बदलते रिश्ते

(18)
  • 38.2k
  • 3
  • 12k

बेटी को पराया धन माना जाता है।इसलिए बेटी के जवान होते ही माँ बाप को उसकी शादी की चिंता सताने लगती है।बेटी के हाथ पीले करने से पहले ही पिता इस दुनिया से चला जाये,तो माँ की चिंता और बढ़ जाती है।गृहणी बनकर जीवन काटने वाली औरत को बेटी के लिए वर की तलाश में घर से बाहर जाना ही पड़ता है।

Full Novel

1

बदलते रिश्ते (पार्ट 1)

बेटी को पराया धन माना जाता है।इसलिए बेटी के जवान होते ही माँ बाप को उसकी शादी की चिंता लगती है।बेटी के हाथ पीले करने से पहले ही पिता इस दुनिया से चला जाये,तो माँ की चिंता और बढ़ जाती है।गृहणी बनकर जीवन काटने वाली औरत को बेटी के लिए वर की तलाश में घर से बाहर जाना ही पड़ता है।बेटी की पढ़ाई पूरी होते हीी सालू को उसकी शादी की चिंता सताने लगी।उसने कई जगह बेटी के रिश्ते के लियेे बात चलाई।कई लड़के रश्मि को देखने के लििये भी आयेे। इतना बड़ा बंगला और चल अचल ...Read More

2

बदलते रिश्ते (पार्ट 2)

"किस तरह?". सालू की झिल सी गहरी आंखों में झांकते हुए महेश बोला,"तुम कहना क्या चाहती हो?""हमारे इस तरह छिपे मिलने पर लोग उंगली उठा सकते है।""तो फिर क्या करे?"महेश,सालू को निहारते हुए बोला।"क्यो न हम जीवन भर के लिए एक सूत्र में बंध जाए?""तुम्हारा मतलब शादी से है",सालू की बात का आशय समझ मे आने पर महेश बोला,"लेकिन यह कैसे संभव है।""सम्भव क्यो नही है।"महेश की बात सुनकर सालू बोली थी।"मेरे बारे में सब कुछ जानते हुए भी तुम पूछ रही हो।मेरी माँ घरों में काम करके जैसे तैसे पढ़ा रही है।जब तक मैं अपनी पढ़ाई करके नोकरी ...Read More

3

बदलते रिश्ते (पार्ट 3)

"नही सालू।मैं इतना स्वार्थी नही हूँ।सब कुछ जानते हुए मैं तुम्हे अभाव और दरिद्रता की जिंदगी जीने के लिए नही करूँगा।"महेेेश की ना सुनकर सालू रोती हुई चली गई। महेश कितना बेबस था। सालू को कोई भी लड़का पत्नी बनााकर अपने भाग्य पर इतरा सकता था।वह कितना मजबूर था।एक लड़की अपना हाथ उसके हाथ मे देने के लिए तैैयार थी।लेकिन वह मजबूर था। काश वह सालू को अपनी पत्नी बना पाता।सालू नही चाहती थी फिर भी उसका रिश्ता सुरेश से पक्का हो गया।शादी से पहले वह डबडबाई आंखे लिए उसके पास आई थी।"महेश मैं तुम्हारे बिना नही ...Read More

4

बदलते रिश्ते (अंतिम भाग)

""हां,"सालू दीर्घ निःस्वास छोड़ते हुए बोली,,"उसी प्यार का वास्ता देकर तुमसे कुछ मांगने आयी हूँ।""तुम्हारे लिए जान भी हाज़िर क्या मांगना है?""मेरे पति को मेरा तुमसे मिलना पसंद नही है,"सालू बोली,"तुम मुझे अपनी तो नही बना सके।लेकिन मेरे लिए इतना तो कर ही सकते हो ---"क्या?"सालू कहते हुए रुक गई तब महेश ने पूछा था।"भविष्य मे तुम मेरे से मिलने का प्रयास नही करोगे।अगर इत्तफाक से हमारा आमना सामना भी हो जाये तो अजनबी की तरह निकल जाओगे,"सालू अपनी बात कहते हुए रुओ पड़ी,"अगर तुमने ऐसा नही किया,तो मेरा दाम्पत्य जीवन तबाह हो जाएगा।""सालू तुम्हारी खुशी में ही मेरी ...Read More