कोरोना - एक प्रेम कहानी

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अचानक से खिड़की की तरफ से आई बॉल के कारण टेबल पर रखा पानी का गिलास टूट जाता है। पास ही सोफे पर बैठी लिली, जो अपना प्रोजेक्ट बनाने में व्यस्त थी, गिलास के टूटने की आवाज सुनकर भौहें चढ़ाते हुए उठ खड़ी होती है और खिड़की से नीचे की तरफ झांकती है। खिड़की के ठीक नीचे कुछ लड़के हाथ में बैट लिए खड़े हुए थे। सभी की नजरें खिड़की पर सटी हुई थी। तभी लिली अपनी आंखें निकालती हुई बोल पड़ती है - "तुम लोग ये आंखे फाड़- फाड़ कर क्या देखे जा रहे हो। आज तुम्हें कोई बॉल नहीं मिलेगी।" "क्या यार लिली बॉल दे ना। तू हमेशा इतना गुस्सा क्यों करती है।"

Full Novel

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कोरोना - एक प्रेम कहानी - 1

भाग- 1 अचानक से खिड़की की तरफ से आई बॉल के कारण टेबल पर रखा पानी का गिलास टूट है। पास ही सोफे पर बैठी लिली, जो अपना प्रोजेक्ट बनाने में व्यस्त थी, गिलास के टूटने की आवाज सुनकर भौहें चढ़ाते हुए उठ खड़ी होती है और खिड़की से नीचे की तरफ झांकती है। खिड़की के ठीक नीचे कुछ लड़के हाथ में बैट लिए खड़े हुए थे। सभी की नजरें खिड़की पर सटी हुई थी। तभी लिली अपनी आंखें निकालती हुई बोल पड़ती है - "तुम लोग ये आंखे फाड़- फाड़ कर क्या देखे जा रहे हो। आज तुम्हें ...Read More

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कोरोना - एक प्रेम कहानी - 2

भाग - 2 नीचे लिविंग रूम में सोफे पर बैठे हुए शेखर कुमार अखबार पढ़ रहे थे। लिविंग रूम बगल में ही बने मंदिर में बैठकर दादी अपनी रामायण की चौपाइयाँ पढ़ रही थी। लिली सीढ़ियों से नीचे उतर कर आती है और शेखर कुमार के गले लगते हुए कहती है - "गुड मॉर्निंग पापा" पिता शेखर कुमार अखबार से ध्यान हटा कर उसे एक तरफ रख देते है और बेटी लिली को बड़े प्यार से अपने पास बिठा लेते है। पिता- पुत्री का यह तालमेल देखते ही बनता था। लिली पिता से पूछती है- "पापा अब आपकी तबीयत ...Read More

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कोरोना - एक प्रेम कहानी - 3

भाग-3 "भाई शेखर कुमार बेटी लिली की देखभाल ने बहुत अच्छा असर दिखाया है। तुम्हारी सारी रिपोर्टस पहले बहुत बेहतर है" - डॉक्टर त्रिपाठी फाइल में एक नजर डालते हुए बोलते है। "अरे वाह त्रिपाठी यह तो बहुत अच्छी खबर सुनाई तुमने। चलो अब उन रोज की कड़वी दवाइयों से छुटकारा मिलेगा" - शेखर कुमार एक लंबी सांस छोड़ते हुए बोलते है। " अरे यह क्या बात हुई भला शेखर कुमार तुम तो ऐसे कह रहे हो जैसे दवाई, दवाई ना हुई कोई गले का फंदा हो गई। रिपोर्ट नॉर्मल आई तो क्या दवाई लेना छोड़ ...Read More

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कोरोना - एक प्रेम कहानी - 4

भाग- 4 सहसा पीछे से आई आवाज सुन कर लिली के कदम चलते- चलते रुक जाते है। उसकी आंखों एक नई चमक आ जाती है। पता नहीं क्यों जब भी लिली अनुराग का नाम सुनती है, तो एक पल वहीं ठहर जाने को मन करता है।अनुराग के साथ बिताई यादें आज भी लिली के मन में कहीं ना कहीं जिंदा है। और समय-समय पर हिलोरे खाने लगती है। जब भी अनुराग का नाम जेहन में आता है, तो मन में आशा जगती है कि शायद अनुराग यहीं कहीं आस-पास हो। बस सिर्फ एक बार वह उससे मिल पाए, तो ...Read More

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कोरोना - एक प्रेम कहानी - 5

भाग - 5 अगली सुबह सूर्य देव परदो की ओट से झांकने लगते है। सूर्य की एक रंगीन किरण के बीच से अपना रास्ता बनाते हुए लिली के मुख पर अपना प्रकाश बिखेरती है। तो लिली को भोर होने का आभास हो जाता है। वह सामने दीवार पर लगी राधा-कृष्ण की छवि को नमस्कार करते हुए बिस्तर से उठ खड़ी होती है और खिड़की की तरफ अपने कदम बढ़ाती है। लिली खिड़की से पर्दों को साइड में करती है और खिड़की से नीचे की तरफ अपनी दृष्टि फेरती है। जहाँ नीचे गली में रोज लोगों की चहलकदमी नजर आती ...Read More

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कोरोना - एक प्रेम कहानी - 6

भाग- 6 गली एकदम सुनसान थी। दूर-दूर तक कोई इंसान नहीं दिखाई पड़ रहा था। दिख रहे थे तो ईट की बुनियाद पर खड़े हुए मकान। सभी लोग अपने- अपने घरों में कैद परिवार वालों के साथ अपनी खुशियाँ बटोरने में लगे हुए थे। लेकिन सड़क पर घूम रहे बेजुबान अपने उदर में लगी भूख की अग्नि को शांत करने के लिए भोजन की खोज में यहाँ -वहाँ भटक रहे थे। कोरोना के लॉक डाउन का यह दिन इन बेजुबानो के लिए किसी त्रासदी से कम नहीं था। गली से थोड़ा बाहर आते ही इन बेजुबान जीवो के अलसाए ...Read More

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कोरोना - एक प्रेम कहानी - 7

भाग - 7 पिता शेखर कुमार की तबीयत को लेकर लिली का मन अनेक आशंकाओं से घिरा हुआ था। वाली कोरोना रिपोर्ट में आखिर क्या लिखा आने वाला था, अगर पापा की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो उन्हें कितनी परेशानी उठानी पड़ सकती है। लिली के मस्तिष्क में इस तरह के अनेकों विचारों की आंधी चल रही थी। लेकिन तभी नीचे से आई एंबुलेंस की आवाज सुनकर लिली खिड़की से झांकती हैं, तो उसे एंबुलेंस घर के सामने रुकती हुई नजर आती है। कुछ पुलिस प्रशासक के लोग उसे नीचे खड़े हुए दिखाई देते है । यह देख कर ...Read More

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कोरोना - एक प्रेम कहानी - 8

भाग- 8 बंद कमरे में बेड पर लेटी लिली ने अपनी नजरें सामने दीवार पर सटाई हुई थी।कोरोना के शरीर में बिल्कुल भी जान नहीं थी। कोरोना के ये दिन लिली के लिए बहुत कष्ट दायक साबित हो रहे थे। वह चाहकर भी अपने परिवार वालों से नहीं मिल पा रही थी। दूसरी तरफ पिता शेखर कुमार को भी कोविड हो जाने के कारण उनकी चिंता भी लिली को मन ही मन सता रही थी। तभी पीपीई किट पहने डॉक्टर अंदर कमरे में प्रवेश करते है, तो लिली अपनी आंखें दरवाजे की तरफ फेर लेती है। साथ में आई ...Read More

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कोरोना - एक प्रेम कहानी - 9

भाग-9 "कांग्रेचुलेशन, लिली तुम्हारी पहली कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है। तुम्हारे लिए तो आज दोहरी खुशी का मौका है क्योंकि एक तरफ शेखर अंकल की कोरोना रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है और अब तुम्हारी रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। तुम्हारा और अंकल का रिकवरी रेट काफी अच्छा है। चौबीस घंटे बाद तुम्हारा दूसरा कोरोना टेस्ट होगा और यदि उसमें भी रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है ,तो तुम्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।" अनुराग आज पहले से काफी अच्छे तरीके से लिली के सामने पेश आते हुए कहता है। लिली अनुराग को अपलक निहारे जा रही थी। उसके दिल ...Read More

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कोरोना - एक प्रेम कहानी - 10 - अंतिम भाग

भाग-- 10 शेखर बाबू अभी हॉस्पिटल से फोन आया था लिली की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है। वह देर में घर आती ही होगी। कंचन दरवाजे के पीछे से ही शेखर कुमार को बताती है। हाँ कंचन लिली का कमरा साफ कर देना। उसके जरूरत का सामान उसके आने से पहले ही कमरे में रख दो। मेरी तरह डॉक्टर ने उसे भी सात दिन के सेल्फ आइसोलेशन के लिए कहा होगा इसीलिए। - शेखर कुमार अंदर से ही बोलते है। जी शेखर बाबू वैसे तो मैंने उसके जरूरत का सामान रख दिया है, लेकिन एक बार फिर से चेक ...Read More