सपनों का राजकुमार

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उसे आइने से ही प्यार हो गया था। क्या करती वह कशिश ही इतनी थी कि एक बार जब वह आइने के सामने खड़ी होती तो फिर हटने का नाम ही नहीं लेती। अक्स होता ही था इतना सुंदर। बादलों से घने काले बिखरे घने केश, दो- काली मतवाली सी ऐंठी लटें जो चेहरे पर झुकी रहतीं और चेहरा भी कैसा जैसे बिजली चमक रही हो। केसर मिला दूध जैसा रंग। बड़ी- बड़ी काली- काली आंखें। लंबी घनी पलकें। पुतलियां और नेत्रगोलक ऐसे जैसे गहरे समुद्र में हंस तैर रहे हो। सीधी लंबी नासिका। पतले- पतले अनार के दाने जैसे होठ। हल्के फुले- फुले गाल। लंबी सीधी गर्दन। यही अक्स तो उभरता था उस आइने में जब वह सामने खड़ी होती। ऊपर से नीचे तक देखो तो जैसे कामदेव के अस्त्र संभालती रति खड़ी हो। बस वह इन्हीं में खो जाती। घंटो खोई रहती। इसी वर्ष वह सोलह वर्ष की हुई है। उसने सुना था यह यौनव के प्रारंभ का साल होता है। शरीर में सौंदर्य अपने पूर्ण कलाओं के इसी समय छा जाता है।

Full Novel

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सपनों का राजकुमार - 1

भाग 1 उसे आइने से ही प्यार हो गया था। क्या करती वह कशिश ही इतनी थी कि एक जब वह आइने के सामने खड़ी होती तो फिर हटने का नाम ही नहीं लेती। अक्स होता ही था इतना सुंदर। बादलों से घने काले बिखरे घने केश, दो- काली मतवाली सी ऐंठी लटें जो चेहरे पर झुकी रहतीं और चेहरा भी कैसा जैसे बिजली चमक रही हो। केसर मिला दूध जैसा रंग। बड़ी- बड़ी काली- काली आंखें। लंबी घनी पलकें। पुतलियां और नेत्रगोलक ऐसे जैसे गहरे समुद्र में हंस तैर रहे हो। सीधी लंबी नासिका। पतले- पतले अनार के ...Read More

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सपनों का राजकुमार - 2

भाग 2 सुबह वह पूर्ववत उठी तैयार होकर स्कूल चली गई। उसकी कई सहेलियां मुझे चांद के पार ले सीरियल, देखा करती थीं। उसने स्पोर्टस ब्रेक में समायरा के प्रेम में पड़ जाने की चर्चा शुरू की और सबको बताया कि उसे लगता है उसके सपनों का कोई राजकुमार है ही नहीं। वह तो कभी उसके बारे में कुछ भी महसूस नहीं करती और कभी भी वह उसके सपनों में भी नहीं आता है। इसके साथ ही उसके सामने एक नई दुनिया खुलने लगी। ऐसी दुनिया जो उसके बीच ही थी पर उसकी नजरों से बिल्कुल ओझल, उससे छुप ...Read More

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सपनों का राजकुमार - 3

भाग 3 अचानक शलभ ने बाइक स्टार्ट कर ली। शायद उसका फोन समाप्त हो गया था। बाइक आगे बढ़ी रत्ना ने मुड कर देखा। उसे भी अपनी ओर ही देखते हुए पाया। मन ने फिर कहा, कौन हो तुम? बड़ा तालाब आकर रत्ना आइसक्रीम जरूर खाती थी तो शलभ ने आइसक्रीम कार्नर के पास ही बाइक रोकी। रत्ना का मन तो वहां था ही नहीं। उसकी आंख में बस वहीं चेहरा था। शलभ ने उसकी फेवरिट चॉकलेट कोन उसे दी। वह बिना कुछ कहे खाने लगी। आस पास कहीं गाना बज रहा था- ‘अजनबी कौन हो तुम, जबसे तुम्हें ...Read More

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सपनों का राजकुमार - 4

भाग 4 रत्ना ऐसे कैसे चिपकी है, कुछ बोल नहीं रही। कुछ हुआ क्या? शलभ की कोई बात बुरी वे रत्ना के ऐसे चुप रहने का कारण नहीं समझ पायीं थी। कुछ नहीं यार। कितना परेशान कर देती हैं कभी- कभी आप भी। चलिए दूध दीजिए मुझे, कहते हुए रत्ना मम्मी की गोद से उठ कर बाहर की ओर चल दी। मम्मी भी पीछे से आने लगी, हां अब जाके यह लड़की ठीक लग रही है। इसकी चुप्पी ने तो मुझे डरा ही दिया था, उन्होंने मन ही मन कहा। रंजन को उम्मीद थी, जिस तरह रत्ना उसके इशारे ...Read More

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सपनों का राजकुमार - 5

भाग 5 सबसे पहले वह सनराइज कॉलोनी पहुंचा। कॉलोनी के बाहर के मेडिकल स्टोर से दो चॉकलेट और एक बाम खरीदी। बाइक दुकान के बाहर छोड़कर अंदर चला गया। धीरे- धीरे टहलते हुए वह दायें बाएं देखता चला जा रहा था। सेकेंड रो में जब मुडा तो दो औरतें घर के बाहर बात कर रही थीं। रंजन ने मोबाइल निकाल लिया और स्क्रीन की ओर नजर कर ली। पीली साड़ी पहनी आंटी दूसरी कह रही थी, रत्ना को तो पढ़ने और टीवी देखने से ही फुसर्त नहीं है। मैं चाहती भी नहीं कि वह अभी से घर के कामों ...Read More

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सपनों का राजकुमार - 6

भाग 6 रत्ना का बहुत मन हो रहा था कि वह स्कूल में अपने दोस्तों को रंजन के बारे बताए पर हर बार रंजन की बात याद आ जाती। वह मन मसोस कर रह जाती। उसे बहुत डर लग रहा था। बस वाले भइया को कह तो दिया कि आज उसे भाइ लेने आएग और वह बस से घर नहीं जाएगी पर अगर मम्मी या भइया को पता चल गया तो कितनी गड़बड़ हो जाएगी? और अगर वह आज समय पर घर ही नहीं पहुंची तो? लेकिन रंजन से मिलने का आकर्षण भी कम नहीं था। उसने उसे खींच ...Read More

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सपनों का राजकुमार - 7

भाग 7 स्कूटी खड़ी करके वह अंदर आ गई। मम्मी हॉल में ही थी। क्या हुआ, उन्होंने रत्ना का चेहरा देख कर पूछा। और छूट दीजिए इसे। कल से इसका कॉलेज बंद घर में रहेगी यह चुडैल, शलभ चिल्लाते हुए बोला। क्या हुआ, किस भाषा में बात कर रहा है? मम्मी की समझ में कुछ नहीं आया। कॉलेज के नाम आवारा लड़कों के साथ घूमने जाती है ये, कहते हुए शलभ ने एक जोरदार चाटा रत्ना के गाल पर मार दिया। रत्ना संभली नहीं और दूसरी ओर गिर पड़ी। मम्मी ने दौड़कर उसे उठाया। बताएगा, क्या हुआ? पूछो उस ...Read More

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सपनों का राजकुमार - 8

भाग 8 रंजन ने अपनी मम्मी को रत्ना के बारे में पहले ही बताया था और कह दिया था उससे ही शादी करूंगा। मौसी के घर से जब वे लौंटी तो रंजन ने कहा, भइया के लिए लड़की क्यों नहीं देखती हो। वह जीवन भर पढ़ता रहेगा तो क्या मैं जीवन भर उसकी शादी के इंतजार में कुंवारा रहूंगा। इक्कीस का हो गया हूं। रत्ना के घर में उसकी शादी की बात चल रही है। मुझे उससे ही शादी करनी है। जानती हूं तुझे रत्ना पसंद है। बड़े भाई से पहले तेरी शादी कैसे करूंगी? उसकी शादी हो जाती ...Read More

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सपनों का राजकुमार - 9

भाग 9 रत्ना कॉलेज वापस चली गई। फिर ड्रेस चेंज करके लास्ट क्लास कर लिया। घर जाते समय वह तरह प्रफ़ुल्लित थी। आंटी ओह सॉरी मम्मी ने आज उसकी आंखें खोल दी। जब कानून अपने मन से शादी करने की इजाजत देता है तो कौन रोक सकता है मुझे। मैं जरूर रंजन से शादी करूंगी। फिर उसका ध्यान इस ओर गया कि उसके मम्मी – पापा, भइया उसे प्यार नहीं करते हैं। कई बार उसका मन कहता, नहीं- नहीं वे लोग मुझे बहुत प्यार करते हैं। पर आंटी उर्फ मम्मी के तर्क उसे मजबूत लगते। जाने दो अगर नहीं ...Read More

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सपनों का राजकुमार - 10 - अंतिम भाग

भाग 10 रत्ना शाम को चार बजे थाने आने वाली थी। रत्ना के घर वाले तीन बजे ही पहुंच थे। सभी दीनता की प्रतिमूर्ति नजर आ रहे थे। आज रत्ना को गए सातवां दिन था। इन सात दिनों में ही उसके मम्मी- पापा बुढ़े दिखने लगे थे। मम्मी की रो- रो कर सूजी खाली- खाली आंखें किसी का भी दिल पिघला देने में सक्षम थीं। स्मार्ट सुदर्शन युवक शलभ को देखकर लग रहा था उसे किसी ने निचोड़ दिया हो। उसकी आंखों में दुख था अथाह दुख, पूरे चेहरे से चमक गायब थी। अमन गुस्से में था। उसे सबसे ...Read More