शाम का समय था... हल्की हल्की हवाओं के साथ छोटी छोटी बारिस की बूंदे पड़ रही थी। बड़ा ही सुहाना मौसम था...मैं ग्राउंड में टहल रहा था अचानक मेरे कानों में आवाज आई ।ओ मिस्टर मैंने पलट कर देखा मुझे कोई दिखाई नही दिया। वही वाक्य फिर से मेरे कानों में गूंजा।मैं रुका और चारो तरफ देखने लगा, तभी सामने की ओर से आवाज आई ओ हेलो मिस्टर मैं यहां हू .... इस अंजान शहर में मुझे पहचानने वाला कोई नही था ।फिर ये कोन थी जो मुझे इस तरह से

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मुलाकात - 1

शाम का समय था... हल्की हल्की हवाओं के साथ छोटी छोटी बारिस की बूंदे पड़ रही थी। बड़ा ही मौसम था...मैं ग्राउंड में टहल रहा था अचानक मेरे कानों में आवाज आई ।ओ मिस्टर मैंने पलट कर देखा मुझे कोई दिखाई नही दिया। वही वाक्य फिर से मेरे कानों में गूंजा।मैं रुका और चारो तरफ देखने लगा, तभी सामने की ओर से आवाज आई ओ हेलो मिस्टर मैं यहां हू .... ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆इस अंजान शहर में मुझे पहचानने वाला कोई नही था ।फिर ये कोन थी जो मुझे इस तरह से ...Read More

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मुलाकात - 2

उसे देख कर मेरी सांसे थम गई,,,,,मुझे अब भी अपनी आंखों पर विश्वास नही हो रहा कि वो मेरे है।लेकिन सच तो ये था,कि वो मेरे सामने ही खड़ी थी,और मैं उसे एकटक नजरो से देखे जा रहा था।कि फिर एक बार ओ मिस्टर किस सोच में डूब गये।इतना सुनते ही मेरे अंदर एक खुशी की लहर दौड़ गई।मैं कुछ बोल पता कि वो मेरे पास आ कर बैठ गई, और अपने पर्स से टिकट निकाल कर अपने टिकट पर सीट नम्बर चेक ...Read More

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मुलाकात - 3

हर पल अब मैं वर्षा के बारे में सोचे जा रहा था,कि अचानक मेरे मोबाइल फोन पर एक कॉल को मैंने अपने पेंट की राइट साइड की पॉकेट में रख रखा था।और राइट साइड में ही वर्षा मुझसे चिपक कर मेरे कंधे पर सर रख कर सोई हुई थी।और मैं नही चाहता कि वो डिस्टर्ब हो,लेकिन उस फोन की वजह से उसे जागना पड़ा।मैंने ट्रेन के शोर की वजह से फोन को वाईव्रेट मोड में कर रखा था ।लेकिन वाईव्रेट मोड की वजह से वर्षा की नींद में खलल ...Read More

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मुलाकात - 4

मुरादाबाद का नाम सुनकर अब मेरी परेशानियों ने मुझे घेर लिया था...!!लेकिन वर्षा की आँखों मे भी अब वो औऱ नमी पूरी तरह से साफ झलक रही थी।जो मुझसे वो छुपा रही थी..!शायद वो कुछ कहना चाह रही हो मुझसे पर कह नही पा रही...और मैं इसी दुविधा में बैठे सोच रहा था।कि मुरादाबाद से आगे का सफर अब कैसे कटेगा उसके बिना..!.!!उसके साथ कि कमी मुझे अभी से खलने लगी।हम दोनों एक दूसरे से बाते नही कर रहे थे,लेकिन एक दूसरे ...Read More

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मुलाकात - 5

मैं वर्षा का नाम सुनकर,मेरे मन ने मुझे सावलो के कटघरे में खड़ा कर दिया,वर्षा यहां? मैं चोंकते हुए,फिर था, मैं बिना देरी किये जल्दी से तैयार हो गया फिर मैंने अपनी बाइक "आर वन फाइब निकाली,और माँ को कहते हुये मैं वहाँ से शौर्य के घर मकुन्दपुर के लिए निकल गया।मैं वर्षा का ख्याल मन में लेकर काफी तेजी मकुन्दपुर की ओर बढ़ रहा था,कि रास्ते मे जैसे मधुवन चौक पहुँचा वहाँ देखा कि काफी लम्बा जाम लगा हुआ है,समय तरीबन ...Read More

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मुलाकात - 6

किसी ने फोन नही उठाया,और मैंने दुबारा फोन मिलाना उचित नही समझा,इधर शौर्य की इंगेजमेंट की रश्म पूरी हो थी,सब शौर्य को बधाइयाँ दे रहे थे,रात के नो बज चुके थे तो अब मुझे वहाँ से घर के लिये निकलना था।तो मैं अतुल और गौरब से चलो यार मैं निकलता हूँ,क्योंकि गौरब वही पास में जहाँगीरपुरी और अतुल आजदपुरी से था।और उनसे इतना कह कर 'मैं शौर्य के पास जाकर उसको बधाई देते हुये,उस समय शौर्य के साथ में उसकी वर्षा भी वही मौजूद ...Read More