"मशहूर बिजनेसमैन गौतम रॉय की स्विमिंग पूल में डूबकर मौत : हत्या या आत्महत्या??" यह सवाल शहर के हर न्यूज़ चैनल में चल रहा था। गौतम रॉय शहर के नामी बिजनेसमैन थे, अपने परिवार के साथ वह शहर के पॉश एरिया में रहते थे। आज उनके बंगले के बाहर मीडिया कर्मियों की, आस-पड़ोस वालो की और उनके चाहने वालों की भीड़ लगी हुई थी।
Full Novel
गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 1
[मशहूर बिजनेसमैन गौतम रॉय के बंगले का दृश्य] "मशहूर बिजनेसमैन गौतम रॉय की स्विमिंग पूल में डूबकर मौत : या आत्महत्या??" यह सवाल शहर के हर न्यूज़ चैनल में चल रहा था। गौतम रॉय शहर के नामी बिजनेसमैन थे, अपने परिवार के साथ वह शहर के पॉश एरिया में रहते थे। आज उनके बंगले के बाहर मीडिया कर्मियों की, आस-पड़ोस वालो की और उनके चाहने वालों की भीड़ लगी हुई थी। रात का 1:00 बज चुका था। मीडिया वाले उनके आस-पड़ोस वालो और रिश्तेदारों का इंटरव्यू ले रहे थे और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा सनसनीखेज बनाने की ...Read More
गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 2
इंस्पेक्टर अजय इस केस की बारीकी से छानबीन करता है लेकिन अभी तक उसके हाथ ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे यह पता चले कि मिस्टर रॉय का खून हुआ था। अजय को भी लगने लगता है कि शायद मि. रॉय की डेथ नेचरल ही थी। रात को 10:00 बजने को आए थे। अजय अपने घर जाने की तैयारी करता है, तभी अचानक फॉरेंसिक डिपार्टमेंट से फोन आता है और एक चौकाने वाली खबर सामने आती है। फॉरेंसिक डिपार्टमेंटवाले उसे बताते है कि मि. रॉय के घर से जो हमें एनर्जी ड्रिंक्स मिले थे उनमें से एक ड्रिंक के ...Read More
गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 3
अजय को पूरी रात नींद नहीं आती है। वह बिस्तर पर करवट बदलते हुए सोचता है कि आखिर 2-2 की हत्या कौन कर सकता है? उससे किसी को क्या फायदा? अगली सुबह अजय जल्दी से तैयार होकर डायमंड मोल में बिग ब्लास्ट की शोप पर पहुंच जाता है। वहां पर वह बिग ब्लास्ट शॉप के ओनर मिस्टर रोबर्ट से मिलता है। मि. रोबर्ट को वह मिस्टर रॉय और मिस्टर चड्ढा के केस की पूरी जानकारी देता है और उनके कंपनी के एनर्जी ड्रिंक्स के बारे में पूछताछ करता है। रोबर्ट उन्हें बताता है कि "हमारे यहां कंपनी से सीधा ...Read More
गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 4
अजय रास्ते मे विक्रम का फोन ट्राई करता रहता है लेकिन विक्रम का फोन स्विच ऑफ आ रहा था। विक्रम के फोन नंबर को ट्रैकिंग मैं डाल देता है। अजय फॉरेंसिक लैब पहुंचता है और लैब के हेड मिस्टर जगदीश शर्मा से मिलता है। जगदीश शर्मा उसको इस केस की सारी रिपोर्ट डिटेल में समझाते हैं। "अजय तुम्हारी सोच सही थी। मि. रोय, मि. चड्ढा और हिरेन की मौत ड्रिंक्स में केमिकल मिलाने की वजह से हुई थी।" "शर्मा जी, इस केमिकल का नाम क्या है?" "इसका नाम Cube-C15 है, यह बड़ा ही खतरनाक केमिकल है।" "इससे आखिर होता ...Read More
गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 5
अजय पुलिस स्टेशन जाकर सबसे पहले विक्रम की फोटो हर पुलिस स्टेशन और साइबर सेल में भेज देता है। में, अजय अपनी कुर्सी पर बैठकर शांति से सोचता है कि यह साला विक्रम..आखिर चाहता क्या है?? तभी सब इंस्पेक्टर राणे हाथ में एक लिस्ट लिए केबिन में दाखिल होता है। राणे अजय से कहता है कि "सर!! विक्रम की last 2 महीने की call record आ गई है।""राणे!! तुमने call list check की?""हां!! सर!!""कोई खास बात??""लिस्ट में से 2-3 नाम हाथ आये है।""कौन है वो लोग?""एक तो डॉक्टर का बेटा जय जो एक्सीडेंट में मारा गया था।""ये डॉक्टर का ...Read More
गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 6
अजय, सब इंस्पेक्टर राणे और जगदीश शर्मा बाबूराव की साइट पर पहुंचते हैं। वहां पर साइट में काम करने लोगों की भीड़ जमा होती है। पुलिस कॉन्स्टेबल सबको वहां से हटाते है। अजय और जगदीश वर्मा बाबूराव की केबिन में के अंदर जाते हैं, वहां पर जाकर देखते तो बाबूराव मौत की नींद सो चुके थे। उसके टेबल पर कोल्डड्रिंक्स की दो बोतले रखी हुई थी, जिसमें से एक खाली थी।शर्माजी अजय की ओर देखकर बोलते है" इसका भी......"" हमममम... " अजय अपनी कैप उतारते हुए बोलता है।"शर्मा जी, आप इन बोतलों कॉ लेब में लेकर जाहिए, कातिल ने ...Read More
गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 7
अजय दौड़कर बंगले के अंदर गार्डन में पहुंचता है, वहां पर वकील साहब चाय की चुस्कियां ले रहे थे। चिल्लाकर बोलता है "बड़े पापा.........!!!' वकील साहब मुडकर अजय की ओर देखते है। "अपनी चाय टेबल पर रख दीजिए, बड़े पापा!" "क्यों? क्या हुआ भाई?" ऐसा कहकर वकील साहब चाय का कप टेबल पर रखते हैं और खुद कुर्सी से उठते हैं, तभी अचानक वो गिर पडते हैं। अजय दौड़कर उनके पास जाता है और उनको संभालता है। "बड़े पापा! क्या हुआ?" वकील साहब की सांसे तेज हो जाती है। वो कुछ बोलने की कोशिश करते है लेकिन बोल नहीं ...Read More
गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 8
थोड़ी देर बाद, अजय स्वस्थ होकर ईशान और प्रिया को संभालता है। अजय डॉक्टर से बातचीत करके वकील साहब लाश को फॉरेंसिक लैब में पोस्टमार्टम करने के लिए भेज देता है और अजय खुद फॉरेंसिक लैब के लिए निकलता है। वहां पर जाकर वह डॉक्टर शर्मा से बात करता है कि "शर्मा जी, इस बार विक्रम ने हद कर दी है, अब मैं उसको छोडूंगा नहीं।" शर्मा जी अजय को शांत करते हुए कहते है कि "अजय!!! मैं तुम्हारे जज्बातो को समझता हूं लेकिन अभी सीरियल किलर को पकड़ने के लिए हमें जल्दबाजी से नहीं, समझदारी से काम लेना ...Read More
गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 9
राणे घबराकर अजय और डॉ शर्मा से कहता है कि "सर!!! इंस्पेक्टर प्रताप सिंह यादव को हार्ट अटैक आया सब लोग उनको हॉस्पिटल लेकर गए है।" "Ohhh....No..... राणे,,,,, शर्मा जी,,, हमको तुरंत हॉस्पिटल जाना पड़ेगा।" अजय बेड से उठकर बोलता है। "लेकिन अजय तुम्हारी तबीयत.........." डॉक्टर शर्मा उनको रोकते हुए बोलते हैं। "मेरी तबीयत ठीक है, हमे जल्द से जल्द वहां पर पहुंचना होगा।" अजय अपने कपड़े पहनते हुए बोलता है। "राणे, तुम अपनी जीप निकालो।" "ठीक है सर!!!" ऐसा कहकर राणे ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग एरिया में जाता है। अजय अपने कपड़े पहनकर तैयार होता है और शर्मा ...Read More
गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 10
[शिमला का दृश्य] Winter की season चल रही थी। क्रिसमस का माहौल था। चारों ओर बर्फ की चादर फैल थी। ठंडी ठंडी हवाएं सरसराती हुई चल रही थी। जमीन और आसमान सफेद रंग में रंग चुके थे। बर्फ के पहाड़ों में से सूरज की रोशनी, माहौल को और खुशनुमा बना देती थी। जाड़े की ठंडी के बीच में शिमला मे सैलानियों का जैसे मेला लगा हुआ था। सैलानियों अपने अपने परिवारो के साथ इस खुशनुमा मौसम का मजा लूट रहे थे। इस सुहावने मौसम के सुबह की ठंडी के बीच में प्रिया, पूजा और Biker Gangs वाले सभी लोग ...Read More
गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 11
रात के 3:00 बजने को आए थे। प्रिया, मुस्कान, रोशनी और आलिया अपने कमरे में पूजा और लड़को का करते करते सो चुके थे। प्रिया ने अजय को फोन करने की कोशिश की थी लेकिन अजय का फोन स्विच ऑफ बता रहा था। प्रिया की आंख लग चुकी थी तभी ईशान का फोन आता है। ईशान प्रिया से पूछता है "प्रिया!!! पूजा आ गई वहां पर?" "नहीं ईशान!!! पूजा यहां पर नहीं आई है। तुम लोग कहां पर हो?" "हम सब अलग-अलग जगह पर पूजा को ढूंढ रहे हैं।" "मेरी बात सुनो ईशान!! रात बहुत हो गई है, तुम ...Read More
गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 12
[जंगल का दृश्य] शाम को 5:00 बजने को आये थे। Bikers Gangs वाले सुंकार और बैरान जंगल में दाखिल हैं। रणवीर Traveller की ड्राइविंग सीट पर था। अमन आगे की सीट पर बैठकर उसे guide कर रहा था। जंगल का रास्ता बहुत ही ऊबडखाबड़ वाला और पथरीला था। जंगल में चारो और पेड़ो की छांव की वजह से दिन में भी काली घटाएं छाई हुई थी। रास्ता बहुत खतरनाक, सुनसान और बिहड था, उस पर कभी-कभी जानवरों की आवाजें और चीखें सुनाई देती थी। पूजा और अनिरुद्ध के गायब हो जाने की वजह से सब लोग चिंतित और परेशान ...Read More
गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 13
जंगल के पथरीले रास्तो पर अनिरुद्ध और विक्रम को ढूंढने के लिए traveller चल रही थी। धीरे धीरे शाम पर जंगल का माहौल डरावना होने लगता है। सब लोग traveller में परेशान और दुविधा में थे कि अब आगे क्या करना है। [Waterfall का दृश्य] करीबन रात को 8:00 बजे सब लोग waterfall के पास पहुंच जाते हैं। waterfall के आसपास के वातावरण मे बिल्कुल सन्नाटा छाया हुआ था लेकिन waterfall के ऊपर से बरसते पानी की गूंज 1 km तक सुनाई देती थी। waterfall के झरणों के बीच पर्यटको के लिए एक पुल बनाया गया था, जहां पर पर्यटक ...Read More
गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 14
प्रिया, मुस्कान और ईशान निराश और हताश होकर जंगल से waterfall की तरफ लौटकर वापस आते हैं। अमन उन राह देखते हुए traveller के पास बैठा हुआ था। रात के 10:00 बजने को आए थे, सब लोग थक के चूर हो गए थे, सब लोग traveller के पास बैठे हुए अमन के पास पहुंचते हैं। उन तीनों को देखते हुए अमन पूछता है कि "क्या हुआ? कुछ पता चला तुम्हारी दोस्त का? और यह क्या? तुम तो चार लोग जंगल में गए थे ना? एक आदमी कम क्यों लग रहा है? क्या नाम था उसका?.......हमममम.... रेहान..... कहां है वो?" ...Read More
गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 15
ईशान धीरे धीरे अपनी आंखें खोलता है। अपने बदन में लगी हुई चोटो की वजह से उसको दर्द हो था और कमजोरी भी महसूस हो रही थी फिर भी वो अपने आसपास चारोंओर झांकने की कोशिश करता है। चारोंओर अंधेरा छाया हुआ था। दूर एक काच की खिड़की में से बाहर की रोशनी दिखाई दे रही थी। खिड़की से बाहर हल्की हल्की बर्फ गिर रही थी। ईशान को सबकुछ धुंधला धुंधला सा दिखाई दे रहा था। चारोंओर पुराना सामान और टूटी फूटी चीजवस्तुए पड़ी हुई थी इससे उसको अंदाजा हो जाता है कि वह किसी के घर का basement ...Read More
गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 16
नकाबपोश सोफे से उठकर, इधर-उधर घूमते हुए और अपने हाथ में खंजर घुमाते हुए अपनी कहानी की शुरुआत करता आज से लगभग 20 साल पहले की यह बात है। यहां पर इसी मकान में एक वैद्य रहता था जो सब बीमारियों का जंगल की जड़ी बूटियों से इलाज करता था। उसका नाम रमाकांत दीवान था, वह बहुत ही सज्जन और भला मानुष था। वह गरीबो, लाचार और बीमारों का इलाज करता था। बीमारों की सेवा करना ही उसकी जिंदगी का मकसद बन गया था। वह तन मन धन से उनकी सेवा में लगा रहता था। वह जंगल में जाकर ...Read More
गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 17
"अजय...........!!!" प्रिया अजय को देखकर जोर से चिल्लाती है। अजय को देखकर सबकी आंखों में खुशी की चमक और पर आशा की लहर दौड़ जाती है। अजय अपने चेहरे पर मुस्कान लाते हुए सबको निश्चिंत रहने का ईशारा करता है। नकाबपोश अभी भी जमीन पर बैठकर अपने हाथ को दुसरे हाथ से पकड़कर दर्द से कहरा रहा था। गोली उसके हाथ को छूकर निकल गई थी लेकिन उसके हाथ पर जख्म हो गया था और उसमें से खून निकल रहा था। अजय धीरे धीरे उसके पास जाता है और उसकी आंखों में आंखें डाल कर कहता है "एक गलती ...Read More
गुमनाम - मर्डर मिस्ट्री - 18
"इंस्पेक्टर अजय !!! आप अपनी रिवाल्वर वहीं जमीन पर रख दीजिए और अपने हाथ सिर के पीछे करके वहां ही खड़े रहिए।" पीछे से एक आवाज आती है और अजय मूडकर उस तरफ देखता है। "आपको दूसरे साथी की तलाश थी ना सर!!! वह यहां है। मेरे भाई ने सच कहा था उसका कोई भाई नहीं है क्योंकि रमाकांत दिवान की दूसरी संतान एक लड़की है और वो मैं हूं।" "आलिया............ तुम......?? तुम विक्रम की......?" "हां सर....!!! मैं हि विक्रम की बहन हूं, अब आप चुपचाप रिवाल्वर जमीन पर रख दीजिए।" अजय अपनी रिवाल्वर जमीन पर रखकर अपने हाथ ...Read More
गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 19
अजय कुर्सी से उठकर विक्रम और आलिया की ओर रिवाल्वर ताककर कहता है "तो फिर!! इन दोनों का आझाद ही देते है।" प्रिया चिल्लाकर अजय से कहती है "अजय!!! तुम क्या कर रहे हो?" सब लोग अजय के इस बर्तन को देखकर दंग रह जाते हैं। "प्रिया!! मैं सही कह रहा हूं अगर इन दोनों को आजाद करना है तो विक्रम और आलिया का नामो निशान मिटाना पड़ेगा।" "जीजाजी!! आपकी बातें हमारी समझ से बाहर है। कुछ समझ में आए ऐसा बोलिए।" "सब कुछ समझ में आ जाएगा तुम बस देखते जाओ।" यह कहकर अजय अपने दूसरे हाथ में ...Read More
गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 20 - अंतिम भाग
गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री का End लिखना एक बहुत ही बड़ा चैलेंजिंग वाला काम था। जिन जिन लोगों ने इस कहानी को पसंद किया है उन्हें मैं अपने तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। मेरी इस कहानी को ध्यान से पढ़ने के लिए, उन पर अपना रिव्यू देने के लिए, स्टीकर और कोईन से प्रोत्साहित करने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। आपका यही प्रोत्साहन मुझे और मजेदार कहानी लिखने के लिए प्रेरित करता है। उम्मीद करता हूं कि आपको मेरी आगे की कहानियां भी पसंद आएगी। Thank you very much for your support!!! ...Read More