिन्न देखकर कवि का हृदय कराह उठा। उसका भावुक मन पीड़ा से चीख उठा। वह उन पुरानी स्मृतियों को भुला नहीं पाया ...Read More
सुरेश पाण्डे सरस डबरा का काव्य संग्रह - 5
सुरेश पाण्डे सरस डबरा का काव्य संग्रह 5 सरस प्रीत सुरेश पाण्डे सरस डबरा सम्पादकीय सुरेश पाण्डे सरस की कवितायें प्रेम की जमीन पर अंकुरित हुई हैं। कवि ने बड़ी ईमानदारी के साथ स्वीकार किया है। पर भुला पाता नहीं हूँ । मेरे दिन क्या मेरी रातें तेरा मुखड़ा तेरी बातें गीत जो तुझ पर लिखे वो गीत अब गाता नहीं हूँ अपनी मधुरतम भावनाओं को छिन्न भिन्न देखकर कवि का हृदय कराह उठा। उसका भावुक मन पीड़ा से चीख उठा। वह उन पुरानी स्मृतियों को भुला नहीं पाया ...Read More
सुरेश पाण्डे सरस डबरा का काव्य संग्रह - 6
सुरेश पाण्डे सरस डबरा का काव्य संग्रह 6 सरस प्रीत सुरेश पाण्डे सरस डबरा सम्पादकीय सुरेश पाण्डे सरस की कवितायें प्रेम की जमीन पर अंकुरित हुई हैं। कवि ने बड़ी ईमानदारी के साथ स्वीकार किया है। पर भुला पाता नहीं हूँ । मेरे दिन क्या मेरी रातें तेरा मुखड़ा तेरी बातें गीत जो तुझ पर लिखे वो गीत अब गाता नहीं हूँ अपनी मधुरतम भावनाओं को छिन्न भिन्न देखकर कवि का हृदय कराह उठा। उसका भावुक मन पीड़ा से चीख उठा। वह उन पुरानी स्मृतियों को भुला नहीं पाया ...Read More
सुरेश पाण्डे सरस डबरा का काव्य संग्रह - 7
सुरेश पाण्डे सरस डबरा का काव्य संग्रह 7 सरस प्रीत सुरेश पाण्डे सरस डबरा सम्पादकीय सुरेश पाण्डे सरस की कवितायें प्रेम की जमीन पर अंकुरित हुई हैं। कवि ने बड़ी ईमानदारी के साथ स्वीकार किया है। पर भुला पाता नहीं हूँ । मेरे दिन क्या मेरी रातें तेरा मुखड़ा तेरी बातें गीत जो तुझ पर लिखे वो गीत अब गाता नहीं हूँ अपनी मधुरतम भावनाओं को छिन्न भिन्न देखकर कवि का हृदय कराह उठा। उसका भावुक मन पीड़ा से चीख उठा। वह उन पुरानी स्मृतियों को भुला नहीं पाया ...Read More