इश्क़

(219)
  • 66.4k
  • 7
  • 26k

झमुरे के घर आज फिर एक किलकारी गूंजी उसके माथे पर चिंता की लंबी लकीर खींच गई। तभी अम्मा आ गयी। परेशान झमूरे की परेशानी अब उसके चेहरे पर साफ देखी जा सकती थी.. अम्मा आ कर उसके पास बैठे गयी। अम्मा की खामोशी झमुरे को और परेशान कर रही थी। तभी अम्मा बोल पड़ी.. लल्ला भगवान की मर्ज़ी पर आज तक किसी का बस कोनी चला। तु ऐसे परेशान मत हो। झमुरा समझ गया था। रतना ने फिर से एक छोरी को जनम दिया है। वो बिना कुछ बोले अपना गमचा और लाठी हाथ में ले कर घर से बाहर निकल गया उधर रतना अपने आप को कोस रही थी जाने किसकी नजर लग

Full Novel

1

इश्क़ - 1

ये कहानी है आरोही और निक्षांत की मोहब्बत की जिंदगी के हर बुरे दौर से गुजर कर भी दोनों मोहब्बत को निभाते है किस तरह बदलती दुनियाँ में भी दोनों एक दूसरे की प्रति समर्पित रहते है आरोही की जिंदगी की खाली जगह कैसे निक्षांत के आने से पूरी हो जाती है और वो ज़रा जरा मोहब्बत मे डूब जाती है ...Read More

2

इश्क़ - 2

ये कहानी है आरोही और निक्षांत की मोहब्बत कीजिंदगी के हर बुरे दौर से गुजर कर भी दोनों अपनी को निभाते हैकिस तरह बदलती दुनियाँ में भी दोनों एक दूसरे की प्रति समर्पित रहते हैआरोही की जिंदगी की खाली जगह कैसे निक्षांत के आने से पूरी हो जाती है और वो ज़रा जरा मोहब्बत मे डूब जाती हैPart-2झमुरा अपने आप को पूरी तरह अकेला कर देता हैउसे किसी भी चीज में अब दिलचस्पी नहीं रहतीआज वो अकेला खेत में बैठा हैअपने दो बैल के साथ खेत की जुताई में लगा हैआम तौर पर वो अपना काम जल्दी निपटा के ...Read More

3

इश्क़ - 3

ये कहानी है आरोही और निक्षांत की मोहब्बत कीजिंदगी के हर बुरे दौर से गुजर कर भी दोनों अपनी को निभाते हैकिस तरह बदलती दुनियाँ में भी दोनों एक दूसरे की प्रति समर्पित रहते हैआरोही की जिंदगी की खाली जगह कैसे निक्षांत के आने से पूरी हो जाती है और वो ज़रा जरा मोहब्बत मे डूब जाती हैPart 3 गाँव में रही आरोही 7 साल की हो गयीपढ़ाई में अव्वलमुख चंचल मन खामोशहर क्लास मै अपने भाई बहनो से अव्वल आती पर बाबा है की उसकी तरफ आज भी ध्यान नही देतेमन में दबे सवाल अब उसके मन मे ही ...Read More

4

इश्क़ - 4

"आरोही उठो बेटा तुम्हे स्कूल के लिए देर हो जायेगी""हाँ माँ बस उठ गयी आप खाना लगा दो"हे भगवान बार बोला है इस लड़की से रात को जल्दी सो जाया करे पर इसको तो पढाई से फुर्सत मिले तब तो सोयेकहते हुए जीवा अपने काम में लग जाती हैआरोही का आज नई स्कूल में पहला दिन हैपहले घर के पास स्कूल थी बस थोड़ा सा चल के स्कूल पहुँच जातेपर दसवी के बाद उसे नई स्कूल में दाखिला लेना पड़ाघर से स्कूल दूर थी तो जीवा ने आने जाने के लिए बस करवा दी थीइतने सालों मे आरोही जीवा ...Read More

5

इश्क़ - 5

ये कहानी है आरोही और निक्षांत की मोहब्बत कीजिंदगी के हर बुरे दौर से गुजर कर भी दोनों अपनी को निभाते हैकिस तरह बदलती दुनियाँ में भी दोनों एक दूसरे की प्रति समर्पित रहते हैआरोही की जिंदगी की खाली जगह कैसे निक्षांत के आने से पूरी हो जाती है और वो ज़रा जरा मोहब्बत मे डूब जाती हैPart 5आज आरोही का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा था वो चाहती थी की जल्दी से सुबह हो और वो उसे देख पायेसोचते सोचते आँख लग गयीऔर सुबह जीवा की आवाज़ से उसकी आँखे खुली आज एक आवाज़ में वो उठ के तैयार ...Read More

6

इश्क़ - 6

ये कहानी है आरोही और निक्षांत की मोहब्बत कीजिंदगी के हर बुरे दौर से गुजर कर भी दोनों अपनी को निभाते हैकिस तरह बदलती दुनियाँ में भी दोनों एक दूसरे की प्रति समर्पित रहते हैआरोही की जिंदगी की खाली जगह कैसे निक्षांत के आने से पूरी हो जाती है और वो ज़रा जरा मोहब्बत मे डूब जाती हैPart 6दो साल बीत गएआरोही का दाखिला कॉलेज में हो गया थाइन दो सालों में आरोही बहुत बदल चुकी थीकहने को तो वो बहुत चंचल दबंग खुशदिल लड़की थीपर उसने कभी अपने भीतर किसी को जगह नहीं दीबड़ी बहन बिछिया की शादी ...Read More

7

इश्क़ - 7

ये कहानी है आरोही और निक्षांत की मोहब्बत कीजिंदगी के हर बुरे दौर से गुजर कर भी दोनों अपनी को निभाते हैकिस तरह बदलती दुनियाँ में भी दोनों एक दूसरे की प्रति समर्पित रहते हैआरोही की जिंदगी की खाली जगह कैसे निक्षांत के आने से पूरी हो जाती है और वो ज़रा जरा मोहब्बत मे डूब जाती हैPart 7"आरोही जब मैने तुम्हे पहली बार देखा था नातभी मुझे लगा तुम मेरे लिए बहुत special होमें तुमसे सच में बहुत प्यार करता हुऔर ये कोई मज़ाक नही हैऔर हाँ तुम्हे अगर ये लगता है ना की मेरे बहुत सारी gf ...Read More

8

इश्क़ - 8

वो उसके पीछे पीछे रसोई तक जाता हैमुस्कुरा कर कहता है"भूल गया ना बाबा आज अपनी शादी की सालगिरह माफ भी कर दो""तुम ना निक्षांत हर बार भूल जाते हो"कहते हुए वो गुस्से में उसे देखती है"अब देखो ना मुझे तो बस तुम याद रहती होतो दूसरी चीज़े कहाँ से याद रहेगी ये भी तो सोचो""हाँ आप और आपके ये बहाने कभी खत्म नहीं होते""प्यार भी तो खत्म नहीं होता ना"कहते हुए वो आरोही को जोर से एक झप्पी देता हैआरोही अपना गुस्सा भूल के मुस्कुरा देती है"मम्मा आपकी और पापा की शादी तैसे हुई ? "उनकी 3 साल ...Read More

9

इश्क़ - 9 - अंतिम भाग

ये कहानी है आरोही और निक्षांत की मोहब्बत कीजिंदगी के हर बुरे दौर से गुजर कर भी दोनों अपनी को निभाते हैकिस तरह बदलती दुनियाँ में भी दोनों एक दूसरे की प्रति समर्पित रहते हैआरोही की जिंदगी की खाली जगह कैसे निक्षांत के आने से पूरी हो जाती है और वो ज़रा जरा मोहब्बत मे डूब जाती हैPart-9पंचो की मनमानी शिकायत मिलने पर मामले की जांच करने आये थेउसको देख कर सबकी आँखे फटी की फटी रह गयीवो कोई और नहीं निक्षांत था। अपनी कड़ी मेहनत के दम पर आज उसने BDO की नौकरी पा ली थी। झमुरे ने ...Read More