ऊना को चार्ली चैप्लिन होने का मतलब फ्रैंक हैरीज़, चार्ली चैप्लिन के समकालीन लेखक और पत्रकार ने अपनी किताब चार्ली चैप्लिन को भेजते उस पर निम्नलिखित पंक्तियां लिखी थीं: चार्ली चैप्लिन को उन कुछ व्यक्तियों में से एक जिन्होंने बिना परिचय के भी मेरी सहायता की थी, एक ऐसे शख्स, हास्य में जिनकी दुर्लभ कलात्मकता की मैंने हमेशा सराहना की है, क्योंकि लोगों को हँसाने वाले व्यक्ति लोगों को रुलाने वाले व्यक्तियों से श्रेष्ठ होते हैं। चार्ली चैप्लिन ने आजीवन हँसाने का काम किया। दुनिया भर के लिए। बिना किसी भेद भाव के। उन्होंने राजाओं को भी हँसाया और रंक को भी हँसाया। उन्होंने चालीस बरस तक अमेरिका में रहते हुए पूरे विश्व के लिए भरपूर हँसी बिखेरी। उन्होंने अपने बटलर को भी हँसाया, और सुदूर चीन के प्रधान मंत्री चाऊ एन लाइ भी इस बात के लिए विवश हुए कि विश्व शांति के, जीवन मरण के प्रश्न पर मसले पर हो रही विश्व नेताओं की बैठक से पहले से वे खास तौर पर मंगवा कर चार्ली चैप्लिन की फिल्म देखें और चार्ली के इंतज़ार में अपने घर की सीढ़ियों पर खड़े रहें।
Full Novel
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 1
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 1 ऊना को चार्ली चैप्लिन होने का मतलब फ्रैंक हैरीज़, चार्ली चैप्लिन समकालीन लेखक और पत्रकार ने अपनी किताब चार्ली चैप्लिन को भेजते उस पर निम्नलिखित पंक्तियां लिखी थीं: चार्ली चैप्लिन को उन कुछ व्यक्तियों में ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 2
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 2 भूमिका वेस्ट मिंस्टर ब्रिज के खुलने से पहले केनिंगटन रोड सिर्फ मार्ग हुआ करता था। 1750 के बाद, पुल से शुरू करते हुए एक नयी सड़क बनायी गयी थी जिससे ब्राइटन तक का सीधा रास्ता खुल गया था। इसका नतीजा यह हुआ कि केनिंगटन रोड पर, जहां मैंने अपने बचपन का अधिकांश वक्त गुज़ारा है, कुछ बहुत ही शानदार घर देखे जा सकते थे। ये घर वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूने थे। इनके सामने की तरफ लोहे की ग्रिल वाली बाल्कनी होती थी। हो सकता है कि उन घरों में रहने वालों ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 3
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 3 ये उसकी आवाज़ के खराब होते चले जाने के कारण ही कि मुझे पांच बरस की उम्र में पहली बार स्टेज पर उतरना पड़ा। मां आम तौर पर मुझे किराये के कमरे में अकेला छोड़ कर जाने के बजाये रात को अपने साथ थियेटर ले जाना पसंद करती थी। वह उस वक्त कैंटीन एट द' एल्डरशाट में काम कर रही थी। ये एक गंदा, चलताऊ-सा थियेटर था जो ज्यादातर फौजियों के लिए खेल दिखाता था। वे लोग उजड्ड किस्म के लोग होते थे और उन्हें भड़काने या ओछी हरकतों पर उतर ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 5
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 5 लुइस ने पिछवाड़े वाले कमरे में सिडनी और मेरे सोने के एक अतिरिक्त बिस्तर लगवा दिया था लेकिन ये बिस्तर बहुत ही छोटा था। सिडनी ने सुझाव दिया कि वह बैठक में सोफे पर सो जाया करेगा लेकिन लुइस ने उसे बरज दिया,"तुम्हें जहां सोने के लिए कहा गया है, तुम वहीं सोवोगे।" इस संवाद से विकट मौन पसर गया और हम चुपचाप पिछवाड़े वाले कमरे की तरफ बढ़ गये। हमारा जिस तरीके से स्वागत हुआ था, उसमें लेशमात्र भी उत्साह नहीं था। और इसमें हैरानी वाली कोई बात भी नहीं ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 6
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 6 पिता जी मिस्टर जैक्सन को जानते थे। वे एक ट्रुप के थे। पिता जी ने मां को इस बात के लिए मना लिया कि मेरे लिए स्टेज पर कैरियर बनाना एक अच्छी शुरुआत रहेगी और साथ ही साथ मैं मां की आर्थिक रूप से मदद भी कर पाऊंगा। मेरे लिए खाने और रहने की सुविधा रहेगी और मां को हर हफ्ते आधा क्राउन मिला करेगा। शुरू-शुरू में तो वह अनिश्चय में डोलती रही, लेकिन मिस्टर जैक्सन और उनके परिवार से मिलने के बाद मां ने हामी भर दी। मिस्टर जैक्सन की ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 7
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 7 और फिर, ब्रांसबाय विलियम्स, जो डिकेंस के पात्रों का अभिनय करते वे उरिया हीप, बिल साइक्स और द' ओल्ड क्यूरोसिटी शॉप के बूढ़े आदमी की नकल से मुझे आनन्दित किया करते थे। इस खूबसूरत, अभिजात्य पुरुष का ग्लासगो की उजड्ड जनता के सामने अभिनय करना और अपने आप को इन शानदार चरित्रों में ढाल कर करतब दिखाना, थियेटर के नये ही अर्थ खोलता था। उन्होंने साहित्य के प्रति भी मेरे मन में अनुराग जगाया था। मैं जानना चाहता था कि आखिर वह अबूझ रहस्य क्या है जो किताबों में छुपा रहता ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 8
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 8 1899 बरस गलमुच्छों का बरस था। गलमुच्छों वाले राजा, राजनयिक, सैनिक नाविक, क्रूगर, सेलिसबरी, रसोइये, कैसर, और क्रिकेट खिलाड़ी। दिखावे और शोशेबाजी का वाहियात बरस। बेइंतहा अमीरी और बेइंतहा गरीबी का बरस। कार्टून और प्रेस, दोनों की शून्यता से भरे राजनैतिक हठधर्मिता से भरे बरस। लेकिन इंगलैंड को कई धक्के और बदमगज़ियां सहनी थीं। अफ्रीकी ट्रंसवाल में कुछ बोअर किसान बिला वज़ह युद्ध छ़ेड़े हुए थे और बड़े-बड़े पत्थरों के और चट्टानों के पीछे से शानदार निशाने लगाते हुए हमारे लाल कोट धारी सैनिकों को मार रहे थे। तब हमारे युद्ध ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 9
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 9 ये एक ऐसा वक्त था जब हम किराया देने के बारे ज्यादा माथा पच्ची नहीं करते थे। हमने आसान तरीका ये अपनाया कि जब किराया वसूल करने वाला आता तो सारा दिन गायब ही रहते। हमारे सामान की कीमत ही क्या थी? दो कौड़ी। उसे कहीं और ढो कर ले जाने में ज्यादा पैसे लगते। अलबत्ता, हमारी मंजिल एक बार फिर 3 पाउनाल टेरेस थी। उसी समय मुझे एक ऐसे बूढ़े आदमी और उसके बेटे के बारे में पता चला जो केनिंगटन रोड के पिछवाड़े की तरफ एक घुड़साल में काम ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 10
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 10 जोसफ कॉनराड ने इस बारे में अपने एक दोस्त को लिखा कि ज़िंदगी ने उन्हें एक कोने में दुबके उस अंधे चूहे में बदल डाला था जिसे बस, दबोचा जाने वाला हो। ऐसी उपमा से हम लोगों की दयनीय ज़िंदगी को बयान किया जा सकता था। इसके बावजूद हम में से कुछ लोगों की किस्मत अच्छी रही और ऐसे भाग्यशाली लोगो में से मैं भी था। मैंने बहुत धंधे किये। मैंने अखबार बेचे, प्रिंटर का काम किया, खिलौने बनाए, ग्लास ब्लोअर का काम किया, डॉक्टर के यहाँ काम किया लेकिन इन ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 11
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 11 दूसरी रात जब मैं रात का खाना खा रहा था तो पति आया। वह लगभग अपनी पत्नी की उम्र का रहा होगा। उस शाम वह थियेटर गया हुआ था और उसे हमारा नाटक अच्छा लगा था। बातचीत करते समय वह खड़ा ही रहा। उसने हाथ में एक जलती मोमबत्ती पकड़ी हुई थी और वह सोने के लिए जाने की तैयारी में था। वह बात करते समय थोड़ा रुका मानो कुछ कहना चाह रहा हो."...सुनो, मेरे पास कुछ ऐसा है जो मुझे लगता है, तुम्हारे काम काज में कहीं फिट हो सकता ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 12
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 12 मैं किशोरावस्था की मुश्किल और अनाकर्षक उम्र के दौर में आ था और उस उम्र के संवेदनशील उतार-चढ़ावों से जूझ रहा था। मैं बुद्धूपने और अतिनाटकीयता का पुजारी था, स्वप्नजीवी भी और उदास भी। मैं ज़िंदगी से खफ़ा भी रहता था और उसे प्यार भी करता था। मेरा दिमाग अविकसित कोष की तरह था फिर भी उसमें अचानक परिपक्वता के सोते से फूट रहे थे। चेहरे बिगाड़ते दर्पणों की इस भूल भुलइयां में मैं इधर उधर डोलता और मेरी महत्त्वाकांक्षाएं रह-रह कर फूट पड़ती थीं। कला शब्द कभी भी मेरे भेजे ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 13
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 13 उस रात मैं अपने घर तक पैदल चल कर गया ताकि आपको खाली कर सकूं। मैं रुका और वेस्टमिन्स्टर ब्रिज पर झुका, और उसके नीचे से बहते गहरे, रेशमी पानी को देखता रहा। मैं खुशी के मारे रोना चाहता था। लेकिन मैं रो नहीं पाया। मैं ज़ोर लगाता रहा, मुद्राएं बनाता रहा, लेकिन मेरी आँखों में कोई आंसू नहीं आये। मैं खाली हो चुका था। वेस्टमिन्स्टर ब्रिज से मैं चल कर एलिफैंट एंड कैसल ट्यूब स्टेशन तक गया और एक कप कॉफी के लिए एक स्टाल पर रुक गया। मैं किसी ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 14
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 14 1909 में मैं पेरिस गया। फोलीज़ बेरजेरे ने कार्नो कम्पनी को महीने की सीमित अवधि के लिए प्रदर्शन करने के लिए अनुबंधित किया था। मैं दूसरे देश में जाने के ख्याल से ही कितना उत्तेजित था। यात्रा शुरू करने से पहले हमने एक सप्ताह के लिए वूलविच में प्रदर्शन किये। ये एक वाहियात शहर में बिताया गया वाहियात और सड़न भरा सप्ताह था और मैं परिवर्तन की राह देख रहा था। हमें रविवार की सुबह निकलना था। मुझसे गाड़ी, बिल्कुल छूटने वाली ही थी। किसी तरह भाग कर मैंने प्लेटफार्म से ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 15
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 15 हमें यात्रा करते हुए बारह दिन हो चुके थे, और हमारा पड़ाव क्यूबेक था। बेहद खराब मौसम और चारों तरफ लहराता हुआ महासमुद। तीन दिन तक तो हम टूटी पतवार लेकर पड़े रहे, इसके बावज़ूद मैं तो एक दूसरी ही दुनिया में जाने के विचार से उल्लसित था और अपने आपको बहुत हल्का महसूस कर रहा था। मवेशियों वाली नाव पर हम कनाडा हो कर जा रहे थे। नाव पर गाय, बैल, भेड़, बकरी भले ही न हों, पर चूहे ढेर सारे थे और रह-रह कर वे बड़ी हेकड़ी से मेरी ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 16
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 16 शिकागो में हम वाबाश एवेन्यू में एक छोटे होटल में रहते जीर्ण-शीर्ण और मनहूस होने के बावजूद इसमें एक रोमानी आकर्षण था क्योंकि बर्लेस्क की अधिकांश लड़कियां वहाँ रहती थीं। हर शहर में हम उस होटल के बाहर मधुमक्खियों की तरह लाइन लगा देते जहाँ शो वाली लड़कियाँ ठहरती थीं। पर जिस चक्कर में जाया करते थे उसमें कामयाब नहीं हुए। ऊँचाई पर चलने वाली ट्रेनें रात को तेज़ी से निकलतीं और रह-रह कर पुराने बाइस्कोप की तरह मेरे सोने के कमरे की दीवाल को झिलमिला जातीं। फिर भी, मुझे इस ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 17
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 17 अमेरिका छोड़ते समय मुझे कोई खास अफसोस नहीं हो रहा था, मैंने लौटने का मन बना लिया था। कैसे और कब, मैं नहीं जानता था। इसके बावजूद, मेरा मन अभी से लंदन और अपने छोटे-से सुकून भरे घर में लौटने की राह देखने लगा था। जब से मैं अमरिका के टूर पर था, ये फ्लैट मेरे लिए मंदिर जैसा हो गया था। सिडनी का समाचार बहुत दिनों से नहीं मिला था। अपने आखिरी खत में उसने लिखा था कि नानाजी फ्लैट में रह रहे थे। लेकिन मेरे लंदन पहुँचने पर, सिडनी ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 18
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 18 उत्सुकता और चिंता से भरा मैं लॉस एंजेल्स पहुँचा और ग्रेट में एक छोटे से होटल में कमरा ले कर टिक गया। पहली ही शाम को मैंने एक बसमैन होलिडे का टिकट लिया और एम्प्रेस में दूसरा शो देखा। यहीं पर कार्नो कम्पनी अपने प्रदर्शन कर चुकी थी। एटेडेंट ने मुझे पहचान लिया और बाद कुछ ही पल बाद मुझे यह बताने के लिए आया कि मिस्टर सेनेट और मिस मॉबेल नोर्माड मुझसे दो कतारें पीछे बैठे हुए हैं और पूछ रहे हैं कि क्या मैं उनके साथ बैठना पसंद करूंगा? ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 19
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 19 उस रात मैं स्ट्रीटकार में अपने घर लौटा तो मेरे साथ कम्पनी में काम करने वाला एक जूनियर कलाकार था। उसने कहा,"दोस्त, आपने कुछ नयी शुरुआत कर दी है। अब तक ऐसा कभी भी नहीं हुआ था कि सेट पर इस तरह की हँसी के मौके आये हों। फोर्ड स्टर्लिंग साहब के लिए भी नहीं। आप ज़रा उनका चेहरा तो देखते, देखने लायक था।" "अब हम यही उम्मीद करें कि लोग बाग थियेटर में भी इसी तरह से हँसते हैं?" मैंने अपनी खुशी को दबाते हुए कहा। कुछ ही दिन बाद, ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 20
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 20 ये सब इतना खुला-खुला और सहज रहा...कोई साहित्य नहीं, कोई लेखक हम सब मिल कर एक विचार का ताना बाना बुनते, उसके आस-पास हँसी ठिठोली की बातें बांधते और जैसे-जैसे आगे बढ़ते जाते, कहानी आकार लेने लगती। उदाहरण के लिए, हिज प्रीहिस्टारिक पास्ट में मैंने हँसी की एक ही बात से शुरू किया और वह मेरी पहली एंट्री से थी। मैं खाल लपेट के एक प्रागैतिहासिक आदमी के रूप में एंट्री लेता हूँ और जैसे-जैसे मैं लैंडस्केप को देखता परखता हूँ, मैं अपना पाइप भरने के लिए ओढ़ी हुई भालू की ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 21
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 21 कीनोट कम्पनी को छोड़ना मेरे लिए तकलीफदेह था क्योंकि मैं वहाँ सेनेट और दूसरे सभी लोगों का प्रिय व्यक्ति बन चुका था। मैंने किसी से भी विदा के दो शब्द नहीं कहे; मैं कह ही नहीं सका। ये सब शुष्क, आसान तरीके से हो गया। मैंने शनिवार की रात को अपनी फिल्म का संपादन पूरा किया और अगले सोमवार मिस्टर एंडरसन के साथ सेन फ्रांसिस्को के लिए रवाना हो गया जहाँ पर हमें उनकी हरे रंग की नयी मर्सडीज़ कार के दर्शन हुए। हम सेंट फ्रांसिस होटल में सिर्फ लंच के ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 22
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 22 नाइल्स में स्टूडियो के आस-पास कैलिफोर्निया शैली के कई छोटे-छोटे बंगले जो ब्रोंको बिली ने अपनी कम्पनी के स्टाफ के लिए बनवाये थे। एक बड़ा-सा बंगला था जो उनके खुद के लिए था। उन्होंने बताया कि अगर मैं चाहूं तो उनके बंगले में उनके साथ ही रह सकता हूं। मैं इस प्रस्ताव से खुश हुआ। ब्रोंको बिली, करोड़पति काउबॉय, जिन्होंने शिकागो में अपनी पत्नी के आलीशान अपार्टमेंट में मेरी आवाभगत की थी, के साथ रहने से कम से कम नाइल्स में ज़िंदगी सहने योग्य तो रहेगी। जिस समय हम बंगले पर ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 23
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 23 ये बहुत ही शानदार बातें होतीं। कभी कभी उदास कर देने हम उजाड़ समुद्र तट पर पतझड़ के दिनों में गोधूलि की वेला में चलते बातें करते रहते। नाट अपने कैरियर की अंतिम पायदान पर थे और मैं अपना कैरियर शुरू कर रहा था। जब मैंने कारमैन का संपादन पूरा कर लिया तो मैंने फटाफट अपना थोड़ा बहुत सामान समेटा और अपने ड्रेसिंग रूम से सीधे ही स्टेशन की तरफ लपका ताकि न्यू यार्क के लिए छ: बजे की ट्रेन पकड़ सकूं। मैंने सिडनी को एक तार भेज दिया कि मैं ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 24
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 24 अकेलापन घिनौना होता है। इसमें उदासी का हल्का सा घेरा होता आकर्षित कर पाने या रुचि जगा पाने की अपर्याप्तता होती है इसमें। कई बार आदमी इसकी वज़ह से थोड़ा शर्मिंदा भी होता है। लेकिन कुछ हद तक अकेलापन हर आदमी के लिए थीम की तरह होता है। अलबत्ता, मेरा अकेलापन कुंठित करने वाला था क्योंकि मैं दोस्ती करने की सारी ज़रूरतें पूरी करता था। मैं युवा था, अमीर था और बड़ी हस्ती था। इसके बावज़ूद मैं न्यू यार्क में अकेला और परेशान हाल घूम रहा था। मुझे याद है मैं ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 25
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 25 आखिरकार उन्होंने कहा,"हम चलें डिनर के लिए चलें?" मेरी हैरानी का न रहा जब मैंने डाइनिंग हॉल में पाया कि वहां पर सिर्फ हम दो ही थे। आकर्षक होने के अलावा मिस फीली बेहद अलग थलग रहने वाली महिला थीं। मेज़ के पार उनकी तरफ देखते हुए मैं इस बात को ले कर हैरान होता रहा कि इस तरह की मुलाकात का मकसद क्या हो सकता है। मेरे दिमाग में शरारतपूर्ण और गंदे ख्याल आने लगे लेकिन ऐसा लगा कि वे मेरी अशोभनीय अटकलों पर उनका कोई ध्यान नहीं था। इसके ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 27
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 27 डगलस और मैंने उस रात को एक बहाना मारा। जाने से मैंने कांसटेंस से यह बहाना बनाया कि मैं बीमार हूं, लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी। इसलिए मैंने तय किया कि मैं सिरदर्द का नाटक करूंगा और जल्दी निकल जाऊंगा। फेयरबैंक्स ने कहा कि वे भी बहुत नर्वस हैं और कि जिस वक्त दरवाजे की घंटी बजी तो वे जल्दी से तलघर में सरक लिये। वहां पर एक बिलियर्ड की मेज़ रखी थी। उन्होंने पूल खेलना शुरू कर दिया। उस रात आजीवन चलने वाली मित्रता की शुरुआत थी। ये बिना ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 28
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 28 म्यूचुअल कांट्रैक्ट के खत्म होने के बाद मेरी बहुत इच्छा थी मैं फर्स्ट नेशनल शुरू करूं लेकिन हमारे पास कोई स्टूडियो नहीं था। मैंने फैसला किया कि मैं हॉलीवुड में ज़मीन खरीद कर एक स्टूडियो बनवाऊंगा। ये ज़मीन सनसेट और लॉ ब्री के कोने में थी और इसमें बहुत ही शानदार 10 कमरे का घर बना हुआ था और दस एकड़ में नींबू, संतरे और आड़ू के दरख्त थे। हमने हर तरह से चुस्त-दुरुस्त यूनिट बनायी और इसमें डेवलपिंग प्लांट, संपादन कक्ष और दफ्तर बनवाये। जिस वक्त स्टूडियो बन रहा था, ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 29
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 29 कहानी में दिखाया जाता है कि एक चार्लोट अमेरिका की तरफ रहा है। जहाज में वह एक लड़की और उसकी मां से मिलता है जो उसी की तरह फटेहाल हैं। जब वे न्यू यार्क में पहुंचते हैं तो दोनों बिछुड़ जाते हैं। बाद में वह उस लड़की से एक बार फिर मिलता है लेकिन इस बार लड़की अकेली है। और खुद उसकी तरह ज़िंदगी में असफल है। जिस वक्त वे बात करने के लिए बैठते हैं, वह अनजाने में काले कोने वाला रुमाल इस्तेमाल करती है जिससे वह यह संदेशा देती ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 30
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 30 "कितना खूबसूरत!" मैंने कहा। "हाँ, सो तो है, लेकिन बिना बीवी ये घर आभूषणों के खाली डिब्बे की तरह है। इसलिए मैं इसे देर तक खाली नहीं छोड़ता, चार्ली।" दक्षिण में हम कई मिलिटरी कैम्पों में गये और हमने कई निराश और हताश चेहरे देखे। हमारे दौरे का क्लाइमैक्स न्यू यार्क में वॉल स्ट्रीट में सब-ट्रेजरी के बाहर अंतिम बाँड मुहिम थी। वहां पर हमने, मैरी, डगलस और मैंने बीस लाख डॉलर से भी ज्यादा के बाँड बेचे। न्यू यार्क के हालात हताश करने वाले थे। मिलिटरी के तंत्र की काली ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 31
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 31 टॉम हैरिंगटन एक तरह से मेरी सेवा में आ गया, लेकिन मेरी ज़िंदगी बदलने में बहुत ड्रामाई भूमिका अदा की। वह मेरे दोस्त बर्ट क्लार्क, जो कि कीस्टोन कम्पनी द्वारा रखा गया बहुंगी कलाकार था, का ड्रेसर और ऊपर के काम करने वाला आदमी हुआ करता था। बर्ट जो कि लापरवाह और अव्यावहारिक आदमी थे लेकिन बहुत ही शानदार पिआनोवादक थे, ने एक बार मुझसे कहा था कि मैं उनकी संगीत निर्माण कम्पनी में उनके साथ भागीदारी कर लूं। हमने शहर के बाहरी हिस्से में दफ्तरों वाली इमारत में तीसरी मंजिल ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 32
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 32 किसी ने सुझाया कि मैं कोशिश करूं और किसी और बच्चे तलाश करूं। हो सके तो नीग्रो बच्चा। लेकिन मैंने संदेह से अपना सिर हिलाया। जैकी जैसे व्यक्तित्व वाला दूसरा बच्चा खोज पाना असंभव है। साढ़े ग्यारह बजे के करीब कार्ललिस्ले रॉबिनसन, हमारे प्रचार प्रबंधक लपकते हुए मंच पर आये। उनकी सांस उखड़ी हुई थी और वे बेहद उत्साहित थे,"वो जैकी कूगन नहीं है जिसे ऑरबक्कल ने अनुबंधित किया है। उसने तो पिता जैक कूगन को अनुबंधित किया है।" मैं अपनी कुर्सी से जैसे कूद पड़ा,"जल्दी, जल्दी, पिता को फोन पर ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 33
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 33 स्टूडियो स्टाफ के अलावा किसी ने भी फिल्म नहीं देखी थी। मशीन पर इसे कई कई बार चला कर देख लेने के बाद हमें कुछ भी ऐसा मज़ाकिया या रोचक नहीं लगा जिसकी हमने उम्मीद की थी। अब अपने आपको सिर्फ यही तसल्ली दे सकते थे कि हमारा पहला उत्साह बासी पड़ चुका है। हमने फिल्म को अग्नि परीक्षा से गुज़ारने का फैसला किया और बिना किसी पूर्व घोषणा के एक स्थानीय थियेटर में इसके प्रदर्शन की व्यवस्था की। ये एक बहुत बड़ा थियेटर था और तीन चौथाई भरा हुआ था। ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 34
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 34 ब्रुकलिन के साथ एक कॉमेडी कलाकार था जो, ये की जगह स की जगह श, और श की जगह स का उच्चारण किया करता था, ने बर्टन की किताब एनाटमी ऑफ मैलनकली की सिफारिश की और बताया कि सेक्सपीयर पर उसका असर था और सैम जॉनसन पर भी उसका प्रभाव रहा,"हां, आप लेटिन को छोड़ सकते हैं।" उनमें से जो बाकी थे, उनके लिए मैं एक बौद्धिक सहयात्री था। रंगारंग कलाकारी के अपने दिनों से मैंने बहुत कुछ पढ़ा था लेकिन ये पढ़ना सिलसिलेवार नहीं था। धीमी गति का पाठक होने ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 35
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 35 मेरा खुद का कैमरा सेट-अप इस तरह का होता है कि अभिनेता के चलने फिरने, मूवमेंट के लिए संगीत रचना का-सा काम करे। जब कोई कैमरा ज़मीन पर रखा जाता है या कलाकार की नासिका दिखाता लगता है तो ये कैमरा ही होता है जिसका अभिनय हम देख रहे होते हैं न कि कलाकार का। कैमरे को बाधक नहीं बनना चाहिये। फिल्मों में समय बचाना अभी भी मूल विशेषता है। आइंस्टीन और ग्रिफिथ, दोनों ही इसे जानते थे। चुस्त संपादन और एक दृश्य का दूसरे दृश्य में घुल कर मिल जाना ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 36
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 36 एक और शानदार कलाकार, डच कॉमेडियन सैम बरनार्ड सब कुछ के में नाराज़ रहा करते थे। "अंडे!, साठ सेंट में एक दर्जन - और सड़े हुए अंडे! और नमक मिले गोमांस की कीमत! आप दो डॉलर अदा करते हैं। दो डॉलर ज़रा से गोमांस के लिए! यहां पर वे मांस के छोटे होने के बारे में अभिनय करके बताते, मानो सुई में धागा डाल रहे हों, और फिर वे फट पड़ते, मैत्री भाव से विरोध करते हुए और अपने आपको चारों दिशाओं में फेंकते हुए: "मुझे वह वक्त भी याद है ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 37
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 37 अब उत्तेजना अपने चरम पर थी। कोई भी चीज दिमाग को नहीं पा रही थी, बस सिर्फ प्रत्याशा ही थी। किस चीज की प्रत्याशा? मेरे दिमाग में हाहाकार मचा हुआ था। मेरे सोचने-समझने की शक्ति साथ छोड़ चुकी थी। मैं वस्तुपरक तरीके से सिर्फ लंदन की छतें ही देख पाया, लेकिन वास्तविकता वहां पर नहीं थी। सिर्फ प्रत्याशा थी और कुछ भी नहीं था! आखिरकार हम पहुंच गये थे। रेलवे स्टेशन की घिरी हुई आवाज़ के दायरे में - वाटरलू स्टेशन! जैसे ही मैं ट्रेन से उतरा, मैंने प्लेटफार्म के दूसरे ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 38
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 38 "लेकिन मेरा ख्याल है, ज़रूर कोई हमें बुद्धू बना रहा है।" मैंने,"क्योंकि मैंने कल रात ही पढ़ा था कि प्रिंस स्कॉटलैंड में हैं, शिकार के लिए!" ऐडी अचानक मूरख नज़र आने लगे, "शायद यही बेहतर होगा कि मैं महल में फोन करके पता करूं!" वे वापिस आये तो उनके चेहरे पर गूढ़ भाव थे। उन्होंने चेहरे पर कोई भी संवेदना लाये बगैर कहा,"ये सच है। वे अभी भी स्कॉटलैंड में ही हैं।" उसी सुबह खबर आयी कि कीस्टोन कम्पनी में मेरे सहयोगी रोस्को ऑरबक्कल पर कत्ल का इल्ज़ाम लगाया गया है। ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 39
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 39 उन्होंने तब मुझे सुझाव दिया कि मैं उनकी इस्टेट लिम्पने में जाऊं जहां मुझे भरपूर शांति मिलेगी और मैं लोगों से दूर रह पाऊंगा। मेरी हैरानी का ठिकाना न रहा जब मैंने वहां पहुंच कर पाया कि मेरे कमरे में पीले और सुनहरी रंग के पेस्टल परदे थे। उनकी इस्टेट असाधारण रूप से खूबसूरत थी। घर को चमक दमक से सजाया गया था। फिलिप इसे कर पाये क्योंकि उनकी अभिरुचि बहुत ऊंची थी। मुझे याद है कि मैं ये देख कर कितना प्रभावित हुआ था कि मेरा सुइट विलासिता की सभी ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 40
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 40 वह अक्सर बेवरली हिल्स वाले घर में मेरे बच्चों, चार्ली और से मिलने के लिए चली आती थी। मुझे उसका पहली बार का आना याद है। मैंने अपना घर तभी बनाया ही था। घर अच्छी तरह से सजाया गया था और वहां पर पूरा स्टाफ था, बटलर, नौकरानियां वगैरह। वह कमरे में चारों तरफ देखती रही। फिर खिड़की में से चार मील दूर प्रशांत महासागर का दिखायी दे रहा नज़ारा देख रही थी। हम उसकी प्रतिक्रिया का इंतज़ार कर रहे थे। "शांति भंग करना कितनी खराब बात है," कहा उसने। वह ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 41
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 41 अब मैं फर्स्ट नेशनल के साथ अपने करार के अंतिम दौर प्रवेश कर रहा था और करार के खत्म होने की बेसब्री से राह देख रहा था। वे लोग स्वार्थी, सहानुभूति से हीन और दूरदष्टि न रखने वाले लोग थे और मैं उनसे जान छुड़ाना चाहता था। इसके अलावा फीचर फिल्मों के लिए मेरे मन में विचार कुलबुला रहे थे। अंतिम तीन फिल्मों को पूरा करना कभी न खत्म होने वाले काम की तरह लगा। मैंने दो रील वाली फिल्म "पे डे" पर काम किया। इसके बाद मुझे सिर्फ दो फिल्में ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 42
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 42 मैंने इसके बारे में बाद में कुछ भी नहीं सोचा कि घर से फोन आया कि एक लड़की सामने वाले दरवाजे पर बैठी हुई है। इससे मेरे कान खड़े हो गये। मैंने बटलर से कहा कि इस लड़की से पीछा छुड़ाये और मैं तब तक स्टूडियो में ही रहूंगा जब तक मैदान साफ नहीं हो जाता। दस मिनट बाद संदेश आया कि वह लड़की जा चुकी है। उसी शाम पोला, डॉक्टर रेनाल्ड्स और उनकी पत्नी मेरे घर पर डिनर के लिए आये हुए थे और मैंने उन्हें इस घटना के बारे ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 43
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 43 मिसेज हर्स्ट एक आकर्षक महिला थीं और उनके तौर-तरीके में दयालुता गरिमा थी। जबकि दूसरी तरफ हर्स्ट की आंखें बड़ी-बड़ी थीं और वे उस तरह के व्यक्ति थे जो सारी बातें मैं ही करूंगा प्रकार में आते हैं। "जब मैं आपसे पहली बार मिला मिस्टर हर्स्ट," मैंने कहा,"ये बीऊ आर्ट्स रेस्तरां की बात है, आप वहां पर दो महिलाओं के साथ बैठे हुए थे। आपकी तरफ मेरे एक दोस्त ने इशारा किया था।" मेज के नीचे मैंने अपने पैर पर दबाव महसूस किया। मैंने अंदाजा लगाया कि ये पैर सिल्वरमैन का ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 44
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 44 डब्ल्यू आर ने इसका उल्टा सोचा,"ओह नहीं," कहा उन्होंने,"आदमी ही हमेशा है।" "हम सोचते हैं कि हम चुनते हैं," मैंने जवाब दिया,"लेकिन होता है कि कोई नन्हीं परी अपनी छोटी उंगली से आपकी तरफ इशारा करती है और कहती है ये मेरा है, और आपको ले लिया जाता है।" "आप बिलकुल ही गलत कह रहे हैं।" डब्ल्यू आर ने पूरे विश्वास के साथ कहा। "मुसीबत ये है," मैं कहता रहा,"उनकी तकनीक इतनी शानदार तरीके से छुपी होती है कि हमें यही विश्वास दिलाया जाता है कि चयन हम ही कर रहे ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 46
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 46 आखिरकार सिटी लाइट्स पूरी हो गयी। अब सिर्फ संगीत रिकार्ड किया ही बाकी था। आवाज़ के बारे में एक अच्छी बात ये थी कि मैं संगीत को नियंत्रित कर सकता था। इसलिए मैंने स्वयं संगीत रचना की। मैं रोमानी और भव्य संगीत रचना करना चाहता था ताकि वह मेरी कॉमेडियों में ट्रैम्प के चरित्र के ठीक उल्टा जाये। मेरा ये मानना है कि भव्य संगीत मेरी कॉमेडियों को एक भावनात्मक आयाम देता है। संगीत अरेंजर शायद ही इस बात को कभी समझ पाये। वे चाहते थे कि संगीत मज़ाकिया हो। लेकिन ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 47
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 47 दस बरस के बाद मैं इस बात को ले कर भावुक कि लंदन में मेरा स्वागत कैसा होगा। काश, मैं बिना किसी टीम-टाम के चुपचाप लंदन पहुंच पाता। लेकिन मैं सिटी लाइट्स के प्रीमियर में शामिल होने के लिए आया था और इसका मतलब था पिक्चर के लिए प्रचार। अलबत्ता, अपने स्वागत के लिए जुट आयी भीड़ के आकार को देख कर मैं निराश भी नहीं हुआ। इस बार मैं कार्लटन में ठहरा। कारण ये था कि ये रिट्ज की तुलना में लंदन का पुराना लैंडमार्क था और इसके ज़रिये लंदन ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 48
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 48 भरा हुआ कमरा एक दम शांत हो गया। और जैसे ही के चेहरे पर मेरी बात का इंतज़ार करने वाले भाव आये, मुझे लगा कि पूरा भारत मेरे शब्दों का इंतज़ार कर रहा है। इसलिए मैंने अपना गला खखारा। "स्वाभाविक रूप से मैं आज़ादी के लिए भारत की आकांक्षाओं और संघर्ष का हिमायती हूं," मैंने कहा,"इसके बावज़ूद, मशीनरी के इस्तेमाल को ले कर आपके विरोध से मैं थोड़ा भ्रम में पड़ गया हूं।" मैं जैसे जैसे अपनी बात कहता गया, महात्मा सिर हिलाते रहे और मुस्कुराते रहे। "कुछ भी हो, मशीनरी ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 49
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 49 वेल्स की मामूली शुरुआत ने, उनके काम पर नज़रिये पर नहीं मेरी ही तरह उनके व्यक्तिगत संवेदनाशीलता पर बहुत अधिक ज़ोर देने के रूप में असर छोड़ा था। मुझे याद है, एक बार उन्होंने एक गलत जगह पर एच अक्षर देख लिया था और वे इतना अधिक झेंपे कि पूछो नहीं। इतनी छोटी सी चीज़ के लिए इतने महान व्यक्ति का झेंपना। मुझे याद है वे अपने एक चाचा की बात बता रहे थे जो एक पदवीधारी अंग्रेज के यहां माली हुआ करते थे। उनके चाचा की अभिलाषा थी कि वेल्स ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 50
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 50 ये सच है लेकिन उस वक्त मैं नहीं चाहता था कि निजी राय को इस तरह से प्रेस की तरफ से सार्वजनिक किया जाये। सच तो ये है कि मैं देशभक्त नहीं हूं। नैतिक या बौद्धिक कारणों की वजह से ही नहीं - लेकिन इसका कारण ये भी है कि मुझे देश के लिए कोई भावना नहीं है। कोई व्यक्ति देशभक्ति को किस तरह से स्वीकार कर सकता है जब देशभक्ति के ही नाम पर साठ लाख यहूदियों का कत्ल किया जा रहा है। कोई यह बात कह सकता है कि ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 51
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 51 अगले दिन उसने मुझे फोन किया कि क्या मैं उसे लंच मैंने मना कर दिया। लेकिन जैसे ही मेरा दोस्त और मैं होटल से बाहर निकले, वह बाहर ही खड़ी थी और उसने फर के कपड़े और न जाने क्या क्या पहना हुआ था। इसलिए हम तीनों ने एक साथ लंच लिया और उसके बाद हम मालमाइसन गये जहां पर नेपोलियन द्वारा तलाक दिये जाने के बाद जोसेफाइन रही थी और बाद में वहीं मरी थी। ये एक खूबसूरत घर था जिसमें जोसेफाइन ने आठ आठ आंसू बहाये थे। ये एक ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 52
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 52 पूरब के बारे में पहले से ही कई उत्कृष्ट पर्यटन किताबें गयी हैं इसलिए मैं पाठक के धैर्य की परीक्षा नहीं लूंगा। अलबत्ता, मेरे पास जापान के बारे में लिखने के लिए एक बहाना है क्योंकि मैं वहां पर अजीबो-गरीब हालात में पहुंचा था। मैंने जापान के बारे में लाफकाडियो हर्न की एक किताब पढ़ी थी और उन्होंने जापानी संस्कृति और उनके थियेटर के बारे में जो कुछ लिखा था, उससे जापान जाने के बारे में मेरी इच्छा बढ़ गयी थी। हमने एक जापानी जहाज में यात्रा की। इसने जनवरी की ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 53
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 53 हम उसे अपने कमरे में लेकर गये और उसे थोड़ी ब्रांडी तब उसने बताया कि क्या हुआ था। जल सेना के छ: कैडेटों ने प्रधान मंत्री के निवास के बाहर तैनात सुरक्षा गार्डों को मार डाला था और उनके निजी आवास में घुस गये थे। वहां पर प्रधान मंत्री अपनी और पुत्री के साथ थे। बाकी कहानी उसे उसकी मां ने बतायी थी: हमलावर बीस मिनट तक पिता के सिर पर बंदूक ताने खड़े रहे जबकि पिता उनसे बहस करके उन्हें समझाने बुझाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन कोई फायदा ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 54
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 54 मैं अभी भी इसी बात पर विचार कर रहा था कि सारा काम समेटूं और हांग कांग या चीन की तरफ कूच कर जाऊं जहां पर मैं आराम से रह सकता हूं और सवाक फिल्मों को भूल सकता हूं बजाये यहां हॉलीवुड में सड़ते रहने के। तीन हफ्ते तक मैं ऊभ चूभ में गोते खाता रहा। तभी जो शेंक ने टेलीफोन करके बताया कि मैं अपना वीक एंड उनके याच के लिए बचा कर रखूं। ये एक सौ अड़तीस फुट लम्बी खूबसूरत सेलिंग नाव थी और इस पर आराम से चौदह ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 55
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 55 डिनर के वक्त जिस वक्त हम डाइनिंग हॉल में पहुंचे तो दूर कोने वाली मेज़ पर बैठे हुए थे और उनकी पीठ हमारी तरफ थी। लेकिन उनका सचिव हमारी तरफ देखने से अपने आपको रोक नहीं पाया और उसने हाथ के कमज़ोर से इशारे से कॉकटेयु को हमारी उपस्थिति के बारे में बताया। वे पहले तो हिचकिचाये, फिर मुड़े और हैरानी दिखायी और मेरी तरफ उल्लास के साथ वह पत्र हिलाया जो मैंने उन्हें भेजा था। मैंने भी खुशी खुशी उनका पत्र हिलाया और हम दोनों ही हँसे। इसके बाद हम ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 56
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 56 फिज़ां में एक बार फिर युद्ध के काले बादल मंडरा रहे नाज़ी अपनी मुहिम पर निकल चुके थे। हम कितनी जल्दी पहले विश्व युद्ध की विभीषिका और चार वर्ष के मृत्यु के तांडव को भूल गये? कितनी जल्दी हम आदमियों के लाशों के ढेरों को, लाशों से भरी पेटियों को, हाथ कटे, पांव कटे, अंधे हो गये, टूटे जबड़ों वाले और अंग भंग हो गये विकृत लूले लंगड़े लोगों को भूल गये? और जो मारे नहीं गये थे या घायल नहीं हुए थे, वे भी कहां बच पाये थे? कितने ही ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 57
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 57 द डिक्टेटर के निर्माण के दौरान मुझे सनक भरे पत्र मिलने हो गये थे और अब चूंकि फिल्म पूरी हो गयी थी, ऐसे पत्रों की संख्या बढ़ने लगी। कुछ पत्रों में धमकियां दी गयी थीं कि वे लोग थियेटर पर बदबूदार बम फेंकेंगे जबकि कुछ और धमकियां थीं कि जहां कहीं फिल्म दिखायी जा रही होगी, परदे फाड़ देंगे। कुछ अन्य पत्रों में दंगा फसाद करने की बात कही गयी थी। पहले तो मैंने सोचा कि पुलिस को बताया जाये लेकिन फिर सोचा कि इस तरह का प्रचार शायद दर्शकों को ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 58
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 58 फिफ्थ एवेन्यू के आस पास चुस्त युवा नाज़ियों को महोगनी के मंचों पर खड़े होकर जनता के छोटे-छोटे समूहों के सामने भाषण देते सुनना बहुत अजीब लगता। एक भाषण यूं चल रहा था: 'हिटलर का दर्शन गहन हैं और इस औद्योगिक युग, जिसमें बिचौलिये या यहूदी के लिए बिल्कुल भी जगह नहीं है, की समस्याओं का सुविचारित अध्ययन है।' एक महिला ने टोका,'ये किस किस्म की बात हो रही है?' वह हैरान हुई,'ये अमेरिका है। आप समझते क्या हैं कि आप कहां हैं?' वह चमचे सरीखा नौजवान, जो सुदर्शन था, बेशरमी ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 59
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 59 इस विशाल प्रदर्शन की प्रायेजक थीं ग्रेटर न्यू यार्क इंडस्ट्रियल यूनियन सीआइओ से जुड़ी 250 यूनियनें। वेंडल एल विल्की, फिलिप मुरे, सिडनी हिलमैन और कई अन्य प्रमुख अमेरिकियों ने इस रैली के समर्थन में अपने उत्साहवर्धक संदेश भेजे। इस अवसर पर मौसम ने भी अपना समर्थन जतलाया। आसमान साफ रहा। वक्ताओं के मंच पर अमेरिकी राष्ट्र ध्वज के दोनों तरफ मित्र राष्ट्रों के झण्डे लहरा रहे थे और राष्ट्रपति के समर्थन में तथा दूसरा मोर्चा खोलने के लिए नारों की पट्टिकाओं से वह विशाल जन सागर अटा पड़ा था। पार्क के ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 60
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 60 बेवरली हिल्स वापिस आने के बाद मैं एक बार फिर शैडो सब्सटैंस पर काम करने में जुट गया। ओर्सेन वैलेस मेरे घर पर एक प्रस्ताव ले कर आये। उन्होंने बताया कि वे डॉक्यूमेंटरी फिल्मों की एक शृंखला कर रहे हैं। जीवन से ली गयी सच्ची कहानियों को ले कर। इनमें में से एक होगी कुख्यात फ्रांसीसी हत्यारे, औरतों के रसिया लांड्रू पर। उनके ख्याल से ये मेरे करने के लिए एक शानदार ड्रामाई काम होगा। इसमें मेरी दिलचस्पी जागी क्योंकि ये काम कॉमेडी से थोड़ा-सा हट कर होगा और साथ ही ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 61
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 61 'क्या उन्हें ऐसा करने का अधिकार है?' पूछा मैंने। 'नहीं,' मार्शल कहा,'लेकिन आप इन लोगों पर काबू नहीं पा सकते।' ये बात संघीय सरकार का एक अधिकारी बता रहा था। अब बैरी संतान इतनी बड़ी हो गयी थी कि उसके खून का नमूना लिया जा सके। बैरी के और मेरे वकील की आपसी सहमति से एक क्लिनिक चुना गया और बैरी, उसकी बच्ची और मैंने अपने अपने खून के नमूने जमा कराये। बाद में मेरे वकील ने फोन किया। उसकी आवाज़ खुशी के मारे कांप रही थी,'चार्ली, आप दोषमुक्त हो गये। ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 62
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 62 उस शाम हमने, सिर्फ ऊना और मैंने चुपचाप घर पर ही खाया। हम कोई अखबार, कोई टेलीफोन कॉल नहीं चाहते थे। मैं किसी से बात करना या किसी को देखना नहीं चाहता था। मैं खाली, घायल और अपने चरित्र से वंचित किया गया महसूस कर रहा था। यहां तक कि घरेलू स्टाफ की मौजूदगी भी परेशान कर रही थी। डिनर के बाद ऊना ने एक तेज जिन और टॉनिक बनाया और हम आग के पास बैठ गए और तब मैंने उसे फैसले में देरी की वजह बतायी और उस औरत के ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 63
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 63 वे रसोई में चले जाते हैं। वह अंडों की बुर्जी बनाना करता है और खाने पीने की चीजें तश्तरी में रखने में लड़की की मदद करता है। लड़की तश्तरी ले कर बैठक में जाती है। जिस वक्त वह रसोई में से निकलती है, वह सतर्क हो कर उसे पीछे से देखता है, तब जल्दी से एक अल्मारी खोलता है, वहां से ज़हर निकालता है और रेड वाइन की एक बोतल में डालता है। तब बोतल का कार्क बंद करता है, दो गिलासों के साथ तश्तरी में रखता है और दूसरे कमरे ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 64
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 64 अपनी व्यक्तिगत समस्याओं के दौरान मैंने युनाइटेड आर्टिस्ट्स के कारोबार की ज्यादा ध्यान नहीं दिया था। अब मेरे वकील ने चेताया कि कम्पनी 1,000,000 डॉलर के घाटे में चल रही है। जब इसके अच्छे दिन थे तो हर वर्ष 40,000,000 से 50,000,000 डॉलर तक का लाभ कमा कर दे रही थी। लेकिन मुझे याद नहीं आता कि मुझे दो से ज्यादा लाभांश मिले हों। अपनी समृद्धि के शिखर पर युनाइटेड आर्टिस्ट्स ने चार सौ अंग्रेज़ी थियेटरों में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी जुटा ली थी और इसके लिए उसे एक पाई भी नहीं ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 65
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 65 हम कैलिफोर्निया लौट आये और मैं मोन्स्योर वेरडाउ के पचड़े से तरह से मुक्त हो चुका था इसलिए मैं एक बार फिर आइडिया सोचने के लिए तैयार होने लगा। इसकी वज़ह ये थी कि मैं आशावादी था और मुझे अभी भी इस बात का यकीन नहीं था कि मैं अमेरिकी जनता का प्यार पूरी तरह से खो चुका हूं, कि वे राजनैतिक रूप से इतने सजग हो सकते हैं कि या हास्य से इतने हीन हो सकते हैं कि किसी भी ऐसे व्यक्ति का बहिष्कार कर दें जो उन्हें हँसाता रहा ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 66
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 66 मैं सुबह पांच बजे के रोमांटिक वक्त पर क्वीन एलिजाबेथ जहाज चढ़ा। मैं सम्मन देने वालों से बचने के लिए ही ऐसे वक्त पर अपनी यात्रा शुरू कर रहा था। मेरे वकील ने हिदायत दी थी कि मैं चुपके से जहाज पर चढ़ूं, अपने आपको सुइट में बन्द कर लूं और तब तक डेक पर न आऊं जब तक पालयट न उतर जाये। मुझे पिछले दस बरस से हर तरह की खराब बातों की आदत पड़ चुकी थी, इसलिए मैंने उसकी बात मान ली। मैं अपने परिवार के साथ जहाज के ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 67
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 67 कार्लाइल ने कहा था की विश्व की मुक्ति लोगों की सोच वजह से आयेगी। लेकिन इस परिर्वतन को लाने के लिए मनुष्य को गंभीर परिस्थितियों में धकेला जाना चाहिए। इस तरह से, अणु का विखंडन करके मनुष्य को कोने में धकेल कर सोचने पर विवश कर दिया गया है। उसके सामने दो ही विकल्प हैं: अपने आपको नष्ट कर डाले या अपना व्यवहार सुधारे: विज्ञान की गति उसे यह निर्णय लेने के लिए विवश कर रही है। और इन परिस्थितियों में मेरा मानना है कि अंतत: हितवाद ही बचेगा और मनुष्य ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 68
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 68 पेरिस और रोम में प्रदर्शनों के बाद हम लंदन लौट आये वहां पर कई सप्ताह तक टिके रहे। मुझे अभी तक अपने परिवार के लिए कोई मकान नहीं मिला था। मेरे एक मित्र ने स्विट्ज़रलैंड का सुझाव दिया। बेशक मुझे लंदन में बसना अच्छा लगता लेकिन हमें इस बात का शक था कि वहां की आबोहवा बच्चों को माफिक आयेगी या नहीं और उस समय सच कहूं तो हमारी चिंता उस धन को लेकर थी जो स्टेट्स में अटका हुआ था। इसलिए उदासी की हल्की सी भावना लिये हमने अपना सामान ...Read More
चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 69 - अंतिम भाग
चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 69 दोस्त अक्सर मुझसे पूछते रहते हैं कि क्या मैं युनाइटेड स्टेट्स न्यू यार्क को मिस करता हूं। मेरा दो टूक जवाब होता है - नहीं। अमेरिका बदल चुका है; इसी तरह से न्यू यार्क भी। बड़े पैमाने पर औद्योगिक संस्थाओं, प्रेस, टेलिविजन और वाणिज्यिक विज्ञापन बाजी ने मुझे अमेरिकी जीवन शैली से पूरी तरह से दूर कर दिया है। मैं सिक्के का दूसरा पक्ष चाहता हूं। जीवन का आसान व्यक्तिगत भाव चाहता हूं। बड़ी बड़ी गलियां और आकाश छूती इमारतें नहीं जो हमेशा बड़े कारोबार और उनकी और भी बड़ी उपलब्धियों ...Read More