क्या बचपन अब ज़िंदा है?

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क्या बचपन अब ज़िंदा है ? हमारी ज़िन्दगी की सबसे हसीन और ज़िन्दगी के सफर कि शुरुआत है बचपन । हम सबकी ज़िंदगी मे कुछ ना कुछ यादगार होगा किसी के बचपन कि बुरी कुछ अच्छी यादे जो हमे ज़िंदगी से जोड़े रखती है! लेकिन लगता है कि आजकल के बच्चों का 'बचपन' (भोलापन), 'पचपन' (जल्दी बड़े होने या हो जाने) के चक्कर में कहीं खो-सा गया है। इसका कारण तेजी से बदलता समय व माता-पिता की अपेक्षाएं हैं। अपनी उम्र से अनजान वो बच्चा खेलने की उम्र में खिलौने बेच रहा था। वो बच्चा मजबूर मज़दूर का है, उसका

Full Novel

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क्या बचपन अब ज़िंदा है? - 1

क्या बचपन अब ज़िंदा है ? हमारी ज़िन्दगी की सबसे हसीन और ज़िन्दगी के सफर कि शुरुआत है बचपन हम सबकी ज़िंदगी मे कुछ ना कुछ यादगार होगा किसी के बचपन कि बुरी कुछ अच्छी यादे जो हमे ज़िंदगी से जोड़े रखती है! लेकिन लगता है कि आजकल के बच्चों का 'बचपन' (भोलापन), 'बचपन' (जल्दी बड़े होने या हो जाने) के चक्कर में कहीं खो-सा गया है। इसका कारण तेजी से बदलता समय व माता-पिता की अपेक्षाएं हैं। अपनी उम्र से अनजान वो बच्चा खेलने की उम्र में खिलौने बेच रहा था। वो बच्चा मजबूर मज़दूर का है, उसका ...Read More

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क्या बचपन अब ज़िंदा है? - 2

अब तक आपने देखा एक युवक उस मासूम के पास आता है और उसकी ग़रीबी का वीडियो बनाता है उस मासूम का मजाक बना कर और उस का वीडियो बना के वोह चला जाता है ! वह मासूम सोचता है कि शायद यह भईया कुछ देते नहीं पर गुबारा ही खरीद लेते ! उसका दोस्त वहा आता है ! वाह तू तो हीरो हो गया कैसे हा फोटो तो उसका लिया जाता है जो हीरो हो अच्छा कैसे मे हुआ है मैने देखा है! उसे फिर वह दीदी दीदी कर के पास आता है ! दीदी यह खरीद लोना ...Read More

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क्या बचपन अब ज़िंदा है? - 3 - अंतिम भाग

बचपन जीना सबके नसीब में कहा ! कुछ बच्चे मनीष जैसे भी होते है जो बचपन को जी नहीं है ! अब तक आपने देखा मनीष को नई ज़िंदगी मिल जाती है उसे N.g.o ।मे पढ़ने और उसे संभालने की जिमेेदारी ! आज कल बच्चे अब बड़े होने चाहते हैं ! अब जैसे जैसे टेक्नोलोजी आगे बढ़ रही है वैसे वैसे सब मासूमियत जैसे कहीं गुम हो रही है! पहले फोन सिर्फ एक हुआ करता था और सब मिले के बात करते थे ! टीवी भी सब मिलके देखते थे अपने पसंदीदार प्रोग्राम ! रेडियो था जहां कहीं खबरे ...Read More