ऋषि आज सोकर देर से उठा। बीती रात गहरी नींद नहीं सो पाया था वह ,रात भर जैसे दिमाग चलता हीं रहा नंगी आंखों से देखी गई 3 D फिल्म की तरह जिसमें कुछ भी स्पष्ट नहीं था। इसलिए सिर भी बोझिल लग रहा था। उसने उनींदी आंखों से कमरे में इधर उधर नजर दौड़ाई।सारा कमरा अस्त व्यस्त हालत में था।लगता था कि महीनों से उसकी साफ सफाई नहीं हुई। कमरे की हालत देख उसका मन तिक्त हो उठा जैसे किसी ने मुंह में ज़बरदस्ती कुनैन की पुड़िया ठूंस दी हो।वह मन हीं मन किसी निश्चय पर पहुंचा और बहुत
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तुम्हारी वीथिका - भाग-1
ऋषि आज सोकर देर से उठा। बीती रात गहरी नींद नहीं सो पाया था वह ,रात भर जैसे दिमाग हीं रहा नंगी आंखों से देखी गई 3 D फिल्म की तरह जिसमें कुछ भी स्पष्ट नहीं था। इसलिए सिर भी बोझिल लग रहा था। उसने उनींदी आंखों से कमरे में इधर उधर नजर दौड़ाई।सारा कमरा अस्त व्यस्त हालत में था।लगता था कि महीनों से उसकी साफ सफाई नहीं हुई। कमरे की हालत देख उसका मन तिक्त हो उठा जैसे किसी ने मुंह में ज़बरदस्ती कुनैन की पुड़िया ठूंस दी हो।वह मन हीं मन किसी निश्चय पर पहुंचा और बहुत ...Read More
तुम्हारी वीथिका - भाग-2
एक दिन क्लास चल रहा था। प्रिंसिपल सर ने गणित के दस सवाल ब्लैकबोर्ड पर लिखे। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं सम्बोधित करते हुए कहा "पूछे गए सवालों में चार सवाल ऐसे हैं जिन्हें कोई भी हल कर सकता है। छह सवाल हल करने वाला बुद्धिमान की श्रेणी में आयेगा। जिसने आठ सवाल हल कर दिए उन्हें मैं जीनियस समझूंगा और कोई दसो सवाल हल कर दे ऐसा सम्भव हीं नहीं है।अगर भूले से भी किसी ने दस के दस प्रश्न हल कर दिए तो मेरे पास उसकी बुद्धिमत्ता की प्रशंसा केलिए शब्द कम पड़ जायेंगे। लेकिन कोई भी विद्यार्थी अगर ...Read More