कौन होगा जिसने अपनी पूरी जिंदगी में भूत पिशाच के बारे मे सुना ही नहीं होगा??? बोहोत कम लोग! नहीं उंगलीयो पर गिने इतने भी मुश्किल से मिलेंगे। पर क्या हो अगर किसी का वजूद ही एक पिशाच के लिए तैयार किया गया हो?????? क्या आप ऐसे किसी को जानते है?????? जानना चाहेंगे ???? तो चलिए उसकी कहानी शुरू करते है जिसका जन्म उसे मारने के लिए हुआ था जिसने उसे जीवनदान दिया। वो अपने राज्य की सीमा पर खड़ा था। उसके आने की खबर से हर जगह खुशी सी छाई हुई थी, क्यो ना हो अब पूरी दुनिया में उनका
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अनोखी दुल्हन ( शुरुवात ) 1
कौन होगा जिसने अपनी पूरी जिंदगी में भूत पिशाच के बारे मे सुना ही नहीं होगा??? बोहोत कम लोग! उंगलीयो पर गिने इतने भी मुश्किल से मिलेंगे। पर क्या हो अगर किसी का वजूद ही एक पिशाच के लिए तैयार किया गया हो?????? क्या आप ऐसे किसी को जानते है?????? जानना चाहेंगे ???? तो चलिए उसकी कहानी शुरू करते है जिसका जन्म उसे मारने के लिए हुआ था जिसने उसे जीवनदान दिया। वो अपने राज्य की सीमा पर खड़ा था। उसके आने की खबर से हर जगह खुशी सी छाई हुई थी, क्यो ना हो अब पूरी दुनिया में उनका ...Read More
अनोखी दुल्हन ( शुरुवात ) - 2
उसने अपनी तलवार के साथ राज्य में कदम रखा। जो भी उसे रोकने आगे बढ़ा हर एक का सर शरीर से अलग था।महल में जुल्मी राजा अपनी पूरी सेना के साथ खड़ा था। उसका वजीर जहांगीर पाल वीर प्रताप को देख गुर्राया।" देख रहे हैं आप इस गद्दार को सिर्फ गद्दी कि लालच है। इसे आपकी आज्ञा से कोई मतलब नहीं। अगर ये जिंदा रहा तो कोई आपको राजा नहीं मानेगा। वो अपनी ताकद के बलबूते पर हर किसी को काबू कर रहा है। उसे अभी मार डालिए महाराज।" उसने ईस्तार के कानो मे कहां।उसका चेहरा बता रहा था, ...Read More
अनोखी दुल्हन - (वो आ गई) 3
केहते है, भगवान जब श्राप देते है। उसके साथ उस श्राप से बचने का रास्ता भी बताते है। एक एक लड़की आएगी उसकी दुल्हन बन कर, वो उस के सिने से तलवार निकालेगी, जिसके बाद वीर प्रताप का अनंत शापित पिशाची जीवन खत्म हो जाएगा। और.... और वो लड़की मे हू । हा हा हा। क्या आंटी। आप सच मे इन बातो पर यकीन करते हो आप पागल हो। सोनिया ने उस बूढ़ी औरत का मजाक बनाते हुए कहा। हा में पागल हू। समझदार तो वो था ना जिसने तुम्हारे पेट में बच्चा दे, तुम्हे छोड़ दिया। ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( बचपन ) 4
उसे अब इस दुनिया मे आए सात साल हो चुके है। मां इस जन्म दिन पर भी केक काटना है। मोमबत्ती बुझानी है। मुझे भी सब दोस्तो की तरह बड़ा जन्मदिन मनाना है। प्लीज। सात साल की जूही ने सोनिया का हाथ खिचते हुए कहा। मेरी मिठायोसे तंग आ गई बेटा। ठीक है, इस साल जैसा तुम चाहो वैसा जन्मदिन मनाएंगे। अब खुश। सोनिया ने उस के सर पर हाथ फिराते हुए कहा। शुक्रिया मां। वो देखो एक पिल्ला कितना प्यारा है। जूही एक दिशा मे भागी और पिल्ले को सहलाने लगी। पता नहीं तुम्हारी ...Read More
अनोखी दुल्हन - (वो नजर) 5
सच कहते है लोग वक्त हवा जैसा होता है। पल भर मे उड़ जाता है। आज सोनिया को इस से गए हुए दस साल हो चुके है। नन्ही सी जूही अपनी मां के जाने के बाद अपने मौसी के साथ चली गई उनके घर। तब से आज तक वो वही पर है। सुबह 5 बजे वो उठी नाहने के बाद स्कूल का यूनिफॉर्म पहना और सब के लिए नाश्ता बनाने लगी। नाश्ता तैयार होते ही उसने आवाज लगाई। नाश्ता तैयार है। दो औरते और एक मर्द आ जाओ। आपको नहीं लगता मां, ये बोहोत ज्यादा बोलती है। ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( वो नजर _२) 6
वो समंदर के किनारे हाथो मे केक पकड़े बैठी हुई थी। " हा जानती हु। मैंने कहा था की आपसे कुछ नही मांगुगी। पर अब मुझसे सब्र नहीं होता, आखिरकार कब आपको मेरी तकलीफ दिखाई नहीं देगी।" आसमान की तरफ देखते हुए जुहिने कहा। फिर अपनी जेब से माचिस निकाल उसने केक पर लगाई मोमबतिया जलाई। हाथ जोड़े आंखे बंद की और अपने पूरे दिल से भगवान को याद किया। " प्लीज़ मुझे बस तीन चीज़े चाहिए। एक अच्छी पार्ट टाइम जॉब, मौसी के घर से छुटकारा और एक प्रेमी। प्लीज मेरी दुवा कबूल कीजिए।" दूर कही गुलाब के खेतो ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( भरोसा _ १) 7
वो उसे कोई पागल आत्मा समझ कर भूल जाना चाहती थी। पर उसकी आंखो मे अलग चमक थी। आज वो जितनी आत्माओसे मिली थी, ये उनसे अलग था। " धोखेबाज कही का। मुझे उसका नंबर ले लेना चाहिए था। वो तभी वहा आया जब मैंने विश मांगी। चलो इस पर ना सही अब भगवान पर ही भरोसा कर लिया जाए।" जूही ने सोचा। दूसरे दिन सुबह सुबह वो तैयार हुई। उसने स्कूल का पूरा दिन उत्साह मे निकाल दिया। दोपहर को जैसे ही स्कूल छूटा, वो नौकरी की तलाश मे निकल गई। " हैलो मेरा नाम जूही है। में ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( भरोसा_ २) 8
" मेरे महाराज। आपने मुझे होटल मिलने क्यो बुलाया?" मि कपूर ने वहा पोहोचते ही पूछा।" काफी अकेला अकेला कर रहा था। सोचा क्यों ना इन इंसानों के साथ कुछ वक्त गुजारू।" वीर प्रताप।" मेरे महाराज। क्या आप से एक बात कहूं ? " मि कपूर।" हा। कहिए।" वीर प्रताप।" आप किसी से प्यार केे कोई संबंध क्यो नही बना लेते। यहा इतनी सारी औरते है। आप का अकेला पन कोई भी खुशी खुशी दूर कर देगी।" मि कपूर।" उस का कोई मतलब नहीं है। अपनी हजार साल की जिंदगी मे, कई औरतों से मिलने के बाद भी कोई ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( भरोसा _३) 9
" अब तुम मुझे डरा रही हो।" वीर प्रताप ने चौकते हुए कहा। जूही उसके करीब आई, " इसका मतलब है। तुम पिशाच हो। में तुमसे शादी करूंगी। ये हमारा पहला हनीमून है। I Love u।" वीर प्रताप बस उसे देखता रहा। उसे डर क्यो नही लगता ? क्या वो जान कर भी अंजान बन रही है ? लेकिन आखिर वो मेरे पीछे यहां आई कैसे ? अनगिनत सवाल उसके दिमाग मे घूम रहे थे। लेकिन ये सवालों का वक्त नहीं था। " में अभी तुम्हे वापस लेकर नही जा सकता इसीलिए अभी मेरे साथ चलो।" वीर प्रताप ने ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( कौन है वो ? १) 10
वीर प्रताप खड़ा हुवा, उसने पीछे मुडकर देखा। जूही दूर से उसे देख रही थी। वीर प्रताप के इशारा ही वो उसके पास आ गई। " मैने तुम्हे होटल में ही रूकने के लिए कहा था ना ? यहां क्या कर रही हो ?" वीर प्रताप ने पूछा।" वहा बोर हो गई, तो सोचा तुम्हे ढूंढ लू। तुम यहां बरसी मना ने आए थे ? " पास मे लगी कब्रों की ओर देख जूही ने कहा।" हा । आज वही दिन है, जब हर बार मैने पहचान बदली है।" वीर प्रताप।" हम्मम।" जूही उन कब्रों के सामने हाथ जोड़ कर ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( कौन है वो?_२) 11
" कमाल है। वो वो कर सकती है, जो एक यमदूत भी नही कर सकता।" वीर प्रताप ने कहा।" वो ? वो कौन ?" यमदूत।" आखिर कौन है वो ?" वीर प्रताप।" वो कौन ? क्या कर सकती है ? मुझे बताओ। किसने यमदूत को चैलेंज किया है ?" यमदूत ने वीर प्रताप के पास आते हुए कहा।" दिमाग खराब हो गया है क्या तुम्हारा। दूर रहो मुझसे । जानते हो ना कौन हू मे। एक पिशाच। भूतो का राजा।" वीर प्रताप ने चिढ़ते हुए कहा। " दूर रहो। पागल यमदूत।" वो अपने कमरे मे चला गया।यहां लाइब्रेरी मे, ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( कौन है वो??_३) 12
सोने की काफी असफल कोशिशों के बाद आखिरकार उसने एक निर्णय लिया। " आपकी जिज्ञासा आपको कभी सुकून नहीं सकती। इसी लिए उठो और जो तुम्हारा दिल चाहता है वो करो।" वीर प्रताप उठा, उसने कपड़े बदले अपने आप को आयने में निहारा और चल पड़ा अपने दिल के रास्ते। उसने दूर से उसे देखा, वो उस पहाड़ की निचली सीडी पर बैठ कुछ सोच रही थी। बार बार कैनेडा वाले उस ब्रोशर को देख रही थी। उसके चेहरे पर एक अजीब उदासी थी। " ऐसे उदास बिल्कुल अच्छी नहीं लगती हो। हस दो में तुम्हारे लिए यहां तक आया ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( मौत का सौदागर_१) 13
" क्या हुवा ? ये तुम्हारे कपड़े नही है। ओ.... तुम्हे इन कपड़ो की जरूरत नही है।" यमदूत ने कपड़ो की तरफ देखते हुए कहा। " क्या ये पिशाच अभी भी एक मर्द है ????" यमदूत वीर प्रताप की तरफ आगे बढ़ा। " अगर मुझे परेशान करोगे तो खुद भी परेशानियां सहने के लिए तैयार रहना।" वीर प्रताप अपने कमरे मे बिस्तर पर सिकुड़ा हुआ पड़ा था। तभी राज दरवाजा खोल उसके कमरे मे गया।" अंकल क्या हुवा ? आप बीमार है।" उसने पूछा।" राज। तुम आ गए।" वो अपने बिस्तर पर बैठ गया। "आओ । मुझे लगता है, अब ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( मौत का सौदागर_२) 14
आजका पुरा दिन बस खत्म होने ही वाला था। ८ बजने वाले थे, उसने अब तक वीर प्रताप को बुलाया था। यमदूत के जाने भर से ही हाथो मे किताब थामे वो उसके बुलावे का इंतजार कर रहा था। " क्या करू ? क्या करू?" वीर प्रताप ने सोचा। " रुको में भला उस लड़की का इंतजार क्यों कर रहा हूं??? कही इंसानों के साथ रहते रहते में पागल तो नहीं हो गया।" वो अपनी जगह से उठा और टहलने लगा ताकि वो जूही को अपने दिमाग से निकाल सके।अपने होटल की नौकरी खत्म कर जूही, एक बगीचे मे बैठी। ...Read More
अनोखी दुल्हन - (मौत का सौदागर_३) 15
वीर प्रताप जैसे ही घर पोहोचा, यमदुत उसका इंतजार कर रहा था।" तो वो अफवा सच है। क्या अब मुक्ति का वक्त पास आ गया है।" यमदूत।" ये वो नही है। वो मुझ में कुछ नही देख सकती।" वीर प्रताप।" शायद उसे तलवार दिखाने के लिए तुम्हे उसके सामने अपने पूरे कपड़े निकालने पड़े। पर अभी वो इस चीज के लिए बोहोत छोटी है।" यमदूत।" हा वो छोटी है। इसीलिए उसे अकेला छोड़ दो। अगर फिर मुझे उसके आस पास भी तुम दिखाई दिए तो याद रखना।" वीर प्रताप ने गुस्से भरी आखों से कहा।" अगर ये लड़की वो ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( असलियत_१) 16
अब तक तो उसकी नाराज़गी खत्म हो जानी चाहिए थी। आज चार दिन हो गए उसने अब तक मुझे बुलाया। क्या मैंने सच मे उसे बोहोत हर्ट कर दिया ????? जूही के बारे मे सोच सोच कर वीर प्रताप का बुरा हाल था। अपनी 900 साल की जिंदगी मैने उसके आने से पहले कैसे बिताई???? मुझे अब ये सब पसंद क्यो नही आ रहा???? उसका बदलता मिजाज घर मे तूफान को बुलावा से रहा था।" अंकल । अंकल । ये सब क्या है????? ये बादल । आपने इन्हे घर मे क्यो बुलाया है????" राज ने घर मे कदम रखते ...Read More
अनोखी दुल्हन - (असलियत_२) 17
सुनसान सड़क, एक गाड़ी जिसमे लड़की को किडनैप किया गया था। जंगल की तरफ पूरी रफ्तार से आगे बढ़ थी। जूही की आखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। तभी अचानक से गाड़ी चलाने वाले ने ब्रेक लगाया। " आ....." जूही।" A ... जिम्मी गाड़ी क्यों रोक दी?" जूही से पूछताछ कर रहे आदमी ने ड्राईवर से पूछा।" आगे रास्ते पर देख।" उसने जिझकते हुए कहा, मानो वो किसी अनजान चीज को देख डर गया हो। दूर से एक एक कर रास्ते की रोशनी बंद होने लगी थी। बंद होती रोशनी के पीछे दो आदमी चल रहे ...Read More
अनोखी दुल्हन - (असलियत_३) 18
जूही वही खड़ी हो गई, " अच्छा तो अब तुम मुझ पर चिल्लाने भी लगे हो?????" " अरे बात नहीं कर रहा था में । वो तो" वीर प्रताप आगे कुछ बोल पाए उस से पहले यमदूत बोल पड़ा।" बोहोत बुरी बात है। तुम्हे लड़कियों से बात करना सीखने की जरूरत है। " इतना कहकर यमदूत गायब हो गया।" मुझे बचाने यमदूत लाना तुम्हे याद रहा पर एक गाड़ी ले कर आना भूल गए????? नजाने कैसी जगह है ये पूरी सड़क पर एक गाड़ी नहीं है।" जूही ने चिल्लाते हुए कहा।" अरे मुझे कही आने जाने के लिए गाड़ी की ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( असलियत_४) 19
जूही की आंटी और उसके कसिन को रिर्जव बैंक से सोना चुरा कर बेचने के जुर्म मे पुलिस ने लिया। पुलिस स्टेशन मे जांच पड़ताल के दौरान उन लोगो को अपने नाम के अलावा और कुछ याद नहीं होने की वजह से चोरी और लूट के जुर्म की सजा मिली।दूसरी तरफ यमदूत हॉस्पिटल मे अपनी ड्यूटी कर रहा था। तब उसे उसके और दोस्त मिले।" आइए सर। कैसे है आप। बोहोत दिनो बाद।" उसके बैच के यमदूत ने पूछा।" हम्म काम कैसा चल रहा है ? ये दोनो कौन है?" यमदूत।" बैच २३ ग्रीम रीपर किम सर। बैच २३ ग्रीम ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( असलियत_५) 20
" अगर लंच करना है, तो इस तरफ आओ।" वीर प्रताप ने अपने पीछे आने वाली जूही से कहा। जूही को एक फाइव स्टार होटल ले गया। उसे अच्छे से उसकी पसंद का खाना खिलाया। " पेट भर गया?" वीर प्रताप।" हा। अब एक बूंद भी पेट में नही डाल सकती।" जुहिने अपनी जगह पर बैठे बैठे कहा।" अच्छा। अब बताओ, क्या दिख रहा है तुम्हे???" वीर प्रताप।" अच्छा। तो ये खाना, रिशवत था?" जूही ने गुस्से मे कहा। " एक पल के लिए मुझे सच मे लगा, की तुम मेरे साथ खाना खाना चाहते हो। " उसने अपनी आवाज मे ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( असलियत_६) 21
" वाउ। कितने कुल हो तुम।" जूही की कही बाते अभी भी वीर प्रताप के कानो मे गूंज रही अपने लिविंग रूम मे टहलते हुए। एक सुकूनभरी मुस्कुराहट के साथ वो कुछ पल थम गया। तभी राज ने घर मे एंट्री ली।" वाउ अंकल। आज तो आप काफी अच्छे मूड मे लग रहे है । स्माइली स्माइली। आंटी मिली थी क्या ???" राज ने मज़ाक करते हुए पूछा। " किस भाषा मे समझावु ? इस घर मे तुम्हारे लिए कोई जगह नही है। चले जाओ।" वीर प्रताप ने नकली गुस्सा दिखाते हुए कहा।" अरे में तो दूसरे अंकल से मिलने ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( असलियत_७) 22
उसके वहा से जाते ही जूही दौडके अपने कमरे मे गई। वहा एक टूटे हुए वाज मे वीर प्रताप दिए हुए फूल रखे थे। वो पूरी तरह से मुर्झा चुके थे। लेकिन वो फेंकने की चीज़ नही है। वो फूल बोहोत खास थे, है और हमेशा रहेंगे। क्यों ? क्योंकि वो उनकी पहली मुलाकात की याद जो है। जूही ने कुछ देर उन्हे देखा, शायद इतनी ज्यादा देर के उसके आंखो से पानी की कुछ बूंदें गिरी। क्या वो सच मे हमेशा के लिए चला जाएगा ??????? आज सुबह से ही वीर प्रताप ने अपना सामान बांधना शुरू कर दिया ...Read More
अनोखी दुल्हन - (असलियत_८) 23
वो अपने कमरे मे बैठ अभी भी उस पर्ची को घुरे जा रहा था। एक अंगुठी, एक पर्ची, उस लिखा नाम और नंबर। सनी ९८६७****** और होठों का वो निशान। यमदूत ने उस पर्ची को अपने होठों पर लगाया।कुछ वक्त पहले," चलो ठीक है। में इस अंगुठी के पैसे दूंगी और तुम अपनी रिसर्च के लिए उसे इस्तेमाल करोगे। कुछ दिन बाद जब तुम्हारा काम हो जाएं, मुझे वापस कर देना। डील।" उसने अपना हाथ आगे किया।" डील।" कहते हुए यमदूत ने दोनो हाथ जोड़ शुक्रिया जताया। सनी ने उसे वो अंगूठी दी और उस से फोन करने का वादा ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( असलियत_९) 24
" हा। ६० साल मे पहली बार.......... किसीने दरवाजे की घंटी बजाई है।" दोनो ने चौंकते हुए कहा। कौन हो सकता है ? मिस्टर कपूर और राज को पासवर्ड पता है। वो दोनो कभी घंटी नही बजाएंगे। ये कौन आया है?" वीर प्रताप ने यमदूत से कहा।" क्या हमे दरवाजा खोलना चाहिए ?" यमदूत।" बिल्कुल नही। एक काम करो दीवार से बाहर देखने की कोशिश करो। फिर हमे पता चलेगा कौन है ?" वीर प्रताप।" मेरे पास दीवार के आरपार देखने वाली ताकद नही है। " यमदूत ।" किस तरह के दूत हो तुम ? अगर दीवार के आरपार भी नही ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( असलियत १० ) 25
" तो क्यों ना में गुमशुदा आत्मा को अपने साथ ले जावू ? तुम भी छूट जाओगे और में यमदूत की बात पर आगे वीर प्रताप कुछ कह पाए तभी वापस दरवाजे की घंटी बजी।विर प्रताप घर के बाहर गया। " क्या हुआ ?" " तुम बताओ मुझे। क्या मैं अनोखी दुल्हन हूं या नहीं?" जूही ने पूछा।" हा । तुम हो।" वीर प्रताप ने गंभीर भाव लाते हुए कहा।" तो क्या अब मैं तुम्हारी नजरों में कीमती हूं ?" जूही एक आशा के साथ उसे देख रही थी।" हां तुम हो।" वीर प्रताप।" इसका मतलब अब तुम यहां से ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( तलाश_१) 26
मुझे तुम्हें पूछना था। क्या अब अनोखी दुल्हन होने की वजह से मुझे तुम्हारे साथ रहना होगा मतलब पता मेरी मासी कहां चली गई है उन्होंने अपना घर तक बेच दिया। मेरा सारा डिपॉजिट भी ले गई। अब मेरे पास रहने लायक कोई जगह नहीं है। तो क्या मैं तुम्हारे साथ रह सकती हूं ? जूही के सवाल को सुन यमदूत और वीर प्रताप दोनों फिर से चौक गए। बिल्कुल नहीं । यमदूत ने वीर प्रताप के पास आते हुए कहा। देखो। मैं एक 17 साल की कॉलेज स्टूडेंट हूं । जो जल्दी यूनिवर्सिटी में जाएगी। अपनी जिंदगी में ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( तलाश_२) 27
अब जूही को गुस्सा आ रहा था। " नहीं सुन सकता का क्या मतलब है? सफेद झूठ से क्या मतलब है? तुम्हें पता है मैंने कितनी कोशिश कि तुम्हारे बारे में ना सोचने की। हमेशा उस पत्ते को देखकर सोचा करती थी, इसे पत्ती के बारे में सोचो। सिर्फ कैनेडा के बारे में सोचो । जिस के साथ गई थी उसके बारे में बिल्कुल मत सोचो और अब तुम कह रहे हो कि यह सफेद झूठ ?" " मैंने अपने आप को कितना समझाया पता है। अगर तुम मेरे मन की बात समझ नहीं सकते तो उस दिन मेरे पास ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( तलाश_३) 28
" तुम्हारे पास लाइसेंस है क्या ?" जूही ने वीर प्रताप से पूछा।" जब मैं अपनी नई पहचान बनाता उसी के साथ सारे जरूरी दस्तावेज भी बना लेता हु। उसमें ड्राइविंग लाइसेंस भी आता है।" वीर प्रताप।" वैसे तुम्हारा नाम क्या है ?" जूही के इस सवाल को सुन वीर प्रताप ने गाड़ी रोक दी और उसे घूरने लगा। " अगर तुम नही बताना चाहते तो कोई परेशानी नहीं है। मैने सोचा मुझे जिसकी दुल्हन बनना है, उसका नाम तो कम से कम पता होना चाहिए। " " वीर प्रताप सिंग " उसने उसे देखते हुए जवाब दिया। " मैं ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( अकेलापन_१) 29
उस दिन के बाद वीर प्रताप को फिर जूही से मिलने की जरूरत नहीं लगी। उसे याद बहुत आती लेकिन उस याद का कोई मतलब नहीं था। वह जितना उससे दूर रहे, इसी में उन दोनों की भलाई थी। कुछ दिनों बाद राज उससे मिलने आया।" अंकल इतनी सारी गोलियों के साथ क्या कर रहे हैं आप?" राज ने डायनिंग टेबल पर बैठे हुए वीर प्रताप से पूछा। उसके सामने कई सारी दवाइयों की बोतलें खोल कर रखी हुई थी पानी के गिलास के साथ। " यह मेरी दवाइयां है सर दर्द के लिए बुखार के लिए वजन कम होने ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( अकेलापन_२) 30
एक वो थे, जो मिलकर भी मिल नहीं पाए और एक ये हैं जो साथ होकर भी रहना नहीं सनी भी कुछ गुमसुम सी रहने लगी थी। जब जूही ने उस से उदासी की वजह पूछी तो उसे जवाब में नया सवाल मिला। " मैं क्यों उदास हूं ?" एक झूठी हसी के साथ सनी ने नजरे घुमा ली। " क्या कभी तुम किसी ऐसे शक्श से मिली हो, जो तुम्हे देख रो पड़ा ? बताओ मुझे। क्या मैं इतनी बुरी दिखती हूं के किसीको मुझे देख रोना आए?" जूही ने सिर्फ ना में गर्दन हिलाई। " तो फिर क्यों ? उसने ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( छोड़ी हुई दुल्हन_१ ) 31
" तुमने मुझे बुलाया ?" वीर प्रताप ने पूछा।" हां। मुझे तुम्हे कुछ पूछना है ?" जूही ने आसूं रोकते हुए कहा। " और यहां से जाने के बारे में सोचना भी मत। ये सारी कैंडल मैंने तुम्हारे लिए जलाई है। तुम जितनी बार जाओगे तुम्हे वापस बुलाऊंगी। और तुम्हे आना पड़ेगा चाहे तुम्हारी मर्जी हो या नही।" जुहीने अपना पूरा कमरा कैंडल से सजा दिया था। वीर प्रताप ने एक नजर कमरे पे डाली। " बोहोत खूबसूरत सजाया है तुमने। इतने पैसे कहा से आए।" " राज ने सामान ला कर दिया।" जूही।" वो लड़का।" वीर प्रताप ने नकली गुस्सा ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( छोड़ी हुई दुल्हन_२) 32
राज गुस्से में वीर प्रताप के कमरे में गया। उसके हाथों में आज सुबह का अखबार था। उसने कमरे जाते ही खिड़कियों से पर्दे हटाएं और सूरज की किरणों का कमरे में स्वागत किया। टीवी का रिमोट ले, उसने लोकल न्यूज चैनल शुरू किए। अपने आस पास हलचल महसूस कर वीर प्रताप ने आंखे खोली। वो अपने बिस्तर पर सर पकड़ कर बैठा। " ये क्या नाटक है, सुबह सुबह तुम्हे मेरे कमरे में आने की इज्जाजत किसने दी ?" उसने गुस्से में राज से पूछा। " सुबह, आंखे अगर ठीक से खोलेंगे तो आपको पता चलेगा की दोपहर होने में ...Read More
मे और महाराज - ( अंत_२) 37
समायरा ने धीरे से आंखे खोली। उसने अपने आप को एक नर्म बिस्तर पर पाया। वो उठ कर बैठी, आस पास देखा। हर तरफ सिर्फ सफेद रंग के पर्दे लगे हुए थे। ‘ क्या मैं स्वर्ग में हूं ? ’ उसने सोचा और बिस्तर पर से उठी। जैसे ही उसने जमीन पर कदम रखा उसे पैर में दर्द महसूस हुवा। ‘ मरने के बाद भी दर्द होता है क्या ?’ उसने अपने नन्हें दिमाग पर ज़ोर डालने की कोशिश की लेकिन उसे कुछ सूझ नही रहा था। बड़ी कोशिश कर वो खड़ी तो रही, लेकिन जैसेही उसने कदम आगे बढ़ाया, ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( छोड़ी हुई दुल्हन_३) 33
भरी दोपहरी, जब सर पर सूरज देव तांडव कर रहे थे। ऐसी गर्मी में भी यमदूत को ठंडी हवाएं हो रही थी। वो एक चेहरा जो वो इतने दिनो से देखने के लिए तड़प रहा था। आखिरकार दिखा। यमदूत ने तुरंत एक मंत्र बोला और अपने आप को अदृश किया। माना वो सनी से मिलना चाहता था, लेकिन सनी उसके बारे में क्या सोचती है, ये उसे अब तक पता नहीं है।सनी को मानो अपने आस पास किसी के होने का एहसास हुआ हो। वो यमदूत के पास आकर रूकी। उसने अपने आस पास देखा। पर वहा कोई नही ...Read More
अनोखी दुल्हन - (एक घर ऐसा भी_१) 34
अपना सारा सामान बांध जूही वीर प्रताप के साथ गाड़ी में बैठ उसके घर पहुंची। बिल्कुल उसी वक्त यमदूत की थैली ले घर से बाहर आया। वह जूही को वीर प्रताप के साथ देख चौक गया। " यह यहां क्या कर रही है ?" उसने वीर प्रताप से पूछा। उसे देख जूही वीर प्रताप के पीछे छीप गई थी। वीर प्रताप ने जूही का हाथ पकड़ उसे अपने पास खड़ा किया। " आज से यह हमारे साथ यही रहेगी।" " क्या तुम एक इंसान को एक यमदूत के साथ रखना चाहते हो ? वह भी ऐसे इंसान को जिसे अभी जिंदा ही ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( एक घर ऐसा भी_२) 35
यमदूत के कमरे के दरवाजे के बाहर वीर प्रताप हाथ में तकिए लिए खड़ा था।" मैंने कभी तुम्हें यहां की इजाजत नहीं दी।" यमदूत ने अपने हाथ अपने सीने पर मोड़ते हुए कहा। " तुमसे इजाजत मांगी किसने है ? मैं इस घर का मालिक हूं। यह मेरा घर है मैं आज रात यही सोऊंगा।" वीर प्रताप ने ज़बाब तैयार रखा।" नहीं यह नहीं होगा " यमदूत अपनी जिद पर अड़ा हुआ था।" समझने की कोशिश करो वह जवान लड़की है। ऊपर से मेरी अनोखी दुल्हन। हम दोनों एक कमरे में एक साथ रात नहीं बिता सकते।" वीर प्रताप ने ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( एक घर ऐसा भी_३) 36
" तुम्हारा नाम क्या है ?" ए वहीं सवाल है, जिसके बाद यमदूत ने वहा रुकना जरूरी नहीं समझा। कर करता भी क्या ? यमदूत बनने के बाद उन्हें एक नंबर मिला था, कोई नाम नही। कोई सरनेम नही। सिर्फ एक नंबर। और अगर वीर प्रताप की माने तो यमदूत बनना ही उसके बुरे कर्मों की सजा है। सनी के पूछे उस सवाल के बाद वह किसी काम का बहाना दे वहां से निकल आया था। सनी हमेशा उसे एक नई उलझन में डाल देती है। पर फिर भी उसे उससे मिलना है। मिलना तो पड़ेगा ही यही उनकी ...Read More
अनोखी दुल्हन - (मुझे सुंदर बना दो_१) 37
राज जब लंच पर अपने मैनेजर से मिला, " सुनिए मैंने जिस बिल्डिंग को बेचने के बारे में कहा ना। वह ऑर्डर आप कैंसिल कर दें।" " फिक्र मत करो। मैंने तुम्हें कभी सीरियसली नहीं लिया।" मैनेजर ने राज की तरफ देखते हुए कहा। " मुझसे इस तरीके से बात कैसे कर सकते हैं आप ? भुलिएगा नहीं कपूर खानदान का इकलौता वारिस हूं मैं। कल आप को मेरे अंदर ही काम करना है।" राज ने अपनी गर्दन ऊंची करते हुए कहा।" फिलहाल तो मिस्टर कपूर ही मेरे मालिक है। जब तुम बनोगे, जिसके चांसेस काफी कम है। तब देखेंगे कि ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( बॉयफ्रेंड ) 38
" सुनो। तुम्हारा नाम वीर प्रताप है ? " यमदूत ने पिशाच से पूछा।" हां तो। तुमसे मतलब ? वीर प्रताप का मूड़ जूही की वजह से कुछ खास अच्छा नहीं था।" काफी अच्छा है।" यमदूत ने अपने जूस का गिलास खत्म किया और वह फिर से उदास होकर अपने कमरे में चला गया। " ऐ किन पागल लोगों के बीच में फस चुका हूं मैं। " वीर प्रताप ने अपने ही हाथों से अपने बाल नौचे।दूसरे दिन सुबह जूही वीर प्रताप को बताए बिना स्कूल चली गई। इस बात का सीधा साफ मतलब था। उसका गुस्सा अब तक शांत ...Read More
अनोखी दुल्हन - (भविष्य) 39
" इतना बड़ा हो गया है फिर भी अक्ल नहीं है। यमदूत वही खड़ा था। उसके सामने कैसे कह है कि, मेरा बॉयफ्रेंड है। पागल।" अपने कमरे के दरवाजे पर सर रख खड़ी जूही ने खुद से कहा।" अक्ल है या नहीं मुझ में ? ऐसा कैसे कह सकता हूं मैं सबके सामने ? वैसे देखा जाए तो मैंने गलत कहा। मैं उसका बॉयफ्रेंड नहीं हूं, पति हूं। क्या मुझे बाहर जाकर अपने आप को सही करना चाहिए ? नहीं नहीं। यह काफी मुश्किल है।" अपने कमरे के दरवाजे पर सर रख खड़े वीर प्रताप ने खुद से कहा।यमदूत ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( इतिहास ) 40
" तो आखिर में मैंने यही तय किया। तुम्हारे लिए मैंने वह फैसला लिया।" यह वह लब्ज़ थे जो प्रताप के मुंह से निकले। जब वह जूही को डिनर के लिए बाहर ले गया था।उस दिन से लेकर अगले दिन शाम तक वीर प्रताप अपने कमरे से बाहर नहीं निकला । वीर प्रताप ने जो कहा उसके बारे में सोच जूही बेचैन सी हो रही थी। अपनी बेचैनी को दूर करने के लिए। आखिरकार शाम के वक्त उसने वीर प्रताप के कमरे का दरवाजा खटखटाया। वीर प्रताप को पता था कि जूही दरवाजे के बाहर खड़ी है। फिर भी ...Read More
अनोखी दुल्हन - (साथ और साथी) 41
वीर प्रताप अपने कमरे में बैठा था।" अजीब है। या तो वह पागल है ? या तो मैं पागल रहा हूं ? मेरे साथ हंसती है। मेरे साथ रोती है। उसे फिक्र है मेरी। लेकिन जब कभी भी तलवार कर कर करता हूं। हमेशा मना कर देती है। और क्या कहा था उसमें मैं मेजर जो था इसलिए भावनाएं नहीं है। आर्मी में होना बुरी बात है क्या ? फिर मैं भी गवर्नमेंट सर्वेंट था। आज के जमाने में गवर्नमेंट जॉब मिलना कितनी बड़ी बात है।" वह कुर्सी पर से खड़ा हुआ। " प्रेसिडेंट यहां।" उसने हाथ पैर में ...Read More
अनोखी दुल्हन - ( साथ और साथी_२) 42
जूही उस दिन अपनी शिफ्ट खत्म करके घर आई। वीर प्रताप अपने लिविंग रूम में सोफे पर बैठ उसी बारे में सोच रहा था, जब उसने अचानक से दरवाजा खोला। एक पल के लिए वीर प्रताप डर गया। लेकिन उसने तुरंत अपनी हालत सुधारी। जुही उसके सामने आकर बैठ गई। वीर प्रताप ने उस पर ध्यान देना जरूरी नहीं समझा। उसकी हिचकिचाहट भांप जूही ने बात शुरू की। " हेल्लो कैसे हो तुम?" जूही ने पूछा।" अभी भी उतना ही बुरा हू जितना तुम कह कर गई थी।" वीर प्रताप का रुखा जवाब तैयार था। जूही को गुस्सा आ ...Read More