नशे से बोझिल नंदिनी की आंखों में थोड़ी चैतन्यता नज़र आने लगी। फाइव स्टार होटल के बार में बैठी नंदिनी के कानों में गीत संगीत की स्वर लहरियां धीरे धीरे गूंजने लगी-तेरे वादे की आस पलती रही,कोई शै दिल को यूं ही छलती रही।बेकरारी में कटी शामो- सहर-रात उम्मीद लिए ढलती रही।अपने होंठों पर कभी ला न सके,बात आंखों में ही मचलती रही।कभी गुलशन, कभी सहरा सी लगी,जिंदगी कितने रंग बदलती रही।कोई आहट सी आसपास रही, कोई रूह साथ साथ चलती रही।फिर सजी महफ़िल दीवानों की-फिर सरे शाम शमा जलती रही।नंदिनी ने अपने हाथ में जाम
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एलओसी- लव अपोज क्राइम - 1
नशे से बोझिल नंदिनी की आंखों में थोड़ी चैतन्यता नज़र आने लगी। फाइव स्टार होटल के बार में बैठी के कानों में गीत संगीत की स्वर लहरियां धीरे धीरे गूंजने लगी-तेरे वादे की आस पलती रही,कोई शै दिल को यूं ही छलती रही।बेकरारी में कटी शामो- सहर-रात उम्मीद लिए ढलती रही।अपने होंठों पर कभी ला न सके,बात आंखों में ही मचलती रही।कभी गुलशन, कभी सहरा सी लगी,जिंदगी कितने रंग बदलती रही।कोई आहट सी आसपास रही, कोई रूह साथ साथ चलती रही।फिर सजी महफ़िल दीवानों की-फिर सरे शाम शमा जलती रही।नंदिनी ने अपने हाथ में जाम ...Read More
एलओसी- लव अपोज क्राइम - 2
" दीदी, आज सुबह....!"दीपक कुछ और बोलता कि इतने में नंदिनी के मोबाइल की घण्टी बज उठी।" दीपक, एक कॉल है। मैं बात करके आती हूँ। तब तक तुम इसे खाओ।" यह कहकर नंदिनी ने फल व ड्राईफ्रूट की प्लेट उसकी तरफ बढ़ा दी।" ठीक है दीदी। आप बात करके आओ। मैं आपका इंतजार करता हूं।""ओके, भाई।" नंदिनी ने दीपक के सर पर प्यार से हाथ रखा और कमरे से बाहर निकलकर वह बालकनी पहुंची।" हां, नितिन! बोलो। कुछ पता चला उसका? कहां है वो?"" नंदिनी, हर जगह खोजा। उसके गांव भी। पर कोई पता नहीं चला। सिर्फ इतना ...Read More
एलओसी- लव अपोज क्राइम - 3
नंदिनी ने कभी सोचा ही नहीं था कि अभिनव उसे इस तरह छोड़कर चला जाएगा। वो अभिनव से बहुत करती थी। अभिनव पर बहुत भरोसा था उसे। अपने से ज्यादा। सूरज, चांद, तारों, प्रकृति, धरती, अम्बर, कायनात से ज्यादा भरोसा। पर उसे तनिक भी अंदाजा नहीं था कि अभिनव उससे अचानक मुंह मोड़ कर बेगाना बन जाएगा। बहुत फोन किया नंदिनी ने अभिनव को। इतनी बार किया कि उसकी उंगलियां थक गई। पर अभिनव ने कॉल रिसीव ही नहीं की। घण्टी बजती रही, बजती रही। मैसेज का भी जवाब नहीं दिया। कुछ दिन बाद ...Read More
एलओसी- लव अपोज क्राइम - 4
नंदिनी के दर्द को दो और आंखें भी महसूस कर रही थी। वे आंखें भी रो रही थीं। वो भी नंदिनी के साथ सिसकियां ले रहा था। ये थी रीनी। दर्द उसके पास भी था- प्यार में थोखा खाने का दर्द। इस पीड़ा को उससे बेहतर कौन समझ सकता है! उस दर्द से वो गुजर चुकी थी और उस वक्त यदि नंदिनी रीनी की सहायता नहीं करती तो शायद आज रीनी इस दुनिया में नहीं होती। उसका जीवन बचाने वाली, उसे एक नया जीवन देने वाली नंदिनी ही थी। ...Read More
एलओसी- लव अपोज क्राइम - 5
आईने के सामने खड़ी रीनी आईने के भीतर अपने को ढूंढ रही थी। वह इस प्रक्रिया में खोई थी उसे अपने कानों में सरगोशियां सुनाई पड़ी-' रीनी, ये रीनी, रुको! अब रुक जाओ बाबा! तुम गिर जाओगी।' "अरे, ये तो राघव की आवाज है!' रीनी चौंक पड़ी। उसे ये आवाज आईने के अंदर से आती लगी। ये आवाज सुनकर रीनी आईने को गौर से देखने लगी। आईने के उस पार राघव, उसके पीछे दौड़ रहा था। राघव को अपने पीछे दौड़ाने में रीनी को मजा आता था। रीनी आगे, राघव पीछे। दौड़ते- दौड़ते ...Read More
एलओसी- लव अपोज़ क्राइम - 6
' ऑटो वाले.... जरा रोकना।" रीनी की व्यग्र आवाज से ऑटो वाला और मीना दोनों चौंक गए। ऑटो वाले ऑटो रोक दिया।" क्या हुआ रीनी...? अभी हम मार्केट पहुंचे कहां?"" सॉरी मीना! मुझे अपनी तबियत कुछ ठीक नहीं लग रही है। मैं वापस जा रही हूं।" यह कहते हुए रीनी मीना के जवाब का इंतजार किए बिना ऑटो से उतरकर दूसरे ऑटो में बैठ गई- " भइया, संगीता सोसायटी, सरोज नगर चलो! जरा जल्दी।"ऑटो चल पड़ा और रीनी के विचारों का क्रम भी- ' कौन थी वो लड़की? राघव के साथ उसका क्या संबन्ध है? जिस तरह से वो ...Read More
एलओसी- लव अपोज़ क्राइम - 7
रीनी ने बहुत मुश्किल से अपने को संभाला। उसकी सारी ताकत निचुड़ चुकी थी। किसी तरह से उठकर वो तक पहुंची। दरवाजे में दो ताले लगे हुए थे। इसका मतलब साफ था कि ये मकान मालिक के ताले हैं। यानी ' राघव घर छोड़कर जा चुका है।' मकान मालिक का पास की जल मंगल दीप सोसायटी में एक और मकान था, वहां भी ताला बंद था। रीनी मीना के घर गई। मीना के दरवाजा खोलते ही रीनी ने सवाल दाग दिया- " मीना... वो राघव का फोन नहीं लग रहा ...Read More
एलओसी- लव अपोज़ क्राइम - 8
"रीनी, सुनो, मैंने इस मामले में बहुत सोचा और इस नतीजे पर पहुंची कि कही कुछ तो ऐसा हुआ जिससे हम अंजान हैं । अभीनव मुझे धोखा दे सकता है, यह मैं मान हीं नहीं सकती ।" " हां, नंदिनी, शायद ऐसा ही हो । " रीनी के चेहरे पर नंदिनी को सांत्वना देने के भाव थे । " हां रीनी! कोई तो बात है । मैं जब आखिरी बार उससे मिली थी तब उसका वर्ताव मुझे थोड़ा अजीब लगा । मेरे प्रति उसका ऐसा बर्ताव पहले ...Read More
एलओसी- लव अपोज़ क्राइम - 9
बेहद घबरा गई थी नंदिनी। आंखों के सामने अंधेरा सा छाने लगा। फंसे गले से बोली, " एक्सीडेंट कैसे "मैडम, वो सब तो पता नहीं पर बहुत गंभीर हालत है। सरकारी अस्पताल में भर्ती है।" नंदिनी ने अपने आप को जैसे- तैसे संभाला। उसे अब यह यकीन होने लगा कि उसके खिलाफ कोई बड़ी साजिश रची गई है । पप्पू का अचानक एक्सीडेंट इसी साजिश का एक हिस्सा है, वर्ना ऐसा होना कोई संयोग भी तो संभव नहीं है । नंदिनी और रीनी अस्पताल पहुंचे। पप्पू ...Read More
एलओसी- लव अपोज़ क्राइम - 10
अध्याय -10---------------- सवालों के चक्रव्यूह में फंसी नंदिनी घर पहुंची। तरह के सवालों ने उसकी शिराओ में उबलती निराशा को बढ़ा दिया था। रही- सही उर्जा को ठंडा करने लगे कई तरह के सवाल। उसका रक्त मानो बर्फ की तरफ जमने लगा। फिर भी किसी तरफ साहस बटोरकर वह वाशरूम गई। पानी के कुछ छींटों से उसकी उर्जा वापस आई। आज सुबह से घटी सारी घटनाओं के दृश्य उसकी आंखों के सामने घूमने लगे... एक के बाद एक सवाल भी उठ रहे थे, पर उसे किसी भी सवाल का उत्तर नहीं मिल रहा था । ...Read More
एलओसी- लव अपोज़ क्राइम - 11
अध्याय -11 दिनही चढ़े दिन उतरै , सो तो प्रेम न होय अघट प्रेम पिंजर बसै,प्रेम कहावै सोय अकथ कहानी प्रेम की, कहू कही न जाई गूंगे केरी सरकए, जो बैठे मुस्काए कहना था सो दिया, अब कुछ कहना नाही एक रही दूजी गई, बैठा दिया मांहि नर और नारी अपनी प्राकृतिक एवं सांचनात्मक भिन्नता की तरह प्रेम के प्रति अपनी आस्थामें भी भिन्नता रखते हैं । नारी अपनी अतिशय कोमलता, नैसर्गीक संवेदनशीलता एवं अपनी सामाजिक स्थिति के चलते ...Read More
एलओसी- लव अपोज़ क्राइम - 12
अध्याय -12" हेलो... लावन्या... मै रीनी बोल रही हूँ l मै और नंदिनी आपसे मिलने आएंगे । रॉयल क्लब सामने वाले रेस्टॉरंट में ।... अरे हाँ... वही... वही... प्रकाश रेस्टोरेंट । शाम 7 बजे । समय का ध्यान रखना... और हाँ एक बात और यह बात किसी अन्य को पता न चले । ओके बाय । "कहकर रीनी ने फोन काट दिया । उसके बाद नंदिनी की तरफ देखते हुवे कहा कि, "नंदिनी हम यही फोन का इस्तेमाल करेंगे ताकि आगे कोई परेशानी न हो ।""हाँ! यह ठीक रहेगा । एक बात और -पापा बाहर गए है । उन्हें ...Read More
एलओसी- लव अपोज़ क्राइम - 13
अध्याय -13 "क्या? आपको सब पता था? यह आप कह रही हो " नंदिनी की आँखोमे में आंसू आ गये । उसने दोनों हाथों से अपना सिर पकड़ लिया । " हे भगवान, में यह क्या सुन रही हूँ । "वो बोल उठी ।" हाँ बेटा! मुझे मालूम हैं । पर मैं मजबूर हूँ । " मां की आँखों मैं भी आंसू झिलमिला रहे थे । "यह क्या बोल रही हो मां? ऐसी सी मजबूरी, कि आप इतनी बड़ी बात पर चुप रही!" " क्या बताऊं बेटा! यह सब अभी से ...Read More
एलओसी- लव अपोज़ क्राइम - 14
अध्याय -14 मां और पिताजी के बाहर जाते नंदिनी दीपक के कमरे में पहुंच गई । उसके पीछे -पीछे रीनी भी वहां आ गई । नंदिनी को देखकर दीपक ख़ुश हो गया । उसके चहेरे पर चमक आ गई । " छोटू, उस वक़्त बात पूरी नहीं हो पाई । अब बताओ बच्चा । " " दीदी, वो पप्पू उस दिन एक चिठ्ठी लेकर आया, जो कि मम्मी ने ले ली । पप्पू बता रहा था कि कुछ दिनों से नव्या दीदी गायब हैं । कुछ ...Read More
एलओसी- लव ओपोज़ क्राइम - 15
अध्याय -15 शूटिंग से घर आने के बाद को अपनी तबीयत भारी -भारी सी लगी । उसने रीनी के जरिए फैमिली डॉक्टर को बुलाया । डॉक्टरने उसे चेक करनेके बाद कुछ दवाईयां दी और चले गए । नंदिनी ने कुछ खाकर दवाई खाई और आराम करने लगी । एक घंटे बाद नंदिनी को कुछ राहत मिली । वह हॉल में आई । उसने रीनी से कॉफी बनवाकर पी फिर दोनों टैरेस पर चली गई । "रीनी मैं चुप नहीं बैठ सकती । मुझे मामले की तह तक जाना ही है ।""हां, ...Read More
एलओसी- लव अपोज़ क्राइम -16
अध्याय -16 भोजनोपरांत नंदिनी और रीनी हॉल बैठे थे । नंदिनी को कॉफ़ी की तलब हुई । रीनी कॉफी बनवाकर ले आई, दोनों कॉफी पी रही थी कि नंदिनी के मां -पिता और भाई बाहर से आ गए । रीनी ने उनके लिए भी कॉफ़ी बनवाई । भाई का चेहरा नंदिनी को देखकर चमक उठा । नंदिनी भाई से बातें करने लगी । कॉफी पिने के बाद नंदिनी के पिता जी ने अपने कमरे में जाते हुए कहा,- " नंदिनी, में अभी तक बतरा साहब को मिल नहीं पाया हूं तो आज शाम को ...Read More
एलओसी- लव अपोज़ क्राइम - 17
अध्याय -17 " अरे...! ये अल्बम...!! इसमें धीरज तस्वीरे...!" नंदिनी की मां के चेहरे पर यादों की मुस्कान के साथ घबराहट फैल गई । उन्होंने अल्बम खोला । बचपन और युववस्था की रूटीन फोटो के बाद एक तस्वीर पर उनकी नजर जमी । यह फोटो स्कूल से बंक मारकर शहर में जाकर खिचवाई थी । उसमे उनके साथ धीरज था । उनका बचपन का दोस्त । स्कूल का सहपाठी । दोनों की दोस्ती कब प्यार में बदल गई, किसी को पता तक नहीं चला । धीरज के साथ उनका प्यार परवान चढ़ता गया । ...Read More
एलओसी- लव अपोज़ क्राइम - 18
अध्याय -18 " हां,हां,नंदिनी ये राघव ही था । मेरा । " रीनी ने भावुक होते हुए कहा । " अच्छा । " नंदिनी की आखें आश्चर्य से फैल गई । राघव ही रघु है, यह जानकर नंदिनी और रीनी दोनों स्तब्ध थे । ऑफिसरों ने रघु का पीछा किया, पर रघु अंधेरे का फायदा उठाकर नौ दो ग्यारह होने में कामयाब हो चूका था । ' सालों बाद राघव दिखा भी तो इस तरह से । एक गुंडे के रूप में । ' यह सोचकर रीनी ...Read More
एलओसी- लव अपोज़ क्राइम - 19
अध्याय -19 किस तरह मामले सुलझते क्षण के ताप और उन्माद में राहे बनती है, इसका अनुमान असंभव ही है । रीनी बतरा साहब के यहां पहुंची, पहले तो बतरा साहब ने उससे मिलने से इनकार कर दिया, और उसके मुंह पर ही दरवाजा बंध कर दिया । पर रीनी दरवाज़े के बाहर खड़ी रही । आख़िरकार बतरा साहब ने उसे अंदर आने को कहा । रीनी ने सारी बातें बतरा साहब को बताकर कहा, "सिर्फ आप ही नंदिनी को इन सब समस्याओं से निकाल सकते हैं । आप ...Read More
एलओसी- लव अपोज़ क्राइम - 20
अध्याय -20 " कहां है नव्या? " नंदिनी का गुस्सा आसमान पर जा पहुंचा था । उसने राजमल की शर्ट पकडकर पूछा । " बोलो कहा है नव्या? " हिस्टिरिया के मरीज जैसी हालत हो गई उसकी । उसका सिर बड़ी तेजी से घूमने लगा और बेहोश हो गई । बतरा साहब और रीनी को यह बात घर के नौकर से पता चली । "कहां है नंदिनी अभी?" रीनी ने पूछा । " ऊपर वाले कमरे में! डॉक्टर आए हुए है । " नौकर ने बताया । ...Read More
एलओसी- लव अपोज़ क्राइम - 21 ( अंतिम अध्याय )
अध्याय -21"हेलो नंदू... ये लोग मुझे तुम्हारे घर पर लाए है । मुझे कुछ हो जाए इससे पहले आ पहले कि नंदिनी कुछ उत्तर देती फोन फट गया । नंदिनी ने 4-5 बार वो नंबर डायल किया पर हर बार 'नॉट रिचेबल ' आ रहा था । या तो फोन की बैटरी खत्म हो गई । या फिर किसीने फोन छीन कर बंध दिया ।नंदिनी परेशान हो गई । पर सूर्यभान चैतन्य होकर काम शुरु कर दिया ।पहले उसने अपने साथी को फोन कर तुरंत 10-12 जवानो को लेकर नंदिनी के घर पहोचने को कहा ।और घर को चारों ...Read More